आज का पंचाग आपका राशि फल, लक्षमण रेखा के विज्ञान का रहस्य, बेंजामिन नेतनयाहू फिर होंगे इजरायल के प्रधानमंत्री विषैली विचार धारा को झटका

𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

*मंगलवार, ८ नवम्बर २०२२*

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सूर्योदय: 🌄 ०६:३८
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२५
चन्द्रोदय: 🌝 १७:२१
चन्द्रास्त: 🌜❌️❌️❌️
अयन 🌖 दक्षिणायने
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पूर्णिमा (१६:३१
से प्रतिपदा)
नक्षत्र👉भरणी(२५:३९से कृत्तिका
योग 👉 व्यतीपात (२१:४६
से वरीयान)
प्रथम करण👉बव(१६:३१ तक
द्वितीय करण 👉 बालव
(२८:५० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 मेष
मंगल 🌟 मिथुन
(उदित, पश्चिम, वक्री)
बुध 🌟 तुला
(अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन
(उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (अस्त, पूर्व)
शनि 🌟 मकर
(उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३९ से १२:२२
अमृत काल 👉 २०:३८ से २२:१९
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 २५:३९ से ३०:३७
विजय मुहूर्त 👉 १३:४८ से १४:३२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१४ से १७:३८
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२५ से १८:४४
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३४ से २४:२७
राहुकाल 👉 १४:४३ से १६:०४
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:१८ से १०:३९
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशा शूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 पूर्व
शिववास 👉 शमशान में (१६:३१ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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स्नान-दान पूर्णिमा, भीष्म पंचक व्रत पूर्ण, कार्तिक स्नान पूर्ण, चंद्र ग्रहण (ग्रहण स्पर्श, दिन ०२:३९ से ग्रहण आरम्भ ०३:४६ से, मध्य सायं ०४:२९ से तथा मोक्ष सायं ०६:१९ पर) ग्रहण का सूतक सूर्योदय से आरम्भ हो जाएगा आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २५:३९ तक जन्मे शिशुओ का नाम भरणी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ली, लू, ले, लो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार (अ) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २८:५९ से ०७:२०
वृश्चिक – ०७:२० से ०९:३९
धनु – ०९:३९ से ११:४३
मकर – ११:४३ से १३:२४
कुम्भ – १३:२४ से १४:५०
मीन – १४:५० से १६:१३
मेष – १६:१३ से १७:४७
वृषभ – १७:४७ से १९:४२
मिथुन – १९:४२ से २१:५७
कर्क – २१:५७ से २४:१८
सिंह – २४:१८ से २६:३७
कन्या – २६:३७ से २८:५५
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:३६ से ०७:२०
मृत्यु पञ्चक – ०७:२० से ०९:३९
अग्नि पञ्चक – ०९:३९ से ११:४३
शुभ मुहूर्त – ११:४३ से १३:२४
रज पञ्चक – १३:२४ से १४:५०
शुभ मुहूर्त – १४:५० से १६:१३
शुभ मुहूर्त – १६:१३ से १६:३१
रज पञ्चक – १६:३१ से १७:४७
शुभ मुहूर्त – १७:४७ से १९:४२
चोर पञ्चक – १९:४२ से २१:५७
शुभ मुहूर्त – २१:५७ से २४:१८
रोग पञ्चक – २४:१८ से २५:३९
शुभ मुहूर्त – २५:३९ से २६:३७
मृत्यु पञ्चक – २६:३७ से २८:५५
अग्नि पञ्चक – २८:५५ से ३०:३७
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपके अंदर चंचलता अधिक रहेगी। किसी भी बात पर ज्यादा देर नहीं टिकेंगे इससे आस पास के लोगो को परेशानी हो सकती है साथ ही आपकी प्रतिष्ठा भी कम होगी। कार्य क्षेत्र पर भी विचार निरंतर बदलते रहेंगे जिससे सही निर्णय नहीं ले पाएंगे लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है। आज मन को एकाग्र करके ही लाभ कमाया जा सकता है। आध्यत्म में भी यही स्थिति बनेगी रूचि होने पर भी मन इधर उधर भटकने से कोई लाभ नहीं होगा। पारिवारिक वातावरण अधिक बोलने की प्रवृति के कारण अस्त-व्यस्त रहेगा। घर के लोग आपकी बातों पर जल्दी से यकीन नहीं करेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आप को शांति से बिताने की सलाह है। निरंतर मिल रही असफलताओं से क्षुब्ध होकर जल्दबाजी में कोई गलत फैसला ले सकते हैं। जिसकी भरपाई आने वाले समय में स्वयं के साथ परिजनों को भी करनी पड़ेगी। कार्यक्षेत्र पर असहयोगी वातावरण मिलेगा जिस किसी से भी सहायता की उम्मीद रखेंगे वही टालमटोल करेगा। अंत में स्वयं के बलबूते ही कार्य करना पड़ेगा। व्यवसाई वर्गों को कम समय में अधिक लाभ कमाने के प्रलोभन दिए जाएंगे लेकिन इनसे बचें अन्यथा हानि ही निश्चित है। नौकरी पेशा जातक वश्य अपनी चतुराई से प्रतिकूल परिस्थिति को भी अपने अनुकूल बना लेंगे। घरेलू वातावरण में गर्मागर्मी जिद बहस लगी रहेगी इस कारण घर की तुलना में बाहर समय बिताना अधिक पसंद करेंगे। संध्या बाद स्थिति में बदलाव आने लगेगा धैर्य से समय बिताएं जोखिम वाले कार्यों से दूर रहे शारीरिक कष्ट के साथ सम्मान हानि की भी संभावना है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आप को सार्वजनिक क्षेत्र से लाभ के साथ सम्मान की प्राप्ति कराएगा। स्वभाव में जल्दबाजी भी रहेगी। जो भी कार्य करें बुद्धि विवेक के साथ ही करें तो होने वाले लाभ के प्रतिशत में अवश्य वृद्धि होगी। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर किसी के ऊपर अनैतिक दबाव डालने से बचें विशेषकर कार्य क्षेत्र पर किसी सहकर्मी को डांटना स्वयं के लिए नुकसानदायक हो सकता है। सहकर्मी अथवा अधीनस्थ अवश्य ही कुछ ना कुछ गड़बड़ करेंगे फिर भी आज शांत रहकर सही समय की प्रतीक्षा करें। धन की आमद आवश्यकता अनुसार हो जाएगी लेकिन व्यर्थ के कार्यों मैं वृद्धि होने से अनैतिक खर्च भी बढ़ेंगे। घर में आप के अनुसार वातावरण ना मिलने पर क्रोध आ सकता है। इच्छा पूर्ति ना होने पर मानसिक तनाव आएगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिए कार्य सफलता वाला रहेगा दिन के पहले भाग में जो भी योजना बनाएंगे मध्यांतर थोड़ी दौड़ को उसके बाद उसे पूरा करके ही दम लेंगे स्वभाव में थोड़ी तेजी भी रहे जिससे स्वजनों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं कार्यक्षेत्र पर आकस्मिक लाभ के योग बन रहे हैं। धन की आमद कि जितनी संभावना रहेगी वह अंत समय में किसी न किसी कारण से या तो टलेगी अथवा सोच से कम होगी। दूर रहने वाले जानकार से शुभ समाचार मिलने की संभावना है। आपकी प्रसन्नता ज्यादा देर तक स्थाई नहीं रह पाएगी स्वयं अथवा किसी जानने वाले को शारीरिक कष्ट होने से मानसिक पीड़ा होगी आज यात्रा सोच समझकर ही करें वाहन चलाते समय अधिक सावधानी बरतें दुर्घटना में गंभीर चोट लग सकती है घरेलू कार्य अस्त व्यस्त रहेंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन सुयोग बन रहे है कार्यो में सहज सफलता मिलने से उत्साह बढ़ेगा। भाग्य साथ देने से अटके कार्य पूर्ण होंगे धन की आमद भी रुक रुक कर होती रहेगी। पारिवारिक सदस्यों की कार्य क्षेत्र पर भी सहायता मिलेगी। परन्तु सरकारी कार्य में बाधा आने की संभावना है फिर भी किसी के सहयोग से इसे भी पार कर लेंगे। नौकरी पेशा जातको को अतिरिक्त कार्य सौंपा जा सकता है इसका लाभ भी शीघ्र मिल जायेगा। दूर रहने वाले रिश्तेदारो से मिलने के प्रसंग बनेंगे। पारिवारिक वातावरण में प्रेम एवं निकटता का अहसास होगा। संताने आज्ञा का पालन करेंगी। स्त्री सुख सामान्य रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपका मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक धन कमाना रहेगा। व्यावसायिक कार्य भी निर्बाध्य रूप से चलते रहेंगे आय के एक से अधिक साधन बनेंगे व्यस्तता भी अधिक रहने के कारण बीच बीच में शारीरिक समस्या खड़ी हो सकती है फिर भी आप परवाह किये बिना कार्यो में लगे रहेंगे। धन लाभ आशा के अनुरूप होगा परंतु अंतिम समय में व्यवधान भी आएंगे। कार्य क्षेत्र पर अधीनस्थों पर नजर रखें लापरवाही नुक्सान कराएगी। नौकरी पेशा जातक बेहतर कार्य के लिए पदोन्नत हो सकते है। लेकिन घरेलु वातावरण शंका के कारण ख़राब हो सकता है। स्त्री वर्ग से नाराजगी रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन भी आपके लिए आनंददायक रहेगा आज आप स्वतंत्र विचार रहने के कारण किसी के दबाव में नहीं आएंगे। कोई भी कार्य चाहे वह गलत हो या सही बिना सोचे समझे करेंगे। परिजन अथवा अन्य किसी स्नेही जन के टोकने विरोध पर उतारू हो जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आलस्य प्रमाद फैलाएंगे। अपना कार्य अन्य सहकर्मियों से करवाना आगे भारी पड़ सकता है इसका ध्यान रखें। धन की आमद किसी भी मार्ग से होकर ही रहेगी नैतिक हो या अनैतिक इसका आपके ऊपर प्रभाव नहीं पड़ेगा। धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यों से जुड़ने का अवसर मिलेगा इन में निष्ठा रहेगी लेकिन केवल व्यवहार मात्र के लिए ही समय देंगे। घर में कोई बुजुर्ग अक्समात बीमार पड़ने से अतिरिक्त भागदौड़ करनी पड़ेगी। आवश्यक कार्य को आज के दिन पूरा करें कल पर छोड़ना हानि कराएगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन बीते कल की तरह ज्यादा सुख सुविधा प्रदान नहीं कर पाएगा फिर भी सामान्य से उत्तम रहेगा। कार्य क्षेत्र से लाभ की संभावना जिस समय रहेगी उस समय ना होकर आगे पीछे होने से थोड़ी असहजता होगी। वैसे भी आप धन की आवश्यकता होने पर भी आर्थिक मामलों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेंगे। मध्यान्ह बाद कार्यक्षेत्र पर कोई समस्या खड़ी होगी कुटुंबीजन इसको सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। दोपहर तक जिस कार्य को असंभव समझ रहे थे संध्या के समय वही कार्य आर्थिक लाभ के साथ सुख भी प्रदान करेगा। घरेलू वातावरण सामान्य ही रहेगा संतान के विषय में अथवा संतान से कष्ट मिलने की संभावना है। रक्ताल्पता निम्न रक्तचाप की शिकायत हो सकती है

