पदोन्नति मामले में उत्तराखंड राज्य कर्मचारियों की बड़ी जीत

उत्तराखंड – राज्य कर्मचारियों की बड़ी जीत, उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रमोशन में आरक्षण को लेकर राज्य सरकार ने की पूर्व व्यवस्था बहाल, प्रमोशन में नहीं होगा आरक्षण लागू, 02 मार्च 2020 से प्रदेश के डेढ़ लाख कर्मचारी कर रहे थे आंदोलन।शासनाादे जारी होने के बाद अब कर्म्मचारियों ने आरक्षण के सम्बन्ध में अपना आन्दोलन वापस ले लिया है। कर्मचारियों ने शासनादेश जारी होने के बाद बात अपना आंदोलन वापस ले लिया है और इस पर खुशी जाहिर करते हुए इसे सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने भी इस निर्णय पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे अब सरकार के कार्यों में जो व्यवधान हो रहा था वह भी समाप्त हो गया है उन्होंने इस आंदोलन खत्म किए जाने हेतु  शासनादेश जारी करने की इस तरह के संकेत आज सुबह ही दे दिए थेइससे सरकार ने भी मार्च फाईनल को देखते हुए राहत की सांस ली है।

इधर पदोन्नति में आरक्षण समाप्त किये जाने को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के मुख्य प्रवक्ता सतीश सेमवाल ने तात्कालिक प्रतिक्रिया में कहा कि सरकार ने देर से निर्णय लिया है उत्तराखंड क्रांति दल आने वाले विधान सभा में मे यदि सरकार में आया तो 24 घण्टे में जातिगत आरक्षण समाप्त कर आर्थिक आधार पर सुविधा देने का प्रस्ताव पास कर केन्द्र को भेजकर अपनी बात को अन्य क्षेत्रीय दलों से सहमत तैयार करेगा। सेमवाल ने कहा सरकार ने जो कर्मचारियों की मांग पर निर्णय लिया है वह देर से लिया है ऐसी नौबत नहीं आनी चाहिए थी कि वो सडकों पर आये, मुख्य प्रवक्ता सेमवाल ने कहा कि यदि आने वाले बिधान सभा चुनाव में सरकार मे आये तो 24 घण्टे के अन्दर बिधान सभा से आरक्षण समाप्त करने का प्रस्ताव लाकर केन्द्र को भेजकर दिल्ली में अन्य क्षेत्रीय दलो से आरक्षण समाप्त करने पर तैयारी करेगा कहा दल का पहले से मजबूत समर्थन कर्मचारियों के साथ था और भबिस्य मे भी रहेगा दल चाहताहै आरक्षण शब्द ही समाप्त हो और आर्थिक आधार पर हर जाति धर्म के व्यक्ति को सुविधा का या लाभ का आधार दिया जाय। सेमवाल ने यह भी कहा कि कर्मचारियों के बेतन कटौती के आदेश को भी सरकार वापस लेकर उन्हें सम्मानजनक तरीके उन से शासकीय कार्य करवाये।