आज का पंचाग आपका राशि फल, भगवान सूर्य उपासना का वेदमंत्र मंत्र, स्वस्तिक का अर्थ है सम्पूर्णता की प्राप्ति

*प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मण्डलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्*

*भावार्थ : सूर्य का वह प्रशस्त रुप जिसका मण्डल ऋग्वेद, कलेवर यजुर्वेद तथा किरणें सामवेद हैं जो सृष्टि आदि के कारण हैं, ब्रह्मा और शिव के स्वरूप हैं तथा जिनका रुप अचिन्त्य और अलक्ष्य है, प्रातःकाल मैं उनका स्मरण करता हूँ* 

 सूर्य का बीज मंत्र क्या है?

ॐ घृणि सूर्याय नम: । ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।। ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:। ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ   

            *🙏🍁 सुप्रभात 🍁🙏*

   *श्री हरिहरौ**विजयतेतराम* *सुप्रभातम*

             *आज का पञ्चाङ्ग*

*_रविवार, ०३ मार्च २०२४_*

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सूर्योदय: 🌄 ०६:५२

सूर्यास्त: 🌅 ०६:२६

चन्द्रोदय: 🌝 २५:३५

चन्द्रास्त: 🌜१०:४९

अयन 🌘 उत्तरायणे

 (दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🌳 वसंत 

शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)

मास 👉 फाल्गुन

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 सप्तमी (०८:४४

 से अष्टमी)

नक्षत्र 👉 अनुराधा (१५:५५

 से ज्येष्ठा)

योग 👉हर्षण(१७:२५ से वज्र)

प्रथम करण👉बव(०८:४४ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव

 (२०:५३ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 कुम्भ 

चंद्र 🌟 वृश्चिक 

मंगल🌟मकर(उदित,पूर्व,मार्गी)

बुध🌟कुम्भ (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र🌟मकर(उदित,पश्चिम,मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ

 (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या  

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०६ से १२:५२

विजय मुहूर्त 👉 १४:२५ से १५:११

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१५ से १८:४०

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:१७ से १९:३१

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०४ से २४:५३

राहुकाल 👉 १६:५० से १८:१७

राहुवास 👉 उत्तर

यमगण्ड 👉 १२:२९ से १३:५६

होमाहुति 👉 गुरु (१५:५५ से राहु)

दिशाशूल 👉 पश्चिम

नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (पृथ्वी ०८:४४ तक)

चन्द्रवास 👉 उत्तर

शिववास 👉 श्मशान में (०८:४४ से गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – उद्वेग २ – चर

३ – लाभ ४ – अमृत

५ – काल ६ – शुभ

७ – रोग ८ – उद्वेग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – शुभ २ – अमृत

३ – चर ४ – रोग

५ – काल ६ – लाभ

७ – उद्वेग ८ – शुभ

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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उत्तर-पश्चिम (पान का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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श्रीनाथ जी पाटोत्सव (नाथद्वारा), कालाष्टमी, अष्टका श्राद्ध, विवाह मुहूर्त कुम्भ लग्न (अंतरात्रि ३:५५ से ०५:२४) तक, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०८:१७ से दोपहर १२:३५ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १५:५५ तक जन्मे शिशुओ का नाम अनुराधा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (नू, ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (नो, या, यी) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कुम्भ – २९:४९ से ०७:१५

