आज का पंचाग आपका राशि फल, जिस सम्राट अशोक का राजचिन्ह अशोकचक्र भारत देश अपने झंडे में लगता है उसकी जयंती पर राजकीय अवकाश कब होगा?, क्या अरुणिता कांजिलाल और उत्तराखंड के पवनदीप राजन विवाह बंधन में बंध गए?, सनातन धर्म संस्कृति के विरोध की रणनीति और मोदी को हराने का विदेशी षड्यंत्र हुआ अनावृत, ३३ वर्ष बाद कश्मीर में आर्य समाज ने अपना विद्यालय पुनः खोला

‌‌   *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​*
*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम**सुप्रभातम*

*आज का पञ्चाङ्ग*
*_शुक्रवार, १५ सितम्बर २०२३_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:१६
सूर्यास्त: 🌅 ०६:३०
चन्द्रोदय: 🌝 ❌️❌️❌️
चन्द्रास्त: 🌜१८:४३
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शरद
शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८०(पिंगल)
मास 👉 भाद्रपद
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 अमावस्या
(०७:०९ से प्रतिपदा)
नक्षत्र👉उत्तराफाल्गुनी(पूर्ण रात्रि
योग 👉 शुभ(०३:४२ से शुक्ल)
प्रथम करण👉नाग(०७:०९ तक)
द्वितीय करण 👉 किंस्तुघ्न
(२०:१५ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह
चंद्र 🌟 कन्या (११:३५ से)
मंगल🌟कन्या(अस्त,पश्चिम,मार्गी
बुध🌟सिंह (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र🌟कर्क(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४७ से १२:३७
अमृत काल 👉 २३:३५ से ०१:२२
विजय मुहूर्त 👉 १४:१६ से १५:०५
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:२३ से १८:४६
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:२३ से १९:३३
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४९ से ००:३५
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:२८ से ०५:१५
राहुकाल 👉 १०:३९ से १२:१२
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:१७ से १६:५०
होमाहुति 👉 सूर्य
दिशाशूल 👉 पश्चिम
नक्षत्र शूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 आकाश (०७:०९ से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 पूर्व (दक्षिण ११:३६ से)
शिववास 👉 गौरी के साथ (०७:०९ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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बुध मार्गी २५:४८ से, मंगल अस्त १२:३९ से आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०६:०५ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (टे, टो, प, पी) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह – ०३:५६ से ०६:१४
कन्या – ०६:१४ से ०८:३२
तुला – ०८:३२ से १०:५३
वृश्चिक – १०:५३ से १३:१२
धनु – १३:१२ से १५:१६
मकर – १५:१६ से १६:५७
कुम्भ – १६:५७ से १८:२३
मीन – १८:२३ से १९:४६
मेष – १९:४६ से २१:२०
वृषभ – २१:२० से २३:१५
मिथुन – २३:१५ से ०१:३०
कर्क – ०१:३० से ०३:५२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०६:०१ से ०६:१४
शुभ मुहूर्त – ०६:१४ से ०७:०९
शुभ मुहूर्त – ०७:०९ से ०८:३२
रोग पञ्चक – ०८:३२ से १०:५३
शुभ मुहूर्त – १०:५३ से १३:१२
मृत्यु पञ्चक – १३:१२ से १५:१६
अग्नि पञ्चक – १५:१६ से १६:५७
शुभ मुहूर्त – १६:५७ से १८:२३
रज पञ्चक – १८:२३ से १९:४६
अग्नि पञ्चक – १९:४६ से २१:२०
शुभ मुहूर्त – २१:२० से २३:१५
रज पञ्चक – २३:१५ से ०१:३०
शुभ मुहूर्त – ०१:३० से ०३:५२
चोर पञ्चक – ०३:५२ से ०६:०१
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपके लिए साधारण ही रहेगा। अधिकांश समय आप अपने मे ही मगन रहेंगे लेकिन अपने कार्यो को थोड़े आलस्य के बाद पूरी निष्ठा से करेंगे। आर्थिक रूप से दिन कुछ खास लाभ नही देगा। व्यवसायियों को नियमित कार्यो से मध्यम आय होगी धन को लेकर ज्यादा हाथ-पैर ना मारे अन्यथा कुछ ना कुछ हानि ही मिलेगी। पारिवारिक सदस्य आपकी मनोदशा को समझेंगे जिससे आपसी तालमेल बना रहेगा। महिलाये भक्ति भावना से सराबोर रहेंगी। