आज का पंचाग आपका राशि फल, देवी-देवताओं के लिए शब्दों का चयन और उनके प्रयोग का महात्म्य, एक रति मांस के लिए भी किसी प्राणी को अपने प्राण गंवाने पड़ते हैं

*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_सोमवार, ०८ अप्रैल २०२४_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:१२, सूर्यास्त: 🌅 ०६:४३
चन्द्रोदय: 🌝 ❌❌❌चन्द्रास्त: 🌜१८:२१
अयन 🌘 उत्तरायणे(उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌳 वसंत
शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)
मास 👉 चैत्र, पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 अमावस्या (२३:५० से प्रतिपदा)
नक्षत्र 👉 उत्तराभाद्रपद (१०:१२ से रेवती)
योग 👉 इन्द्र (१८:१४ से वैधृति)
प्रथम करण 👉 चतुष्पाद(१३:३४ तक)
द्वितीय करण👉नाग(२३:५० तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 मीन
चंद्र 🌟 मीन
मंगल🌟कुम्भ(उदित,पूर्व,मार्गी)
बुध🌟मेष (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु🌟मेष (उदित,पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 मीन
(उदित, पश्चिम, मार्गी)
शनि🌟कुम्भ(उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मीन
केतु 🌟 कन्या
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५३ से १२:४४
अमृत काल 👉 २९:२४ से ०६:४९
विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३९ से १९:०१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:४० से १९:४८
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५६ से २४:४१
राहुकाल 👉 ०७:३३ से ०९:०८
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:४३ से १२:१९
होमाहुति 👉 केतु (१०:१२ से सूर्य)
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 आकाश (२३:५० से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 गौरी के साथ (२३:५० से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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देवपितृ कार्ये सोमवती अमावस्या, खग्रास सूर्य ग्रहण (भारत मे दृश्य), विक्रम संवत २०८० समाप्त आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १०:१२ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराभाद्रपाद नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ञ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (दे, दो, च, ची) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मीन – २८:५३ से ०६:१७
मेष – ०६:१७ से ०७:५०
वृषभ – ०७:५० से ०९:४५
मिथुन – ०९:४५ से १२:००
कर्क – १२:०० से १४:२२
सिंह – १४:२२ से १६:४१
कन्या – १६:४१ से १८:५८
तुला – १८:५८ से २१:१९
वृश्चिक – २१:१९ से २३:३९
धनु – २३:३९ से २५:४२
मकर – २५:४२ से २७:२३
कुम्भ – २७:२३ से २८:४९
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:५८ से ०६:१७
शुभ मुहूर्त – ०६:१७ से ०७:५०
चोर पञ्चक – ०७:५० से ०९:४५
शुभ मुहूर्त – ०९:४५ से १०:१२
रोग पञ्चक – १०:१२ से १२:००
शुभ मुहूर्त – १२:०० से १४:२२
मृत्यु पञ्चक – १४:२२ से १६:४१
अग्नि पञ्चक – १६:४१ से १८:५८
शुभ मुहूर्त – १८:५८ से २१:१९
रज पञ्चक – २१:१९ से २३:३९
