आज का पंचाग आपका राशि फल, करवाचौथ आज उत्तराखंड में महिलाओं कर्मियों के लिए अवकाश का आदेश देखें, छिपाये गये इतिहास के पन्नों की सीख

*।। ॐ ।।*
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग*»»»📜
कलियुगाब्द…………………….5125
विक्रम संवत्……………………2080
शक संवत्………………………1945
रवि………………………..दक्षिणायण
मास……………………………कार्तिक
पक्ष………………………………कृष्ण
तिथी……………………………चतुर्थी
रात्रि 09.24 पर्यंत पश्चात पंचमी
सूर्योदय (इंदौर)…प्रातः 06.31.00 पर
सूर्यास्त (इंदौर)…संध्या 05.49.56 पर
सूर्य राशि………………………..तुला
चन्द्र राशि………………………वृषभ
गुरु राशि………………………….मेष
नक्षत्र…………………………मृगशीर्ष
दुसरे दिन प्रातः 04.35 पर्यंत पश्चात आर्द्रा
योग…………………………….परिघ
दोप 02.03 पर्यंत पश्चात शिव
करण…………………………….बव
प्रातः 09.21 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………….(उर्ज) शरद
दिन……………………………बुधवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
01 नवम्बर सन 2023 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.10 से 01.33 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*तुला*
05:30:14 07:50:00
*वृश्चिक*
07:50:00 10:09:03
*धनु*
10:09:03 12:13:23
*मकर*
12:13:23 13:55:57
*कुम्भ*
13:55:57 15:23:39
*मीन*
15:23:39 16:48:50
*मेष*
16:48:50 18:24:19
*वृषभ*
18:24:19 20:20:12
*मिथुन*
20:20:12 22:35:11
*कर्क*
22:35:11 24:55:54
*सिंह*
24:55:54 27:13:33
*कन्या*
27:13:33 29:30:14

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक……………………..1
🔯 शुभ रंग……………………..हरा

💮 *चौघडिया :-*
प्रात: 07.57 से 09.21 तक अमृत
प्रात: 10.45 से 12.09 तक शुभ
दोप 02.57 से 04.20 तक चंचल
सायं 04.20 से 05.44 तक लाभ
रात्रि 07.20 से 08.57 तक शुभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ केशवाय नम: ॥

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (तृतीयोऽध्यायः – कर्मयोगः) -*
ये मे मतमिदं नित्यम- नुतिष्ठन्ति मानवाः।
श्रद्धावन्तोऽनसूयन्तो मुच्यन्ते तेऽपि कर्मभिः॥३-३१॥
अर्थात :
जो कोई मनुष्य दोषदृष्टि से रहित और श्रद्धायुक्त होकर मेरे इस मत का सदा अनुसरण करते हैं, वे भी सम्पूर्ण कर्मों से छूट जाते हैं॥31॥

🍃 *आरोग्यं :*-
*कमजोर फेफड़ों के उपचार के लिए आहार -*

*4. सेब -*
शोधकर्ताओं ने विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन के सेवन को फेफड़ों के अच्छे काम को जोड़ा है और यह सभी तत्व सेब में मौजूद है। सेब एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है जो आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

सौगंध मुझे इस मिट्टी की, हम भारत भव्य बनाएंगे।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। किसी वरिष्ठ प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कष्ट व भय सताएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
राजभय रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। यात्रा में जल्दबाजी न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। भागदौड़ अधिक रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश सोच-समझकर करें।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
नई योजना बनेगी। सुख के साधन प्राप्त होंगे। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक काम करने की इच्छा रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
कोर्ट-कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। मानसिक शांति रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धार्मिक अनुष्ठान पूजा-पाठ इत्यादि का कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। समय अनुकूल है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। शारीरिक कष्ट संभव है।

.🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
पुराना रोग उभर सकता है। किसी दूसरे व्यक्ति की बातों में न आएं। कुसगंति से बचें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यापार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में मातहतों से कहासुनी हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें।

🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। शत्रुभय रहेगा। शरीर में कमर व घुटने आदि के दर्द से परेशानी हो सकती है। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। परिवार में मांगलिक कार्य हो सकता है।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़ा लाभ हो सकता है। शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति पर व्यय होगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। भाग्य का साथ रहेगा। शेयर मार्केट से लाभ होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस लग सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
कुबुद्धि हावी रहेगी। चोट व रोग से बचें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी बड़ी समस्या से मुक्ति मिल सकती है। किसी न्यायपूर्ण बात का भी विरोध हो सकता है। विवाद न करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
यश बढ़ेगा। दूर से शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। घर में मेहमानों का आगमन होगा। कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्यों में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रशंसा होगी। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। चोट व रोग से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा।

.☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*🌀 करवाचौथ🌙 में छलनी और करवा का महत्व*

*👉🏽 करवाचौथ🌙 के व्रत में छलनी से चांद को देखकर व्रत खोलने की परंपरा है। कुछ स्थानों पर इसे चलनी भी कहा जाता है। अमीर हो या गरीब सभी वर्ग की महिलाएं इस अवसर पर नई छलनी खरीदती हैं। व्रत की शाम छलनी की पूजा करके चांद को देखते हुए प्रार्थना करती हैं कि उनके सौभाग्य और सुहाग सलामत रहे।*

*👉🏽 करवाचौथ🌙 में छलनी का प्रयोग किए जाने के पीछे पौराणिक कथा है। एक पतिव्रता स्त्री जिसका नाम वीरवती था इसने विवाह के पहले साल करवाचौथ का व्रत रखा। लेकिन भूख के कारण इसकी हालत खराब होने लगी। भाईयों से बहन की यह स्थिति देखी नहीं जा रही थी। इस लिए चांद निकलने से पहले ही एक पेड़ की ओट में छलनी के पिछे दीया रखकर बहन से कहने लगे कि देखो चांद निकल आया है। बहन ने झूठा चांद देखकर व्रत खोल लिया। इससे वीरवती के पति की मृत्यु हो गई।*

*👉🏽 वीरवती को जब झूठे चांद को देखकर व्रत खोलने के कारण पति की मृत्यु होने की सूचना मिली तब वह बहुत दुःखी हो गई। वीरवती ने अपने पति के मृत शरीर को सुरक्षित अपने पास रखा और अगले वर्ष करवाचौथ के दिन नियम पूर्वक व्रत रखा जिससे करवामाता प्रसन्न हुई। वीरवती का मृत पति जीवित हो उठा।*

*👉🏽 सुहागन स्त्रियां इस घटना को सदैव याद रखें। कोई छल से कोई उनका व्रत तोड़ न दे, इसलिए स्वयं छलनी अपने हाथ में रखकर उगते हुए चांद को देखने की परंपरा शुरू हुई। करवा चौथ में छलनी लेकर चांद को देखना यह भी सिखाता है कि पतिव्रत का पालन करते हुए किसी प्रकार का छल उसे प्रतिव्रत से डिगा न सके।*

🌙 *करवा का महत्व* 🌙

*👉🏽 करवाचौथ🌙 में सबसे अहम करवा होता है। करवा का अर्थ होता है मिट्टी का बर्तन। इस व्रत में सुहागिन स्त्रियां करवा की पूजा करके करवा माता से प्रार्थना करती है कि उनका प्रेम अटूट हो। पति-पत्नी के बीच विश्वास का कच्चा धागा कमजोर न हो पाए।*

 

*👉🏽 इसके लिए मिट्टी के बरतन को प्रतीक चिन्ह के रूप में प्रयोग किया जाता है, क्योंकि मिट्टी के बर्तन को ठोकर लग जाए तो चकनाचूर हो जाता है, फिर जुड़ नहीं पाता है। इसलिए हमेशा यह प्रयास बनाए रखना चाहिए कि पति-पत्नी के प्रेम और विश्वास को ठेस नहीं पहुंचे।*

🙏🪷🌙*इतिहास जो छिपाया गया है –*

9 सितम्बर 1947 की मध्यरात्रि को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा सरदार पटेल को सूचना दी गई कि 10 सितम्बर को संसद भवन उड़ा कर एवं सभी मन्त्रियों की हत्या कर के लाल किले पर पाकिस्तानी झण्डा फहराने की दिल्ली के मुसलमानों की योजना है।
सूचना क्योंकि संघ की ओर से थी, इसलिये अविश्वास का प्रश्न नहीं था। पटेल तुरंत हरकत में आए और सेनापति आकिन लेक को बुला कर सैनिक स्थिति के बारे में पूछा।
उस समय दिल्ली में बहुत ही कम सैनिक थे। आकिन लेक ने कहा कि आस-पास के क्षेत्रों में तैनात सैनिक टुकड़ियों को दिल्ली बुलाना भी खतरे से खाली नहीं है। कुल मिला कर आकिन लेक का तात्पर्य था कि यह इतनी जल्दी भी नहीं किया जा सकता, इसके लिये समय चाहिए। यह सारी वार्ता वायसराय माउंटबैटन के सामने ही हो रही थी, लेकिन पटेल तो पटेल ही थे। उन्होंने आकिन लेक को कहा-“विभिन्न छावनियों को संदेश भेजो, उनके पास जितनी जितनी भी टुकड़ियाँ फालतू हो सकती हैं, उन्हें तुरंत दिल्ली भेजें।” आखिर ऐसा ही किया गया।

