आज का पंचाग आपका राशि फल, विष्णुरूप होते हैं अतिथि देव, मनुष्य जीवन में प्रसन्नता का योगदान, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी और गांधी जी की जयंती, 26/11 मुंबई टेरर अटैक के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद के सबसे करीबी माने जाने वाले मुफ्ती कैंसर फारूक को कराची में अज्ञात लोगों ने गोली मारी

‌‌   *༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​*

   *श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

               *आज का पञ्चाङ्ग*

*_सोमवार, ०२ अक्टूबर २०२३_*

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सूर्योदय: 🌄 ०६:२३

सूर्यास्त: 🌅 ०६:०९

चन्द्रोदय: 🌝 १९:५७

चन्द्रास्त: 🌜०९:०९

अयन 🌖 दक्षिणायणे

(दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🏔️ शरद 

शक सम्वत:👉१९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)

मास 👉 आश्विन

पक्ष 👉 कृष्ण

तिथि 👉 तृतीया (०७:३६ से

चतुर्थी)

नक्षत्र 👉 भरणी (१८:२४ से

कृत्तिका)

योग 👉 हर्षण(१०:२९ से वज्र)

प्रथम करण👉विष्टि(०७:३६ तक)

द्वितीय करण👉बव(१८:४८ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

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सूर्य 🌟 कन्या

चंद्र 🌟 वृष (२४:१४ से)

मंगल🌟कन्या(अस्त,पश्चिम,मार्गी

बुध🌟कन्या (अस्त, पूर्व, वक्री)

गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)

शुक्र🌟सिंह(उदित,पश्चिम,मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ

(उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४२ से १२:३०

अमृत काल 👉 १३:४९ से १५:२१

विजय मुहूर्त 👉 १४:०५ से १४:५२

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:०२ से १८:२६

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:०२ से १९:१५

निशिता मुहूर्त 👉 २३:४२ से ००:३१

ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:३३ से ०५:२२

प्रातः सन्ध्या 👉 ०४:५८ से ०६:१०

राहुकाल 👉 ०७:३९ से ०९:०८

राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम

यमगण्ड 👉 १०:३७ से १२:०६

दुर्मुहूर्त 👉 १२:३० से १३:१७

होमाहुति 👉 मंगल

दिशाशूल 👉 पूर्व

अग्निवास 👉 आकाश 

भद्रावास 👉 स्वर्ग (०७:३६ तक)

चन्द्रवास 👉 पूर्व (दक्षिण ००:१५ से) 

शिववास 👉 क्रीड़ा में (०७:३६ से कैलाश पर)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – अमृत २ – काल

३ – शुभ ४ – रोग

५ – उद्वेग ६ – चर

७ – लाभ ८ – अमृत

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – चर २ – रोग

३ – काल ४ – लाभ

५ – उद्वेग ६ – शुभ

७ – अमृत ८ – चर

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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चतुर्थी तिथि का श्राद्ध, भरणी श्राद्ध, संकष्ट चतुर्थी, बुध पूर्व मे अस्त ३०:०० पर आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १८:२४ तक जन्मे शिशुओ का नाम भरणी नक्षत्र के द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (लू, ले, लो) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (अ, ई) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कन्या – ०५:०८ से ०७:२५

