*”गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः ।*
*गुरु साक्षात परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः*
*गुरु ब्रह्मा हैं, गुरु विष्णु हैं, गुरु देव महेश्वर (शिव)हैं । गुरुवास्तव में पर -ब्राह्मण (सर्वोच्च ब्रह्म) हैं ; उस गुरु को प्रणाम ।* *अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् । तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः*
*जिसका रूप अविभाज्य संपूर्ण उपस्थितिहै, और जिसके द्वारा चरऔर अचर प्राणी व्याप्त हैं, जिसके द्वारा प्रकट होता है(अनुग्रह से) वह चरण (अविभाज्य उपस्थिति का); उस गुरु को प्रणाम*
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5126
विक्रम संवत्……………………2081
शक संवत्………………………1946
मास……………………………आषाढ़
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी…………………………..पूर्णिमा
दोप 03.43 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि…………………………दक्षिणायन
सूर्योदय (इंदौर)…प्रातः 05.53.32 पर
सूर्यास्त………….संध्या 07.13.26 पर
सूर्य राशि………………………….कर्क
चन्द्र राशि………………………….धनु
गुरु राशि…………………………वृषभ
नक्षत्र………………………..उत्तराषाढ़ा
रात्रि 12.04 पर्यंत पश्चात श्रवण
योग……………………………विष्कुम्भ
रात्रि 09.07 पर्यंत पश्चात प्रीती
करण……………………………….बव
दोप 03.43 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु………………………(शचि) ग्रीष्म
दिन…………………………….रविवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
21 जुलाई सन 2024 ईस्वी ।
⚜️ *तिथि विशेष :-*
📜 *गुरु पूर्णिमा -*
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहते हैं। भारत भर में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन गुरुपूजा का विधान है।
आज के दिन महर्षि वेद व्यासजी की पूजा की जाती है। हमें वेदों का ज्ञान देने वाले व्यासजी ही हैं। अतः वे हमारे आदिगुरु हुए। इसीलिए गुरुपूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
सांसरिक विषयों का ज्ञान देने वाला शिक्षक होता है पर जो तत्व ज्ञान से अवगत कराये उसे ही गुरु कहा जाता है। हमारे धर्म ग्रंथों में गुरु मे गु का अर्थ अन्धकार या अज्ञान और रू का अर्थ प्रकाश (अन्धकार का निरोधक) । अर्थात् अज्ञान को हटा कर प्रकाश (ज्ञान) की ओर ले जाने वाले को गुरु कहा जाता हैं। गुरू की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार होता है गुरू की कृपा के बिना कुछ भी सम्भव नहीं है । गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व गुरु के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने मनाया जाता है।
☸ शुभ अंक………………………3
🔯 शुभ रंग…………………….नीला
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*दोप 12.06 से 12.59 तक।
👁🗨 *राहुकाल :-*संध्या 05.29 से 07.08 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कर्क* 05:35:25 07:51:38
*सिंह* 07:51:38 10:03:27
*कन्या* 10:03:27 12:14:06
*तुला* 12:14:06 14:28:44
*वृश्चिक* 14:28:44 16:44:54
*धनु* 16:44:54 18:50:31
*मकर* 18:50:31 20:37:37
*कुम्भ* 20:37:37 22:11:10
*मीन* 22:11:10 23:42:22
*मेष* 23:42:22 25:23:06
*वृषभ* 25:23:06 27:21:45
*मिथुन* 27:21:45 29:35:25
🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.35 से 09.14 तक चंचल
प्रात: 09.14 से 10.53 तक लाभ
प्रात: 10.53 से 12.32 तक अमृत
दोप. 02.11 से 03.50 तक शुभ
सायं 07.07 से 08.29 तक शुभ
संध्या 08.29 से 09.50 तक अमृत
रात्रि 09.50 से 11.11 तक चंचल ।
💮 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ अर्काय नम: ॥
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (सप्तमोऽध्यायः – ज्ञानविज्ञानयोग:) -*
इच्छाद्वेषसमुत्थेन द्वन्द्वमोहेन भारत ।
सर्वभूतानि संमोहं सर्गे यान्ति परन्तप ॥७- २७॥
अर्थात :
हे भरतवंशी अर्जुन! संसार में इच्छा और द्वेष से उत्पन्न सुख-दुःखादि द्वंद्वरूप मोह से सम्पूर्ण प्राणी अत्यन्त अज्ञता को प्राप्त हो रहे हैं॥27॥
🍃 *आरोग्यं परामर्श :-*
*विटामिन सी के लाभ : -*
*2. त्वचा को नमी देता है -*
विटामिन सी नमी को बरकरार रखकर आपकी त्वचा को मुलायम बनाए रखता है। इसमें उपलब्ध एप्रीकॉट ऑइल त्वचा को जरूरी पोषक तत्व देता है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। अनहोनी की आशंका रहेगी। शत्रुभय रहेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। कोई नई समस्या आ सकती है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