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आप जोड़-तोड़ की नीति अपनायेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी किसी से समझौता करना पड़ सकता है। एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय में निवेश हानि करा सकता है इसके विपरीत भागीदारी के व्यवसाय में लाभ की संभावना अधिक रहेगी। आर्थिक कारणों से किसी से झगड़ा भी हो सकता है शांत व्यवहार से काम् चलाएं। स्वभाव में कामुकता अधिक रहेगी विपरीत लिंगीय के प्रति जल्दी आकर्षित हो जाएंगे सतर्क रहे हानि हो सकती है। गृहस्थ जीवन में सुख के साधन पर अधिक खर्च होगा। स्त्री संतान का सुख मिलेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए सामान्य फलदायक रहेगा दिन के पहले हिस्से में बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाएंगे परिश्रम करने में भी कमी नहीं रखेंगे लेकिन परिस्थितियां आज साथ कम ही देंगी। कार्य क्षेत्र पर आपकी स्वयं की किसी गलती से नुकसान हो सकता है। अपनी ही गलती से शत्रुओं को बढ़ाएंगे। धन लाभ की कामना किसी सहयोगी अथवा परिचित के माध्यम से पूर्ण अवश्य हो जाएगी लेकिन कुछ कमी भी रहेगी। आज व्यवसाय कुटुंब एवं सामाजिक कार्य एक साथ आने से असहजता होगी। परिवार की किसी महिला की मदद मिलने से राहत मिलेगी लेकिन ताने सुनने के बाद। कुछ समय के लिए आप स्वयं को बंधा हुआ जैसा अनुभव करेंगे। सेहत स्वयं के ही कारण खराब होगी असमय भोजन करने से पेट संबंधित व्याधियां पनपेगी। कमर में दर्द भी हो सकता है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आपका आज का दिन अवश्य धन लाभ कराएगा। लाभ की उम्मीद प्रातः काल से ही रहेगी लेकिन टलते टलते दोपहर तक ही इसमें सफलता मिलेगी। प्रातः काल में कुछ दिनों से टल रहे कार्य को करने की जल्दी रहेगी। मध्यान का समय काम ना होने से आराम में बीतेगा। महिलाएं भी कामना पूर्ती से प्रसन्न रहेंगी। सामाजिक क्षेत्र पर वर्चस्व में कमी आने पर भी दिनचर्या सामान्य ही रहेगी। नौकरी पेशा जातक किसी जटिल कार्य को लेकर परेशान हो सकते है परन्तु सहायता मिलने पर कार्य पूर्ण कर लेंगे। दाम्पत्य जीवन में आज भी नीरसता ही अधिक रहने वाली है। सामाजिक आयोजनों में जाना टल भी सकता है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपका स्वभाव संतोषी रहेगा। घर एवं बाहर परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी सुविधा अनुसार ही कार्य करेंगे कार्य विस्तार के मूड में आज बिलकुल नहीं रहेगें। बीच-बीच में अकारण ही क्रोध की स्थिति भी बनेगी फिर भी हालात खराब नहीं होने देंगे। सरकारी कार्यो में ढील देना हानि कारक रह सकता है। प्रतिस्पर्धी भी आपकी मनोदशा देख कर जम कर फायदा उठाएंगे लेकिन परोपकार की भावना प्रबल रहने से इन बातों का आपके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। परिजन आपकी अधिक उदार वृति का विरोध कर सकते है। संताने मनमानी करेंगी। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी।
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!! लक्ष्मण रेखा !!