तुला – ०७:२५ से ०९:४६

वृश्चिक – ०९:४६ से १२:०६

धनु – १२:०६ से १४:०९

मकर – १४:०९ से १५:५०

कुम्भ – १५:५० से १७:१६

मीन – १७:१६ से १८:४०

मेष – १८:४० से २०:१३

वृषभ – २०:१३ से २२:०८

मिथुन – २२:०८ से ००:२३

कर्क – ००:२३ से ०२:४५

सिंह – ०२:४५ से ०५:०४

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पञ्चक रहित मुहूर्त

मृत्यु पञ्चक – ०६:१० से ०७:२५

अग्नि पञ्चक – ०७:२५ से ०७:३६

शुभ मुहूर्त – ०७:३६ से ०९:४६

रज पञ्चक – ०९:४६ से १२:०६

शुभ मुहूर्त – १२:०६ से १४:०९

चोर पञ्चक – १४:०९ से १५:५०

शुभ मुहूर्त – १५:५० से १७:१६

रोग पञ्चक – १७:१६ से १८:२४

शुभ मुहूर्त – १८:२४ से १८:४०

शुभ मुहूर्त – १८:४० से २०:१३

रोग पञ्चक – २०:१३ से २२:०८

शुभ मुहूर्त – २२:०८ से ००:२३

मृत्यु पञ्चक – ००:२३ से ०२:४५ 

अग्नि पञ्चक – ०२:४५ से ०५:०४

शुभ मुहूर्त – ०५:०४ से ०६:११

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन मानसिक चंचलता के कारण बनते कार्यो को दुविधा के कारण आप स्वयं बिगाड़ लेंगे। सरकारी कार्य आज सावधानी से करें अन्यथा लंबित रखें हानि निश्चित रहेगी। संबंधो के प्रति भी आज ईमानदार नही रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आपके गलत आचरण से कलुषित होगा। सामाजिक क्षेत्र पर लोग पीठ पीछे बुराई करेंगे। सेहत में मानसिक दबाव के चलते उतार चढ़ाव लगा रहेगा। घर के बुजुर्ग आपसे नाराज रहेंगे। धन लाभ अचानक होने से स्थिति संभाल नही सकेंगे रुपया आते ही हाथ से निकल भी जायेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आपको आज के दिन प्रत्येक कार्यो में सावधान रहने की आवश्यकता है। धन के पीछे भागने की प्रवृति पर आज लगाम लगाकर रखे अन्यथा धन के साथ-साथ मान हानि भी होगी। दोपहर से पहले के भाग में पुराने कार्य पूर्ण होने से थोड़ा बहुत धन मिलने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। इसके बाद का समय प्रतिकूल बनता जाएगा। कार्य व्यवसाय में प्रतिस्पर्धी हर प्रकार से आपके कार्यो में व्यवधान डालने का प्रयास करेंगे। परिजनों से भी मामूली बात पर झगड़ा होगा। वाणी एवं व्यवहार से संयम बरतें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन लाभ के अवसर आपकी तलाश में रहेंगे। दिन में जिस किसी के भी संपर्क में रहेंगे उससे कुछ ना कुछ लाभ अवश्य होगा। कार्य क्षेत्र पर भी एक से अधिक साधनो से आय होगी। व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़ी महिलाओ को पदोन्नति के साथ प्रोत्साहन के रूप में आर्थिक सहायता भी मिल सकती है। सामाजिक कार्यो में रुचि ना होने पर भी सम्मिलित होना पड़ेगा मान-सम्मान बढेगा। परिजनों का मार्गदर्शन आज प्रत्येक क्षेत्र पर काम आएगा। महिलाओं का सुख सहयोग मिलेगा। प्रेम प्रसंगों में निकटता रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा। प्रातः काल जल्दी कार्यो में जुटने का फल शीघ्र ही धन लाभ के रूप में मिलेगा। अधिकांश कार्य थोड़े से परिश्रम से पूर्ण हो जाएंगे। अधिकारी वर्ग मुश्किल कार्यो में सहयोग करेंगे। आज आप जोड़ तोड़ वाली नीति अपना कर कठिन परिस्थितियों में भी अपना काम निकाल लेंगे। सरकारी कार्य मे भी सफलता की उम्मद जागेगी प्रयास करते रहे। दाम्पत्य जीवन मे छोटी-मोटी बातों को दिल पर ना लें स्थिति सामान्य ही रहेगी। मित्रो से कोई दुखद समाचार मिलेगा। 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन काफी उठा पटक वाला रहेगा। व्यावसायिक योजनाओं में अचानक बदलाव करना पड़ेगा। दिन के आरंभ में कार्यो की गति धीमी रहेगी समय पर वादा पूरा ना करने से व्यावसायिक संबंध खराब हो सकते है। कार्यो के प्रति नीरसत अधिक रहेगी। किसी भी कार्य को लेकर ठोस निर्णय नही ले पाएंगे परन्तु जिस भी कार्य में निवेश करेंगे उसमे विलंभ से ही सही सफल अवश्य होंगे धन लाभ भी आवश्यकता अनुसार हों जायेगा लेकिन संध्या पश्चात धन संबंधित कोई भी कार्य-व्यवहार ना करें। परिजन आपके टालमटोल वाले व्यवहार से दुखी रहेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन आशाओं के विपरीत रहने वाला है। सोची हुई योजनाए आरम्भ में सफल होती नजर आएंगी परन्तु मध्यान तक इनसे निराशा ही मिलेगी। आज आप जिससे भी