रुके हुए कार्यों में गति आएगी। घर-बाहर सभी अपेक्षित कार्य पूर्ण होंगे। दूसरों के कार्य की जवाबदारी न लें। वाणी पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। पार्टनरों से मतभेद संभव है। व्यवसाय ठीक चलेगा। समय नेष्ट है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। छोटे भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। स्थायी संपत्ति खरीदने-बेचने की योजना बन सकती है। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। लेन-देन में सावधानी रखें। शत्रुओं का पराभव होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। भय रहेगा। प्रमाद न करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यापार में अधिक लाभ होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। मातहतों से अनबन हो सकती है। कुसंगति से हानि होगी। पारिवारिक समस्याओं में इजाफा होगा। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। भागदौड़ रहेगी। दूर से बुरी खबर मिल सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते कामों में बाधा हो सकती है। दूसरों से अपेक्षा न करें।
👩🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। किसी बड़े काम करने की योजना बनेगी। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। पुराने किए गए प्रयासों का लाभ मिलना प्रारंभ होगा। मित्रों की सहायता कर पाएंगे।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। सुख के साधन जुटेंगे। पराक्रम बढ़ेगा। घर में मेहमानों का आगमन होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यय होगा। किसी पारिवारिक आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। शत्रु परास्त होंगे।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों के कार्य में दखल न दें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। लाभ बढ़ेगा। यात्रा में सावधानी रखें। जल्दबाजी से हानि होगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। पुराना रोग उभर सकता है।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। व्यापार में वृद्धि होगी। कोई बड़ी बाधा आ सकती है। राजभय रहेगा। जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
सभी तरफ से सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। आय बढ़ेगी। घर में प्रसन्नता रहेगी। ऐश्वर्य पर व्यय हो सकता है। नई योजना बनेगी जिसका लाभ तुरंत नहीं मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। चिंता तथा तनाव हावी रहेंगे।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
व्यापार लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा। बेचैनी रहेगी। चोट व रोग से बचें। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के काम बनेंगे। अध्यात्म में रुचि बढ़ेगी।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
#मनुष्य मनु की संतति के संदर्भ में प्रयुक्त होता है इसी कारण वे मानव या मनुष्य कहलाए। स्वायंभुव मनु को आदि पुरूष भी कहा जाता है, आदि का अर्थ होता है प्रारंभ। अन्य भाषाओं के मनुष्य-वाची शब्द मैन, मनुज, मानव, आदि सभी मनु शब्द से ही उत्प्रेरित हैं।
#धर्म शब्द की उत्पत्ति ‘धृ’ धातु से हुई है, जिसका अर्थ है धारण करना। #ऋग्वेद में हृदय में धारित सर्वकालिक सार्वभौम सत्य को धर्म कहा गया है ‘दया धर्मस्य मूलम्’ अर्थात् संसार के समस्त प्राणियों के लिए हृदय दया और करूणा ही धर्म है।
कुछ लोगों द्वारा धर्म शब्द के संदर्भ में लिखा जाता है जाति धर्म का खोल ओढ़ने से वैमनस्यता बढ़ती है।
