आज का पंचाग आपका राशि फल, भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान पर राजनीति कौन कर रहा है, विदेश क्यों जाते हो जब लक्ष्य द्वीप सहित भारत के पास लगभग 1380 आयलैंड है

🌞 *आज का वैदिक पंचांग *हिन्दू पंचांग 🌞*

     🙏 *!! श्रीहरि !!* 🙏

 

🚩 *व्रत पर्व विवरण- दर्श अमावस्या,पौष अमावस्या*

💥 *विशेष – अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

             🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

👉🏻 *पुराणो के अनुसार मकर संक्रांति पर इन विशेष मंत्रो का जप जरूर करे | पुण्य काल कब से कब तक संपूर्ण जानकारी*

🌷 *मकर संक्रांति* 🌷

🙏🏻 *आत्मोद्धारक व जीवन-पथ प्रकाशक पर्व – मकर संक्रांति (15 जनवरी 2024 सोमवार को पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक )*

🌞 *जिस दिन भगवान सूर्यनारायण उत्तर दिशा की तरफ प्रयाण करते हैं, उस दिन उतरायण (मकर संक्रांति) का पर्व मनाया जाता है | इस दिन से अंधकारमयी रात्रि कम होती जाती है और प्रकाशमय दिवस बढ़ता जाता है | उत्तरायण का वाच्यार्थ है कि सूर्य उत्तर की तरफ, लक्ष्यार्थ है आकाश के देवता की कृपा से ह्दय में भी अनासक्ति करनी है | नीचे के केन्द्रों में वासनाएँ, आकर्षण होता है व ऊपर के केन्द्रों में निष्कामता, प्रीति और आनंद होता है | संक्रांति रास्ता बदलने की सम्यक सुव्यवस्था है | इस दिन आप सोच व कर्म की दिशा बदलें | जैसी सोच होगी वैसा विचार होगा, जैसा विचार होगा वैसा कर्म होगा | हाड-मांस के शरीर को सुविधाएँ दे के विकार भोगकर सुखी होने की पाश्चात्य सोच है और हाड-मांस के शरीर को संयत, जितेन्द्रिय रखकर सदभाव से विकट परिस्थितियों में भी सामनेवाले का मंगल चाहते हुए उसका मंगलमय स्वभाव प्रकट करना यह भारतीय सोच है |*

*सम्यक क्रांति…. ऐसे तो हर महिने संक्रांति आती है लेकिन मकर संक्रांति साल में एक बार आती है | उसीका इंतजार किया था भीष्म पितामह ने | उन्होंने उत्तरायण काल शुरू होने के बाद ही देह त्यागी थी |*

*पुण्यपुंज व आरोग्यता अर्जन का दिन*

🌞 *जो संक्रांति के दिन स्नान नहीं करता वह ७ जन्मों तक निर्धन और रोगी रहता है और जो संक्रांति का स्नान कर लेता है वह तेजस्वी और पुण्यात्मा हो जाता है | संक्रांति के दिन उबटन लगाये, जिसमे काले तिल का उपयोग हो |*

🌞 *भगवान सूर्य को भी तिलमिश्रित जल से अर्घ्य दें | इस दिन तिल का दान पापनाश करता है, तिल का भोजन आरोग्य देता है, तिल का हवन पुण्य देता है | पानी में भी थोड़े तिल डाल के पियें तो स्वास्थ्यलाभ होता है | तिल का उबटन भी आरोग्यप्रद होता है | इस दिन सुर्योद्रय से पूर्व स्नान करने से १० हजार गौदान करने का फल होता है | जो भी पुण्यकर्म उत्तरायण के दिन करते हैं वे अक्षय पुण्यदायी होते हैं | तिल और गुड के व्यंजन, चावल और चने की दाल की खिचड़ी आदि ऋतु-परिवर्तनजन्य रोगों से रक्षा करती है | तिलमिश्रित जल से स्नान आदि से भी ऋतु-परिवर्तन के प्रभाव से जो भी रोग-शोक होते हैं, उनसे आदमी भिड़ने में सफल होता है |*

🌞 *सूर्यदेव की विशेष प्रसन्नता हेतु मंत्र*

*ब्रम्हज्ञान सबसे पहले भगवान सूर्य को मिला था | उनके बाद रजा मनु को, यमराज को…. ऐसी परम्परा चली | भास्कर आत्मज्ञानी हैं, पक्के ब्रम्ह्वेत्ता हैं | बड़े निष्कलंक व निष्काम हैं | कर्तव्यनिष्ठ होने में और निष्कामता में भगवान सूर्य की बराबरी कौन कर सकता है ! कुछ भी लेना नहीं, न किसी से राग है न द्वेष है | अपनी सत्ता-समानता में प्रकाश बरसाते रहते हैं, देते रहते हैं |*