शुभ मुहूर्त – २३:३९ से २३:५०
शुभ मुहूर्त – २३:५० से २५:४२
रज पञ्चक – २५:४२ से २७:२३
शुभ मुहूर्त – २७:२३ से २८:४९
चोर पञ्चक – २८:४९ से २९:५६
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन का आरंभ सामान्य रहेगा लेकिन धीरे धीरे प्रतिकूलता आती जाएगी पूर्व निर्धारित कार्य मे विघ्न आने से आरंभ करने में परेशानी होगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपको आदर की दृष्टि से देखा जाएगा लेकिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से इसका लाभ नही उठा पाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज अनुभव होने के बाद भी लगभग सभी कार्यो में कुछ ना कुछ त्रुटि रहेगी व्यवसाय में किसी अन्य के भरोसे रहने से हानि उठानी पड़ेगी। आज स्वयं के बल पर ही लाभ की संभावना रहेगी। परिवार में किसी सदस्य का गलत आचरण आपको आहत करेगा। थोड़ा बहुत मानसिक क्लेश दिन भर बना रहेगा। आज आप जैसा औरो के लिए सोचेंगे वैसी ही प्रतिक्रिया आपको मिलेगी। धन लाभ भागदौड़ के बाद भी सीमित रहेगा। बदहजमी अथवा कान संबंधित व्याधि हो सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहेगा दिन के आरम्भ में स्वभाव से त्यागी संतोषि रहेंगे लेकिन मध्यान बाद इसके विपरीत आर्थिक भूख बढ़ेगी कार्य व्यवसाय से लाभ के अवसर मिलते रहने से धैर्य बना रहेगा सहकर्मी बिना बोले सहयोग करने के लिए तैयार रहेंगे लेकिन मन मे कोई न कोई स्वार्थ अवश्य छुपा रहेगा। जोखिम वाले कार्य शेयर सट्टे आदि से धन कोष में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा अंत समय पर टल सकती है। आज आप मन इच्छित वस्तुओं पर आसानी से खर्च कर सकेंगे। घर मे सुख सुविधा के साधन बढ़ेंगे परिजन भी आज आपके व्यवहार से प्रसन्न रहेंगे। प्रेम प्रसंगों में समय एवं धन खर्च करेंगे लेकिन इसका सार्थक परिणाम भी मिलेगा। संध्या के समय आकस्मिक लाभ होने से रोमांचित रहेंगे। पेट मे गैस के कारण सीने में दर्द एवं गिरने से चोटादि का भय है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा। प्रातः काल जल्दी कार्यो में जुटने का फल शीघ्र ही धन लाभ के रूप में मिलेगा। अधिकांश कार्य थोड़े से परिश्रम से पूर्ण हो जाएंगे। अधिकारी वर्ग मुश्किल कार्यो में सहयोग करेंगे। आज आप जोड़ तोड़ वाली नीति अपना कर कठिन परिस्थितियों में भी अपना काम निकाल लेंगे। सरकारी कार्य मे भी सफलता की उम्मद जागेगी प्रयास करते रहे। दाम्पत्य जीवन मे छोटी-मोटी बातों को दिल पर ना लें स्थिति सामान्य ही रहेगी। मित्रो से कोई दुखद समाचार मिलेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आप शांति से बिताएंगे। दिन के आरंभ में किसी कार्य को लेकर जल्दबाजी रहेगी इसके बाद लगभग सभी कार्यो को आराम से ही करेंगे। आज आप किसी भी काम को लेकर ज्यादा भागदौड़ करने के मूड में नही रहेंगे। सहज जितना प्राप्त होगा उसी में संतोष कर लेंगे। व्यवसाय में निवेश करेंगे परन्तु इसका लाभ शीघ्र नही मिल सकेगा निकट भविष्य में अवश्य ही धन दुगना होकर मिलेगा। घर का वातावरण भी आज सुख की अनुभूति कराएगा परिजनों के साथ हास्य परिहास ने समय व्यतीत होगा। परिजन मनोकामना पूर्ति करेंगे। लंबी यात्रा की योजना बनेगी