उसी दिन शाम से टुकड़ियाँ आनी शुरू हो गई। अगले दिन तक पर्याप्त टुकड़ियाँ दिल्ली पहुँच चुकी थीं।

*सैनिक कार्यवाही*
सैनिक कार्यवाही आरम्भ हुई। दिल्ली के जिन-जिन स्थानों के बारे में संघ ने सूचना दी थी, उन सभी स्थानों पर एक साथ छापे मारे गये और हर जगह से बड़ी मात्रा में शस्त्रास्त्र बरामद हुए। पहाड़गंज की मस्जिद, सब्ज़ी मंडी मस्जिद तथा मेहरौली की मस्जिद से सब से अधिक शस्त्र मिलेl अनेक स्थानों पर मुसलमानों ने स्टेन गनों तथा ब्रेन गनों से मुकाबला किया, लेकिन सेना के सामने उन की एक न चली। सब से कड़ा मुकाबला हुआ सब्जी मण्डी क्षेत्र में स्थित ‘काकवान बिल्डिंग’ में। इस एक बिल्डिंग पर कब्जा करने में सेना को चौबीस घण्टों से भी अधिक समय लगा।

मेहरौली की मस्जिद से भी स्टेनगनों व ब्रेनगनों से सेना का मुकाबला किया गया। चार-पाँच घंटे के लगातार संघर्ष के बाद ही सेना उस मस्जिद पर कब्जा कर सकी।

*तत्कालीन काँग्रेस अध्यक्ष आचार्य कृपलानी के अनुसार*
“मुसलमानों ने हथियार एकत्र कर लिए थे। उन के घरों की तलाशी लेने पर बम, आग्नेयास्त्र और गोला बारूद के भण्डार मिले थे। स्टेनगन, ब्रेनगन, मोर्टार और वायर लेस ट्रांसमीटर बड़ी मात्रा में मिले। इन को गुप्तरूप से बनाने वाले कारखाने भी पकड़े गए।

अनेक स्थानों पर घमासान लड़ाई हुई, जिस में इन हथियारों का खुल कर प्रयोग हुआ। पुलिस में मुसलमानों की भरमार थी। इस कारण दंगे को दबाने में सरकार को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। इन पुलिस वालों में से अनेक तो अपनी वर्दी व हथियार लेकर ही फरार हो गए और विद्रोहियों से मिल गए। शेष जो बचे थे, उन की निष्ठा भी संदिग्ध थी। सरकार को अन्य प्रान्तों से पुलिस व सेना बुलानी पड़ी।” (कृपलानी, गान्धी, पृष्ठ 292-293)

*मुसलमान सरकारी अधिकारी थे योजनाकार*
दिल्ली पर कब्जा करने की योजना बनाने वाले कौन थे ये लोग? ये कोई सामान्य व्यक्ति नहीं थे। इन में बड़े – बड़े मुसलमान सरकारी अधिकारी थे, जिन पर भारत सरकार को बड़ा विश्वास था। इन में उस समय के दिल्ली के बड़े पुलिस अधिकारी तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी थे, जो कि मुसलमान थे।
एक-एक पहलू को अच्छी तरह सोच-विचार करके लिख लिया गया था और वे लिखित कागज-पत्र विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की ही कोठी में एक तिजोरी में सुरक्षित रख लिए गए थे।

उन दिनों मुसलमान बन कर मुस्लिम अधिकारियों की गुप्तचरी करने वाले संघ के स्वयंसेवकों को इस की जानकारी मिल गई और उन्होंने संघ अधिकारियों को सूचित किया। संघ अधिकारियों ने योजना के कागजात प्राप्त करने का दायित्व एक खोसला नाम के स्वयंसेवक को सौंपा।
खोसला ने उपयुक्त स्वयंसेवकों की एक टोली तैयार की और सभी मुसलमानी वेश में रात को विश्वविद्यालय के उस अधिकारी की कोठी पर पहुँच गए। मुस्लिम नेशनल गार्ड के कार्यकर्ता वहाँ पहरा दे रहे थे। खोसला ने उन्हें ‘वालेकुम अस्सलाम’ किया और कहा – “हम अलीगढ़ से आए हैं। अब यहाँ पहरा देने की हमारी ड्यूटी लगी है। आप लोग जाकर सो जाओ।” वे लोग चले गए।

