मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी ने गुरू नानक जयन्ती की दी शुभकामनाएँ, कल है खग्रास व खण्डग्रास चंद्र ग्रहण सूतक सूर्योदय से होगा आरंभ , चुनाव प्रचार हेतु गुजरात पंहुचे सतपाल महाराज का हुआ भव्य स्वागत, उत्तराखंड की किरण नेगी के गैंगरेप व हत्या के आरोपी सुप्रीम कोर्ट से बरी,

*गुरूनानक जी के प्रकाशोत्सव पर मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामना।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरु नानक जी के प्रकाशोत्सव एवं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए इस प्रकाश उत्सव पर प्रदेशवासियों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि की भी कामना की है।

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि गुरु नानक जी ने समाज में ऊंच नीच, भेदभाव, वैमनस्यता को दूर करने तथा सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गुरु नानक जी द्वारा दिए गए सामाजिक समरसता, एकता, शान्ति एवं सौहार्द का संदेश आज पहले से भी अधिक प्रासंगिक हैं।

*🌹चंद्र ग्रहण कब है? खास बातें🌹*
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*🌑 वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022, मंगलवार के दिन कल पड़ेगा। इस बार देव दीपावली के दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, लेकिन विद्वानों ने देव दीपावली को एक दिन पहले मनाने का फैसला किया है, तथा यह दिन 7 नवंबर 2022 को रखा है। आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण इस बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन लग रहा है और इसी के चलते देव दीपावली एक दिन पहले यानी चंद्र ग्रहण के सूतक काल से पहले ही देव दीपावली पर्व मनाया जाएगा।**चन्द्रग्रहण 8_नवंबर_2022 का समय, नियम और प्रभाव की जानकारी*। 

दिनांक 8 नवंबर 2022, कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, मंगलवार को चन्द्रग्रहण है। 

यह ग्रहण भारत में ग्रस्तोदित (यानि ग्रहण लगा हुआ चन्द्रमा उदित होगा) खग्रास व खण्डग्रास चन्द्रग्रहण के रूप में दिखाई देगा।

चूँकि ग्रस्तोदित ग्रहण है इसलिए इसका सूतक सूर्योदय से ही लग जायेगा।

जयपुर में 

चन्द्रग्रहण प्रारम्भ – 14:39 पर

खग्रास प्रारम्भ – 15:46 पर

ग्रहण मध्य – 16:29 पर

खग्रास पूर्ण – 17:12 पर

ग्रहण समाप्ति – 18:19 पर

चन्द्रग्रहण का सूतक प्रातः सूर्योदय से प्रारम्भ हो जाएगा। भारत में स्थान विशेष से चन्द्रोदय के समय में भिन्नता के कारण ग्रहण के स्पर्श और मोक्ष आदि समयों में भिन्नता होगी। जयुपर में चन्द्रोदय रात्रि 17:40, ग्रहण का खग्रास पूर्ण सायं 17:12 तथा ग्रहण मोक्ष रात्रि 18:19 पर होगा। 

शुद्धि स्नान (वस्त्रों सहित), पूजन तथा भोजन 8 नवंबर 2022 को सायं 18:19 बजे ग्रहण मोक्ष के बाद होगा। बाद में गंगाजल-गौमूत्र से सम्पूर्ण घर में शुद्धि करनी चाहिए।

 

राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश और दक्षिण भारत में यह ग्रहण खण्डग्रास स्थिति में और पूर्वी उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में खग्रास स्थिति में (चन्द्रमा ग्रसित काली थाली की तरह) उदय होता दिखाई देगा। भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण आस्ट्रेलिया, एशिया, पैसेफिक भूभाग, उत्तरी और मध्य अमेरिका में दृश्य होगा। 

 

देश के प्रमुख स्थानों का ग्रहण प्रारम्भ (चन्द्रोदय), मोक्ष

स्थान चन्द्रोदय मोक्ष

जयपुर – 17:40 – 18:19

मथुरा – 17:30 – 18:19

दिल्ली – 17:29 – 18:19

हरिद्वार – 17:22 – 18:19

काशी – 17:10 – 18:19

पटना – 17:00 – 18:19

भुवनेश्वर – 17:05 – 18:19

भोपाल – 17:36 – 18:19

लखनऊ – 17:16 – 18:19

कलकत्ता – 16:52 – 18:19

बैंगलुरु – 17:49 – 18:19

हैदराबाद – 17:40 – 18:19

अहमदाबाद – 17:56 – 18:19

चेन्नई – 17:38 – 18:19

देहरादून – 17:22 – 18:19

मुम्बई – 18:01 – 18:19

 

ग्रहणकाल के सूतक आदि के नियम –

चन्द्रग्रहण का सूतक 9 घण्टे पहले लगता है, परन्तु चन्द्रमा ग्रस्त अवस्था में उदित होता है तो सूर्योदय से ही सूतक होता है। अतः इस ग्रहण का सूतक सूर्योदय से ही लग जायेगा।

सूतक काल में वृद्ध, बालक और रोगी को छोड़कर किसी को भोजन नहीं करना चाहिए। पर ग्रहण आरम्भ होने के एक पहर(3 घण्टे) पहले से बालक, वृद्ध व रोगी को भी भोजन न करना चाहिए। 

