भगवान रुद्रनाथ जी के खुले कपाट, आज है शंकट चतुर्थी, आज का पंचाग आपका राशि फल, शिवलिंग बनाम फवारा विवाद के बीच इस शख्स को भी जानिये, पकड़ा गया ज्ञानवापी शिवलिंग को फव्वारा बताने वाला झूठ

🕉 हर हर महादेव 🕉 बाबा रूद्रनाथ जी के कपाट आज ब्रह्ममुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गये हैं, यहाँ बाबा के एकानन रूप विराजमान हैं।आज ब्रह्म मुहूर्त में खुले चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट उरगम घाटी पंच केदार के चतुर्थ केदार रुद्रनाथ समुद्र तल से 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यह मंदिर जनपद चमोली के दशोली प्रखंड के अंतर्गत आता है अत्यंत सुंदर एवं प्रकृति की अनूठी छटा यहां मिलती है हिमालय का अद्भुत सौंदर्य का वर्णन भगवान शंकर के इस महा आलय मैं मिलता है रुद्रनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर में होती है इस वर्ष भगवान रुद्रनाथ के कपाट 19 मई को प्रातः खोल दिए गई है आज विशेष स्नान भोग के चतुर्थ केदार के कपाट सरदारों के लिए खोल दिए गए है भक्तों के द्वारा मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है कुछ पाठकों ने वहां की फोटो पोस्ट की है उन पाठकों को भी साधुवाद । रुद्रनाथ पहुंचने के लिए कई मार्ग हैं मुख्य मार्ग जिला मुख्यालय सगर से 19 किलोमीटर पदयात्रा कर यहां पहुंचा जाता है यहां नए मखमली बुग्याल की भरमार है पनार प्रकृति का एक स्वर्ग है जहां से चारों ओर हिमालय दिखता है कई मिलो तक पसरा हुआ है यहां पहुंचने वालों को ठगा सा महसूस होता है रुकने के लिए कुछ जगह पर दुकानें हैं यह केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के सेंचुरी एरिया में मंदिर क्षेत्र एवं रास्ता आता है रुद्रनाथ में रुकने के लिए छोटी-छोटी धर्मशाला हैं और यहां लोग आज विश्राम करते हैं आइए रुद्रनाथ की यात्रा करें एक रास्ता पंचम केदार कल्पेश्वर से देवग्राम,गीरा,वासा कलगोठ, डुमक होकर तोली पनार वहां से रुद्रनाथ पहुंचा जाता है एक रास्ता पंचगंगा से अनुसूया होते हुए मंडल पहुंचता है एक रास्ता बनारसी तूली होती पीपलकोटी पहुंचता है। ✍️लक्ष्मण सिंह नेगी, बम बम भोले🌸🌷🌹🌻🌺🏵🌼।🙏

🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७९ || शक-सम्वत् १९४४ || सौम्यायन् || नल नाम संवत्सर || ग्रीष्म ऋतु || जेष्ठ कृष्णपक्ष || तिथि चतुर्थी || गुरुवासर || जेष्ठ सौर ५ प्रविष्ठ || तदनुसार १९ मई २०२२ ई० || नक्षत्र मूल पूर्वाह्न ५:३६ तक उपरान्त पूर्वाषाढ़ || धनुर्धरस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

*गुरुवार, 19 मई 2022 के मुख्य सामाचार*

🔸भारत की नई मुखर व दो-टूक विदेश नीति,सैनिकों की संख्या में कटौती संभव नहीं

🔸ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की आज होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे जयशंकर

🔸अगले हफ्ते हैदराबाद का दौरा कर सकते हैं पीएम मोदी, भाजपा ने शुरू की तैयारी

🔸पाक-चीन से रक्षा के लिए भारत अगले महीने तक एस-400 मिसाइल प्रणाली तैनात कर सकता है: पेंटागन

🔸राहुल गांधी ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की श्रीलंका से की तुलना, शेयर किए तीन ग्राफ

🔸वित्तीय संकट के बीच पाकिस्तान ने महंगे, गैर-जरूरी सामान के आयात पर लगाई रोक

🔸सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश

🔸गुजरात: कांग्रेस को बड़ा झटका, हार्दिक पटेल ने दिया पार्टी से इस्तीफा

🔸पहले हेलीकॉप्‍टर और स्‍टारडम दिया, बाद में कांग्रेस हाई कमान करने लगा दरकिनार, वो कारण जिनके चलते हार्दिक पटेल के अंदर गुस्‍सा भरता चला गया

🔸शिवलिंग पर आपत्तिजनक टिप्पणी पर ओवैसी का प्रवक्ता गिरफ्तार:अहमदाबाद में पकड़ा गया; मुजफ्फरनगर में सपा नेता गिरफ्तार, पूछा था- लीची के अंदर क्या है?