मीन – ०७:१५ से ०८:३८

मेष – ०८:३८ से १०:१२

वृषभ – १०:१२ से १२:०७

मिथुन – १२:०७ से १४:२२

कर्क – १४:२२ से १६:४३

सिंह – १६:४३ से १९:०२

कन्या – १९:०२ से २१:२०

तुला – २१:२० से २३:४१

वृश्चिक – २३:४१ से २६:००

धनु – २६:०० से २८:०४

मकर – २८:०४ से २९:४५

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पञ्चक रहित मुहूर्त

चोर पञ्चक – ०६:४० से ०७:१५

शुभ मुहूर्त – ०७:१५ से ०८:३८

शुभ मुहूर्त – ०८:३८ से ०८:४४

चोर पञ्चक – ०८:४४ से १०:१२

शुभ मुहूर्त – १०:१२ से १२:०७

रोग पञ्चक – १२:०७ से १४:२२

शुभ मुहूर्त – १४:२२ से १५:५५

मृत्यु पञ्चक – १५:५५ से १६:४३

अग्नि पञ्चक – १६:४३ से १९:०२

शुभ मुहूर्त – १९:०२ से २१:२०

रज पञ्चक – २१:२० से २३:४१

शुभ मुहूर्त – २३:४१ से २६:००

चोर पञ्चक – २६:०० से २८:०४

शुभ मुहूर्त – २८:०४ से २९:४५

रोग पञ्चक – २९:४५ से ३०:३९

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज दिन के आरंभ से ही किसी अनिष्ट की आशंका भयभीत रखेगी महिलाए विशेष कर इससे प्रभावित रहेंगी। दिन का आरंभ सामान्य रहेगा लेकिन कुछ समय बाद ही किसी पुरानी बात को लेकर परिजन में झगड़ा होने की संभावना है। संबंधों के बीच आज गलतफहमियां ना पाले अन्यथा नोकझोंक लंबी खिंच सकती है। कार्य व्यवसाय पहले की तुलना में बेहतर रहेगा धन एवं सुविधा मिलने के बाद भी मन असंतोष की भावना से ग्रस्त रहेगा। नौकरी वाले लोग आज ज्यादा बोझ लेने के पक्ष में नही रहेगे। संध्या बाद पर्यटन मनोरंजन की योजना बनेगी मानसिक बोझ भी कम होगा। सरदर्द अथवा अन्य शारीरिक अंगों में खिंचाव दर्द की शिकायत होगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन सामान्य से उत्तम रहेगा। दिन के आरंभ से ही व्यस्तता रहेगी। कार्य क्षेत्र के साथ रिश्तेदारी में उपस्थित होने के लिये दिनचर्या में फेरबदल करेंगे। काम-धंधा बेहतर रूप से चलेगा पूर्व में जो भी कामना अधूरी रह गयी थी आज मध्यान तक उनके पूर्ण होने की भी सम्भवना है। लेकिन आज किसी से लेन देन को लेकर विवाद भी हो सकता है। क्रोध से बचे अन्यथा व्यापारिक संबंध खराब होने पर आगे के लिये दुखदायी रहेगा। धन लाभ मध्यान के आस पास अवश्य होगा इसके बाद का समय खर्चीला ही रहेगा। सरकारी कार्य आज ना करें समय और धन व्यर्थ होगा। पारिवारिक स्थिति संतोषजनक रहेगी लेकिन आपस मे जिद बहस भी होगी। सेहत को संभाले जोड़ो में दर्द की शिकायत रहेगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन कुछ राहत भरा रहेगा। दिन के आरंभ में शरीर मे दर्द अथवा अन्य छोटी मोटी समस्या रहेगी लेकिन धीरे धीरे सुधार आने लगेगा। कार्य क्षेत्र पर व्यस्तता बढ़ेगी इसकी तुलना में सुविधा कम रहने से परेशानी होगी फिर भी पुराने व्यवहारों की सहायता से आर्थिक मार्ग खुलेंगे धन आज एक से अधिक स्त्रोत्रों से मिलेगा आकस्मिक लाभ की संभावना भी है। फिर भी ध्यान रखे जल्दबाजी में किया गलत निवेश हानि भी करा सकता है। परिवार में पिता अथवा भाई बंधुओ के कारण मानसिक क्लेश रहेगा। मतभेद बढ़ने की संभावना है मौन रहकर शांति पाई जा सकती है। मूत्र विकार हो सकता है।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन अत्यंत शुभ रहेगा आज आप अपने आचरण में सुधार लाएंगे इसके सार्वजिक क्षेत्र से वाहवाही मिलेगी स्वयं के साथ परिजनों का मान भी बढायेंगे लेकिन मित्र मंडली में ज्यादा समय ना बैठे अन्यथा परिणाम इसके एक दम विपरीत हो सकते है। सरकारी संबंधित कार्य आज ना करें व्यर्थ भागदौड़ के बाद भी सफलता संदिग्ध ही रहेगी। व्यावसायिक क्षेत्र से नाम और दाम दोनो मिलेगा धन लाभ के लिये आज ज्यादा इंतजार नही करना पड़ेगा। भविष्य के लिये भी संचय कर पाएंगे। घर मे किसी न किसी से बहस होगी विवेक से काम लें क्रोध को छोड़ सेहत सामान्य रहेगी।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज दिन के आधे भाग में किसी से बेवजह उलझने से बचे मध्यान तक मानसिक रूप से असंतुष्ट रहेंगे अपनी नाकामी का क्रोध परिजन अथवा सहकर्मी के ऊपर उतारने से वातावरण अशान्त बनेगा लेकिन मध्यान बाद से बुद्धि विवेक जाग्रत होगा अपनी गलती का मन मे पश्चाताप भी करेंगे लेकिन स्वभाव में अकड़ रहने के कारण क्षमा नही मांगेंगे। कार्य व्यवसाय मध्यान के बाद एकदम से गति पकड़ेगा फिर भी पूर्व में बिगाड़े संबंधों का नुकसान आज किसी न किसी रूप में भरना ही पड़ेगा। धन लाभ काम चलाऊ होगा घर मे पहले की अपेक्षा शांति रहेगी फिर भी वाणी पर सनयं रखना आवश्यक है। सेहत ठीक रहेगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा लेकिन मध्यान से पहले कोई महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें यात्रा भी संभव हो तो टाले। दोपहर के बाद मानसिक चंचलता के बाद भी कुछ कार्य मन के अनुसार पूर्ण होने पर राहत मिलेगी। कार्य व्यवसाय से भी आज धन लाभ की आशा रख सकते है। लोग आर्थिक मामले टालने के प्रयास करेंगे फिर भी धैर्य धारण करें आने वाला समय हर तरह से अनुकूल रहेगा। धन को लेकर किसी से बहस में ना पड़े आज स्वाभाविक रूप से ही आवश्यकता अनुसार हो जाएगा। पारिवार के सदस्य आपसे किसी मनोकामना पूर्ति की आस लागये रहेंगे उनसे निराश नही करेंगे। सेहत में सुधार रहेगा।