आज का पंचाग आपका राशि फल, परम कल्याणकारी महामृत्युंजय मंत्र का प्राकट्य कैसे हुआ, चिंता जनक है संसार की सबसे प्राचीन और समृद्ध संस्कृत भाषा की उपेक्षा, लोक कल्याण के लिए महामृत्युंजय मंत्र का प्राकट्य कैसे हुआ, आज के मुख्य समाचार

  *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​**श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_शनिवार, २३ सितम्बर २०२३_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:१९
सूर्यास्त: 🌅 ०६:२०
चन्द्रोदय: 🌝 १३:५३
चन्द्रास्त: 🌜२३:५३
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शरद
शक सम्वत:👉१९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)
मास 👉 भाद्रपद
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 अष्टमी (१२:१७ से
नवमी)
नक्षत्र 👉 मूल (१४:५६ से
पूर्वाषाढ)
योग 👉 सौभाग्य (२१:३१
से शोभन)
प्रथम करण👉बव(१२:१७ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव
(२३:२४ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 धनु
मंगल🌟कन्या(अस्त,पश्चिम,मार्गी
बुध🌟सिंह(उदित,पश्चिम,वक्री)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र🌟कर्क(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४५ से १२:३३
अमृत काल 👉 ०८:४२ से १०:१६
रवियोग 👉 १४:५६ से ०६:०६
विजय मुहूर्त 👉 १४:१० से १४:५९
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१३ से १८:३७
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:१३ से १९:२४
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४६ से ००:३३
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:३० से ०५:१८
राहुकाल 👉 ०९:०७ से १०:३८
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १३:४० से १५:११
होमाहुति 👉 शुक्र
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१२:१७ तक)
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 श्मशान में (१२:१७ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पूर्व-उत्तर (वायविंडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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राधाष्टमी, ऋषि दधीचि जन्मोत्सव, सूर्य दक्षिणगोलिय गति प्रारम्भ, मेला भर्तहरि (अलवर) राज, महालक्ष्मी व्रत पूर्ण, स्वामी हरिदास जयन्ती, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:४७ से ०९:१८ तक।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १४:५६ तक जन्मे शिशुओ का नाम मूल नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (भ, भी) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पूर्वाषाढ नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (भू, धा, फा) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – ०५:४३ से ०८:०१
तुला – ०८:०१ से १०:२२
वृश्चिक – १०:२२ से १२:४१
धनु – १२:४१ से १४:४५
मकर – १४:४५ से १६:२६
कुम्भ – १६:२६ से १७:५२
मीन – १७:५२ से १९:१५
मेष – १९:१५ से २०:४९
वृषभ – २०:४९ से २२:४४
मिथुन – २२:४४ से ००:५९
कर्क – ००:५९ से ०३:२०
सिंह – ०३:२० से ०५:३९
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०६:०५ से ०८:०१
शुभ मुहूर्त – ०८:०१ से १०:२२
चोर पञ्चक – १०:२२ से १२:१७
शुभ मुहूर्त – १२:१७ से १२:४१
रोग पञ्चक – १२:४१ से १४:४५
शुभ मुहूर्त – १४:४५ से १४:५६
मृत्यु पञ्चक – १४:५६ से १६:२६
अग्नि पञ्चक – १६:२६ से १७:५२
शुभ मुहूर्त – १७:५२ से १९:१५
मृत्यु पञ्चक – १९:१५ से २०:४९
अग्नि पञ्चक – २०:४९ से २२:४४
शुभ मुहूर्त – २२:४४ से ००:५९
रज पञ्चक – ००:५९ से ०३:२०
शुभ मुहूर्त – ०३:२० से ०५:३९
चोर पञ्चक – ०५:३९ से ०६:०६

आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आध्यात्मिक उन्नति वाला रहेगा। दिन के आरंभ से ही घर मे धार्मिक कार्य को लेकर चहल-पहल रहेगी इसके लिए दैनिक कार्यो में बदलाव भी करना पड़ेगा। आध्यात्मिक एवं परोपकारी स्वभाव का लाभ किसी ना किसी रूप में अवश्य मिलेगा। नौकरी पेशा जातको को नई जगह से प्रस्ताव मिलेंगे। बेरोजगारों के भी नए रोजगार से जुड़ने की संभावना है प्रयासरत रहें। धन लाभ रुक-रुक कर परन्तु प्रचुर मात्रा में होगा जिससे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से कर सकेंगे। फिजूल के खर्च भी मध्यान के बाद अकस्मात ही बढ़ेंगे इनकी परवाह आज नही करेंगे। पति-पत्नि में मामूली नोक-झोंक हो सकती है। संध्या के समय थकान ज्यादा रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज भी मध्यान तक सेहत में उतार-चढ़ाव लगा रहेगा मध्यान बाद ही इसमे स्थिरता आएगी फिर भी ज्यादा परिश्रम वाले कार्यो से बचें। बनी बनाई योजनाए अधर में लटकी रहेंगी। परिवार अथवा रिश्तेदारी में दुखद घटना होने की संभावना है। जोखिम वाले कार्यो से दूर रहना ही हितकर रहेगा। नौकरी पेशा जातको पर आकस्मिक कोई संकट आ सकता है अधिकारियों से बच कर रहें। कार्य व्यवसाय में उदासीनता दिखाने से होने वाले लाभ में कमी आएगी। आपके स्वभाव में रूखापन रहने से स्नेहीजनों को तकलीफ होगी। परिवार अथवा अन्य से किये वादे पूरे नही कर सकेंगे। आय की अपेक्षा खर्च अधिक होगा। महिलाओ को शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन थोड़ा उतार चढ़ाव वाला रहेगा लेकिन आज की मेहनत संध्या बाद से रंग लाने लगेगी आलस्य भी बने रहने से जल्दी से किसी कार्य के लिये हाँ नही करेंगे अपनी इस प्रवृत्ति को बदले अन्यथा भविष्य में आर्थिक परेशानी खड़ी होगी। मनमानी रवैये के चलते भी हानि हो सकती है। कार्य व्यवसाय में आज कुछ विशेष सफलता नही मिलेगी। परिवार में आज किसी सदस्य की इच्छा पूर्ति ना होने पर वातावरण खराब होगा। नए कार्य की योजना बना रहे है तो आज अवश्य आरम्भ करें। नौकरी पेशा जातक काम मे ऊबन अनुभव करेंगे। मनोरंजन के अवसर नही मिलने से निराशा बढ़ेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन लाभ-हानि बराबर रहेगी। दिन के आरंभ से ही लाभदायक प्रसंग बनेंगे। आज आप व्यवसाय के साथ सामाजिक कार्य भी आने से अधिक व्यस्त रहेंगे कमाई संतोषजनक रहेगी लेकिन खर्च भी आज कम नही रहेंगे। आध्यात्म के प्रति आस्था बढ़ने पर भी धन कमाने को ज्यादा महत्त्व देंगे। आपकी मनोवृति सुखोपभोग की अधिक रहेगी। जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उनके निर्णय आरंभिक व्यवधान के बाद आपके ही पक्ष में रहेंगे। सरकारी कार्यो भी आज किसी के सहयोग मिलने से आगे बढ़ेंगे। महिलाये आज जो भी विचारेंगी फल उसके विपरीत ही मिलेगा। धार्मिक स्थानों की यात्रा के प्रसंग बन सकते है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपकी मानसिकता कम समय एवं परिश्रम से अधिक लाभ पाने की रहेगी पर आज आपके कार्यो में सफाई कम रहेगी विफलता मिलने पर क्रोध भी आएगा फिर भी कार्यो के प्रति एकाग्र रहे शीघ्र ही परिस्थितियां आपके अनुकूल बनने वाली है। सहकर्मी सहयोग करने में आनाकानी करेंगे जिससे कुछ समय के लिए कार्यो में अवरोध रहेगा लेकिन शीघ्र ही अन्य विकल्प भी मिल जायेंगे। मध्यान के बाद जिस भी काम मे निवेश करेंगे भविष्य में उससे दुगना धन मिलने की संभावना रहेगी लेकिन आज धन की आमद कम रहेगी। पारिवारिक वातावरण में थोड़ा विरोधाभास रहेगा परन्तु महत्त्वपूर्ण विषयो में सभी एकजुट हो जाएंगे। सेहत में सुधार आएगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन भी कई अशांति वाले प्रसंग बनेंगे। आज आप अन्य लोगो से मतलब का व्यवहार रखेंगे जिस कारण काम पड़ने पर मदद करने की जगह लोग अपना स्वार्थ साधेंगे। आर्थिक स्थिति भी गड़बड़ाने से क्रोध अधिक आएगा। संबंधों के प्रति लापरवाह रहेंगे जिससे घर मे अशांति के प्रसंग ज्यादा बढ़ेंगे। महिलाओ के अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ विचार मेल नही खाएंगे। व्यवसायी वर्ग मध्यान बाद तक व्यापार को लेकर परेशान रहेंगे इसके बाद स्थिति में सुधार आएगा परन्तु आपकी छोटि मानसिकता आज ओरो को परेशान करेगी। सेहत का भी ध्यान रखें असंयमित दिनचर्या हानि पहुचायेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपकी दिनचार्य व्यवस्थित रहेगी अधिकांश कार्यो की योजना पूर्व में ही बना लेंगे फिर भी कुछ काम