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा के प्रसंग भी बनेंगे परन्तु अंत समय मे किसी कारणवश निरस्त भी हो सकते है। अविवाहितों के विवाह के प्रस्ताव आएंगे लेकिन जल्दबाजी ना करें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप अपनी बुद्धि के बल से धन एवं सम्मान का लाभ पायेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी छवि निखरेगी। कार्य क्षेत्र पर भी आपकी राय की आवश्यकता पड़ेगी। अधिकारी वर्ग आप के ऊपर प्रसन्न रहेंगे। कुछ दिनों से मन मे चल रही दुविधा का आज कुछ ना कुछ हल अवश्य निकल आएगा। लेकिन आर्थिक दृष्टिकोण से आज भी दिन परेशानी भरा रहेगा फिर भी खर्चो पर नियंत्रण रहने से ज्यादा भर नही पड़ेगा। परिजनों से वैर विरोध की भावना रहने से घर का वातावरण उदासीन रहेगा फिर भी महिलाये शांति बनाने के लिए पहल करेंगी। संध्या बाद धन लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन अहंकार के कारण हाथ से ना निकले इसका ध्यान रखें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपके लिए आज का दिन उतारचढ़ाव वाला ही रहेगा। आस-पास का वातावरण आपको ना चाहते हुए भी क्रोध करने पर मजबूर करेगा। कार्य क्षेत्र एवं परिवार में भी महिला वर्ग से तकरार होने की सम्भवना है। भाई-बंधु अथवा पड़ोसियों के साथ मामूली बात का बतंगड़ बनने से मानसिक रूप से अशांत रहेंगे। कार्य व्यवसाय पर भी व्यवस्था की कमी रहने के कारण व्यवधान आएंगे। आज आप जिस लाभ एवं सम्मान के अधिकारी है वह परिचित व्यक्ति से मतभेद कारण नही मिल सकेगा। महिलाओ में भी अहम की भावना अधिक रहेगी नुकसान भले ही हो जाये परन्तु झुकेगी नही। दाम्पत्य जीवन मे नीरसता रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिए लाभ दिलाने वाला रहेगा। प्रातः काल से ही मन मे धन लाभ की कामना लगी रहेगी इसके लिए कुछ ना कुछ तिकड़म लगाते रहेंगे लेकिन धन की आमद मध्यान पश्चात ही संभव हो सकेगी। आज पुराने धन की वापसी होने पर प्रसन्न रहेंगे। महिलाये खरीदारी पर धन खर्च करेंगी अज्ञानता में हानि होने की संभावना है सतर्क रहें। आपकी जरूरत लोगो को आज अधिक रहने से सम्मान के साथ धन लाभ के अवसर भी मिलते रहेंगे। गृहस्थ में पूर्ण ध्यान नही देने से किसी की नाराजगी देखनी पड़ेगी लेकिन कुछ समय के लिए ही। संतानो को लेकर चल रही चिंता आज कम होगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये संतोषजनक रहेगा। आज आप धन को लेकर ज्यादा भागदौड़ करने के पक्ष में नही रहेंगे लेकिन फिर भी लाभ पाने की योजना चलती रहेगी। आर्थिक कारणों से मन मे चिंता रहेगी फिर भी उजागर नही करेंगे। कार्य व्यवसाय से थोड़े परिश्रम के बाद काम चलाने लायक धन मिल जायेगा। परिजनों अथवा रिश्तेदारों से आपसी संबंधों में व्यवहारिकता मात्र ही रहेगी स्वार्थवश व्यवहार करेंगे। घर के लोग आज आपकी निश्चिन्त प्रवृति के चलते नाराज हो सकते है। संध्या बाद कोई शुभ समाचार मिलने से मानसिक शांति मिलेगी। धन के लेन देन में स्पष्टता रखें। पर्यटन की योजना बनाएंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपकी आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर बनेगी लेकिन आपकी मौज शौक की प्रवृति के पीछे खर्च अधिक होगा। घर मे सुख सुविधा के सामान की बढ़ोतरी होगी। आज के दिन आपकी मानसिकता बिना परिश्रम किया सुख भोगने वाली रहेगी यह कामना कुछ हद तक पूर्ण भी हो जाएगी परन्तु धन संबंधित योजनाओ को गति देने के लिए आज किसी अन्य की सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। मध्यान तक किये परिश्रम का फल संध्या तक मिल जाएगा। जोड़-तोड़ कर धन कोष में वृद्धि होगी लेकिन दैनिक से अतिरिक्त खर्च आने से बचत नही हो पाएगी। आज किसी की सहायता मजबूरी में करेंगे। बाहर घूमने का आयोजन होगा मनोरंजन पर खर्च बढेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिए हानिकर रहेगा। दिन के प्रथम भाग में कोई अशुभ समाचार मिलने से मन बेचैन रहेगा। परिवार अथवा रिश्तेदारी में दुखद घटना होने की संभावना है। जोखिम वाले कार्यो से दूर रहना ही हितकर रहेगा। नौकरी पेशा जातको पर आकस्मिक कोई संकट आ सकता है अधिकारियों से बच कर रहें। कार्य व्यवसाय में उदासीनता दिखाने से होने वाले लाभ में कमी आएगी। आपके स्वभाव में रूखापन रहने से स्नेहीजनों को तकलीफ होगी। परिवार अथवा अन्य से किये वादे पूरे नही कर सकेंगे जिसकारण सम्मान हानि हो सकती है। आय की अपेक्षा खर्च अधिक होगा। महिलाओ को शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आपको अकस्मात धन की प्राप्ति होगी। पारिवारिक संबंध आपकी उन्नति में सहायक बनेंगे। लेकिन भाई-बंधुओ से किसी पुरानी बात को लेकर खींच-तान होने की संभावना भी है। महिलाये आज किसी अन्य महिला से मन ही मन इर्ष्या का भाव रखेंगी। घरेलू अथवा अन्य कार्य भी रूखे मन से करेंगी। घरेलू वातावरण आपकी आलसी अथवा टालमटोल वाली वृति से अस्त-व्यस्त रहेगा फिर भी आज कोई भी आपके सामने शिकायत या आपकी आलोचना नही करेगा। प्रेम-प्रसंगों में अधिक भावुकता मन दुख का कारण बनेगी। बुजुर्गो का सहयोग एवं मार्गदर्शन मिलेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपकी सोची अधिकांश योजनाए निर्विरोद्ध सफल होंगी। खासकर महिलाये कार्यो के मन इच्छित रूप से होने पर दिन भर प्रसन्न रहेंगी। आध्यात्मिक एवं परोपकारी स्वभाव का लाभ भी किसी ना किसी रूप में आज अवश्य मिलेगा। नौकरी पेशा जातको को नई जगह से प्रस्ताव मिलेंगे। बेरोजगारों के भी नए रोजगार से जुड़ने की संभावना है प्रयासरत रहें। धन लाभ रुक-रुक कर परन्तु प्रचुर मात्रा में होगा जिससे अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से कर सकेंगे। फिजूल के खर्च भी मध्यान के बाद अकस्मात ही बढ़ेंगे इनकी परवाह आज नही करेंगे। पति-पत्नि ने मामूली नोक-झोंक हो सकती है। संध्या के समय थकान ज्यादा रहेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको पारिवारिक प्रतिष्ठा का भरपूर लाभ मिलेगा लेकिन संतानो को लेकर कोई नई समस्या खड़ी होने से थोड़ी परेशानी भी रहेगी। नौकरी पेशा जातको को व्यवहार कुशलता का फल सम्मान के रूप में मिलेगा अतरीरिक्त आय के साधन भी जुड़ेंगे। सरकारी कार्यो में आज ढील ना दें अन्यथा लंबे समय के लिए लटक सकते है। आज महिलाओ की फरमाइशें पूर्ण नही हो पायेगी जिससे थोड़ी देर के लिए घर का वातावरण उदासीन बनेगा। धन लाभ आज आवश्यकता अनुसार लेकिन प्रयत्न करने पर ही होगा। आज आप पुरानी स्मृतियां ताजा होने से कुछ समय के लिए काल्पनिक दुनिया मे भी खोये रहेंगे। दाम्पत्य जीवन सामान्य रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आपका आज का दिन संघर्षमय रहेगा। मध्यान तक लगभग सभी कार्य अव्यवस्थित रहेंगे जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसमे कोई ना कोई उलझन पड़ेगी। आर्थिक कमी रहने से मन मे नकारात्मक भाव आएंगे। महिलाओ को पेट, कमर अथवा जोड़ो संबंधित परेशानी रहने के कारण घर के कार्यो में विलंब होगा। कार्य व्यवसाय में से भी आज निराशा ही हाथ लगेगी। ध्यान रहे आज धन लाभ के लिए किसी के सहयोग एवं मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ेगी इसलिए रूखे व्यवहार से बचें आज आप केवल व्यवहारिकता के बल पर ही लाभ कमा सकते है। घर मे भी किसी सदस्य से उग्र वार्ता होने की संभावना है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपको विजय दिलाने वाला रहेगा परन्तु सम्बन्धो को लेकर आपकी लापरवाही स्नेही जनों से दूरी बनायेगी। दिन के आरम्भ में व्यवसाय संबंधित शुभ समाचार मिलेंगे धन लाभ थोड़े अंतराल पर होता रहेगा। नौकरी पेशा जातक भी आज अधिकारी वर्ग के निकट रहने से आसानी से अपनी कामना सिद्धि कर सकेंगे। महिलाये आध्यात्म में रुचि लेंगी लेकिन सुख सुविधाओं को लेकर असंतुष्ट भी रहेंगी। घर अथवा व्यावसायिक स्थल को नया रूप देने के लिये तोड़-फोड़ करने की योजना बनायेंगे। नये कार्यानुबन्ध हाथ मे लेना आज शुभ रहेगा। कही से रुका धन मिलने से प्रसन्नता होगी। घर मे मामूली बहस के बाद भी स्थिति सुखदायी रहेगी।
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३३ वर्ष बाद कश्मीर में आर्य समाज ने अपना विद्यालय पुनः खोला।