सूतक काल में मन्दिर में दर्शन पर्दा ढककर मंगल कर देने चाहिए, व देवमूर्ति आदि का स्पर्श नहीं करना चाहिए। सूतक का पका अन्न ग्रहण करने योग्य नहीं रहता है। पर दूध, दही, घी, जल सूतक में दूषित नहीं होता है, यदि उनमें कुश/डाभ रख दी जाये। जल, सब्जी आदि खाद्य पदार्थों में ग्रहण के पहले कुशा और तिल डाल देने से यह दूषित नहीं होते ।

ग्रहण के समय में सोने, व मल-मूत्र त्याग का भी निषेध कहा गया है। धर्मग्रंथों में कहा है कि, #ग्रहणकाल में सोने से रोग, मूत्रत्याग से दरिद्रता व मलत्याग से अधम योनि, मैथुन से शूकर योनि, उबटन करने से चर्मरोग और भोजन करने से अधोगति मिलती है। 

ग्रहण काल में केवल जप, तप करना चाहिए। 

ग्रहण के आरम्भ से पहले स्नान करना चाहिए, ग्रहण के मध्यकाल में जप, पूजापाठ, हवन, करना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने पर वस्त्रों सहित स्नान करना चाहिए व अन्न, तिल, वस्त्र, स्वर्ण, गौ आदि का यथाशक्ति दान करना चाहिए। ग्रहण समाप्ति के उपरान्त मोक्षस्नान करके ही सूतक समाप्त होता है। सूर्य व चन्द्रग्रहण में श्राद्ध करने का अमोघ फल शास्त्रों में कहा गया है। ग्रहण में श्राद्ध सूखे अन्न, घी व दक्षिणा से संकल्पपूर्वक करना चाहिए।

– हिन्दू धर्म के अनुसार ग्रहण के समय कुछ ऐसी बातें सावधानियां रखने योग्य होती है, जिन्हें ग्रहण काल के समय अवश्य ही रखनी चाहिए।

– चंद्र ग्रहण के बाद नियम का पालन एवं दान करने का विशेष महत्व माना जाता है।

– चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है।

– ग्रहण में लगने वाला सूतक काल एक अशुभ अवधि होती है, जो ग्रहण से पूर्व लगता है और ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है।

– चंद्र ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर से अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए।

– सूतक लगने के बाद पूजा पाठ न करें।

– ग्रहण के दौरान कई शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है।

– चंद्र ग्रहण के सूतक काल के दौरान घर के मंदिर के कपाट बंद कर दें, ताकि देवी-देवताओं पर ग्रहण की काली छाया न पड़ें।

– मंदिर अथवा घर के मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श न करें। नैवेद्य या भोजन अर्पि‍त नहीं किया जाता है।

– दातून न करें।

– कठोर वचन बोलने से बचें।

– बालों व कपड़ों को नहीं निचोड़ें।

– घोड़ा, हाथी की सवारी न करें।

– ग्रहण काल में वस्त्र न फाड़ें।

– कैंची का प्रयोग न करें।

– घास, लकड़ी एवं फूलों को तोड़ने की मनाही है।

– यदि तीर्थ स्थान का जल न हो तो किसी पात्र में जल लेकर तीर्थों का आवाहन करके सिर सहित स्नान करें, स्नान के बाद बालों को न निचोड़ें।

– गाय, बकरी एवं भैंस का दूध दोहन न करें।

– शयन और यात्रा न करें।

*🌒चंद्र ग्रहण के बाद कुछ खास चीजों का दान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर होते हैं तथा जीवन में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं से भी बचाव होता हैं।*
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*ज्योतिष आचार्य पांडुरंगरावशास्त्री*

कैसे बचेगी बेटी जब ? ….. 2012 में दिल्ली के छावला इलाके में 19 साल की उत्तराखंड की रहने वाली लड़की से गैंगरेप और हत्या के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा दी गई फांसी की सजा को पलटा है. निचली अदालत और हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों रवि कुमार, राहुल और विनोद को फांसी की सजा सुनाई थी. बेहद क्रूरता से हत्या कर देने वाले 3 दोषियों की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा है।

*देहरादून/नवसारी।* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से उत्तराखंड में पर्यटन तेज गति के साथ आगे बड़ा और चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या में भी इस बार रिकार्ड वृद्धि हुई है।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के सोमवार को ऐतिहासिक शहर नवसारी (गुजरात) में आयोजित एक कार्यक्रम में बडी संख्या में आये लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।

श्री महाराज ने गुजरात से बडी संख्या में चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से उत्तराखंड में पर्यटन तेजी से आगे बड़ा और चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या में भी इस बार रिकार्ड वृद्धि हुई है। उन्होने गुजरात के लोगों का आभार जताते हुए कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं में सबसे अधिक संख्या गुजरात के श्रद्धालुओं की है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री महाराज ने कहा कि लोक कल्याण की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ओर जहां पूरे भारत में हर किसी व्यक्ति का निःशुल्क कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाई वहीं दूसरी ओर उन्होंने “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना को चरितार्थ करते हुए भारत के साथ-साथ अन्य देशों को भी कोरोना वैक्सीन पहुंचाकर भारत का मस्तक दुनिया में ऊंचा किया।

कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात सतपाल महाराज व उपस्थित लोगों ने गुजरात के मोरबी में केबल पुल हादसे में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखकर अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

*महाराज 9 नवम्बर को हिमाचल में करेंगे चुनावी सभा*

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज 9 नवम्बर (बुद्धवार) को हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशियों के प्रचार में आयोजित होने वाले चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज 9 नवंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में रोहडू (शिमला) से भाजपा प्रत्याशी शशीबाला और रामपुर से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे।