जंगल का राजा शेर अपने 75% आक्रमणों में असफल हो जाता है, इसका अर्थ है कि हिरण 75% आघातों में स्वयं को बचा ले जाते हैं, संसार के सात आश्चर्यों की सूचि बनाने वालों पर हंसी आती है

मुझे हंसी आ जाती है, जब भी मैं सुनता हूँ कि दुनियाँ में केवल सात आश्चर्य हैं ।
पत्थर की इस प्रतिमा के आभूषण और यंत्र ऐसे दिखते हैं जैसे किसी धातु के बने हों । इस मंदिर में कुछ ऐसी प्रतिमाएं भी हैं जिनके हाथों में बने कंगन को प्रतिमा के हाथ में सरकाया जा सकता है । इसे बनाने वाले महान पूर्वजों के वंशज होने के नाते प्रत्येक सनातनियों को स्वयं पर गर्व होना चाहिए ।

(होयसलेश्वर मंदिर,कर्नाटक)

जंगल का राजा कहा जाने वाला शेर शिकार के लिए किए गए अपने 75% आक्रमणों में असफल हो जाता है। मतलब वह सौ में 75 बार फेल होता है। अब आप इससे अपने जीवन की तुलना कीजिये, क्या हम 75% असफलता झेल पाते हैं ? नहीं ! इतनी असफलता तो मनुष्य को अवसाद में धकेल देती है। पर शेर अवसाद में नहीं जाता है। वह 25% मार्क्स के साथ ही जंगल का राजा है।

इसी घटना को दूसरे एंगल से देखिये ! शेर अपने 75% आक्रमणों में असफल हो जाता है, इसका सीधा अर्थ है कि हिरण 75% हमलों में खुद को बचा ले जाते हैं। जंगल का सबसे मासूम पशु शेर जैसे बर्बर और प्रबल शत्रु को बार बार पराजित करता है और तभी लाखों वर्षों से जी रहा है। उसका शत्रु केवल शेर ही नहीं है, बल्कि बाघ, चीता, तेंदुआ आदि पशुओं के अलावा मनुष्य भी उसका शत्रु है और सब उसे मारना ही चाहते हैं। फिर भी वह बना हुआ है। कैसे ?

 

वह जी रहा है, क्योंकि वह जीना चाहता है। हिरणों का झुंड रोज ही अपने सामने अपने कुछ साथियों को मार दिए जाते देखते हैं, पर हार नहीं मानते। वे दुख भरी कविताएं नहीं लिखते, हिरनवाद का रोना नहीं रोते। वे अवसाद में नहीं जाते, पर लड़ना नहीं छोड़ते। उन्हें पूरे जीवन में एक क्षण के लिए भी मनुष्य की तरह चादर तान कर सोने का सौभाग्य नहीं मिलता, बल्कि वे हर क्षण मृत्यु से संघर्ष करते हैं। यह संघर्ष ही उनकी रक्षा कर रहा है।

जंगल में स्वतंत्र जी रहे हर पशु का जीवन आज के मनुष्य से हजार गुना कठिन और संघर्षपूर्ण है। मनुष्य के सामने बस अधिक पैसा कमाने का संघर्ष है, पर शेष जातियां जीवित रहने का संघर्ष करती हैं। फिर भी वे मस्त जी रहे होते हैं, और हममें से अधिकांश अपनी स्थिति से असंतुष्ट हो कर रो रहे हैं।

मनुष्य को अभी पशुओं से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है।