🔸शिवलिंग को फव्वारा बताने वाले मुस्लिम पक्ष को हिंदू पक्ष के वकील ने दी चुनौती, कहा- फव्वारा है तो चलाकर दिखाएं

🔸दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिया इस्तीफा, निजी कारणों का दिया हवाला

🔸22 मई से एक हो जाएंगे दिल्ली के तीनों नगर निगम, गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

🔸गुजरात: नमक फैक्ट्री में हुआ दर्दनाक हादसा, दीवार के नीचे दबने से 12 लोगों की मौत, मृतक परिवारों को मुआवजे का ऐलान

🔸अब दिल्ली के कल्याणपुरी में बुलडोजर एक्शन, हिरासत में लिए गए ‘आप’ विधायक

🔸’अनावश्यक लाउडस्पीकर लगाने या तेज बजाने पर तय होगी उप जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी’: सीएम योगी

🔸IAS पूजा सिंघल की अचानक तबीयत हुई खराब, ED के सवाल से अनकंट्रोल हुआ बीपी

🔸ज्ञानवापी पर अखिलेश का विवादित बयान:अयोध्या में बोले- हिंदू धर्म में कहीं पत्थर रख दो, सिंदूर लगा दो मंदिर बन जाता है

🔸LoC पर कई जगह फैली आग:जंगल में लगी आग से आधा दर्जन लैंडमाइन में धमाके, अब घुसपैठ का खतरा बढ़ा

🔸योगी सरकार का फैसला- नए मदरसों को अनुदान पर रोक, भड़के अनुराग भदौरिया बोले- मानक पूरे हों तो दिक्कत क्‍या है

🔸देश में ही पढ़ाई पूरी करेंगे यूक्रेन में पढ़ रहे मेडिकल छात्र! स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा विचार

🔸Weather Forecast : केरल में बारिश का कहर जारी, अगले पांच दिन भारी, चार जिलों में रेड, सात में ऑरेंज अलर्ट

🔸Sri Lanka Crisis : श्रीलंका में अभूतपूर्व संकट, समुद्र में खड़ा है पेट्रोल लदा जहाज लेकिन भुगतान के लिए नहीं हैं पैसे

🔸India China Tension: उपग्रह की तस्वीरों में दिखी ड्रैगन की करतूत, पैंगोंग झील के पास चीन बना रहा नया पुल

🔸Fuel Price Hike: क्रूड आयल की कीमतों में बढ़ोतरी से बढ़ी टेंशन, तेल कीमतों को लेकर संतुलन साधने में जुटी सरकार

🔹आयरलैंड के खिलाफ सीरीज में राहुल द्रविड़ की जगह VVS लक्ष्मण होंगे कोच, एक साथ दो जगहों पर खेलेगी टीम इंडिया

🔹आखिरी गेंद पर मुकाबला जीत लखनऊ ने किया क्वालीफाई, कोलकाता हुई बाहर

*आप का दिन शुभ और मंगलमय हो सुप्रभात….!*
जय हो🙏

आज का राशिफल व पंचांग
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19 मई, 2022, गुरुवार
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आज और कल का दिन खास
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19 मई, 2022 : संकष्टी चतुर्थी व्रत आज।

20 मई, 1900 को हिंदी के प्रख्यात कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म हुआ।
20 मई, 1990 को हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पहली बार अंतरिक्ष की तस्वीरें धरती पर भेजी।

आज का राशिफल
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19 मई, 2022, गुरुवार
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1. मेष राशि : कम समय में काम को पूरा करने में लगे रहेंगे। समय का सदुपयोग करें। विशेष महत्व के कार्य पूरा करने का प्रयास करें। सफलता मिलेगी। कारोबारी समस्याओं से सामना होगा। सायंकाल यात्रा न करें।

2. वृषभ राशि : समय अनुकूल नहीं है सतर्क रहें। कोई नया काम आरंभ करने में विलंब होगा। किसी अपने के प्रति शुभ भावनाओं का उदय होगा। आशाएं बलवती होंगी।

3. मिथुन राशि : समय का सदुपयोग करें दोस्तों के साथ मिल कर कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। विशेष लोगों से मुलाकात होगी। मन चाही कार्य सिद्धि होगी। झूठ बोल कर फंस सकते हैं।

4. कर्क राशि : अपनों की बातों से मन दुखी होगा। शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। आश्वासन प्राप्त होंगे। कारोबार में सफलता मिलेगी। सामाजिक संबंधों का लाभ मिलेगा। शुभ कार्यों में व्यय होगा।

5. सिंह राशि : दिन की शुरुआत व्यस्ततापूर्वक रहेगी। देव दर्शन और निजी कार्यो में समय बीतेगा। कारोबार में सफलता मिलेगी। भाग्य में प्रबलता रहेगी। दूर स्थान से संदेश प्राप्त होंगे।

6. कन्या राशि : आध्यात्मिक तरक्की होगी। धन लाभ के लिए किए गए प्रयास सफल होंगे। परिजन का सहयोग मिलेगा। अनुबंधों की पूर्ति होगी। संबंधों का लाभ मिलेगा। न्याय पक्ष उत्तम।

7. तुला राशि : कारोबार का विस्तार के योग बन रहे हे। नई योजना का लाभ मिलेगा। परिजन का व्यवहार कमजोर रहेगा। दाम्पत्य संबंधों में मधुरता आएगी। धार्मिक यात्रा की योजना बनेगी।

8. वृश्चिक राशि : काम बहुत है आप अच्छे से कार्यनीति तय करें। काम आरंभ न करें। धैर्य से अपने कार्यों को समर्पित रहें। मध्यान्ह से कुछ राहत का अनुभव होगा। कोर्ट कचहरी के चक्कर लग सकते है।

9. धनु राशि : स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अनुकूल समय का सदुपयोग करें। महत्व के कार्यों को प्राथमिकता दें। अपनी संगत बदले। बड़ों का आदर करें। संतान सुख सम्भव है। वाहन खरीदने का मन होगा।

10. मकर राशि : शासन-प्रशासन का सहयोग न मिलने से कार्य बाधित होंगे। लंबित कार्यों में आशाएं बलवती होंगी। सामाजिक संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। यात्रा सफल रहेगी। शुभ कार्यों में व्यय होगा।

11. कुम्भ राशि : साझेदारी में किए कारोबार में तरक्की होगी। धन लाभ होता रहेगा। नया मकान दुकान खरीदने के योग हैं। धर्म-कर्म में रूचि बढ़ेगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। यात्रा सफल रहेगी।

12. मीन राशि : समय अनुकूल नहीं है निवेश से बचें। धैर्य से कार्य सम्पादन में लगे रहें। रुके कार्यों की पूर्ति होगी। शुभ कार्यों में मन लगेगा। विदेश जाने के योग बन रहे हैं।

-राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076

आज का पंचांग
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19 मई, 2022, गुरुवार
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तिथि चतुर्थी 08:25 PM
नक्षत्र मूल 05:37 AM
पूर्वाषाढ़ा 03:18 AM
करण बव 10:00 AM
बालव 08:25 PM
पक्ष कृष्ण
योग साध्य 02:57 PM
वार गुरुवार
सूर्योदय 05:28 AM
सूर्यास्त 07:06 PM
चन्द्रमा धनु
राहुकाल 02:00 – 03:42 PM
विक्रमी संवत्  2079
शक सम्वत 1944 (शुभकृत)
मास ज्येष्ठ
शुभ मुहूर्त
अभीजित 11:50 – 12:44 PM