*कोठी से तिजोरी ही उठा लाए*
खोसला के लोग कोठी से उस तिजोरी को ही निकाल कर ट्रक पर रख कर ले गए। उस में से वे कागज निकाल कर देखे गए तो सब सन्न रह गए।

नई दिल्ली में आजकल जो संसद सदस्यों की कोठियाँ हैं, इन्हीं में से ही किसी कोठी में रात को कुछ स्वयंसेवक सरकारी अधिकारियों की बैठक बुलाई गई और दिल्ली पर कब्जे की उन कागजों में अभिलिखित योजना पर मन्थन किया गया। इसी मन्थन में से यह बात सामने आई कि यह योजना इतने बड़े और व्यापक स्तर की है कि हम संघ के स्तर पर उस को विफल नहीं कर सकते। इसे सेना ही विफल कर सकती है। अतः इस की सूचना हमें सरदार पटेल को देनी चाहिए। फलतः उस बैठक से ही दो – तीन कार्यकर्ता रात्रि को एक बजे के लगभग सीधे सरदार पटेल की कोठी पर पहुँचे तथा उन्हें जगा कर यह सारी जानकारी दी। पटेल बोले – “अगर यह सच न हुआ तो?” कार्यकर्ताओं ने उत्तर दिया – “आप हमें यहीं बिठा लीजिए तथा अपने गुप्तचर विभाग से जाँच करा लीजिए। अगर यह सच साबित न हुआ तो हमें जेल में डाल दीजिए।” इस के बाद सरदार हरकत में आए।

कल्पना करें कि यदि सरदार पटेल संघ की उक्त सूचना पर विश्वास न करते अथवा वे आकिन लेक की बातों में आ जाते तो भारत सरकार को भाग कर अपनी राजधानी लखनऊ, कलकत्ता या मुम्बई में बनानी पड़ती और परिणाम स्वरूप आज पाकिस्तान की सीमा दिल्ली तक तो जरूर ही होती।

*साभार : पुस्तक : ”विभाजनकालीन भारत के साक्षी” (पृष्ठ संख्या 92-93)*
*लेखक – श्री कृष्णानन्द सागर जी*

*बेंजामिन नेतन्याहू के भाषण के अंश*

इज़राइल की पुकार

        75 साल पहले हमें मरने के लिये लाया गया। हमारे पास ना कोई देश था, ना कोई सेना थी। सात देशों ने हमारे विरुद्ध जंग छेड़ दी। हम केवल 65,000 थे। हमें बचाने के लिये कोई नहीं था। हम पर हमले होते रहे, होते रहे।

        लेबनान, सीरिया, ईराक, जार्डन, मिस्र, लीबिया, सऊदी अरब जैसे कई देशों ने हमारे ऊपर कोई दया नहीं दिखाई। सभी लोग हमें मारना चाहते थे किंतु हम बच गये।

       संयुक्त राष्ट्र ने हमें धरती दी, वह धरती जो 65 प्रतिशत रेगिस्तान थी। हमने उस को भी अपने खून से सींचा। हमने उसे ही अपना देश माना क्योंकि हमारे लिये वही सब कुछ था। 

        हम कुछ नहीं भूले, हम फिरऔन से बच गये। हम यूनान से बच गये। हम रोमन से बच गये। हम स्पेन से बच गये । हम हिटलर से बच गये। हम अरब देशों से बच गये। हम सद्दाम से बच गये। हम गद्दाफी से बच गये। हम हमास से भी बचेंगे, हम हिजबुल्ला से भी बचेंगे और हम ईरान से भी बचेंगे।

       हमारे जेरूसलम पर अब तक 52 बार आक्रमण किया गया, 23 बार घेरा गया, 39 बार तोड़ा गया, तीन बार बर्बाद किया गया, 44 बार कब्जा किया गया लेकिन हम अपने जेरूसलम को कभी नहीं भूले। वह हमारे हृदय में है, वह हमारे मस्तिष्क में है और जब तक हम रहेंगे, जेरूसलम हमारी आत्मा में रहेगा।

         संसार यह याद रखें जिन्होंने हमें बर्बाद करना चाहा वह आज स्वयं नहीं है। मिस्र, लेबनान, बेबीलोन, यूनान, सिकंदर, रोमन सब खत्म हो गये ।

 हम फिर भी बचे रहे।

         हमें वे (इस्लामी) खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने हमारे रस्म रिवाज को कब्जाया। उन्होंने हमारे उपदेशों को कब्जाया। उन्होंने हमारी परंपरा को कब्जाया। उन्होंने हमारे पैगंबर को कब्जाया। कुछ समय पश्चात् अब्राहम इब्राहीम कर दिए गये, सोलोमन सुलेमान हो गये, डेविड दाऊद बना दिये गये, मोजेज मूसा कर दिये गये..