लक्ष्मण रेखा आप सभी जानते हैं पर इसका असली नाम शायद नहीं पता होगा । लक्ष्मण रेखा का नाम (सोमतिती विद्या है)

यह भारत की प्राचीन विद्याओ में से जिसका अंतिम प्रयोग महाभारत युद्ध में हुआ था चलिए जानते हैं अपने प्राचीन भारतीय विद्या को

#सोमतिती_विद्या–#लक्ष्मण_रेखा….

महर्षि श्रृंगी कहते हैं कि एक वेदमन्त्र है–सोमंब्रही वृत्तं रत: स्वाहा वेतु सम्भव ब्रहे वाचम प्रवाणम अग्नं ब्रहे रेत: अवस्ति,,

यह वेदमंत्र कोड है उस सोमना कृतिक यंत्र का,, पृथ्वी और बृहस्पति के मध्य कहीं अंतरिक्ष में वह केंद्र है जहां यंत्र को स्थित किया जाता है,, वह यंत्र जल,वायु और अग्नि के परमाणुओं को अपने अंदर सोखता है,, कोड को उल्टा कर देने पर एक खास प्रकार से अग्नि और विद्युत के परमाणुओं को वापस बाहर की तरफ धकेलता है,,

जब महर्षि भारद्वाज ऋषिमुनियों के साथ भृमण करते हुए वशिष्ठ आश्रम पहुंचे तो उन्होंने महर्षि वशिष्ठ से पूछा–राजकुमारों की शिक्षा दीक्षा कहाँ तक पहुंची है??महर्षि वशिष्ठ ने कहा कि यह जो ब्रह्मचारी राम है-इसने आग्नेयास्त्र वरुणास्त्र ब्रह्मास्त्र का संधान करना सीख लिया है,,
यह धनुर्वेद में पारंगत हुआ है महर्षि विश्वामित्र के द्वारा,, यह जो ब्रह्मचारी लक्ष्मण है यह एक दुर्लभ सोमतिती विद्या सीख रहा है,,उस समय पृथ्वी पर चार गुरुकुलों में वह विद्या सिखाई जाती थी,,