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076

शिवलिंग बनाम फवारा विवाद के बीच इस शख्स को भी जानिए।

🚩 शिवलिंग बनाम फवारा विवाद के बीच इस शख्स को भी जानिए।
🚩 ज्ञानवापी बनाम बाबा काशी विश्वनाथ विवाद (अनुराग सिंह जी की वाल से साभार)
🚩स्व केदारनाथ व्यास। जिन्होंने 150 सालों से ज्ञानवापी की कानूनी लड़ाई लड़ी है। अनेक दुर्लभ पांडुलिपियां,ग्रंथों के रचयिता पूजनीय स्व केदारनाथ व्यास।
🚩 आज तक ज्ञानवापी मंदिर (मस्जिद) का खजाना इनका ही परिवार भरते आ रहा है।
🚩ज्ञानवापी की संपत्ति पर मालिकाना हक और स्थापत्य स्व केदारनाथ व्यास के परिवार का रहा है।
🚩 इन्ही व्यास परिवार की बदौलत सन् 1936 में दीन मोहम्मद को पूरे ज्ञानवापी में नमाज पढ़ने के दावे को नकार कर कोर्ट ने बैरंग लौटाया था और ज्ञानवापी परिक्षेत्र को वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने के दावे से इंकार किया था।
🚩ज्ञानवापी परिसर और बाबा विश्वनाथ का यह विवाद सैकड़ों साल पुराना है।
🚩 1991 में ज्ञानवापी मस्जिद के लोहे की बैरिकेडिंग के पहले यह पूरा इलाका खुला हुआ था, इसकी पुरानी तस्वीरें आज भी मौजूद हैं। जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के पिछले हिस्से में एक मैदान जैसा था, जबकि मंदिर के खंडहर पर मस्जिद का निर्माण साफ दिखाई देता था.
🚩जब यह पूरी मस्जिद खुली थी तब इसका एक हिस्सा मंदिर के तौर पर भी इस्तेमाल होता था।
🚩 काफी पहले से यहां विध्वंस के हिस्से में श्रृंगार गौरी की पूजा होती थी जिसके तस्वीर और प्रमाण आज भी मौजूद हैं. हालांकि, तब श्रृंगार गौरी की पूजा की इजाजत सिर्फ साल में एक बार ही दी जाती थी।
🚩 साल 1991 के बाद जब ज्ञानवापी परिसर को पूरी तरीके से लोहे के बड़े बैरिकेडिंग से घेर दिया गया और वहां सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित कर दिए गए उसके बाद ना कोई श्रृंगार गौरी की पूजा कर पाता था और ना ही विध्वंस के उस हिस्से को खुली आंखों से देख पाता था.
🚩 इस ज्ञानवापी परिसर को लेकर दो मामले- 1936 में सबसे पहले दीन मोहम्मद वर्सेस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट का एक मामला है, जिसमें दीन मोहम्मद ने ज्ञानवापी मस्जिद और उसके आसपास की जमीनों पर अपना हक जताया था. इसका मूवी मुकदमा नंबर 62/ 1936 जोकि एडिशनल सिविल जज बनारस के यहां दाखिल हुई थी, तब की अदालत ने इसे मस्जिद की जमीन मानने से इनकार कर दिया।
🚩उसके बाद दीन मोहम्मद यह केस लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट गए और 1937 में जब फैसला आया तब हाई कोर्ट ने मस्जिद के ढांचे को छोड़कर बाकी सभी जमीनों पर व्यास परिवार का हक बताया और उनके पक्ष में फैसला दिया।
🚩 इसी फैसले में बनारस के तत्कालीन कलेक्टर का वह नक्शा भी फैसले का हिस्सा बनाया गया है, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने का मालिकाना हक व्यास परिवार को दिया गया है।
🚩 तब से आज तक व्यास परिवार ही ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे के तहखाना का देखरेख करता है। वहां पूजा करता है। और प्रशासन के अनुमति से वही तहखाने को खोल सकता है। आज भी उसमें मंदिर के ढेरों सामान रखे गए हैं।
🚩1937 के इस फैसले में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक नक्शा भी लगाया और उस नक्शे में बकायदा डॉटेड लाइंस के साथ मस्जिद की सीमा रेखा तय की
और उसके अलावा बाकी चारों तरफ की जमीन का फैसला विश्वनाथ मंदिर के व्यासपठ के महंत व्यास परिवार पक्ष में दिया।
🚩 तब से ही मस्जिद की अपनी सीमा थी। जबकि बाकी आसपास की पूरी जमीन को व्यास परिवार को दे दिया गया। 1937 के बाद 1991 तक इस मामले में कोई विवाद नहीं हुआ।
🚩 व्यास परिवार और उनके वकील के पास पिछले पौने दो सौ साल से लड़े गए मुकदमों की फेहरिस्त और फाइलों का पुलिंदा है।
🚩 1937 का मुकदमा दीन मोहम्मद का मुकदमा बाबा विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद के बीच मुकदमे की सुनवाई हाई कोर्ट तक चली।
🚩 जिसमें हाई कोर्ट ने ढांचागत मस्जिद को छोड़कर तमाम जमीने व्यास परिवार की और बाबा विश्वनाथ मंदिर की कर दी थी। मस्जिद के अलावा आसपास की किसी जमीन पर न तो नमाज हो सकेगी ना ही उर्स या फिर जनाजे की नमाज होगी।