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज दिन के आरंभ में जो स्थिति रहेगी मध्यान बाद इससे एकदम विपरीत हो जाएगी। दिन का आरंभ शुभ समाचार से होगा लेकिन सेहत में गिरावट अनुभव होगी। आवश्यक कार्य समय रहते करले मध्यान बाद कार्य व्यवसाय की स्थित अनुकूल रहने पर भी शारीरिक रूप से मेहनत नही कर सकेंगे अन्य लोगो के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। धन की आमद आज निश्चित रूप से होगी पर घरेलु एवं व्यर्थ के खर्च अकस्मात आने से बचत नही कर सकेंगे। घर मे किसी न किसी के बीमार होने से वातावरण अस्त व्यस्त रहेगा। यात्रा अंत समय मे निरस्त करनी पड़ेगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज का दिन व्यस्तता से भरा रहेगा अपने कार्यो के साथ किसी अन्य के कार्य भी करने से असुविधा होगी। किसी के लिये आप कितना भी करे फिर भी खुश नही कर पाएंगे। कार्य व्यवसाय में जो भी योजना बनाएंगे उससे लाभ अवश्य होगा पूर्व से चल रहे किसी कार्य से भी धन की आमद होगी। लेकिन आज मौज शौक एवं अन्य खर्च अधिक रहने से पहले जमा की पूंजी भी खर्च हो जाएगी। दिखावे से बचें अन्यथा बाद में आर्थिक उलझने बढ़ेंगी। घरेलू वातावरण आनदमय रहेगा किसी को व्यर्थ में न टोके अन्यथा तकरार हो सकती है। सेहत लगभग ठीक ही रहेगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन मानसिक उलझनों में खराब होगा दिन के पहले भाग में लाभ की संभावनाएं बनेंगी लेकिन आलस और निर्णय लेने में देरी के कारण धन लाभ होते होते हाथ से निकलने की संभावना है। मध्यान के बाद स्थिति में थोड़ा बदलाव आने लगेगा। पूर्वार्ध की तुलना में कार्य क्षेत्र पर लाभ के अधिक अवसर तो मिलेंगे लेकिन प्रतिस्पर्धा भी बढ़ने के कारण जोड़ तोड़ की नीति अपनानी पड़ेगी। धन लाभ होगा लेकिन आशा से कम ही। पारिवारिक वातावरण किसी बहुप्रतीक्षित कार्य का टालमटोल करने पर खराब हो सकता है। सुख सुविधा मिलेगी लेकिन व्यवहारिकता की कमी भी रहेगी। मस्तिष्क संबंधित विकार अथवा चोटादि का भय है।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज दिन का पूर्वार्ध शुभ फलदायी रहेगा सामाजिक क्षेत्र पर मान बढ़ेगा लेकिन मध्यान बाद परिस्थितिया विपरीत होने लगेंगी अतिआवश्यक कार्य विशेष कर धन संबंधित कार्य इससे पहले पूर्ण करले अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर दिन के पूर्वार्ध में लाभ की संभावना बनेगी लेकिन टलते टलते मध्यान तक पहुच जाएगी लाभ होगा लेकिन उम्मीद से कम होने पर निराश होंगे। आज लापरवाही करने पर आपको मिलने वाला सौदा किसी प्रतिद्वन्दी को मिल सकता है सतर्क रहें। दोपहर बाद कुछ कार्यो में हानि होगी लेकिन घबराये नही जोखिम के बिना आज लाभ कमाना संभव नही। सेहत और परिवार में कुछ ना कुछ कमी लगी रहेगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन अधिकांश कार्यो में सफलता दायक रहेगा जिनकार्यो में असफल रहेंगे उनकी वजह केवल आलस्य और असहयोग ही रहेगा। कार्य व्यवसाय आरम्भ में धीमा रहेगा लेकिन मध्यान से अकस्मात उछाल आएगा धन की आमद भी आशाजनक रहेगी। आज वैसे तो व्यवहारिक ही रहेंगे लेकिन स्वार्थ सिद्धि के लिये किसी अन्य का नुकसान करने से भी नही चूकेंगे। धर्म कर्म में केवल खाना पूर्ति करेंगे। अन्य लोगो से होड़ न करें वरना आगे आर्थिक समस्या खड़ी हो सकती है। परिजन खर्चो के खर्च परेशानी में डालेंगे। घर मे पुत्र अथवा पौत्र की सेहत खराब होगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज दिन का आरंभ कुछ खास नही रहेगा लेकिन कार्यो के प्रति गंभीर अवश्य रहेंगे इसका परिणाम मध्यान बाद से देखने को मिलेगा। दिन के आरंभ में कार्य क्षेत्र पर अनुकूल वातावरण ना मिलने के बाद भी स्वयं के बल पर कार्य करेंगे पहले निराश होना पड़ेगा लेकिन धर्य रखने पर संध्या के आस पास धन लाभ के योग बनने लगेंगे। अधिकारी वर्ग से भी आर्थिक आयोजन पूर्ण करने में ज्यादा मशक्कत नही करनी पड़ेगी। घर का उदासीन वातावरण भी दोपहर बाद से बदलने लगेगा महिलाए बच्चे मन इच्छित कार्य होने से प्रसन्न रहेंगे। जोड़ो में दर्द अथवा नसों में खिंचाव जैसी समस्या हो सकती है।

