आज का पंचाग आपका राशि फल, भगवान सूर्य उपासना का वेदमंत्र मंत्र, स्वस्तिक का अर्थ है सम्पूर्णता की प्राप्ति

*प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मण्डलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्* *भावार्थ : सूर्य का वह प्रशस्त रुप जिसका मण्डल ऋग्वेद, कलेवर यजुर्वेद

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