🚩 बनारस के रहने वाले दीन मोहम्मद ने Civil Suit कोर्ट में दाखिल किया। Civil Suit 62 of 1936 में किया की जो सेटलमेंट प्लाट -9130 को (वास्तविक काशी विश्वनाथ का पूरा एरिया Revenue Record में 9130 के नाम से जाना जाता है. ) वक्फ प्रॉपर्टी declare किया जाये और उन्हें नमाज पढ़ने का पूरा अधिकार दे दिया जाये। दूसरा पक्ष इस केस में ब्रिटिश सरकार थी।
🚩 हिन्दुओ ने जब इस केस में पक्ष बनने की बात की तो उसे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में ख़ारिज दिया गया। ब्रिटिश सरकार ने लिखित रूप में कोर्ट में हलफनामा दायर किया और Paragraph -2 में यह लिखा की यह परिसर वक्फ प्रॉपर्टी नहीं है। (यहाँ आप को जान लेना चाहिए की किसी Valid मस्जिद होने के लिए कोई भी स्थान वक्फ संपत्ति होना चाहिए )
🚩 Paragraph -11 में लिखा है की यहाँ की मूर्तिया मुगलकाल के पहले से यहाँ है।
🚩 Paragraph -12 इस सम्पत्ति का मालिक औरंगजेब नहीं था। और इस्लामिक law के मुताबिक यह अल्लाह को Dedicate नहीं किया जा सकता।
🚩 दावेदारों की ओर से सात, ब्रिटिश सरकार की ओर से 15 गवाह पेश हुए थे। सब जज बनारस ने 15 अगस्त 1937 को मस्जिद के अलावा ज्ञानवापी परिसर में नमाज पढऩे का अधिकार नामंजूर कर दिया था।
🚩 दीन मोहम्मद इससे खुश नहीं हुए और फिर उन्होंने हाई कोर्ट में Suit दायर किया जिसका Appeal No -466 of 1937 जिसका फैसला आया
🚩 1942 SCC OnLine Allahabad/ Page No. 56 के Paragraph-5 में ये HOLD किया है की यहाँ मंदिर तोड़ी गई है।
🚩 और Paragraph-16 में HOLD किया है की यह वक्फ सम्पति नहीं है। और नमाज पढ़ लेने से किसी स्थान पर आप का उस पर हक़ नहीं हो जाता।
🚩 साल 1937 से लेकर 1991 तक दोनों पक्षों में कोई विवाद नहीं हुआ। मुसलमान अपनी मस्जिद में जाते थे। जबकि हिंदू अपने मंदिरों में। हालांकि यह मस्जिद भी 1991 तक विरान ही पड़ी रही, जिसमें इक्के दुक्के मुसलमान ही नमाज अदा करते थे।
🚩 लेकिन बाबरी विध्वंस के बाद से यहां अचानक नमाजियों की संख्या काफी बढ़ गई और तब से यहां हर रोज नमाज होती भी है
🚩1991 में व्यास परिवार की ओर से स्वामी सोमनाथ व्यास ने एक मुकदमा दर्ज कराया और उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद को ‘आदि विशेश्वर मंदिर’ कहते हुए इसे मंदिर को सौंपने का मामला दर्ज कराया.
🚩 1991 से लेकर यह मामला अभी तक चल रहा है
🚩 और इसी मामले में सुनवाई करते हुए 1996 में पहली बार अदालत ने कोर्ट कमिशन बनाया था और पहला सर्वे 1996 में किया था।
🚩 इस मुकदमे में सोमनाथ व्यास की तरफ से विजय शंकर रस्तोगी वकील थे. बाद में सोमनाथ व्यास की मृत्यु के बाद वह वादी मित्र होकर इस मामले की पैरवी कर रहे हैं.
🚩 मस्जिद के ढांचे को मंदिर या मूल विश्वेश्वर मंदिर कहकर अदालत में याचिका लगाई गई तो उसमें कई तस्वीरें भी लगाई गईं। वह तमाम तस्वीरें उस विध्वंस किए गए ढांचे की हैं, जो मंदिर दिखाई देता है।
🚩 मंदिर के विध्वंस पर बनी मस्जिद की कई तस्वीरें अदालत में सुबूत के तौर पर संलग्न की गईं और उसी को देखते हुए साल 1996 में एक सर्वे कमीशन बनाया गया था।
🚩 इस केस की सुनवाई के दौरान बनारस की अदालत ने इसमें एएसआई से खुदाई का आदेश दिया था।
🚩 आदि विशेश्वर मंदिर’ को तोड़कर बनाया गया है। इसका नक्शा भी 1937 में तत्कालीन बनारस के डीएम ने अदालत में सौंपा था।
🚩 जिस जमीन पर या जिस ढांचे पर आज ज्ञानवापी मस्जिद खड़ी है। उस ढांचे का नक्शा पहली बार अदालत में पेश किया था। और उस नक्शे में कई चीजें साफ-साफ लिखी हैं।
🚩 मसलन यह पहला और एकमात्र ऐसा नक्शा है,जो दिखाता है कि मंदिरनुमा कोई ढांचा रहा है। जिसके बड़े हिस्से पर मस्जिद बनी है। बकायदा डॉटेड लाइन से इस नक्शे पर मस्जिद के हिस्से को दिखाया गया है।
🚩 पूजनीय स्व केदारनाथ व्यास 2020 में इहलोक गमन कर गये।
🚩 आज भले इन्हें सारा देश ना जानता हो।
आज भले स्वयं को सनातनी कहने वाले लोंगों को इनका योगदान और नाम तक ना पता हो। लेकिन महादेव के इस सपूत का, व्यास परिवार का पूरी काशी श्रृणी रहेगी चिरकाल तक।
🚩 महादेव के लोक में महादेव के पुत्र आज चिर निद्रा में सो रहे।
कोटि कोटि अभिनंदन आपका व्यास परिवार।।