धर्म के स्थान पर #मजहब शब्द लिखें तो तब उसका सही अर्थ बैठता। वैमनस्यता’ धर्म’ नहीं ‘मजहब’ सिखाता है मजहब ही सिखाता है आपस में बैर रखना। जिनकी किताब में स्पष्ट लिखा है कि गैर मजहबी #काफिर है और काफिरों की हत्या जायज है। बुतपरस्ती हराम है आदि इत्यादि। इसके लिए बाकायदा संसार भर में अलकायदा हमास सिम्मी पीएफआई, लश्कर जैसे २०००से अधिक इस्लामी संगठन हैं जिनका एक ही घोषित उद्देश्य है गैर मुस्लिमों की हत्या #इदउलअजहा अर्थात् #बकरीद के दिन मजहब का वास्तविक रूप पूरी दुनियाँ देखती है जब करोड़ों प्राणियों का मजहब के नाम पर जिबह कर दिया जाता है अर्थात गले पर छुरी चला कर उन्हे तड़पा तड़पा कर मारा जाता है, उस दिन संसार के सभी इंसानों की दया करूणा भाईचारा घास चरने चली जाती है यहाँ तक कि मेनका गांधी #पेटा और वो सभी सैक्युलर जो दिपावली पर पटाखों से कुत्तों के लिए तंग होने पर ज्ञान देते हैं बकरीद पर दुम दबा कर अपने बिल में दुबक जाते हैं। वास्तव में देखा जाय तो यह गैर मुस्लिमों की हत्या के लिये प्रशिक्षण है दया करूणा के लिए मजहब में कोई स्थान नहीं है और भाईचारा केवल अपने मजहब के लोगों के संदर्भ में प्रयुक्त शब्द है गैर मुस्लिमों के लिए तो काफिर शब्द है।
तो फिर आपने धर्म शब्द का प्रयोग किसी पंथ या मजहब के संबंध में जानबूझ कर या अनजाने में किया जाना दोनों असंदर्भित है
अब जाति व्यवस्था पर भी दो शब्द मानव सभ्यता अर्थात सनातन धर्म संस्कृति में जाति व्यवस्था नहीं है वर्ण व्यवस्था है जो स्वेच्छा से कार्यों को वरण करने के लिए तत्समय की आवश्यकता रही होगी जो परिवर्तनीय रही है। कार्यों के वरण की स्वतंत्रता के लिये वर्ण व्यवस्था है और ये भी कहा गया है सभी कार्य समान हैं कार्य विभेद नहीं है।आप अपने जीवन में किसी भी कार्य के वरण करने के लिए अर्हत हैं जैसे राजा कौशिकी क्षत्रीय होते हुए भी ब्राहमण ऋषि विश्वामित्र बने। और ब्राहमण द्रोणाचार्य क्षात्रधर्म अपनाने के कारण क्षत्रीय बने बाल्मीकि को तो भगवान का स्तर प्राप्त है। सनातन धर्म संस्कृति में जातियों का कोई अस्तित्व नहीं है धर्म में जाति शब्द है ही नहीं। भारत में जाति व्यवस्था मुस्लिम आक्रांताओं की देन है जब उन्होंने ने मुस्लमान नहीं बनने वाले क्षत्रियों और ब्राह्मणों को अपने हरम में पाखाना उठाने के कार्य पर लगाया, तब धर्म भंग होने के कारण वे ‘भंगी’ कहलाये उससे पहले भारत में यह शब्द प्रचलित नहीं था क्योंकि स्वच्छता सभी व्यक्तियों का पहला कार्य था। अंग्रेजों ने जातियों को इसलिए बढावा दिया ताकि हिन्दुओं को जातिगत आधार पर बांट कर राज कर सकें। स्वतंत्रता के बाद भी क्यों संविधान की अधिकांश धाराएं अंग्रेजों के समय की हैं इसलिए जाति संविधान में यथावत रखी गई है ताकि काले अंग्रेज भी बांटो और राज करो की राजनीति कर सकें। कुछ समय इंदिरा गांधी ने नारा दिया ‘जात पर न पात पर मुहर लगेगी हाथ पर’ लेकिन फिरोज खान का पोता राहुल गांधी फिर जातिगत आधार पर गणना करने पर अड़ा है, ये है जातिवाद जिस पर कलम चलाने की आवश्यकता है। संविधान से जातीय और मजहबी विसंविधान हटाते ही भारत में एकता आ जायेगी। कुंभ में सभी बड़े मंदिरों में कांवड़ में जातिय विभेद दिखता है कहीं नहीं ना इसलिए समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है। इसकी मांग प्रत्येक भारतीय को करनी चाहिए।
किरण कनौजिया भारत की पहली महिला ब्लेड रनर हैं, जिन्होंने अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए अद्वितीय साहस और धैर्य का परिचय दिया है। उनका जीवन संघर्ष और प्रेरणा की एक अद्वितीय कहानी है। 🌸💪
किरण कनौजिया का जन्म और पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में हुआ। एक साधारण परिवार में जन्मी किरण ने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया। उनका सपना था कि वे एक दिन बड़ी सफलता प्राप्त करें। लेकिन जीवन ने उनके सामने एक बड़ी चुनौती रखी। 🚶♀️💔vr
2011 में, एक भयावह सड़क दुर्घटना में किरण का एक पैर खो गया। यह घटना उनके जीवन का सबसे कठिन समय था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी आत्मा में अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय था। उन्होंने प्रोस्थेटिक पैर (ब्लेड) का सहारा लिया और फिर से चलने और दौड़ने का संकल्प लिया। 🙏❤️vr
किरण ने अपनी शारीरिक अक्षमता को अपनी ताकत में बदल दिया। उन्होंने प्रोस्थेटिक ब्लेड के साथ दौड़ना शुरू किया और जल्द ही वे भारत की पहली महिला ब्लेड रनर बन गईं। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्धि दिलाई। 🏃♀️🌟vr
किरण कनौजिया ने अपने अनुभवों के माध्यम से दूसरों को प्रेरित किया है। वे विभिन्न मंचों पर अपने संघर्ष और सफलता की कहानी साझा करती हैं और लोगों को उनके सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित णकरती हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी भी कठिनाई का सामना धैर्य और साहस से किया जा सकता है। 🌸💖
**किरण कनौजिया को बधाईयाँ ! 🌟❤️**