सनातन धर्म के दो मूल आधार प्रतीक चिन्ह हैं…

ॐ तथा स्वस्तिक

ये दोनों मंगलकारक हैं। हिन्दू धर्म के प्रत्येक शुभ कार्यों में बाधाओं को दूर करने के लिए श्रीगणेश का आव्हान कर उनके निवास का प्रतीक स्वस्तिक बनाते हैं। स्वस्तिक हर मङ्गल कार्य में हर स्थान पर कल्याण का प्रतीक है।

श्री गणेश पुराण में स्वस्तिक को जन्म-पालन-नाश की तीनों अवस्थाओं का प्रतीक माना है। स्वस्तिक के ध्यान से कर्म-अकर्म तथा दुष्कर्म तीनों सुधर जाते हैं।

यही दो चिन्ह हिन्दू धर्म की भावना, भाव, सृष्टि, इतिहास तथा सभ्यता का एक साथ बोध करा देते हैं।

जानिए स्वस्तिक का अनछुआ अनकहा रहस्य ज्ञान …

1 स्वस्तिक में सकारात्मक ऊर्जा यानि पॉजिटिव एनर्जी का भंडार है। स्वस्तिक को हिटलर ने जर्मनी में उल्टे रूप में अपनाकर अपनी नकारात्मकता का परिचय दिया था।

2 स्वस्तिक के अनेक अर्थ हैं। यह पुर्लिंग शब्द है। सूचीपत्र, पर्णक, कुक्कुट और शिखा स्वस्तिक के ही नाम हैं।

3 नाग के फन के ऊपर एक नील रेखा होती है। उसे भी स्वस्तिक कहते हैं।

4 हलायुद्धकोश में इसे धर्म के पवित्र 24 चिन्हों में एक विशेष माना है।

5 घर या व्यापार स्थल पर स्वस्तिक चिन्ह अंकित रहने से नजर, है, बाधा, वास्तु दोष नहीं लगता।

6 स्वस्तिक के रहने से चारों दिशाओं से सकारात्मक प्रभाव एवं ऊर्जा उत्पन्न होती है। 

7 वेद में स्वस्तिक को चतुष्पद यानि चौराहा कहा है।

*8* स्वस्तिक धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इन चार पुरुषार्थ का रक्षक भी है।

*9* संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान पण्डित रामचन्द्र शास्त्री बझे के कथनानुसार