सहायता मांगेंगे वो भ्रम की स्थिति में रखेगा। आज आप आत्मनिर्भर होकर अपने कार्यो को करें। भागीदारों से धन को लेकर अनबन हो सकती है। मीठा व्यवहार रखने पर भी लोग आपको केवल कार्य निकालने के लिए इस्तेमाल करेंगे। कार्य क्षेत्र की भड़ास घर पर निकालने से घर का माहौल भी बेवजह खराब होगा। पुराने कार्यो को पूर्ण करने की चिंता रहेगी। प्रेम प्रसंगों से निराश होंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन भी आशानुकूल रहेगा। सेहत उत्तम रहने से कार्यो को मन लगाकर करेंगे लेकिन किसी के हस्तक्षेप करने से मन विक्षिप्त हो सकता है। किसी के ऊपर ध्यान ना दें एकाग्र होकर अपने कार्य मे लगे रहे धन एवं सम्मान दोनों मिलने के योग है। लेकिन उधार के व्यवहार बढ़ने से असुविधा भी होगी। व्यावसाय में वृद्धि के लिए निवेश करना शुभ रहेगा। भाई-बंधुओ का सहयोग आज अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। महिलाओं को छोड़ घर के अन्य सदस्य आपसे ईर्ष्यालु व्यवहार रखेंगे। स्त्री से सुखदायक समाचार मिलेंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आप सम्भल कर ही कार्य करेंगे फिर भी सफलता में संशय बना रहेगा। व्यवहारिकता की कमी के कारण जितना लाभ मिलना चाहिए उतना नही मिल सकेगा। घर अथवा बाहर बेवजह कलह के प्रसंग बनेगे। व्यापार व्यवसाय में सहकर्मियो की।मनमानी के कारण असुविधा एवं अव्यवस्था बनेंगी लेकिन फिर भी स्वयं के पराक्रम से खर्च लायक धनार्जन कर ही लेंगे। आस-पड़ोसी एवं भाई बंधुओ से बात का बतंगड़ ना बने इसके लिए मौन रखने की जरूरत है फिर भी महिलाये स्वभावानुसार बनती बात बिगाड़ लेंगी। विपरीत लिंग के प्रति कामासक्त रहेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आप बुद्धि विवेक से कार्य करेंगे परन्तु परिस्थिति हर तरह से कार्यो में बाधा डालेगी। कार्य व्यवसाय से मन ऊबने लगेगा धैर्य से कार्य करते रहें संध्या तक संतोषजक लाभ अवश्य मिलेगा पारिवारिक एवं सामाजिक क्षेत्र पर आपके विचारो की प्रशंसा होगी लेकिन केवल व्यवहार मात्र के लिए ही। आर्थिक विषयो को लेकर किसी से विवाद ना करें धन डूबने की आशंका है। गृहस्थ में प्रेम स्नेह तो मिलेगा परन्तु स्वार्थ सिद्धि की भावना भी अधिक रहेगी। महिलाये अधिक बोलने की समस्या से ग्रस्त रहेंगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन अनैतिक कार्यो से बच कर रहें मन भ्रमित रहने के कारण निषेधात्मक कार्यो में भटकेगा। लोग आपसे भावनात्मक संबंध बनाएंगे परन्तु आवश्यकता के समय कोई आगे नही आएगा। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मियो का रूखा व्यवहार रहने से स्वयं के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। लंबी यात्रा के प्रसंग बनेंगे संभव हो तो आज टालें। पेट अथवा स्वांस, छाती संबंधित व्याधि हो सकती है। अधिकांश समय मानसिक रूप से भी अशान्त रहेंगे। परिवार में अनावश्यक खर्च बढ़ेंगे किसी की गलती का विरोध करना भी बेवजह कलह का कारण बनेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन आर्थिक दृष्टिकोण से उन्नति वाला रहेगा। धन संबंधित समस्याएं काफी हद तक सुलझने पर दिन भर प्रसन्नता रहेगी। कार्य व्यवसाय से प्रारंभिक परिश्रम के बाद दोपहर के समय से धन की आमद शुरू हो जाएगी जो संध्या तक रुक रुक कर चलती रहेगी। मितव्ययी रहने के कारण खर्च भी हिसाब से करेंगे धन कोष में वृद्धि होगी। महिलाये किसी मनोकामना पूर्ति से उत्साहित होंगी। आज महिला वर्ग से कोई भी काम निकालना आसान रहेगा मना नही कर सकेंगी। दाम्पत्य सुख में भी वृद्धि होगी। पर्यटन की योजना बनेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आप किसी भी कार्य को लेकर ज्यादा भाग-दौड़ करने के पक्ष में नही रहेंगे। आसानी से जितना मिल जाये उसी में संतोष कर लेंगे। परन्तु महिलाये इसके विपरीत रहेंगी अल्प साधनो से कार्य करने पर भाग्य को दोष देंगी। व्यवसाय की गति पल पल में बदलेगी जिससे सुकून से बैठने का समय नही मिलेगा। किसी पुरानी घटना को याद करके दुखी रहेंगे। पारिवारिक खर्चो में अकस्मात वृद्धि होने से बजट गड़बड़ा सकता है। महिलाओं के मन मे आज उथल पुथल अधिक रहने के कारण बड़ी जिम्मेदारी का कार्य सौपना उचित नही रहेगा

