कनाडा की एक बड़ी मीडिया हाउस एक के बाद एक 20 ट्वीट करके पूरे विश्व में सनसनी मचा दिया। केनेडा की मीडिया का कहना है कि #जस्टिन_ट्रूडो का प्लेन खराब नहीं हुआ था जस्टिन जब जा रहे थे तब स्निपर डॉग को प्लेन के पास ड्रग्स की महक आई उसके बाद जस्टिन टुडे को तीन दिनों तक होटल में डिटेन में रखा गया था
वह भारत सरकार की जांच एजेंसियों की कैद में थे उसके बाद उन्हें राष्ट्र अध्यक्ष होने का फायदा देकर रवाना किया गया और विश्व के सामने यह बहाना बनाया गया कि उनका प्लेन खराब हो गया था इसीलिए जस्टिन ट्रूडो भारत से आने के तुरंत बाद इतना तमतमाया हुए हैं
गौरतलब है कि जस्टिन ट्रूडो की पत्नी ने तलाक में यह कहा था कि जस्टिन टुडे को #ड्रग्स की आदत है।
*कनाडा का पूरा का पूरा शिक्षा उद्योग भारत के पैसों से चल रहा है।*
*यहाँ के छात्र वहाँ जाना बंद कर दें तो उनकी अर्थव्यवस्था चरमराने लगेगी।*
*कनाडा के 8 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों में 50% भारतीय हैं। भारतीय छात्र कनाडाई छात्रों के मुकाबले 3 से 5 गुना ज्यादा फीस देते हैं।*
*कनाडा की इकॉनमी में हर साल 30 बिलियन डॉलर (₹2.5 लाख करोड़ रुपए) का योगदान सिर्फ विदेशी छात्रों से आता है। सोच लीजिए, अगर भारतीय छात्र वहाँ जाना बंद कर दें तो कैसे उसकी साँस फूलने लगेगी। जब वार करना ही है तो हमें चौतरफा वार करना चाहिए। भारत अगर सख्त कदम उठा लेता है तो कनाडा घुटने पर आ जाएगा। और हाँ, ये भी सोचिए कि कैसे वहाँ के जो लोग भारतीय छात्रों को किराए पर घर देकर कमाते हैं, उनकी कमाई भी रुक जाएगी भारतीय छात्र वहाँ जाना बंद कर दें तो। वहाँ खाने-पीने के समान से लेकर किराने की चीजें भी ये छात्र खरीदते होंगे, इससे भी कमाई होती होगी। एक कदम से बिलबिला उठेगा जस्टिन ट्रूडो। फिर देखते हैं कौन खालिस्तानी बचाने आता है उसे। सब भूखे मरेंगे बर्फबारी में।
ये कनाडा वाला जो इतना उछल कूद कर रहा है ना! तो कनाडा के इस पप्पू के आका ,अब्बू चीन🇨🇳 पाकिस्तान 🇵🇰को तो मोदी जी ने ठिकाने लगा दिया अब वो यूरोप के चक्कर काट रहा है। भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए??भारत माता की जय,🇮🇳🇮🇳🇮🇳🚩🚩🚩
*कनाडा की सबसे बड़ी कंपनी बम्बोर्डियर है जिसका हेड ऑफिस मॉन्ट्रियल में है !*
*और कनाडा के बाद इस कंपनी का सबसे बड़ा निवेश भारत में है ! आपने अगर दिल्ली मेट्रो में सफर किया हो तो कोच के पीछे बम्बोर्डियर वडोदरा लिखा देखा होगा !*
*इस कंपनी ने भारत में मेट्रो और रेलवे तथा ट्रांसपोर्ट ऑटोमेशन सेक्टर में 2 लाख करोड़ डॉलर का निवेश किया है जो भारत में किसी विदेशी कंपनी द्वारा किया गया तीसरा सबसे बड़ा निवेश है !*
*मोदी सरकार ने दूरदर्शिता दिखाते हुए बड़ोदरा में ही एक स्वीडिश कंपनी अलस्ट्रोम को भी भारतीय रेलवे तथा मेट्रो के लिए कोच और इंजन बनाने तथा ऑटोमेशन इंडस्ट्री का बड़ा निवेश करवाया है !*
*इसीलिए भारत में मेट्रो में दो कंपनियों के कोच चलते हैं या तो बम्बोर्डियर या अल्स्टोम !*
*और अब आज की खबर ये है कि गुजरात सरकार ने वाइब्रेंट गुजरात समिट से कनाडा को अपने मुख्य पार्टनर से हटा दिया है ! जब तक कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हॉर्पर थे तब तक भारत के कनाडा के साथ बड़े अच्छे संबंध थे ! और स्टीफन हार्पर ने खुद गुजरात आकर फैक्ट्री की नींव रखी थी !*
*अकेले बम्बोर्डियर कंपनी से कनाडा को उसके जीडीपी में अच्छी खासी कमाई होती है जो काफी बड़ी है !*
*इतना ही नहीं अभी पिछले ही साल बम्बोर्डियर ने भारतीय रेलवे के साथ 1 लाख करोड रुपए इन्वेस्ट करने की इच्छा जताई थी !*
*आर्थिक विशेषज्ञ यह बता रहे हैं कि अगर जस्टिन ट्रूडो नहीं सुधरे तो भारत के ऊपर तो कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन कनाडा की आर्थिक कमर टूट जाएगी क्योंकि यदि भारत ने अपने छात्रों को कनाडा में पढ़ने से प्रतिबंधित कर दिया तब भी कनाडा की कमर टूटनी तय है!