33 वर्ष पहले सलीम पंडित ने डीएवी स्कूल पर कब्जा कर उसका नाम नक्शबंदी पब्लिक स्कूल रख दिया था. अब इसे आर्य समाज ने वापस ले लिया है और 33 वर्ष बाद फिर से खोल दिया है।

साभार….
आप स्वयं फैसला कीजिये।
– देश मे चुनाव होते है लोग सरकार चुनते है क्या इस प्रक्रिया में सनातन का कोई रोल है या संविधान का रोल है
– देश मे लोग जिन्हें किसी भी मत पंथ सम्प्रदाय या धर्म जीवन शैली से परेशानी निजता के अधिकार के अंतर्गत उसे अधिकार प्राप्त है वह उसे छोड़ कर अपना मनचाहा रास्ता चुन लें। क्या इस प्रक्रिया में सनातन या अन्य पंथ को सरेआम बदनाम करना भी निजता का अधिकार होता है?
– ब्राम्हण राजपूत बनिए या अन्य अगड़ा पिछड़ा ये सब बातें संविधान में लिखी है इसके अनुसार आपको अधिकार प्राप्त है। तो देश को ब्राम्हण चला रहे है फिर उनको खत्म करने का बयान लक्षित हिंसा को बढ़ावा देना नही है?
– क्या नौकरी सरकारी ओहदे या अन्य सरकारी नौकरियों मंदिरों या सनातनियों से पूछ कर बांटी जा रही है? फिर सनातन किसको चुभ रहा है
– क्या ईसाइयत अपना चुके स्टालिन, राजा या अन्य जो अपने आप को सनातनी नही मानते और इसे खत्म करने का आवाह्न करते है,,,वे अपने घर या निजी जिंदगी ईसाइयत या अन्य अपनाए तरीको से जीते है या उन्हें कोई सनातनी जाकर धमकी देता के तुम सनातनी होकर जियो या ऐसी कोई कार्यप्रणाली उन्हें लगता है देश मे ऐसा करवा सकती है। फिर क्यो एक समुदाय को खत्म करने का आवाहन उनके द्वारा गृह युद्ध के लिए प्रेरित करने वाला , देश के लोगो मे नफरत फैलाने वाला क्यो न माना जाये।
जरूर सोचे वे आपके याने सनातन के अस्तित्व के दुश्मन है इसीलिए अपनी एकता मजबूत कीजिये। हर हर महादेव