अकस्मात आने से फेरबदल करना पड़ेगा। नौकरी व्यवसाय में धन के साथ सम्मान की प्राप्ति भी होगी। अधिकारी वर्ग आपसे महत्त्वपूर्ण विषयों को लेकर परामर्श करेंगे। व्यापारी वर्ग को कुछ दिनों से अटके कार्य आज पूर्ण होने से तसल्ली मिलेगी। लेकिन परिवार में आर्थिक अथवा किसी अन्य वजह से खींच-तान होने की संभावना है। धन की अपेक्षा संबंधों को अधिक महत्त्व दे अन्यथा वैर-विरोध का सामना करना पड़ेगा। मध्यान के बाद का समय पूरे दिन की अपेक्षा ज्यादा सुखदायी रहेगा। धार्मिक कार्य एवं संतानो पर खर्च होगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन परिश्रम को छोड़ अन्य सभी विषयों में उत्तम रहेगा। मेहनत आज अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक करनी पड़ेगी लेकिन इसका फल आशानुकूल मिलने से संतोष होगा। आपको आस-पास का वातावरण भी उत्साह बढ़ाने वाला मिलेगा। कार्य व्यवसाय में आरंभिक उदासीनता के बाद मध्यान पश्चात लाभजनक स्थिति बनेगी। निवेश भी निसंकोच होकर कर सकते है लाभ ही होगा। कुछ दिनों से जिस वस्तु की कामना कर रहे थे आज उसकी प्राप्ति होने से मन प्रफुल्लित रहेगा। धन लाभ के साथ साथ खर्च में भी बढ़ोतरी होगी फिर भी आर्थिक संतुलन बना रहेगा। आज कोई निकटस्थ व्यक्ति घर अथवा कार्य क्षेत्र पर आपके भेदों को सार्वजनिक कर सकता है सतर्क रहें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन लाभदायक है लेकिन मानसिक रूप से गंभीर होने भी आवश्यक है निर्णय लेने में आज भी दुविधा होगी दिमाग पर ज्यादा दबाव न डालें निसंकोच होकर फैसले ले विजय आज आपकी ही होगी। अधिकांश कार्यो में सहज सफलता मिल जाएगी। फिर भी धन संबंधित कार्य देखभाल कर ही करें। प्रतिस्पर्धा कम रहेगी जिससे लाभ के अवसर बढ़ेंगे। सेहत भी अनुकूल रहने से हर प्रकार की परिस्थितियों में काम कर लेंगे। जो लोग अबतक आपके विपरीत चल रहे थे वो भी आपका सहयोग एवं प्रशंशा करेंगे फिर भी आकस्मिक वाद-विवाद के प्रसंग बनेंगे इससे बच कर रहें। घर मे थोड़ी उग्रता रहने पर भी प्रेम बना रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन भी आपकी आशाओ के विपरीत रहेगा। दिन के आरंभ से ही कुछ गड़बड़ होने की आशंका रहेगी कार्य क्षेत्र अथवा परिवार में कोई छोटी-बड़ी दुर्घटना होने की संभावना है अकस्मात होने से सतर्क होने का समय मुश्किल ही मिलेगा। किसी से बंधी आशा टूटने से मन दुखी होगा। आर्थिक कारणों से मध्यान तक का समय संघर्ष वाला रहेगा कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से लाभ में कमी आएगी इसके बाद कही से थोड़ा धन लाभ होने से राहत मिलेगी। घर मे धार्मिक कार्य होने से मन हल्का होगा। महिलाये आज परिजनों के ऊपर अधिक आश्रित रहेंगी। संतानो के विषय मे नई चिंता बनेगी। वाहन अथवा उपकरणों से सावधानी बरतें दुर्घटना का भय है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके उच्च प्रतिष्ठित लोगो से संबंध बनेंगे सरकारी कार्यो के लिए दिन उत्तम है सरकार की तरफ से शुभ समाचार मिलने से व्यवसाय एवं अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यो की उलझन दूर होगी। धन लाभ की कामना लगी रहेगी इसके लिए कुछ ना कुछ तिकड़म लगाते रहेंगे आमद मध्यान पश्चात ही संभव हो सकेगी। प्रयास करने पर पुराने धन की वापसी हो सकती है। महिलाये खरीदारी पर धन खर्च करेंगी अज्ञानता में हानि होने की संभावना है सतर्क रहें। आपकी जरूरत लोगो को अधिक होने से सम्मान के साथ धन लाभ के अवसर भी मिलते रहेंगे। गृहस्थ में पूर्ण ध्यान नही देने से किसी की नाराजगी देखनी पड़ेगी लेकिन कुछ समय के लिए ही।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा। सेहत ठीक रहने पर भी कार्यो के प्रति आलस्य दिखाएंगे लेकिन जिस भी कार्य को हाथ मे लेंगे उसमे हानि लाभ की परवाह नही करेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति स्थिर रहेगी मौज शौक की प्रवृति के पीछे खर्च अधिक होगा। घर मे सुख सुविधा के सामान की बढ़ोतरी होगी। धन संबंधित योजनाओ को गति देने के लिए आज किसी अन्य की सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। मध्यान तक किये परिश्रम का फल संध्या तक मिल जाएगा। जोड़-तोड़ कर धन कोष में वृद्धि होगी लेकिन दैनिक से अतिरिक्त खर्च आने से बचत नही हो पाएगी। आज किसी की सहायता मजबूरी में करेंगे। बाहर घूमने का आयोजन होगा धार्मिक कार्यो पर खर्च बढेगा।
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*आ रहा है मोदी का दूसरा झटका,*

