शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी उनके कैंप कार्यालय पर भेंट की तथा संगठनात्मक विषयों पर चर्चा हुई।
महेंद्र भट्ट ने मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड में देश के सबसे कठोर “नकल विरोधी कानून”लागू करने पर मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया।
श्री भट्ट ने आशा प्रकट की कि अब उत्तराखंड की प्रतिभाएं कुंठित नहीं होंगी और उनके हितों पर नकल माफिया कुठाराघात नहीं कर पायेंगे।
बता दें कि पेपर लीक के मास्टर मांईंड तो कोचिंग संस्थानों से भी जुड़े हैं। जहां अपने कोचिंग संस्थान से जुड़े रहे चंद सफलता प्राप्त प्रशिक्षुओं के फोटो संस्थान के बाहर लगाने या विज्ञापन में छाप कर चांदी काटने का षड्यंत्र चलता है। हालांकि इन मास्टर मांईंड को पकड़ा जाना दुस्कर कार्य है फिर भी कुछ के गिरहबान तक सरकार ने हाथ डाला है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि इनका पकड़ना ही टेढ़ी खीर है और यदि पकड़े भी गये तो कोर्ट से जमानत का मिल जाती है।
गत दिनों से कुछ दल अपनी तुच्छ राजनीति के लिए अबोध युवाओं के कंधे पर बंदूक रख रहे हैं और उन्हें तैयारी करने की बजाय हजारों की संख्या में सड़कों पर ला रहे हैं उनका भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं दोषी वे भी हैं। बेरोजगारी का वास्तविक समाधान चाहते हैं तो राज्य सेवाओं के लिए मूल निवास प्रमाण पत्र अनिवार्य करना चाहिए और दूरगामी समाधान के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने से ही होगा। उसकी मांग न विपक्ष कर रहा है न सत्ता पक्ष कानून ला रहा है।
मास्टर मांईंड के साथ नकलची भी जेल जाये तो कुछ बात बने। नकल करवाने वाले अब तक ४२ से अधिक लोग धरे गए हैं लेकिन क्या एक भी नकलची पकड़ा गया? कल को ये नकलची शासन प्रणाली में बैठ कर सरकारी वेतन आहरित करेगा सिस्टम चलायेगा!
वहीं आन्दोलनकारी बेरोजगारों के सामने अब अपने उपर लगे सरकारी कार्य में व्यवधान और सार्वजनिक सम्पत्ति को छति पंहुंचाने जैसे मुकदमें झेलेने होंगे। उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी बलिदानियों के साथ ये हो चुका है। इसलिए सरकार नोकरी योग्य सीमा के उम्मीदवारों पर लगे मुकदम वावाप लेने पर भी विचार करना होगा।