अवश्य ध्यान में रखें 

आप भी इन प्रश्नों पर दृष्टि रखना कि :-

१. जिस सम्राट के नाम के साथ संसार भर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं…

२. जिस सम्राट का राजचिन्ह अशोकचक्र भारत देश अपने झंडे में लगता है…

३.जिस सम्राट का राजचिन्ह चारमुखी शेर को भारत देश राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलाती है और सत्यमेव जयते को अपनाया गया।

४. जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान सम्राट अशोक के नाम पर अशोक चक्र दिया जाता है …

५. जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ, जिसने अखंड भारत (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक छत्र राज किया हो …

६. जिस सम्राट के शासनकाल को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं …

७.जिस सम्राट के शासनकाल में भारत विश्वगुरु था, सोने की चिड़िया था, जनता खुशहाल और भेदभाव रहित थी …

८. जिस सम्राट के शासनकाल जीटी रोड जैसे कई हाई-वे बने, पूरे रोड पर पेड़ लगाये गए, सरायें बनायी गईं, इंसान तो इंसान जानवरों के लिए भी प्रथम बार हॉस्पिटल खोले गए, जानवरों को मारना बंद कर दिया गया…

ऐसे महान सम्राटअशोक कि जयंती उनके अपने देश भारत में क्यों नहीं मनायी जाती, न ही कोई छुट्टी घोषित कि गई है ?

अफसोस जिन लोगों को ये जयंती मनानी चाहिए, वो लोग अपना इतिहास ही नहीं जानते और जो जानते हैं.. वो मानना नहीं चाहते ।

1. जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया… ?

(जबकि ये बात सभी जानते हैं कि…सिकंदर की सेना ने चन्द्रगुप्तमौर्य के प्रभाव को देखते हुये ही लड़ने से मना कर दिया था.. बहुत ही बुरी तरह मनोबल टूट गया था… जिस कारण, सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने सेनापति सेल्युकश कि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी)

2. महाराणाप्रताप ”महान” ना होकर … अकबर ”महान” कैसे हो गया…?

जबकि, अकबर अपने हरम में हजारों लड़कियों को रखैल के तौर पर रखता था … यहाँ तक कि उसने अपनी बेटियों और बहनों की शादी तक पर प्रतिबँध लगा दिया था जबकि.. महाराणा प्रताप ने अकेले दम पर उस अकबर के लाखों की सेना को घुटनों पर ला दिया था)

3. सवाईजयसिंह को “महान वास्तुप्रिय” राजा ना कहकर शाहजहाँ को यह उपाधि किस आधार मिली.. ? जबकि… साक्ष्य बताते हैं कि…. जयपुर के हवा महल से लेकर तेजोमहालय {ताजमहल} तक …. महाराजा जय सिंह ने ही बनवाया था.!