*एक्ट 30-ए समाप्त हो सकता है-।*

मोदी जी नेहरू ने हिन्दुओं के साथ किये हुये विश्वासघात को सुधारने के लिए पुरी तरंह से तैयार हैं।

*क्या आपने “कानून 30” और कानून “30 ए” सुना है ?* 

क्या आप जानते हैं *”30A”* का हिन्दी में क्या मतलब होता है ?                  

अधिक जानने के लिए देर न करें ⬇️

*30-A* संविधान में निहित एक कानून है।

जब नेहरू ने इस कानून को संविधान में शामिल करने की कोशिश की तो सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इसका कड़ा विरोध किया।

सरदार पटेल ने कहा, *”यह कानून हिन्दुओं के साथ विश्वासघात है,* इसलिए अगर यह कानून संविधान में लाया गया, तो मैं कैबिनेट और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दूंगा। इसके खिलाफ।

आखिरकार सरदार पटेल की इच्छा के आगे घुटने टेकने पड़े थे नेहरू को।

लेकिन दुर्भाग्य से पता नहीं.. इस घटना के बाद कुछ महीनों में सरदार वल्लभ भाई पटेल की अचानक मौत हो गई..?

*सरदार पटेल की मृत्यु के बाद, नेहरू ने इस कानून को संविधान में तुरंत शामिल किया।*

*30-ए क्या है, मैं आपको इसकी विशेषताएं बता दूँ!…*

इस कानून के अनुसार – हिंदुओं को अपना “हिन्दू धर्म” सिखाने/पढ़ाने की अनुमति नहीं है। *”अधिनियम 30-ए”* उसे अनुमति या अधिकार नहीं देता है…..

