जीडीपी खेल क्या है सरल शब्दों में समझें

  • ग्रामीण शलेषण

जो पैसा आप आदान प्रदान करते है लिखित में वो अगर हम जोड़ ले तो जीडीपी बनती है । मतलब आपका पैसा जितना ज्यादा मार्केट में घूमेगा उतना ज्यादा आपकी जीडीपी बढ़ेगी

1) जब आप अपने घर मे सब्जिया उगा कर खाते हैं तो GDP नहीं बढ़ती परंतु जब किसी बड़े AC माल मे जाकर 10 दिन की बासी सब्जी खरीदते हैं तो GDP बढ़ती है।

2) जब आप गाय माता की सेवा करते हैं तो GDP नहीं बढ़ती परंतु जब कसाई उसी गाय को काट कर चमड़ा मांस बेचते हैं तो GDP बढ़ती है।

3) अगर एक पेड़ खड़ा है तो जीडीपी नही बढती , लेकिन अगर आप उस पेड़ को काट देते है तो जीडीपी बढती है, अगर भारत की सारे पेड़ काट दिया जाये तो भारत की जीडीपी 27 % हो जाएगी जो आज करीब 7 % है । आप बताइए आपको 27 % जीडीपी चाहिए या नही !

4) अगर नदी साफ़ बह रही है तो जीडीपी नही बढती पर अगर आप नदी को गंदा करते है तो जीडीपी 3 गुनी बढती है । क्यूंकि नदी गंदी होगी तो लोग दूषित पानी को पीने से बीमार पड़ेंगे, डॉक्टर के पास जायेंगे फीस देंगे तो जीडीपी बढ जाएगी ।

5) अगर आप कोई कार खरीदते है, आपने कंपनी को पैसा दिया तो जीडीपी बढ गयी, आपने कार को चलाने के लिए पेट्रोल ख़रीदा जीडीपी फिर बढ गयी, कार के दूषित धुयाँ से आप बीमार हुए , आप डॉक्टर के पास गए, आपने फीस दी डॉक्टर ने फीस ली फिर जीडीपी बढ गयी । जितनी कारे आयेगी देश में उतनी जीडीपी बढ जाएगी !

6) जब भी आप सॉफ्ट ड्रिंक पीते है देश की जीडीपी दो बार बढती है । पहले आपने कोका कोला ख़रीदा पैसे दिया जीडीपी बढ गया, फिर पीने के बाद बीमार पड़े डॉक्टर के पास गए, डॉक्टर को फीस दिया जीडीपी बढ गयी ।

अर्थात अगर आप उपभोक्ता से उत्पादक बन जाते हैं  तो इसका ये फायदा होगा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था शक्तिशाली हो जाएगी जिसके कारण भारत बहुत जल्दी विकसित हो जायेगा और हमारे देश के रूपये का मूल्य डालर जैसा मजबूत हो जायेगा