        फिर एक दिन… उन्होंने कहा तुम्हारा पैगंबर (मुहम्मद) आ गया है। हमने इसे नहीं स्वीकार क्या। करते भी कैसे ? उनके आने का समय नहीं आया था। उन्होंने कहा, स्वीकारो! कबूल लो! हमने नहीं स्वीकारा । फिर हमें मारा गया। हमारे शहरों को कब्जाया गया, हमारे शहर यसरब को मदीना बना दिया गया। हम कत्ल हुए, भगा दिये गये..                                        

         मक्का के काबा में हम 2 लाख थे, मार दिये गये। हमें दुश्मन बता कर कत्ल किया गया, फिर सीरिया में, ओमान में यही हुआ। हम तीन लाख थे, मार दिये गये। ईराक़ में हम 2 लाख थे, तुर्की में चार लाख, हमें मारा जाता रहा, मारा जाता रहा। वे हमें मार रहे हैं, मारते जा रहे हैं। हमारे शहर, धन, दौलत, घर, पशु, मान सम्मान सब कुछ कब्जाए जाते रहे फिर भी हम बचे रहे।

           1300 सालों में करोड़ों यहूदियों को मारा गया फिर भी हम बचे रहे।

         75 साल पहले वे हम पर थूकते थे, जलील करते थे, मारते थे। हमारी नियति यही थी किंतु हम स्वयं पर, अपने नेतृत्व पर, अपने विश्वास पर टिके रहे।

         आज हमारे पास एक अपना देश है। एक स्वयं की सेना है, एक छोटी अर्थव्यवस्था है। इंटेल, माइक्रोसाफ्ट, आईबीऐम, फेसबुक, जैसी कई संस्थायें हमने इस दौर में बनाईं। आज हमारे चिकित्सक दवा बन रहे हैं, लेखक पुस्तकें लिख रहे हैं, यह सब के लिये है, यह मानवता के कल्याण के लिये है।

          हमने रेगिस्तान को हरियाली में बदला। हमारे फल, दवाएं, उपकरण, उपग्रह सभी के लिये है।

          हम किसी के दुश्मन नहीं हैं, हमने किसी को समाप्त करने की कसमें नहीं खाईं। हमें किसी को बर्बाद भी नहीं करना, हम साजिशें भी नहीं करते। 

           हम जीना चाहते हैं, केवल सम्मान से, अपने देश में, अपनी धरा पर, अपने घर में।

          पिछले हजार वर्षों से हमें मिटाया गया, खदेड़ा गया, कब्जाया जाता रहा, हम मिटे नहीं, हारे नहीं और न अभी हारेंगे। हम जीतेंगे, हम जीत कर रहेंगे, हम 3000 सालों से यरूशलम में ही थे। आज हम अपने पहले देश इजराइल में हैं। यह हमारा ही था, हमारा ही है और हमारा ही रहेगा, येरूशलम हमसे है और हम येरूशलम से हैं।

           यह जिजीविषा हिंदुओं में भी पनपनी चाहिये। मानसरोवर, काबुल, कंधार, पेशावर लाहौर, ढाका, चटगांव अपनी संतानों की प्रतीक्षा में है🪢

*इस  चित्र पर जरा ध्यान दीजिए :-*

यह एक *”अमरबेल”* है जिसे एक पेड़ ने सहारा देकर उसके फलने – फूलने में सहयोग किया था……
*और….* एक दिन उस अमरबेल ने पूरे पेड़ पर फैल कर उसका जीवन लील लिया… ईह लीला समाप्त कर दिया…*पेड़ सूख गया…*

इस चित्र से आप अपने आस पास फैले भयावह परजीवी समस्या को जानिए और अनुभव कीजिए.! इससे बचने का त्वरित उपाय कीजिए अन्यथा आप भी इसी निष्प्राण पेड़ के जैसे प्राणहीन हो जायेंगे.!
इस स्थिति के आने से पहले सावधान!! *समय नहीं है, जागें…!!!😎*