इसलिए हिन्दुओं को अपने निजी कॉलेजों में हिंदू धर्म नहीं पढ़ाना चाहिए।

 हिंदू धर्म सिखाने/पढ़ाने के लिए कॉलेज शुरू नहीं होने चाहिए। हिन्दू स्कूलों को हिंदू धर्म सिखाने के लिए शुरू नहीं किया जाना चाहिए। एक्ट 30-ए के तहत पब्लिक स्कूलों या कॉलेजों में हिन्दू धर्म संस्कृती पढ़ाने की किसी को अनुमति नहीं है।

यह अजीब लगता है, (30-ए) नेहरू ने अपने संविधान में एक और कानून बनाया *”कानून 30″*। इस “कानून 30” के अनुसार मुसलमान, सिख और ईसाई अपनी धार्मिक शिक्षा के लिए इस्लामी, सिख, ईसाई धार्मिक स्कूल शुरू कर सकते हैं।

मुसलमान, सिख और ईसाई अपना धर्म सिखा सकते हैं।

कानून 30 मुसलमानों को अपना ‘मदरसा’ शुरू करने का पूरा अधिकार और अनुमति देता है और संविधान का अनुच्छेद 30 ईसाइयों को अपने धार्मिक स्कूल और कॉलेज स्थापित करने और पढ़ाने और सिखाने का पूरा अधिकार और अनुमति देता है। फ्री में अपने धर्म का प्रचार करो… इसका दूसरा कानूनी पहलू यह है कि हिन्दू मंदिरों का सारा पैसा और संपत्ति सरकार के विवेक पर छोड़ी जा सकती है, हिन्दू मंदिरों में हिंदू भक्तों द्वारा किए गए सभी धन और अन्य दान को राज्य के खजाने में ले जाया जा सकता है।

वहीं मुस्लिम और ईसाई मस्जिदों से दान और भिक्षा केवल ईसाई-मुस्लिम समुदाय के लिए दी जाती है। इस *”कानून 30″* की विशेषताएं इस प्रकार हैं।

इसलिए,*अधिनियम 30-ए”और अधिनियम 30″* हिन्दुओं के साथ जानबूझकर भेदभाव और सोच सझकर व्यवस्थित बहुत बड़ा किया हुआ विश्वासघात है।

यह बात सभी को अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि आज हिन्दू लोक कथाओं तक सीमित है। हिन्दुओं को अपने शास्त्रों का ज्ञान नहीं है। *जानिए*

दूसरों के प्रति जागरूकता आइए हम सभी सनातन धर्म की रक्षा करें। पढ़ें, सीखें और आगे फैलाएं..

यह *अनुच्छेद 30-ए* के कारण है 

कि हम अपने देश में कहीं भी *भगवद गीता* नहीं पढ़ा सकते हैं।

ऊपर पढ़ें और इसे अवश्य फॉरवर्ड करें। ताकि सबको पता चले कि नेहरु ने ऐसा किस लिए और क्यों किया ?🪷(साभार वटसैप)

क्या आप जानते है विश्व की सबसे ज्यादा सम्रद्ध भाषा कौनसी है…..

 तनिक संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।-

*क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।*

*तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।*

अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन? राजा मय! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।

श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के *सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाये दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार*। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है!

पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल एक अक्षर से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है, किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में *केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है* और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है-

*न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।*

*नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥*

अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्!

एक और उदहारण है।-

*दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः*

*दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः*

अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खण्डन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया।

है ना खूबसूरत? इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में *केवल 2 अक्षर* से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असम्भव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये –

*भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे*

*भेरीरे भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।*

अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है।

एक और उदाहरण-

*क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।*

*कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥*

अर्थात- क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]।

पुनः क्या किसी भाषा मे केवल *तीन अक्षर* से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है!

