ब्रह्माण्डं के रहस्य खोलने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हाकिस्न के बाद कौन उठायेगा रहस्यों से पर्दा?

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एक महान वैज्ञानिक का यूँ चला जाना।जाते जाते कई नई खोजें कर गए। ऐसे महान वैज्ञानिक को नमन विनम्र श्रद्धांजलि। अलविदा हॉकिंग।
स्टीफन विलियम हॉकिंग (८ जनवरी १९४२– १४ मार्च २०१८)[1]), एक विश्व प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक विज्ञानी,[2]ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र (Centre for Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक थे।
स्टीफ़न हॉकिंग
Stephen Hawking
जन्म
स्टीफ़न विलियम हॉकिंग
8 जनवरी 1942
ऑक्सफोर्ड, इंग्लैण्ड
मृत्यु
14 मार्च 2018
आवास
यूनाइटेड किंगडम
राष्ट्रीयता
ब्रितानी
क्षेत्र
सामान्य आपेक्षिकता
क्वांटम गुरुत्व
संस्थान
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
पेरिमीटर इंस्टिट्यूट फॉर थ्योरेटिकल फिजिक्स
शिक्षा
यूनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड
ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज
डॉक्टरी सलाहकार
डेनिस स्कियमा
अन्य अकादमी सलाहकार
रॉबर्ट बर्मन
डॉक्टरी शिष्य
राफेल बौस्सो
फेदोव्कर
गैरी गिबन्स
डॉन पेज
मैल्कम पेरी
प्रसिद्धि
हॉकिंग विकिरण
विचित्रता प्रमेय
अ ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ टाइम (1988) (समय का संक्षिप्त इतिहास)
उल्लेखनीय सम्मान
अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार (1978)
वॉल्फ प्राइज़ (1988)
प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवाडर्स (1989)
कोप्ले मेडल (2006)
प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम (2009)
विशिष्ट मूलभूत भौतिकी पुरस्कार (2012)
प्रारंभिक जीवन
स्टीफ़न हॉकिंग का जन्म ८ जनवरी १९४२ को फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग के घर में हुआ।[3][4] परिवार वित्तीय बाधाओं के बावजूद, माता पिता दोनों की शिक्षा ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में हुई जहाँ फ्रेंक ने आयुर्विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की और इसाबेल ने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया।[4] वो दोनों द्वितीय विश्व युद्ध के आरम्भ होने के तुरन्त बाद एक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में मिले जहाँ इसाबेल सचिव के रूप में कार्यरत थी और फ्रेंक चिकित्सा अनुसंधानकर्ता के रूप में कार्यरत थे।
कार्य
स्टीफ़न हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में अहम योगदान दिया। उन्हें 12 मानद डिग्रियाँ और अमरीका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान प्राप्त हुये।
मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मैंने ब्रह्माण्ड को समझने में अपनी भूमिका निभाई। इसके रहस्य लोगों के खोले और इस पर किये गये शोध में अपना योगदान दे पाया। मुझे गर्व होता है जब लोगों की भीड़ मेरे काम को जानना चाहती है।
—स्टीफ़न हॉकिंग
इच्छामृत्यु पर विचार
लगभग सभी मांसपेशियों से मेरा नियंत्रण खो चुका है और अब मैं अपने गाल की मांसपेशी के जरिए, अपने चश्मे पर लगे सेंसर को कम्प्यूटर से जोड़कर ही बातचीत करता हूँ।
—स्टीफ़न हॉकिंग
निधन
, 14 मार्च 2018 की सुबह सुबह अपने घर कैंब्रिज में हॉकिंग की मृत्यु हो गई। लेकिन हर सवाल को सुलझाने वाले ब्रह्माण्डं के रहस्य खोलने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हाकिस्न एक  बडा़ सवाल सदैव के लिए अनुत्तरित ही छोड़ गयेे कि अब कौन उठायेगा रहस्यों से पर्दा?