महर्षि विश्वामित्र के गुरुकुल में,,महर्षि वशिष्ठ के गुरुकुल में,, महर्षि भारद्वाज के यहां,, और उदालक गोत्र के आचार्य शिकामकेतु के गुरुकुल में,,
श्रृंगी ऋषि कहते हैं कि लक्ष्मण उस विद्या में पारंगत था,, एक अन्य ब्रह्मचारी वर्णित भी उस विद्या का अच्छा जानकार था,,

सोमंब्रहि वृत्तं रत: स्वाहा वेतु सम्भव ब्रहे वाचम प्रवाणम अग्नं ब्रहे रेत: अवस्ति–इस मंत्र को सिद्ध करने से उस सोमना कृतिक यंत्र में जिसने अग्नि के वायु के जल के परमाणु सोख लिए हैं उन परमाणुओं में फोरमैन

आकाशीय विद्युत मिलाकर उसका पात बनाया जाता है,,फिर उस यंत्र को एक्टिवेट करें और उसकी मदद से एक लेजर बीम जैसी किरणों से उस रेखा को पृथ्वी पर गोलाकार खींच दें,,

उसके अंदर जो भी रहेगा वह सुरक्षित रहेगा,, लेकिन बाहर से अंदर अगर कोई जबर्दस्ती प्रवेश करना चाहे तो उसे अग्नि और विद्युत का ऐसा झटका लगेगा कि वहीं राख बनकर उड़ जाएगा जो भी व्यक्ति या वस्तु प्रवेश कर रहा हो,,ब्रह्मचारी लक्ष्मण इस विद्या के इतने

जानकर हो गए थे कि कालांतर में यह विद्या सोमतिती न कहकर लक्ष्मण रेखा कहलाई जाने लगी,,

महर्षि दधीचि,, महर्षि शांडिल्य भी इस विद्या को जानते थे,
श्रृंगी ऋषि कहते हैं कि योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण इस विद्या को जानने वाले अंतिम थे,,

उन्होंने कुरुक्षेत्र के धर्मयुद्ध में मैदान के चारों तरफ यह रेखा खींच दी थी,, ताकि युद्ध में जितने भी भयंकर अस्त्र शस्त्र चलें उनकी अग्नि उनका ताप युद्धक्षेत्र से बाहर जाकर दूसरे प्राणियों को संतप्त न करे,,

मुगलों द्वारा करोडों करोड़ो ग्रन्थों के जलाए जाने पर और अंग्रेजों द्वारा महत्वपूर्ण ग्रन्थों को लूट लूटकर ले जाने के कारण कितनी ही अद्भुत विधाएं जो हमारे यशस्वी पूर्वजों ने खोजी थी लुप्त हो गई,,जो बचा है उसे संभालने में प्रखर बुद्धि के युवाओं को जुट जाना चाहिए, परमेश्वर सद्बुद्धि दे हम सबको…..

बहुत शुभ समाचार है। बेंजामिन नेतनयाहू फिर से इजरायल के प्रधानमंत्री बनेंगे। लिकूड को लेजिसलेटिव इलेक्शन 2022 में एक बार फिर सफलता मिली है। वामपंथ खेमे में सन्नाटा पसरा है। एकदम से सदमा लगा है। एक ट्रेंड बनाने की कोशिश की गई थी, पहले ट्रंप को निपटाया, फिर बेंजामिन नेतनयाहू को, अब मोदी की बारी थी।

लेकिन इस विषैली विचारधारा को मालूम कहां था कि फिर से ऐसी वापसी होगी। मोदी तो गए नहीं, बेंजामिन का वापस आना तय हो गया है। रामजी की इच्छा से ट्रंप की भी वापसी होगी, जिन्होंने हाल ही में हिंदू होलोकास्ट पर एक बार फिर अपने बयान दिए हैं।

जिस प्रकार से एलन मस्क को पैसे देने के बावजूद टि्वटर कब्जाने के लिए संघर्ष करना पड़ा, ठीक उसी प्रकार चुनाव जीतने के बाद भी इंटेलेक्चुअल नक्सलियों के सामने सरकार चलाना एक चुनौती होता है। मोदी विश्व को रास्ता दिखा रहे हैं, चुनाव जीतने से लेकर सरकार सफलतापूर्वक चलाने तक। कम से कम यह तजुर्बा ट्रंप भी सीखें और नेतनयाहू भी, कॉलिशन में काम आएगा।