🌞 *‘पद्म पुराण’ में सूर्यदेवता का मूल मंत्र है : ॐ ह्रां ह्रीं स: सूर्याय नम: | अगर इस सूर्य मंत्र का ‘आत्मप्रीति व आत्मानंद की प्राप्ति हो’ – इस हेतु से भगवान भास्कर का प्रीतिपूर्वक चिंतन करते हुए जप करते हैं तो खूब प्रभु-प्यार बढेगा, आनंद बढेगा |*

🌞 *ओज-तेज-बल का स्त्रोत : सूर्यनमस्कार*

*सूर्यनमस्कार करने से ओज-तेज और बुद्धि की बढ़ोत्तरी होती है | ॐ सूर्याय नम: | ॐ भानवे नम: | ॐ खगाय नम: ॐ रवये नम: ॐ अर्काय नम: |….. आदि मंत्रो से सूर्यनमस्कार करने से आदमी ओजस्वी-तेजस्वी व बलवान बनता है | इसमें प्राणायाम भी हो जाता है, कसरत भी हो जाती है |*

*सूर्य की उपासना करने से, अर्घ्य देने से, सूर्यस्नान व सूर्य-ध्यान आदि करने से कामनापूर्ति होती है | सूर्य का ध्यान भ्रूमध्य में करने से बुद्धि बढती है और नाभि-केंद्र में करने से मन्दाग्नि दूर होती है, आरोग्य का विकास होता है |*

🌞 *आरोग्य व पुष्टि वर्धक : सूर्यस्नान*

*सूर्य की धूप में जो खाद्य पदार्थ, जैसे-घी, तेल आदि २ – ४ घंटे रखा रहे तो अधिक सुपाच्य हो जाता है | धूप में रखे हुए पानी से कभी –कभी स्नान कर सकते हैं | इससे सूखा रोग (Rickets) नहीं होता और रोगनाशिनी शक्ति बरक़रार रहती है |*

*🔹पौष अमावस्या – 11 जनवरी 2024🔹*

*🔸10 जनवरी रात्रि 08:10 से 11 जनवरी शाम 05:26 तक अमावस्या ।*

*🔹नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए🔹*

*🔹घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*

*🔹अमावस्या विशेष🔹*

*🌹1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*

*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*

*🌹2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*

*🌹4. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।*

*🌹5. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।*

*🔹गरीबी भगाने का शास्त्रीय उपाय🔹*

*🌹गरीबी है, बरकत नहीं है, बेरोजगारी ने गला घोंटा है तो फिक्र न करो । हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें ।*

*🔹सामग्री : १. काले तिल २. जौ ३. चावल ४. गाय का घी ५. चंदन पाउडर ६. गूगल ७. गुड़ ८. देशी कपूर एवं गौ चंदन या कण्डा ।*

*🌹विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवन कुण्ड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये मंत्रों से ५ आहुति दें ।*

*आहुति मंत्र*

*🌹 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*

*🌹 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*

*🌹 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*

*🌹 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*

*🌹 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*

*🌹इस प्रयोग से थोड़े ही दिनों में स्वास्थ्य, समृद्धि और मन की प्रसन्नता दिखायी देगी ।*   

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।* 

*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

 🌤️ *दिनांक – 11 जनवरी 2024*

🌤️ *दिन – गुरुवार*

🌤️ *विक्रम संवत – 2080*

🌤️ *शक संवत -1945*

🌤️ *अयन – दक्षिणायन*

🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु* 

🌤️ *मास – पौष ( गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार मार्गशीर्ष)*

🌤️ *पक्ष – कृष्ण* 

🌤️ *तिथि – अमावस्या शाम 05:26 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*

🌤️ *नक्षत्र – पूर्वाषाढा शाम 05:39 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*