उदहारण-

*देवानां नन्दनो देवो नोदनो वेदनिंदिनां*

*दिवं दुदाव नादेन दाने दानवनंदिनः।।*

अर्थात- वह परमात्मा [विष्णु] जो दूसरे देवों को सुख प्रदान करता है और जो वेदों को नहीं मानते उनको कष्ट प्रदान करता है। वह स्वर्ग को उस ध्वनि नाद से भर देता है, जिस तरह के नाद से उसने दानव [हिरण्यकशिपु] को मारा था।

अब इस छंद को ध्यान से देखें इसमें पहला चरण ही चारों चरणों में चार बार आवृत्त हुआ है, लेकिन अर्थ अलग-अलग हैं, जो यमक अलंकार का लक्षण है। इसीलिए ये महायमक संज्ञा का एक विशिष्ट उदाहरण है –

विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणा विकाशमीयुर्जतीशमार्गणा:।

विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणा विकाशमीयुर्जगतीशमार्गणा:॥

अर्थात- पृथ्वीपति अर्जुन के बाण विस्तार को प्राप्त होने लगे, जबकि शिवजी के बाण भंग होने लगे। राक्षसों के हंता प्रथम गण विस्मित होने लगे तथा शिव का ध्यान करने वाले देवता एवं ऋषिगण (इसे देखने के लिए) पक्षियों के मार्गवाले आकाश-मंडल में एकत्र होने लगे।

जब हम कहते हैं की संस्कृत इस पूरी दुनिया की सभी प्राचीन भाषाओं की जननी है तो उसके पीछे इसी तरह के खूबसूरत तर्क होते हैं। यह विश्व की अकेली ऐसी भाषा है, जिसमें “अभिधान- सार्थकता” मिलती है अर्थात् अमुक वस्तु की अमुक संज्ञा या नाम क्यों है, यह प्रायः सभी शब्दों में मिलता है। जैसे इस विश्व का नाम संसार है तो इसलिये है क्यूँकि वह चलता रहता है, परिवर्तित होता रहता है-

संसरतीति संसारः गच्छतीति जगत् आकर्षयतीति कृष्णः रमन्ते योगिनो यस्मिन् स रामः इत्यादि।

जहाँ तक मुझे ज्ञान है विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है।

Good का अर्थ अच्छा, भला, सुन्दर, उत्तम, प्रियदर्शन, स्वस्थ आदि है किसी अंग्रेजी विद्वान् से पूछो कि ऐसा क्यों है तो वह कहेगा है बस पहले से ही इसके ये अर्थ हैं क्यों हैं वो ये नहीं बता पायेगा।

ऐसी सरल और स्मृद्ध भाषा जो सभी भाषाओं की जननी है आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बहुत चिंताजनक है। लेकिन अंग्रेजों के गुलाम ‘THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG’ पर ही अटक गये हैं। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए, रोचक बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया जिसमे चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से पूर्ण हो रहा है।

लोक कल्याण के लिए महामृत्युंजय मंत्र का प्राकट्य कैसे हुआ , किसने दिया महामृत्युंजय मंत्र  और जाने इसकी शक्ति..? अवश्य पढ़े 🙏

शिवजी के अनन्य भक्त मृकण्ड ऋषि संतानहीन होने के कारण दुखी थे विधाता ने उन्हें संतान योग नहीं दिया था

मृकण्ड ने सोचा कि महादेव संसार के सारे विधान बदल सकते हैं. इसलिए क्यों न भोलेनाथ को प्रसन्नकर यह विधान बदलवाया जाए…

मृकण्ड ने घोर तप किया भोलेनाथ मृकण्ड के तप का कारण जानते थे इसलिए उन्होंने शीघ्र दर्शन न दिया लेकिन भक्त की भक्ति के आगे भोले झुक ही जाते हैं…महादेव प्रसन्न हुए. उन्होंने ऋषि को कहा कि मैं विधान को बदलकर तुम्हें पुत्र का वरदान दे रहा हूं लेकिन इस वरदान के साथ हर्ष के साथ विषाद भी होगा…

भोलेनाथ के वरदान से मृकण्ड को पुत्र हुआ जिसका नाम मार्कण्डेय पड़ा. ज्योतिषियों ने मृकण्ड को बताया कि यह विलक्ष्ण बालक अल्पायु है. इसकी उम्र केवल 12 वर्ष है…ऋषि का हर्ष विषाद में बदल गया. मृकण्ड ने अपनी पत्नी को आश्वत किया- जिस ईश्वर की कृपा से संतान हुई है वही भोले इसकी रक्षा करेंगे. भाग्य को बदल देना उनके लिए सरल कार्य है…