😊 *प्रसन्नता का महत्व* 😊

👍_*यदि आप एक अध्यापक हैं और जब आप प्रसन्नता से कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर प्रसन्नता छा जाएगी।_*

👍_*यदि आप डॉक्टर हैं और प्रसन्नता रोगी का उपचार करेंगे तो सेवार्थी का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा।*_

👍_*यदि आप एक ग्रहणी है तो प्रसन्नता घर का  कार्य किजिये तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का वातावरण बन जायेगा।*_

👍_*यदि आप घर के मुखिया है तो प्रसन्नता से शाम को घर में प्रवेश करें तो देखना पूरे परिवार में खुशी का वातावरण बन जायेगा।*

👍_*यदि आप एक व्यवसायी हैं और आप प्रसन्नत होकर कंपनी में आते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का दाब कम हो जायेगा और वातावरण ठीक हो जायेगा।_*

👍_*यदि आप व्यापार करते हैं और प्रसन्नता से अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक संतुष्ट होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा।*

👍_*कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर प्रसन्न दिखें, देखिये उसके चेहरे पर भी हंसी खिल जाएगी।_*

🌺_* हंसते रहें 😊क्यूंकि प्रसन्नता के पैसे नहीं लगते ये तो संतुष्टि और संपन्नता की पहचान है।_*

🌺_*हंसिये , 😊क्यूंकि आपकी हंसी कई मुखड़ों पर हंसी लाएगी।_*

🌺_*हंसते हुए दिखें , 😊क्यूंकि ये जीवन आपको पुनः कभी नहीं मिलेगा।_*

🌺_*हंसते रहें, 😊क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।”_*

🌺 _*हंसते हुए दिखें,😊क्योंकि संसार का हर व्यक्ति खिले फूलों और खिले हुए मुखड़ों को पसंद करता है।”*_

🌺_*हंसते रहें, 😊क्योंकि आपकी हँसी किसी की प्रसन्नता का कारण बन सकती है।”*_

🌺_*हंसते रहें,😊 क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक बने रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर प्रसन्न रहते हैं”*

*और सबसे बड़ी बात*

_*”हंसते रहें, 😊 क्योंकि यह मनुष्य होने की पहचान है। एक पशु कभी भी हंस नहीं सकता।”*_