🌤️ *योग – व्याघात शाम 05:49 तक तत्पश्चात हर्षण*

🌤️ *राहुकाल – दोपहर 02:09 से शाम 03:31 तक*

🌞 *सूर्योदय-07:19*

🌤️ *सूर्यास्त- 18:13*

👉 *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*पक्ष————————- कृष्ण

नक्षत्र——– पूर्वाषाढा 17:37:55

योग———- व्याघात 17:47:56

करण———— नाग 17:26:24

करण——- किन्स्तुघ्न 27:56:26

वार———————– गुरूवार

माह————————– पौष

चन्द्र राशि——- धनु 23:04:10

चन्द्र राशि—————— मकर 

सूर्य राशि——————– धनु

रितु———————— शिशिर

आयन—————— उत्तरायण

संवत्सर—————— शोभकृत

संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल

विक्रम संवत—————- 2080 

गुजराती संवत————– 2080 

शक संवत—————– 1945 

कलि संवत—————– 5124

दिल्ली

सूर्योदय————– 07:16:42

सूर्यास्त————– 17:41:10

दिन काल———– 10:24:28 

रात्री काल———– 13:35:31

चंद्रास्त————— 17:28:16

चंद्रोदय—————- 31:37:49*

लग्न—- धनु 26°7′ , 266°7′

सूर्य नक्षत्र————— पूर्वाषाढा 

चन्द्र नक्षत्र—————- पूर्वाषाढा

नक्षत्र पाया——————– ताम्र 

*💮 🚩 पद, चरण 🚩 💮*

फा—- पूर्वाषाढा 12:10:27

ढा—- पूर्वाषाढा 17:37:55

भे—- उत्तराषाढा 23:04:10

भो—- उत्तराषाढा 28:29:23

*💮 🚩 ग्रह गोचर 🚩 💮*

        ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

==========================

सूर्य= धनु 26:30, पूo षाo 4 ढा 

चन्द्र=धनु 20:30 , ज्येष्ठा 3 फा 

बुध =धनु 02:53′ मूल 1 ये 

शु क्र=वृश्चिक 20°05, ज्येष्ठा ‘ 1 नो 

मंगल=धनु 10 °30 ‘ मूल ‘ 4 भी 

गुरु=मेष 11°30 अश्विनी , 4 ला 

शनि=कुम्भ 10°40 ‘ शतभिषा ,2 सा      

राहू=(व) मीन 26°15 रेवती , 3 च 

केतु=(व) कन्या 26°15 चित्रा , 1 पे 

*💮 🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩 💮*

राहू काल 13:47 – 15:05 अशुभ

यम घंटा 07:17 – 08:35 अशुभ

गुली काल 09:53 – 11:11 

अभिजित 12:08 – 12:50 शुभ

दूर मुहूर्त 10:45 – 11:26 अशुभ

दूर मुहूर्त 14:55 – 15:36 अशुभ

वर्ज्यम 24:53* – 26:19* अशुभ

💮चोघडिया, दिन

शुभ 07:13 – 08:31 शुभ

रोग 08:31 – 09:50 अशुभ

उद्वेग 09:50 – 11:08 अशुभ

चर 11:08 – 12:27 शुभ

लाभ 12:27 – 13:46 शुभ

अमृत 13:46 – 15:04 शुभ

काल 15:04 – 16:23 अशुभ

शुभ 16:23 – 17:41 शुभ

🚩चोघडिया, रात

अमृत 17:41 – 19:23 शुभ

चर 19:23 – 21:04 शुभ

रोग 21:04 – 22:46 अशुभ

काल 22:46 – 24:27* अशुभ

लाभ 24:27* – 26:08* शुभ

उद्वेग 26:08* – 27:50* अशुभ

शुभ 27:50* – 29:31* शुभ

अमृत 29:31* – 31:13* शुभ

💮होरा, दिन

बृहस्पति 07:13 – 08:05 मंगल 08:05 – 08:57

सूर्य 08:57 – 09:50 शुक्र 09:50 – 10:42

बुध 10:42 – 11:35 चन्द्र 11:35 – 12:27

शनि 12:27 – 13:19 बृहस्पति 13:19 – 14:12

मंगल 14:12 – 15:04 सूर्य 15:04 – 15:57

शुक्र 15:57 – 16:49 बुध 16:49 – 17:41

🚩होरा, रात

चन्द्र 17:41 – 18:49 शनि 18:49 – 19:57

बृहस्पति 19:57 – 21:04 मंगल 21:04 – 22:12

सूर्य 22:12 – 23:19

शुक्र 23:19 – 24:27 बुध 24:27* – 25:35

चन्द्र 25:35* – 26:42 शनि 26:42* – 27:50

बृहस्पति 27:50* 28:57 मंगल 28:57* – 30:05

सूर्य 30:05* – 31:13

,*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩* 

धनु > 04:20 से 06:30 तक

मकर > 06:30 से 08:26 तक

कुम्भ > 08:26 से 09:44 तक

मीन > 09:44 से 11:14 तक

मेष > 11:14 से 12:56 तक

वृषभ > 12:56 से 14:54 तक

मिथुन > 14:54 से 17:06 तक

कर्क > 17:06 से 19:26 तक

सिंह > 19:26 से 21:38 तक

कन्या > 21:38 से 23:52 तक

तुला > 23:52 से 01:58 तक

वृश्चिक > 01:58 से 04:10 तक

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 15 + 15 + 5 + 1 = 36 ÷ 4 = 0 शेष

पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*💮 🚩 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 🚩 💮*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 बुध ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

  30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*पौषी अमावस्या

*देवपितृ कार्य अमावस्या

*लालबहादुर शास्त्री पुण्य तिथि

*कालका देवी यात्रा मुंबई 

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

विद्यार्थी सेवकः पान्थः क्षुधार्तो भयकातरः ।

भाण्डारी प्रतिहारी च सप्त सुप्तान् प्रबोधयेत् ।।

।। चा o नी o।।

   इन सातो को जगा दे यदि ये सो जाए…

१. विद्यार्थी 

२. सेवक 

३. पथिक 

४. भूखा आदमी 

५. डरा हुआ आदमी 

६. खजाने का रक्षक ७. खजांची

*💮 🚩 सुभाषितानि 🚩 💮*

गीता -: सांख्ययोग अo-02

या निशा सर्वभूतानां तस्यां जागर्ति संयमी ।,

यस्यां जाग्रति भूतानि सा निशा पश्यतो मुनेः ॥,

सम्पूर्ण प्राणियों के लिए जो रात्रि के समान है, उस नित्य ज्ञानस्वरूप परमानन्द की प्राप्ति में स्थितप्रज्ञ योगी जागता है और जिस नाशवान सांसारिक सुख की प्राप्ति में सब प्राणी जागते हैं, परमात्मा के तत्व को जानने वाले मुनि के लिए वह रात्रि के समान है॥,69॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पठन-पाठन व लेखन आदि में मन लगेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त हो सकता है। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्रों के साथ मजोरंजन का कार्यक्रम बन सकता है। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। झंझटों से दूर बनाए रखें।

🐂वृष

सामाजिक कार्यों में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। निवेश लाभदायक रहेगा। बाहर जाने का मन बनेगा। परिवार के साथ जीवन सुखमय गुजरेगा। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों से अपेक्षा न करें।

👫मिथुन

अपेक्षित कार्यों में बाधा होगी। तनाव रहेगा। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास हानि का कारण बनेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। शोक समाचार मिल सकता है। पुराना रोग परेशानी का कारण रहेगा। व्यय होगा। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

🦀कर्क

अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से तनाव रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। कीमती वस्तुएं गुम हो सकती हैं। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। लाभ में कमी रहेगी। फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। कर्ज लेना पड़ सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा।

🐅सिंह

रुका हुआ धन प्राप्त होने की संभावना है। यात्रा लाभदायक रहेगी। आय में वृद्धि होगी। भाइयों का सहयोग आत्मशांति देगा। शत्रु पस्त होंगे। नौकरी में अधिकारी आप पर ध्यान देंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। व्यापार वृद्धि के लिए प्रयास हो सकते हैं। समय अनुकूल है। विवाद को बढ़ावा न दें।

🙍‍♀️कन्या

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। वरिष्ठजनों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। भाग्य अनुकूल है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस हो सकती है। घर के वृ‍द्धजनों के स्वास्थ्य पर व्यय होगा। जल्दबाजी न करें। लाभ होगा।

⚖️तुला

चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी न करें। जीवनसाथी से तनाव रह सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी अन्य व्यक्ति के उकसावे में न आएं। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। झंझटों से दूर रहें। निवेश करने का सही समय नहीं है। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। आय में कमी तथा तनाव रहेगा।

🦂वृश्चिक

परिवार में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। प्रमाद न करें। तीर्थदर्शन सुलभ हो सकते हैं। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। नौकरी में तनाव रहेगा। कार्यभार बढ़ सकता है। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। शत्रु सक्रिय रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🏹धनु

कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। व्यापार वृद्धि के लिए योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। लाभ में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। किसी जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। पारिवारिक चिंता रहेगी। आशंका-कुशंका बने रहेंगे।

🐊मकर

भेंट व उपहार की प्राप्ति से मान बढ़ेगा। बेरोजगारी दूर होने के योग हैं। यात्रा लाभदायक रहेगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। भाग्य का साथ मिलता रहेगा।