लेकिन इससे लाभ होने संदिग्ध ही रहेगा। सर्द गरम की शिकायत हो सकती है वाणी में आज अशुद्धि भी रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन प्रतिकूल फलदायी रहेगा। सेहत का आज विशेष ध्यान रखें पेट खराब होने से मुख में छाले अथवा हिचकिया अधिक आएंगी। आकस्मिक चोटादि लगने का भी भय है। दिन शारीरिक रूप से कष्टदायक रहेगा। आज दैनिक के साथ व्यर्थ के खर्च रहने से ज्यादा परेशानी बनेगी। आज आप स्वभाव से भी अत्यंत संदेही रहेंगे जिससे स्नेहीजनों के दिल को ठेस पहुच सकती है इस कारण ही आवश्यकता पड़ने पर किसी सहकर्मी का सहयोग नही मिलेगा। कार्य व्यवसाय में आज महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें हानि हो सकती है। घरवाले थोड़ी बहुत मदद करने का प्रयास करेंगे परन्तु स्वभाव में अहम की भावना रहने से आपको पसंद नही होगा। आर्थिक रूप से भी दिन परेशानी वाला रहेगा। उधार लेने की नौबत आ सकती है। दाम्पत्य जीवन मे नीरसता का अहसास होगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन व्यस्तता से भरा रहेगा मनोरंजन के विचार आज मन मे ही रह जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर काम अधिक रहने से दिनचार्य बिगड़ेगी परन्तु आर्थिक लाभ बीच-बीच मे होते रहने से खान पान का भी ध्यान नही रहेगा। सरकारी कार्यो में दौड़ धूप का सकारात्मक परिणाम मिलेगा इसके अतिरिक्त घरेलू कार्यो में भी आज आपके सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी जिससे कुछ समय के लिए परेसानी होंगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर नए लाभदायक संबंध बनाने आसान रहेंगे लेकिन बोल चाल में सावधानी बरतें तो आपके व्यक्तित्व से हर कोई सहज आकर्षित हो जाएगा। दाम्पत्य जीवन प्रेम पूर्ण रहेगा। गैस की पुरानी समस्या के चलते मध्यान तक शरीर के अन्य अंगों में दर्द की शिकायत रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन मानसिक चंचलता के कारण बनते कार्यो को दुविधा के कारण आप स्वयं बिगाड़ लेंगे। सरकारी कार्य आज सावधानी से करें अन्यथा लंबित रखें हानि निश्चित रहेगी। संबंधो के प्रति भी आज ईमानदार नही रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आपके गलत आचरण से कलुषित होगा। सामाजिक क्षेत्र पर लोग पीठ पीछे बुराई करेंगे। सेहत में मानसिक दबाव के चलते उतार चढ़ाव लगा रहेगा। घर के बुजुर्ग आपसे नाराज रहेंगे। धन लाभ अचानक होने से स्थिति संभाल नही सकेंगे रुपया आते ही हाथ से निकल भी जायेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आपमे वैचारिक शक्ति अधिक रहेगी सोच समझ कर ही कोई निर्णय लेंगे परन्तु आज किसी की जमानत अथवा अन्य भरोसे वाले कार्य मे ना पढ़ें स्वयं के साथ परिजनों के सम्मान को ठेस लग सकती है। दिन के आरंभ में सेहत नरम रहेगी धीरे धीरे सुधार आ जायेगा। कार्यो के प्रति गंभीर रहने पर भी व्यवसाय में मंदी के कारण ज्यादा लाभ नही कमा सकेंगे। बुद्धि बल से ही आज आशाजनक लाभ प्राप्त किया जा सकता है परन्तु आज धन खर्च करने पर ही धन की प्राप्ति संभव है। संध्या के समय किसी परिचित से झगड़ा होने की संभावना है। आपके चिड़चिड़े स्वभाव के कारण परिवार में अशांति रहेगी परिजनों पर अनैतिक दबाव डालना आगे भारी पड़ सकता है। सरकारी कार्य से यात्रा होगी। गले संबंधित तकलीफ भी रहने की संभावना है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिए कलहकारी रहेगा। घर के सदस्यों में आपसी तालमेल की कमी रहेगी भाई बंधुओ को भी आपके द्वारा किसी न किसी रूप में कष्ट पहुचेगा। एक दूसरे के प्रति गलतफहमियां ना पाले अन्यथा बाद में पछतावा होगा। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मियों से विचार मेल ना खाने से काम की गति प्रभावित हो सकती है। अधिकारियों से आज बच कर रहना होगा लोग आपकी गलती करने की प्रतीक्षा में रहेंगे। घर मे भी महत्त्वपूर्ण कार्य सबकी सलाह लेकर ही करें अन्यथा रूठने मनाने में ही दिन निकल जायेगा। धन का खर्च बचाते भी अनर्गल वस्तुओं पर होगा। संतानो के विषय मे राहत रहेगी। महिलाओ को मासिक धर्म एवं अन्य जातको को भी रक्त संबंधित शिकायत रह सकती है धारदार औजारों से सावधान रहें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप आर्थिक मामलों को लेकर संतुष्ट रहेंगे। व्यवसायी वर्ग किसी बड़ी योजना अथवा अनुबंध पर कार्य करेंगे इसका लाभ भी शीघ्र ही मिलना आरम्भ हो जाएगा। धन की आमाद आज कई स्त्रोतों से एक साथ हो सकती है इसके लिए आपको सामाजिक व्यवहारिकता भी बढ़ानी पड़ेगी। कुछ समय से चल रही आर्थिक उलझनों में कमी आएगी धन कोष में वृद्धि होगी भविष्य के लिए संचय भी कर सकेंगे साथ ही आज दान पुण्य करने का भी मन बनेगा। मित्र मंडली में आपके उदार स्वभाव का गलत फायदा उठाया जा सकता है। दाम्पत्य जीवन मे भी सरसता बनी रहेगी। परिजन आज आपसे कोई आशा लागये रहेंगे इसको थोड़े विलम्ब से परन्तु पूरी अवश्य करेंगे। पुरानी बीमारी के दोबारा जोर पकड़ने पर तकलीफ हो सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आप किसी भी कार्य को लेकर ज्यादा भाग-दौड़ करने के पक्ष में नही रहेंगे। आसानी से जितना मिल जाये उसी में संतोष कर लेंगे। परन्तु महिलाये इसके विपरीत रहेंगी अल्प साधनो से कार्य करने पर भाग्य को दोष देंगी। व्यवसाय की गति पल पल में बदलेगी जिससे सुकून से बैठने का समय नही मिलेगा। किसी पुरानी घटना को याद करके दुखी रहेंगे। पारिवारिक खर्चो में अकस्मात वृद्धि होने से बजट गड़बड़ा सकता है। महिलाओं के मन मे आज उथल पुथल अधिक रहने के कारण बड़ी जिम्मेदारी का कार्य सौपना उचित नही रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन सामान्य फलदायी रहेगा फिर भी व्यवहारों में अधिक सतर्कता बरते आपका गलत आचरण किसी के दिल को ठेस पहुचायेगा आप स्वयं को अन्य लोगो पर बोझ जैसा समझेंगे। लोग आपके सामने नही बोल सकेंगे परन्तु पीछे से सारी कसर निकाल लेंगे। झूठी चुगली के कारण अपमानित होना पड़ सकता है जिससे कलह के भी प्रसंग बनेंगे। आर्थिक रूप से भी आज का दिन सामान्य ही रहेगा काम धंदे से खर्च की अपेक्षा कम ही आय होगी। संचित धन के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। नौकरी पेशा जातक कार्यो के प्रति ज्यादा गंभीर नही रहेंगे। घरेलू कार्यो की अनदेखी बाद में भारी पड़ेगी। सेहत वैसे तो सामान्य रहेगी लेकिन कार्य करते समय सतर्कता बरते चोट घाव आदि का भय है।