*और यदि बम्बोर्डियर जैसी भारी भरकम कंपनियां अगर भारत में नुकसान में गई या उन्हें भारत सरकार ने काम करने से रोक दिया तब उसका खामियाजा बड़े लेवल पर कनाडा को भुगतना पड़ेगा ! वह कनाडा जो पहले ही महंगाई और होम लोन की बढ़ती दरों से बुरी तरह से परेशान हो चुका है , बर्बाद होने लगेगा !*🤔🫢भारत माता की जय,🇮🇳🇮🇳🇮🇳🚩🚩
🚩भारत और कनाडा आज जिस तल्खी भरे मोड़ पर आमने सामने खड़े हैं, उसके लिए सफर बहुत पहले शुरू हो गया था. 80 के दशक में खालिस्तानी आतंकियों की कनाडा में बढ़ती गतिविधि से आगाह करते हुए भारत ने कुछ आतंकियों को भारत को सौंपने की बात कही थी. इन आतंकियों में तलविंदर सिंह परमार भी शामिल था. कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने तलविंदर को भारत को नहीं सौंपा. और उसी आतंकी ने 1985 में एयर इंडिया के विमान में बम विस्फोट करवा दिया जिसमें कनाडा के ही 268 नागरिक मारे गए. भारत की चेतावनियों को नजरअंदाज करके कनाडा ने आत्मघाती भूल की थी, वह आज भी करता जा रहा है. साथ ही इससे आगे बढ़कर उसने भारत को आंखें दिखाने की कोशिश की है, जो खालिस्तानी आतंकियों को लेकर कनाडा से चिंता जताता रहा है. ऐसे ही एक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा ने जो बवाल काटा है, वह दुनिया के सामने है. निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाकर कनाडा भारतीय राजनयिक को अपने देश से निकाल देना. फिर भारत की ओर से कनाडाई राजनयिक का निष्कासन और वीजा पर बैन लगा देना. कुलमिलाकर ट्रूडो के उकसावे से भारत-कनाडा के रिश्तों दांव पर लग गए हैं. आइये जानते हैं कि यह हालात और कहां तक जा सकते हैं. अब यदि कनाडा ऐसे ही अपनी गतिविधियों को अंजाम देता रहा तो हालात राजनयिक संबंध खत्म होने तक जा सकती है. आइये, समझते हैं कि दो देशों के बीच जब हालात बिगड़ते हैं तो वह कितने चरणों से होकर गुजरते हैं। नये भारत के तेवर भांप कर चीन के इशारे पर भारत विरोधी बयान दे रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की बोलती बंद भी हो गयी और जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि वे भारत के साथ विवाद को आगे नहीं बढाना चाहते। लेकिन खालिस्तानियों की पनाह गाह बने कनाडा की कार्यशैली पर भारत ने जो कड़ा रूख अपनाया और कनाडा के राजदूत को धक्के देकर चलता कर दिया और कई तरह के प्रतिबंध भी शुरू कर दिए हैं निश्चित रूप से आगामी कुछ वर्षों में कनाडा के हाथ में भी पाकिस्तान की तरह भीख का कटोरा होगा और तब कनाडा को उकसाने वाले अमेरिका और चीन भी पल्ला झाड़ चुके होंगे।
अमेरिका के वाया कनाडा भारत पर दबाव बनाने की कोशिश परवान नहीं चढ़ पाई।
भारत ने जवाबी हमला कर दिया।
फ्रांस अमेरिका ऑस्ट्रेलिया रुस के वक्तव्य देखें।
किसी को उम्मीद नहीं थी बात इतनी बढ़ेगी।
और भारत इतना आगे कैसे बढ़ा कनाडा के खिलाफ?
कनाडा के साथ हमारे बहुत अच्छे रिश्ते कभी न रहे पर इतने खराब भी न रहे।
फ्रांस शायद जल्द ही नाटो से अलग होगा।
फ्रांस निश्चित तौर पर भारत को चुपचाप समर्थन दे रहा है।
और दूसरी बात ये कि भारत ने लैपटॉप के साथ गेंहू के निर्यात पर भी प्रतिबन्ध लगाया है शायद।
और गेंहू सबको चाहिए भाई।
भारत इस समय विश्वशक्ति है। बस वीटो पावर नहीं है।
तो भारत की विश्व पटल पर बढ़ती ताकत का मजा लीजिए और अफगानी भाइयों को धन्यवाद कहिए।
हर काम की जिम्मेदारी लारेंस बिश्नोई कब तक लेता रहेगा ?