कलयुग के द्वितीय चरण में गंगा धरती से लुप्त जायेगी

अंतिम सांस ले रही हूँ मैं, बस कुछ दिन ही और दिखूंगी !
दुर्बल तन पर इतने बंधन, कितने दिन तक और सहूँगी !
अन्तरमन है चूर थकन से, क्या उछलूँ, मैं क्या लहराऊँ ?
दुर्दिन की इस व्यथा-कथा को, किससे जाकर कहाँ सुनाऊँ ?कोतवाली ज्वालापुर से सुभाष नगर जाने वाले रास्ते में पड़ने वाले सीवेज पम्पिंग स्टेशन जो सफ़ेद हाथी बना खड़ा है ??

आज जब मैं सीवेज पम्पिंग स्टेशन देखने गया तो बंद पड़ा और सारा सीवर माँ गंगा में जा रहा था और माँ गंगा के पवित्र जल को दूषित कर रहा था | क़िस तरह यहाँ के अधिकारी माँ गंगा से जुड़ी करोड़ों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे है यह किसी को मालूम भी नहीं है क्या हो रहा है किसी को पता ही नहीं? भगवान् इन सभी अधिकारी, नेताओं, अखाड़ों और धार्मिक सस्थाओं को सद्बुधि प्रदान करें ?माँ गंगा आप सभी कि है माँ गंगा को बचाने की कोशिश अवश्य करें ??

संभवतया ऐसी गंदगी को देख और कल युगी पुरुषों द्वारा गंगा के निरादर को समझते हुए भविष्य पुराण के रचनाकार ने लिखा है कि कलयुग के प्रथम चरण में ग्राम देवता और द्वितीय चरण में गंगा धरती से लुप्त हो जाएगी इस दृश्य को देखकर मुझे लगता है कि निश्चित रूप से यह भविष्यवाणी 100% सही है इसलिए यदि गंगा बचानी है तोहर घर की नाली को साफ करना होगा कूड़ा सुनियोजित ढंग से निस्तारण करने की प्रत्येक घर को ट्रेनिंग देनी होगी और घर की नालियों से लेकर गधेरों और गंगा तक गंदगी फैलाने वाले को तत्काल दंडित करना होगा जुर्माना लगाना होगा जेल भेजना होगा साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों पर भी गंदगी फैलाने के कारण लायबिलिटी फिक्स करनी होगी और अधिकारियों को को भी दंडित करना पड़ेगा तब जाकर गंगा थोड़ी कुछ दिन लंबी चल सकती है अन्यथा गंगा की मौत तय है और गंगा के साथ ही भारतीय भारतीय संस्कृति और भारतीय मानस की मौत भी तय है क्योंकि गंगा सिर्फ एक नदी नहीं पूरा जीवन चक्र है। जय गंगे माता।