Congratulations Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו

कार्तिक पूर्णिमा महात्म्य।

भगवान विष्णु को प्रिय कार्तिक मास की पूर्णिमा मंगलवार 08 नवम्बर 2022 को है।कार्तिक पूर्णिमा पर देव दिवाली भी मनाया जाता है।

इस दिन चंद्र ग्रहण भी होने से यह दिन बहुत खास हो जाता है।आज किए गए पुण्य,दान,जाप,सब के फल कई गुना बढ़ कर मिलेंगे।

कार्तिक मास को पुण्य मास माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है। इस दिन किये जाने वाले अन्न, धन एव वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन जो भी दान किया जाता हैं उसका कई गुणा लाभ मिलता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ दान करता है वह उसके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है जो मृत्यु लोक त्यागने के बाद स्वर्ग में उसे पुनःप्राप्त होता है।

शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक पुर्णिमा के दिन पवित्र नदी व सरोवर एवं धर्म स्थान में जैसे, गंगा, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, गंडक, कुरूक्षेत्र, अयोध्या, काशी,प्रयाग, में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर व्यक्ति को बिना स्नान किए नहीं रहना चाहिए

इस दिन स्नान करते समय पहले हाथ पैर धो लें फिर आचमन करके हाथ में कुशा लेकर स्नान करें, इसी प्रकार दान देते समय में हाथ में जल लेकर दान करें। आप यज्ञ और जप कर रहे हैं तो पहले संख्या का संकल्प कर लें फिर जप और यज्ञादि कर्म करें।

कार्तिक स्नान पर गंगा स्नान क्यों ?

-कार्तिक मास में सारे देवता जलाशयों में छिपे होते हैं।

-भगवान श्रीहरि भी पाताल में निवास करते हैं।

-इस तिथि पर गंगा स्नान से एक हजार अश्वमेघ यज्ञ और सौ वाजस्नेय यज्ञ के समान फल मिलते है।

-सालभर के गंगास्नान और पूर्णिमा स्नान का फल मिलता है।

-मान्यता यह भी है कि इस दिन पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि में वृषदान यानी बछड़ा दान करने से शिवपद की प्राप्ति होती है। -जो व्यक्ति इस दिन उपवास करके भगवान भोलेनाथ का भजन और गुणगान करता है उसे अग्निष्टोम नामक यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

– रात्रि के समय विधि-विधान से भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की पूजा करें।

– सत्‍यनारायण की कथा पढ़ें, सुनें और सुनाएं।

– भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की आरती उतारने के बाद चंद्रमा को अर्घ्‍य दें।

– घर के अंदर और बाहर दीपक जलाएं।

– घर के सभी सदस्‍यों में प्रसाद वितरण करें।

– इस दिन दान करना अत्‍यंत शुभ माना जाता है।किसी ब्राह्मण या निर्धन व्‍यक्ति को भोजन कराएं और यथाशक्ति दान और भेंट देकर विदा करें।अरवा चावल, जौ,तिल,मौसमी फल, लौकी में छिपाकर सिक्का दान करना चाहिए।

– कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर दीपदान करना भी बेहद शुभ माना जाता है।

-इस दिन क्षीर सागर दान का अनन्त माहात्म्य है। क्षीर सागर का दान 24 अंगुल के बर्तन में दूध भरकर उसमें स्वर्ण या रजत की मछली छोड़कर किया जाता है। यह उत्सव दीपावली की भांति दीप जलाकर सायंकाल मनाया जाता है।

कुंडली के दोष निवारण हेतु:-

-कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को तुलसी माला और गुलाब का फूल चढ़ाने से मन की सारी मुरादें पूरी होंगी। वहीं महादेव को धतूरे का फल और भांग चढ़ाने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलेगी।तिल स्नान से शनि दोष से राहत मिलती है।

-कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान करने से शनि दोष समाप्त हो जाते हैं। खासकर शनि की साढ़े साती,ढैय्या में। साथ ही कुंडली में पितृ दोष,गुरु चंडाल दोष,नंदी दोष की स्थिति में शांति मिलती है।

इस बार कार्तिक पूर्णिमा को चन्द्र ग्रहण काशी के पंचांगनुसार सायं 5 बजकर 09 मिनट से प्रारंभ होकर सायं 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा अतः ग्रहण काल के बाद शुद्ध होकर भगवान को भी स्नान करा के शुद्ध करने के बाद पूजन दान आदि करियेगा।ग्रहण काल मे मन्त्रो का जप करते रहिए।