4. जो स्थान महान मराठा क्षत्रियवीरशिवाजी को मिलना चाहिये वो … क्रूर और आतंकी औरंगजेब को क्यों और कैसे मिल गया ..?

5. स्वामी विवेकानंद और आचार्य चाणक्य की जगह… विदेशियों को हिंदुस्तान पर क्यों थोप दिया गया…?

6. तेजोमहालय- ताजमहल ..लालकोट- लाल किला .. फतेहपुर सीकरी का देव महल- बुलन्द दरवाजा … एवं सुप्रसिद्ध गणितज्ञ वराह मिहिर की मिहिरावली (महरौली) स्थित वेधशाला- कुतुबमीनार .. क्यों और कैसे हो गया …?

7. यहाँ तक कि….. राष्ट्रीय गान भी… संस्कृत के वन्दे मातरम की जगह गुलामी का प्रतीक जन-गण-मन हो गया है कैसे और क्यों हो गया ..?

8. और तो और…. हमारे आराध्य भगवान् राम.. कृष्ण तो इतिहास से कहाँ और कब गायब हो गये पता ही नहीं चला … आखिर कैसे ?

9. यहाँ तक कि हमारे आराध्य भगवान राम की जन्मभूमि पावन अयोध्या … भी कब और कैसे विवादित बना दी गयी… हमें पता तक नहीं चला…

कहने का मतलब ये है कि हमारे दुश्मन सिर्फ….बाबर, गजनवी, तैमूरलंग ही नहीं हैं…. बल्कि आज के सफेदपोश तथाकथित ठेक्यूलर भी हमारे उतने ही बड़े दुश्मन हैं….
#_हर_हर_महादेव_शिव_शम्भो

क्या गायिका अरुणिता कांजिलाल और उत्तराखंड चंपावत जनपद के सुविख्यात गायक पवनदीप राजन  परिणय वंधन में बंघ गये हैं!! 

पवनदीप राजन (Pawandeep Rajan) और अरुणिता कांजीलाल (Arunita Kanjilal) जब शो में थे तभी से दोनों के रिलेशनशिप की खबरें सुर्खियों में रही हैं, हालांकि दोनों इस बात को कहते रहे हैं कि वह सिर्फ अच्छे मित्र हैं, इससे आगे कुछ नहीं। लेकिन सोशल मीडिया पर आने वाली उनके चित्र और वीडियो देख लोग इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं थे। दोनों के एक चित्र सामाजिक पटल पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों दूल्हा-दुल्हन के अवतार में नजर आ रहे हैं।

बता दें कि इंडियन आईडियल १२ पहले नम्बर पर विजेता रहे सुविख्यात गायक पवनदीप राजन का जन्म १९९६ में उत्तराखंड के चंपावत जनपद में हुआ। उनके पिता का नाम सुरेश राजन तथा माता का नाम सरोज राजन है उनकी बहनें भी लोक कलाकार हैं और आश्चर्यजनक रूप से पवनदीप राजन दो वर्ष की आयु से तबला बजाते हैं।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी द्वारा इसी वर्ष पवनदीप राजन को उत्तराखंड की कला पर्यटन और संस्कृति का ब्रांड एम्बेसेडर बनाया गया है ✍️हरीश मैखुरी 

रितेश जी (आरपीएस) – सीओ शाहपुरा प्लस ट्रैफिक भीलवाड़ा, और उनकी पत्नी श्रीमती निधि तुनवाल अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट मेड़ता, नागौर की ओर से लिया गया हर महिनें पाठशाला में 1100 रुपए का योगदान, निर्माण में भी बड़ा सहयोग करने का संकल्प है (साभार शोशल मीडिया) 