मार्कण्डेय बड़े होने लगे तो पिता ने उन्हें शिवमंत्र की दीक्षा दी. मार्कण्डेय की माता बालक के उम्र बढ़ने से चिंतित रहती थी. उन्होंने मार्कण्डेय को अल्पायु होने की बात बता दी…मार्कण्डेय ने निश्चय किया कि माता-पिता के सुख के लिए उसी सदाशिव भगवान से दीर्घायु होने का वरदान लेंगे जिन्होंने जीवन दिया है. बारह वर्ष पूरे होने को आए थे…

मार्कण्डेय ने शिवजी की आराधना के लिए महामृत्युंजय मंत्र की रचना की और शिव मंदिर में बैठकर इसका अखंड जाप करने लगे

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

समय पूरा होने पर यमदूत उन्हें लेने आए. यमदूतों ने देखा कि बालक महाकाल की आराधना कर रहा है तो उन्होंने थोड़ी देर प्रतीक्षा की. मार्केण्डेय ने अखंड जप का संकल्प लिया था.

यमदूतों का मार्केण्डेय को छूने का साहस न हुआ और लौट गए. उन्होंने यमराज को बताया कि वे बालक तक पहुंचने का साहस नहीं कर पाए…इस पर यमराज ने कहा कि मृकण्ड के पुत्र को मैं स्वयं लेकर आऊंगा. यमराज मार्कण्डेय के पास पहुंच गए…

बालक मार्कण्डेय ने यमराज को देखा तो जोर-जोर से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग से लिपट गया…यमराज ने बालक को शिवलिंग से खींचकर ले जाने की चेष्टा की तभी जोरदार हुंकार से मंदिर कांपने लगा.एक प्रचण्ड प्रकाश से यमराज की आंखें बंद हो गईं…

शिवलिंग से स्वयं महाकाल प्रकट हो गए.उन्होंने हाथों में त्रिशूल लेकर यमराज को सावधान किया और पूछा तुमने मेरी साधना में लीन भक्त को खींचने का साहस कैसे किया??

यमराज महाकाल के प्रचंड रूप से कांपने लगे.उन्होंने कहा- प्रभु मैं आप का सेवक हूं.आपने ही जीवों से प्राण हरने का निष्ठुर कार्य मुझे सौंपा है…भगवान चंद्रशेखर का क्रोध कुछ शांत हुआ तो बोले- मैं अपने भक्त की स्तुति से प्रसन्न हूं और मैंने इसे दीर्घायु होने का वरदान दिया है. तुम इसे नहीं ले जा सकते..

यम ने कहा- प्रभु आपकी आज्ञा सर्वोपरि है.मैं आपके भक्त मार्कण्डेय द्वारा रचित महामृत्युंजय का पाठ करने वाले को त्रास नहीं दूंगा..

महाकाल की कृपा से मार्केण्डेय दीर्घायु हो गए.उनके द्वारा रचित महामृत्युंजय मंत्र काल को भी परास्त करता है..!!

    *🙏🏿🙏🙏🏻ॐ नमः शिवाय*🙏🏼🙏🏽🙏🏾

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इंदिरा गांधी ने इस आतंकवादी को तैयार किया और आज कनाडा खालिस्तानी आतंकवादी को नागरिक कहता है*पंजाब में आतंकवाद के दौर में खालिस्तान आंदोलन की आवाज को उठाने वाले जरनैल सिंह भिंडरांवाला*

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मैं उस समय कनाडा में तैनात था।

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*रॉ में अधिकारी रहे जीबीएसस सिद्धू का सनसनीखेज खुलासा*

अगले 365 दिन या 600 दिन में कनाडा पाकिस्तान बन जाएगा क्योंकि मोदी जी २०२४ में भी वापस आ रहे हैं* 

बुरी तरह फंस सकते हैं उदय स्टालिन !

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद जम्मू के कोर्ट की स्टालिन पर बड़ी कार्रवाई।

सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले उदय स्टालिन के खिलाफ कार्रवाई शुरू।

जम्मू के कोर्ट ने स्टालिन के खिलाफ शुरू की अपराधिक कार्यवाही।