🍯कुंभ

संपत्ति के कार्य लाभप्रद रहेंगे। कोई बड़ा कार्य हो सकता है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाइयों से सहयोग प्राप्त होगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। लापरवाही से कोई भी कार्य न करें। चोट व दुर्घटना का भय है। आशंका-कुशंका रहेगी। विवाद से बचें।

🐟मीन

भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। कार्यों में गति आएगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। परिवार के सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। शत्रुओं से सावधान रहें।

 *🌞ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 🌞*

🙏🏻🌷🍀🌹🌻🍁🌸🌺💐🙏🏻

*राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर कौन राजनीति कर रहा है*

श्री नरेन्द्र मोदी जी श्री राम *की* राजनीति कर रहे हैं *जी हां* बिल्कुल कर रहे हैं और विपक्ष श्री राम जी *पर* राजनीति कर रहे हैं *जी हां* इसको मैं सभी सनातनियों को समझाता हूं-

राम *राजा* हैं

कृष्ण *राजनीति* हैं

राम *रण* हैं

कृष्ण *रणनीति* हैं

राम *मानवीय मूल्यों* के लिए जिए

कृष्ण *मानवता* के लिए लड़ते रहे

राम *क्षत्रिय* थे लेकिन 14 वर्ष *ब्राह्मण* की तरह व्यतीत किए

कृष्ण *यदुवंशी* थे लेकिन अपना जीवन *क्षत्रिय* की तरह व्यतीत किया 

राम की शिक्षा *धर्म* है 

राम की शिक्षा *विश्व गुरु* की है

राम का जीवन *कर्तव्य पथ* है

राम का जीवन *चरित्र* है

और उसको

कृष्ण की *नीति* से हल करना *राजनीति* है

तो इसलिए नरेन्द्र मोदी जी क्यों न राम की राजनीति करें

सभी को पता है कि दुनिया में दो ही *ध्रवीकरण* हैं –

एक *मक्का* और दूसरा *वैटिकन* तो सनातनी कहां जाएंगे तो *राम मंदिर* ही दुनिया का तीसरा और सबसे *विशाल ध्रवीकरण* होगा।*जय श्री राम*

भारत के पास लगभग 1380 आयलैंड है ( ऐसे स्थान जो चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हो आयलैंड कहलाते है ) बहुत से तो ऐसे है जहां तक अभी कोई निवासी नहीं है.

572 आयलैंड है अंडमान निकोबार द्वीप समूह में
39 आयलैंड लक्ष्य द्वीप में
26 आयलैंड महाराष्ट्र में
23 आयलैंड केरल में
20 आयलैंड पश्चिम बंगाल में
15 आयलैंड तमिलनाडु में
14 आयलैंड गोवा में
9 आयलैंड गुजरात में
7 आयलैंड उड़ीसा में
7 आयलैंड आंध्रप्रदेश में
इसके अलावा असम मणिपुर MP राजस्थान कोंकण में सैंकड़ों नदी द्वीप है
ये सब होते हुए भी हम भारतीय हर साल 67 अरब डॉलर विदेश में यस सब देखने में खर्च करते है
जबकि भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां सभी महाद्वीपों का मौसम पाया जाता है
यहां बर्फीली चोटियां, मरुस्थल, वर्षावन, सघन वन, नदी डेल्टा, पहाड़, नदियां, ऊंची चोटियां ,हिल स्टेशन, सबकुछ उपलब्ध है अगर हम चाहे तो 20 अरब डॉलर का व्यपार और पर्यटन अपन ही देश में कर सकते है
हमारे प्रधानमंत्री जी ने बिना एक शब्द बोले हमारे सामने हजारों विकल्प खोल दिए है जो आजतक अछूते थे…
#लक्षद्वीप कैसे जाएँ –

1. ट्रेन या जहाज से कोच्चि जाएँ
2. लक्षदीव टूरिज्म की साइट से परमिट लेना होता हैं।
3. कोच्चि से लक्षदीव फ्लाइट या जहाज से जा सकते हैं।
4. लक्षद्वीप govt की वेबसाइट samudram.utl.gov.in से पैकज भी ले सकते हैं जो करीब 15000-50000 एक का होता हैं जिसमे जहाज से रात में कोच्चि से जाना दिन में किसी आइलैंड पर घूमना और खाना आइलैंड पर रहना शामिल होता हैं करीब 4-7 दिन का टूर होता है जिसे समुद्रम पैकज बोलते है, ये पैकज लेने पर आपको परमिट की जरूरत नही पड़ती हैं।
5. आप टूर ऑपरेटर से भी पैकज ले सकते हैं।
#Lakshadweep #भारत