🤔 *प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रहते हिन्दुस्तान का इस्लामिक देश बनना असंभव है। यह बात उनको भी पता है  मोदी जी को रास्ते से हटाने की बहुत बड़ी साज़िश इस देश मे रची गई है। मोदी हटा और हिन्दू काटा। हम हिन्दू अभी भी आपसी भाई चारे की बात सोच रहे है तो फिर या तो हम अंधे है या हम सब जान कर भी अंजान है  अगर अब भी गलती की और जिन्ना वादी इस्लामिक कॉंग्रेस को वोट दिया तो फिर हिन्दुओ का गोल टोपी पहन के नमाज़ पढ़ना लगभग तय है। हिन्दुओ फिर कह रहा हूँ बार बार कह रहा हूँ यह 2024 के चुनाव, चुनाव नहीं हमारे आप के आस्तित्व की आख़िरी जंग होगी अगर जीते तो हिन्दू राष्ट्र और हारे तो इस्लामिक मुल्क। मुझे इस्लामिक मुल्क से ज्यादा फिक्र अपनी माँ बहनों की है। सब से बुरी दशा हमारी आप की माँ बहनो की होगी। आप अपनी भारत माँ और अपनी माँ को कितना प्यार करते है यह 2024 के चुनाव मे आप की वोटिंग से पता लगेगा यह निर्णय हम आप सब छोड़ते हैं 😲

I. N. D. I. A The Alliance of Congress DMK wants to abolish Sanatan Dharma – A TN Circular for college students..।।-

(इस स्लोगन के साथ शोशल मीडिया पर यह पत्र वायरल है) 

२०१४से पहले भारत जाता था यूएन कि पाकिस्तान बार बार सीज फायर का उल्लंघन कर रहा है और चीन हमारी सीमाओं को कब्जाने का षड्यंत्र रच रहा है आज वही चीन यूएन जा रहा है कि भारत अपनी शक्ति का चीन के हितों के विरूद्ध कर रहा है। ये देख कर पहली बार आत्म विश्वास जागा है।

*एक समय ऐसा था जब भारत UN जाकर गुहार लगाता था कि चीन और पाकिस्तान हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं,, अब वो समय है कि चीन और पाकिस्तान दोनों UN जा रहे हैं। वही भारत देश है पर अंतर इतना है जनता वही है *बस राजा बदल गया है* *जय श्री राम 🙏*

इसीलिए चीन ने भारत में मोदी को हराने के लिए अपने १०हजार से अधिक प्लेट फार्म का उपयोग  कर रहा है। शोशल मीडिया पर साझा समाचारों के अनुसार अमेरिकी पूंजीपति जार्ज सोरोस ने भी मोदी को हराने के लिए अपने गुर्गों के माधम से अरबों रूपये लगा लिए हैं। 

शोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में A TO Z कल्पनातीत देशघातक साज़िशोंं भयावह षडयंत्रों का एक वीडियो में अनावरण हुआ है।  सारे विदेशी शत्रु दुश्मन एवं देश में बैठे देशद्रोही ग़द्दार आम्भी जयचंद मानसिंह के वंशज भी इस षड्यंत्र में सम्मलित दिखाई दे रहे हैं । धन्य धन्य धन्य धन्य धन्य धन्य अंतरिक्षदूत विराटमानव विश्वविजेता हिंदुहृदयसम्राट मोदीजी जो इन सबके अरबों खरबों डॉलर के मनसूबे मिट्टी में मिलाकर देश को अभूतपूर्व ऊंचाईयों पर ले जा रहे हैं । पहचान लीजिए सब षड्यंत्रकारियों को । संभाल कर रखिएगा उस बेजोड़ लाजवाब अनोखे विडियो को वीडियो लिंक दे रहे हैं । वंदेमातरम् वंदेगौमातरम् ।*

खेलत गेंद गिरे जमुना में हो…

    तो क्या सचमुच गेंद यूँ ही यमुना में चली गयी थी? नहीं भाई! गेंद जानबूझ कर यमुना में फेंकी गयी थी। वह यमुना जो युग युगांतर से अपने तट पर बसे लोगों की माई थी, यमुना मइया… जिसका अमृत जल पी कर मानवों की असँख्य पीढ़ियों ने अपना जीवन पूर्ण किया था। और उसी यमुना में अब विष बह रहा था…