भाषा और शब्दों का महत्व समझें…. एक मित्र ने फेसबुक पर एक परिहास लिखा “गणेश जी की दो ‘बीबियां’ थी रिद्धि-सिद्धि मेरी एक ‘बीबी’ है वो भी जिद्दी”

‘बीबी’ शब्द तो दुर्दांत अरबी कबीलों का है। जिसमें शादीसमझौते के अन्तर्गत रखा जाता है। देवी देवताओं और सनातनियों की तो धर्म पत्नी या सहधर्मिणी होती है जिनके साथ जन्म जन्मांतर का विवाह संस्कार होता है। जिसके अंतर्गत सुख-दुख हर्ष विशाद संपन्नता दरिद्रता सबमें सम भाव से एक दूसरे के सहयोगी होते हैं।

प्रथम वंदनीय भगवान गणेश की दो रानियाँ हैं रिद्धि व सिद्धि तथा उनके दो पुत्र हैं शुभ और लाभ।

अस्तु हास परिहास के लिए भी शब्द और पात्रों के चयन का महत्व हम सभी को समझना आवश्यक है।

हमारे देवी-देवताओं को हास परिहास का माध्यम बनाना उन पर उर्दू फारसी के शब्द चेंपना उचित नहीं होगा। उदाहरण के लिए एक शब्द गढ़ा गया है ‘गुनाहों का देवता’ अरे ‘गुनाह’ उर्दू शब्द है तो गुनाह का तो खुदा होगा ना ‘देवता’ क्यों? ‘हवस का पुजारी’ लिखेंगे इस में हवश उर्दू शब्द है तो हवश का मौलवी होगा ना पुजारी क्यों! उसी तरह ‘शादी’ उर्दू का शब्द है शादी होगी तो ‘बीबी’ या बेगम कही जायेगी तब आगे तल्लाक व हलाला शब्द भी आयेगा! विवाह संस्कार होगा तो ये सभी शब्द स्वत:नहीं आयेंगे। 

अब देखने में आता है कि यदि पादरी या मौलवी अपराध करेगा तो उसके लिए जानबूझकर पुजारी शब्द लिख देते हैं। और मुस्लिम मजहब का अपराधी होगा तो उसके लिए मुस्लिम ‘धर्म’ लिख देते हैं 

यदि ‘विवाह’ संस्कार होगा तो जन्म-जन्मान्तर के लिए होगया।
यह अंतर है शब्दों का। अस्तु शब्द चयन महत्वपूर्ण है।

हमारे धर्म शास्त्रों में एक भी शब्द तल्लाक के लिए नहीं है न एक शब्द गाली का है क्योंकि संस्कृत देव वाणी है।

भारत में प्रयुक्त सभी गालियां दुर्दांत कबीलों की अरबी फारसी उर्दू से उपजी हैं या अंग्रेज कबीलों की देन हैं। जिन्हें षड्यंत्र पूर्वक संस्कृत व देवनागरी के साथ चेंपा गया है। और उदार हिन्दू जाने अनजाने ऐसे शब्दों को यदाकदा प्रयुक्त करता रहता है उसे पता ही नहीं चलता कि हमारी भाषा कितनी विद्रुप और विकृत करी जा रही है। कुछ ना कर सको तो जब देवी देवताओं के चित्रों पर उर्दूमय शब्दों को ना लिखो क्यों ये देव वाणी नहीं हैं उसी प्रकार यदि सनातन धर्म ग्रंथों की व्याख्या है और शब्द उर्दूमय या आंग्लमय हैं तो समझना होगा कि यह मनगढंत है घालमेल है। हमारे धर्मग्रंथों में शास्त्रों में तो शब्द को ब्रह्म कहा गया है। नाद ब्रह्म उसी नाद ब्रह्म को ॐ कहा गया है ✍️हरीश मैखुरी 

(मांस का मूल्य )
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मगध के सम्राट् श्रेणिक ने एक बार अपनी राज्य-सभा में पूछा कि- “देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए सबसे सस्ती वस्तु क्या है?”