स्वस्तिक कमल का पूर्वरूप है।

*10* भगवान विष्णु के वक्षस्थल पर विराजमान कौस्तुभ मणि स्वस्तिक आकार की है।

*11* स्वस्तिक एक प्रकार से सर्वतोभद्र मण्डल है, यानि चारो तरफ से समान है।धुरंधर पण्डित बटुकनाथ शास्त्री खिस्ते की एक व्याख्या के अनुसार श्राद्ध आदि क्रियाओँ में पितृ मण्डल गोल होता है तथा देवताओं का मण्डल चतुरस्र यानि चौकोर होता है। वहीं तन्त्रादि साधना में त्रिकोण मण्डल उपयोगी है।

*12* ब्राह्मी लिपि की पध्दति से स्वस्तिक ही विध्नहर्ता गणपति हैं।

*13* प्रसिद्ध खोजकर्ता जार्ज वर्डउड़ ने स्वस्तिक को सूर्य का प्रतीक माना है। उन्होंने अपने संस्मरणों में लिखा है कि 

जितनी ऊर्जा सूर्य में स्वस्तिक में भी उतनी ही है। बस हम समझ या देख नहीं पाते। घर में या बने स्वस्तिक सर्वसम्पन्नता में सहायक है।

*14* वैदिक अनुशासन पर्व के मुताबिक यज्ञ आदि हवन क्रियाओं में अग्नि प्रज्वलित या उत्पन्न करने के लिए शमी वृक्ष की लकड़ी सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। शमी काष्ठ से आग पैदा करने के लिए सबसे पहले स्वस्तिक वाचन और स्वस्तिक पूजन का विधान है अन्यथा अग्नि प्रकट नहीं होती। अज्ञानता के चलते यह वैदिक परंपरा बहुत लुप्त होती जा रही है। इसी वजह से लोगों को अनुष्ठान का फल तत्काल नहीं मिल पाता।

*15* तिब्बत के लामाओं के निवास स्थान एवं मंदिरों में स्वस्तिक अवश्य बना रहता है।

*16* संस्कृत भाषा के पश्चमी विद्वान प्रो.मैक्समूलर ने अपनी एक पुस्तक में इटली, रोम, स्कॉटलैंड, हंगरी, यूनान, चीन, जापान तथा अरब आदि देशों में स्वस्तिक का बहुत उपयोग किया जाता था।

*17* प्रो. ई टामस लिखते हैं आकाश में में सूर्य और प्रथ्वी में स्वस्तिक दोनों में बराबर ऊर्जा, अग्नि, तेज, शक्ति है। इसे स्वीकारना ही होगा।

*18* सूर्य के रथ के पहिये, जिनमें धुरियाँ बनी हुई हैं-उनका प्रतीक स्वस्तिक है।

*19* कश्मीर से खीरभवानी मार्ग पर एक पुरानी मस्ज़िद पर स्वस्तिक बना हुआ है। यह जहांगीर ने 1605 से 1628 के मध्य बनवाई थी! कभी अमरनाथ यात्रा पर जाएं, तो देखें।

*20* भारतीय स्वस्तिक बनाते समय दाएं से बाएं की तरफ ले जाते हैं और ईसाई स्वस्तिक बाएं से दाएं।

*21* स्वस्तिक में छह पंक्तियां हैं, जो सूर्य की मुख्य 6 रश्मियां हैं।

“षड्देवतात्मकम सूर्यरश्मित्वम”

सूर्य देव की 6 रश्मियों के नाम

★ दहनी-जलाने वालय

★ पचनी-पचाने वाली

★ धूम्रा-जलाने वाली

★ कर्षिणी-आकर्षण करने वाली

★ वर्षिणी- वर्षा करने वाली

★ रसा-पदार्थों में रस तथा स्वाद देने वाली

सूर्य की यह 6 रश्मियों को वेद में स्वस्तिक कहा है।

【२३】षडवेह स्वरा मुख्या: कथिता मूलकारंणम के अनुसार मुख्य स्वर भी छह होते हैं। छह स्वर ही षड् देवता हैं, जिन्हें दक्षिण में मोरगन स्वामी यानि कार्तिकेय कहते हैैं, जो षडानन रूप में पूजित हैं, ये गणपति के ज्येष्ठ भ्राता भी हैं।

प्राचीन शास्त्रों में स्वस्तिक कैसे बनाएं इसका भी विधान बताया गया है। स्वस्तिक के ऊपर की तरफ निकली किरणें चार दिशाओं की सूचक हैं।

दोनों तरफ 2-2 पंक्तियां यानि खड़ी लाइनें

रिद्धि-सिद्धि तथा दोनों पुत्र शुभ-लाभ का प्रतीक हैं। स्वस्तिक के बीच में 4 बिन्दु 4 वेदों की घोतक हैं।