‘सिद्ध’ हुआ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘भव्य-दिव्य केदारनाथ’ का ‘संकल्प’ उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को लगे उम्मीद के पंख, मोदी ने नहीं की चुनावी बातें

✍️हरीश मैखुरी

‘सिद्ध’ हुआ पीएम मोदी के ‘भव्य-दिव्य केदारनाथ’ का ‘संकल्प’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान केदारनाथ के परम भक्त हैं। जब भी वह केदारनाथ में होते हैं तो भावावेश में होते हैं। पूरी रॉ में नजर आए मोदी ने निर्धारित समय से ज्यादा देर तक संबोधित किया। चुनाव और चुनावी बातों से दूरी बनाकर उन्होंने आपना भाषण आध्यात्म पर केन्द्रित रखा। आदि गुरू शंकराचार्य की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने बताया कि कैसे दिव्य बालक ने अपने शास्त्र ज्ञान से दुनिया को चकित कर दिया था और कैसे आदिगुरु ने चार मठों की स्थापना करके और सनातन धर्म का महत्व बताते हुए समूचे भारत वर्ष को आध्यात्मिक सूत्र में पिरो दिया था। बहरहाल, मोदी की नई पहल से तपस्या और ध्यान का केन्द्र रही केदारपुरी से अब आध्यात्मिक टच भी जुड़ गया है।

 आपको याद  होगा 16/17 जून 2013 की उस आपदा को जिसने केदारनाथ धाम में तबाही मचा दी थी। जलप्रलय ने समूची केदारपुरी को उलट-पुलट कर दिया था। धाम में भगवान केदार के मंदिर को छोड़कर कोई भी भवन साबुत नहीं बचा। हजारों श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवा दी थी। घोड़ा संचालकों से लेकर तीर्थ पुरोहितों तक सबकी आजीविका छिन गई थी। उनकी जीवनभर की कमाई बर्बाद हो गई थी। इस तबाही का दृश्य देख चुके हर व्यक्ति को लगता था कि शायद ही केदारनाथ धाम अब फिर से अपने अस्तित्व में आ पाएगा। अब वही केदारनाथ धाम नया कलेवर आकार ले चुका है। सज-संवर के तैयार हुआ धाम श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जो भी केदारपुरी की नई तस्वीर को देख रहा है वो दंग हुए बिना नहीं रहा पा रहा। सोच रहा है यह असंभव काम कैसे संभव हो पाया।

सब जानते हैं कि केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति का ही नतीजा है। भोले शंकर के प्रति आस्था की सार्थकता उन्होंने केदारपुरी के पुनर्निर्माण से सार्थक की लेकिन मोदी का बड़प्पन देखिए! आज जब केदारनाथ पहुंचकर उन्होंने पुननर्निर्माण परियोजना का लोकार्पण किया तो इसका पूरा श्रेय बाबा केदार को दिया। उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा बिना यह कार्य संभव नहीं था।
दरअसल, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ आपदा के समय से ही केदारपुरी के पुनर्निर्माण के लिए चिंतित थे। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने तत्कालीन उत्तराखंड सरकार को केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण में सहयोग का प्रस्ताव दिया था, जिसे अनुमति न मिल सकी। इसके बाद 2014 में प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद नरेन्द्र मोदी ने इसका विस्तृत रोडमैप तैयार करवाया और फिर इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। अब तक इस प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में तकरीबन 409 करोड़ के काम पूरे हो चुके हैं इनमें शंकराचार्य सामधि, उनकी प्रतिमा की स्थापना, सर्कुलर प्लाजा (चबूतरा), सेंटर एक्सिस (मंदिर) पहुंच मार्ग, टैम्पल प्लाजा (मंदिर परिसर), रामबाड़ा से केदारनाथ मार्ग की चौड़ाई, केदारनाथ से गरुड़चट्ट मार्ग, मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर पुल, भैरव मंदिर पुल, भैरव मंदिर मार्ग, शौचालय, सीतापुर पार्किंग, सोनप्रयाग शौचालय, पैदल मार्ग पर एमआरपी, केदारनाथ में हाट बाजार, रुद्रा प्वाइंट से बेस कैंप तक 50 दुकानें, घोड़ा पड़ाव, दिव्य शिला आदि शामिल हैं। जबकि दूसरे चरण में लगभग 200 करोड़ के काम शुरू हो चुके हैं।

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने की मोदी से एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने पर राज्यपाल ले.ज.(से.नि) श्री गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल व अन्य महानुभावों ने स्वागत किया।

*”काशी से बनारस” लिखा अंग वस्त्र व “कालडी से केदार” पुस्तक भी भेंट की*

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शुक्रवार को जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें बेस्तू वरस (गुजराती में नव वर्ष) की शुभकामनाएं भी दी।

केदारनाथ में पूजा अर्चना और विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली रवाना होने से पूर्व शुक्रवार को प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर उनसे शिष्टाचार भेंट की।

जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने उन्हें बेस्तू वरस (गुजराती में नव वर्ष) की शुभकामनाएं देते हुए मुकेश नौटियाल द्वारा लिखित “कालडी से केदारनाथ” पुस्तक भी भेंट की। इस पुस्तक में आदि गुरु शंकराचार्य जी के जीवन से संबंधित कई महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी के साथ साथ उनकी केरल से केदारनाथ तक की यात्रा का वर्णन किया गया है।

श्री महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी को बनारस के बुनकर द्वारा बनाया गया एक अंग वस्त्र जिस पर “काशी से बनारस” लिखा है
भी भेंट किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लिए अंग वस्त्र बनाने वाले बुनकर की इच्छा थी कि उसके बनाये अंग वस्त्र को श्री मोदी जी धारण कर एक फोटो खिंचवायें और वह फोटो उसे भेजी जाये। बुनकर की इच्छा के मुताबिक उन्होने अंग वस्त्र धारण कर उसमें फोटो भी खिंचवाया। इस फोटो को अब बुनकर को भी भेजा जाएगा।

इनमें संगम घाट का नवनिर्माण, आस्था पथ पर रेन शेल्टर, वाटर एटीएम, कमांड एंड कंट्रोल रूम, अस्पताल भवन समेत अन्य कार्य किए जा रहे हैं। तीसरा चरण अप्रैल 2022 के बाद शुरू होगा, जिनका आज प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में केदारनाथ को सड़क मार्ग से जोड़ने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी इन कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए लगातार चार बार 3 मई 2017, 20 अक्टूबर 2017, 7 नवम्बर 2018 और 18 मई 2019 को केदारनाथ पहुंचे। इसके अलावा दिल्ली से वर्चुअली भी कई बार वे निर्माण कार्य की समीक्षा करते रहे। आज पांचवीं बार केदारनाथ पहुचंकर उन्होंने दिव्य और भव्य केदारपुरी का लोकार्पण किया। निश्चित रूप से नए स्वरूप में आ चुके केदारनाथ धाम में आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी के समाधि स्थल और प्रतिमा के दर्शन से तीर्थयात्रियों को आध्यात्मिक चेतना की अनुभूति होगी।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को केदारनाथ भ्रमण के पश्चात दिल्ली प्रस्थान के अवसर पर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर राज्यपाल ले.ज.(से.नि) श्री गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज,श्री सुबोध उनियाल, श्री गणेश जोशी, राज्य सभा सांसद श्री नरेश बंसल, पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा, श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं अन्य महानुभावों ने उन्हें विदाई दी।