ज्ञानवापी शिवलिंग:
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चोरी पकड़ी गई। सीमेंट की थेकली शिवलिंग के ऊपर चिपका कर फव्वारा बता रहे हैं ईमान-वाले। ध्यान से देखने पर सीमेंट की पपड़ी अलग दिखाई दे रही है। ऐसा लग रहा है, किसी रात जल्दबाजी में पानी निकालकर, सीमेंट डाला गया है, क्योंकि पकड़े जाने पर कोई बहाना मिल जाए! पानी के अंदर जाने पर, सीमेंट का भाग फट गया, जबकि पत्थर वैसे का वैसा है! इसी तरह की घटिया हरकतों के कारण पूरी दुनिया में इनकी थू-थू होती है। सिवा झूठ, मक्कारी और धोखेबाजी के इनको कुछ नहीं आता!
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ज्ञानवापी स्वयं एक #संस्कृत शब्द है, ज्ञान माने (जानकारी), वापी मतलब (सागर)। मतलब #औरंगज़ेब ने मस्जिद बनाई और नाम रखा शुद्ध संस्कृत में – “ज्ञान का सागर”?
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ज्ञानवापी के पीछे के हिस्से की दीवार आज भी सलामत है, पूरी ईमारत गिराने की जगह, ऊपरी हिस्सा  तोड़कर गुम्बद बना दिया गया! #हिंदू समाज में विद्रोह की स्थिति और मंदिर तोड़ने पर लाखों मुगल सैनिकों के एकसाथ “दिल के दौरा” पड़ने के चमत्कार को देखकर, औरंगज़ेब भाग खड़ा हुआ और इसीलिए शायद और कुछ तोड़ने की उसकी हिम्मत ना हुई!
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नंदी का मुंह हमेशा किसी भी मंदिर में भगवान #भोलेनाथ की ओर ही होता है, ऐसा आप किसी भी मंदिर में देख सकते हैं। अब ज्ञानवापी में – नंदी हैं, गौरी श्रंगार मंदिर है (पार्वती), पर फिर भगवान शिव कहां हैं!
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#काशी गंगा किनारे है, और शिवजी के केशों से निकलती गंगा की तस्वीर आप सबने देखी होगी! इसीलिए एक खूबसूरत तालाब बनाया और उसके मध्य शिवलिंग बनाया गया! जोकि ठीक नंदी की सीध में है! नागा साधुओं के विद्रोह के चलते #काशी में जितना तोड़ सकते थे, उतना तोड़कर मुगल सेना भाग खड़ी हुई।
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शिवलिंग इतना भारी है कि क्रेन के बिना निकालना संभव ना होता। शायद इसीलिए सीमेंट से फाउंटेन वाला वामपंथी झूठ गढ़ा गया! ताकि #हिंदुओं को मूर्ख बनाया जा सके।
🚩🚩🚩 (साभार)