मंत्रि-परिषद् तथा अन्य सदस्य सोचमें पड़ गये। चावल, गेहूं, आदि पदार्थ तो बहुत श्रम बाद मिलते हैं और वह भी तब, जबकि प्रकृति का प्रकोप न हो। ऐसी हालत में अन्न तो सस्ता हो नहीं सकता। शिकार का शौक पालने वाले एक अधिकारी ने सोचा कि मांस ही ऐसी चीज है, जिसे बिना कुछ खर्च किये प्राप्त किया जा सकता है।

उसने मुस्कराते हुए कहा-
“राजन्! सबसे सस्ता खाद्य पदार्थ तो मांस है। इसे पाने में पैसा नहीं लगता और पौष्टिक वस्तु खाने को मिल जाती है।”

सबने इसका समर्थन किया, लेकिन मगध का प्रधान मंत्री अभय कुमार चुप रहा।

श्रेणिक ने उससे कहा, “तुम चुप क्यों हो? बोलो, तुम्हारा इस बारेमें क्या मत है?”

प्रधान मंत्री ने कहा, “यह कथन कि मांस सबसे सस्ता है, एकदम गलत है। मैं अपने विचार आपके समक्ष कल रखूंगा।”

रात होने पर प्रधानमंत्री सीधे उस सामन्त के महल पर पहुंचे, जिसने सबसे पहले अपना प्रस्ताव रखा था।

अभय ने द्वार खटखटाया।

सामन्त ने द्वार खोला। इतनी रात गये प्रधान मंत्री को देखकर वह घबरा गया। उनका स्वागत करते हुए उसने आने का कारण पूछा।

प्रधान मंत्री ने कहा कि 
“संध्या को महाराज श्रेणिक बीमार हो गए हैं। उनकी हालत खराब है। राजवैद्य ने उपाय बताया है कि किसी बड़े आदमी के हृदय का दो तोला मांस मिल जाय तो राजा के प्राण बच सकते हैं। आप महाराज के विश्ववास-पात्र सामन्त हैं। इसलिए मैं आपके पास आपके हृदय का दो तोला मांस लेने आया हूं। इसके लिए आप जो भी मूल्य लेना चाहें, ले सकते हैं। कहें तो लाख स्वर्ण मुद्राएं दे सकता हूं।”

यह सुनते ही सामान्त के चेहरे का रंग फीका पड़ गया। वह सोचने लगा कि जब जीवन ही नहीं रहेगा, तब लाख स्वर्ण मुद्राएं भी किस काम आएगी!

उसने प्रधान मंत्री के पैर पकड़ कर माफी चाही और अपनी तिजौरी से एक लाख स्वर्ण मुद्राएं देकर कहा कि इस धन से वह किसी और सामन्त के हृदय का मांस खरीद लें।

मुद्राएं लेकर प्रधानमंत्री बारी-बारी से सभी सामन्तों के द्वार पर पहुंचे और सबसे राजा के लिए हृदय का दो तोला मांस मांगा, लेकिन कोई भी राजी न हुआ। सबने अपने बचाव के लिए प्रधानमंत्री को एक लाख, दो लाख और किसी ने पांच लाख स्वर्ण मुद्राएं दे दी। इस प्रकार एक करोड़ से ऊपर स्वर्ण मुद्राओं का संग्रह कर प्रधान मंत्री सवेरा होने से पहले अपने महल पहुंच गए और समय पर राजसभा में प्रधान मंत्री ने राजा के समक्ष एक करोड़ स्वर्ण मुद्राएं रख दीं।

श्रेणिक ने पूछा, “ये मुद्राएं किसलिए हैं?”

प्रधानमंत्री ने सारा हाल कह सुनाया और बोले –
” दो तोला मांस खरीदने के लिए इतनी धनराशी इक्कट्ठी हो गई किन्तु फिर भी दो तोला मांस नहीं मिला। अपनी जान बचाने के लिए सामन्तों ने ये मुद्राएं दी हैं। अब आप सोच सकते हैं कि मांस कितना सस्ता है?”

जीवन का मूल्य अनन्त है। हम यह न भूलें कि जिस तरह हमें अपनी जान प्यारी होती है, उसी तरह सभी जीवों को अपनी जान प्यारी होती है।

जियो और जीने दो
प्राणी मात्र की रक्षा हमारा धर्म है..!! .
शाकाहार अपनाओ…