     वो जिसने गेंद फेंकी थी न, वह आने वाले युग को यही बताने आया था कि “विषधर के काटने की प्रतीक्षा मत करना! वह यदि आसपास दिख जाय तो ही उसकी दांत तोड़ दो। शत्रु के शक्तिशाली होने की प्रतीक्षा मत करो! अनावश्यक ही फेंको उसके घर में गेंद, और आगे बढ़ कर तोड़ दो उसके विषैले दांत!” पर इस देश के लड़के अपने पुरुखों की कही बात मानते कब हैं भाई…

      हाँ तो गेंद यमुना में गयी। नारायण मुड़े शेषनाग की ओर! इस बार भइया बन कर आये शेषनाग ने कहा, ” अधिक नाटक न करो! जाओ तोड़ कर आओ विषधर के दांत! हम इधर का संभालते हैं।”

     कृष्ण कूदे यमुना में और बलराम भगे गाँव में। चिल्लाए, “मइया… बाबा… काका… दौड़ो सब के सब, कान्हा जमुना में कूद गया…” क्यों चिल्लाए? क्या भय से? हट! उसे भय से क्या भय? वे चिल्लाए कि आओ सब, देख लो! मेरा कन्हैया कैसे भय की छाती पर चढ़ कर नाचता है। सीख लो कि शत्रु की नाक में नकेल डालना आवश्यक हो जाय, तो अपना गेंद फेक कर भी विवाद लिया जाना चाहिये। और जान लो, कि शत्रु के घर में घुस कर उसके दांत तोड़ देना अब से तुम्हारी धार्मिक परम्परा है।

      इधर हाहाकार करते ग्वाले जुटे नदी तट पर, और उधर कान्हा ने धर दबोचा कालिया को! जब उसकी गर्दन मरोड़ दी तो वह गिड़गिड़ाया- “हमने तुम्हारा तो कुछ न बिगाड़ा नाथ! फिर क्यों मार रहे हो?”

      कृष्ण खिलखिलाए। कहा, “जो अपने ऊपर अत्याचार होने पर प्रतिरोध करे वह घरबारी होता है, जो कहीं भी अपराध होता देख कर प्रतिरोध करे, वह अवतारी होता है। अभी तो प्रारम्भ है बाबू! स्वयं तक पहुँचने से पूर्व ही संसार के एक एक अपराधी को ढूंढ कर दण्ड देने आया हूँ मैं, और शुरुआत तुमसे होगी।”

     उसका गला उनके हाथ में था, वह रोने-गिड़गिड़ाने लगा। उसकी पत्नियां कान्हा के पैर पकड़ने लगीं, छाती पीटने लगीं। आप देखियेगा, अपराधियों का परिवार छाती पीटने में दक्ष होता है। वह भी सौगंध खाने लगा, “चला जाऊंगा, फिर कभी इधर लौट कर नहीं आऊंगा, भारत की ओर मुड़ कर नहीं देखूंगा…” 

     पर वो कन्हैया थे। छोड़ना तो सीखा ही नहीं था उन्होंने। कहा, “प्राण छोड़ देते हैं, पर तेरे भय को समाप्त करना ही होगा। तेरी ख्याति का वध तो अवश्य होगा।एक बार तेरे भय का मर्दन हो जाय, फिर तू पुनः आ भी जाय तो किसी को भय न होगा। कोई न कोई चीर ही देगा तेरा मुख। जल के ऊपर आ, आज तेरे सर पर ही होगा नृत्य! हमें गढ़ना है वह राष्ट्र, जहां अधर्म के सर पर चढ़ कर धर्म नाचे। निकल तो लल्ला…” 

     और फिर संसार ने देखा कालिया नाग के फन पर नाचते कृष्ण को! अधर्म के माथे पर नाचते धर्म को। मुस्कुरा उठे नन्द बाबा ने कहा, “युग बदल गया। अब से यह कृष्ण का युग है