*_इसलिए स्वयं भी प्रसन्न रहें और दूसरों के मुखड़ों पर भी प्रसन्नता लाएं,_*

 *यदि भाव प्रेम का है तो.. हर मन राधे कृष्ण है!!*

_*यही जीवन है।*_*आनंद ही जीवन है।।*_

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*📜 02 अक्टूबर 📜*

*🌹 लाल बहादुर शास्त्री // जयंती 🌹*

जन्म : 02 अक्टूबर 1904

मृत्यु : 11 जनवरी 1966

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय, उत्तर प्रदेश में ‘मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव’ के यहां हुआ था. उनका प्राथमिक शिक्षण ननिहाल में रहते हुए हुआ. उसके बाद की शिक्षा हरिश्चन्द्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ में हुई. काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की इसके पश्चात ‘शास्त्री’ शब्द ‘लाल बहादुर’ के नाम का पर्याय ही बन गया। दुर्दांत मुगल आक्रमणकारियों और अंग्रेजों ने भारत के संसाधन लूट कर देश को इतना खोखला कर दिया था कि भारत एक गरीब और संसाधन हीन देश बन गया इसी अभाव में शास्त्री जी का बचपन बीता और उन्होंने देश की गरीबी और गुलामी को प्रत्येक दिन भोगा। इसलिए बाद के दिनों में “मरो नहीं, मारो” का नारा लाल बहादुर शास्त्री ने दिया जिसने एक क्रान्ति को पूरे देश में प्रचण्ड किया। उनका दिया हुआ एक और नारा ‘जय जवान-जय किसान’ तो आज भी लोगों की वाणी पर है।

शास्त्रीजी ने अपना सारा जीवन सादगी से बिताया और उसे गरीबों की सेवा में लगाया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों व आन्दोलनों में उनकी निष्ठा कर्तव्य परायणता और देश को स्वतंत्र कराने के लिए सक्रिय भागीदारी रही और उसके परिणाम स्वरूप उन्हें कई बार जेलों में भी रहना पड़ा। स्वाधीनता संग्राम के जिन आन्दोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन, 1930 का दांडी मार्च तथा 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन उल्लेखनीय हैं।

शास्त्रीजी के राजनीतिक दिग्दर्शकों में पुरुषोत्तमदास टंडन और पण्डित गोविंद बल्लभ पंत के अतिरिक्त जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे। सबसे पहले 1929 में इलाहाबाद आने के बाद उन्होंने टण्डनजी के साथ भारत सेवक संघ की इलाहाबाद इकाई के सचिव के रूप में काम करना शुरू किया। 1961 में गृह मंत्री के प्रभावशाली पद पर नियुक्ति के बाद उन्हें एक कुशल मध्यस्थ के रूप में प्रतिष्ठा मिली। नेहरू की मृत्यु के बाद जून 1964 में वह भारत के प्रधानमंत्री बने।

उन्होंने अपने प्रथम संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता खाद्यान्न मूल्यों को बढ़ने से रोकना है और वे ऐसा करने में सफल भी रहे। उनके क्रियाकलाप सैद्धांतिक न होकर पूरी तरह से व्यावहारिक और जनता की आवश्यकताओं के अनुरूप थी। निष्पक्ष रूप से देखा जाए तो शास्त्रीजी का शासन काल बेहद कठिन रहा। जम्मू-कश्मीर के विवादित प्रांत पर पड़ोसी पाकिस्तान के साथ 1965 में हुए युद्ध में उनके द्वारा दिखाई गई दृढ़ता के लिए उनकी बहुत प्रशंसा हुई।

ताशकंद में वे भारत द्वारा विजित पाकिस्तान के क्षेत्र को छोड़ने के लिए कदापि तैयार नहीं थे उनका कहना था कि यह भारत की सेना और भारतीय जनता का अपमान होगा इसी शर्त राष्ट्रपति अयूब खान के पर आगे युद्ध न करने की ताशकंद घोषणा के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 को उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। शास्त्रीजी को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए आज भी पूरा भारत श्रद्धापूर्वक याद करता है। उन्हें मरणोपरान्त वर्ष 1966 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।

*जय जवान जय किसान*

  सूत्र के जनक… *पहले मरणोपरांत भारत रत्न* से सम्मानित..जिनकी *मृत्यु* अभी भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु के समान एक *रहस्य* है… वो महान विभूति ..भारतमाता के लाल बहादुर शास्त्री जी की आज जन्म जयंती है….…✍️हरीश मैखुरी 

➡️breakinguttarakhand.com 

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(आज की कहानी)

*विष्णुरूप अतिथि देव!!*

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महाराज युधिष्ठिर हस्तिनापुर की गद्दी पर आसीन हो चुके थे।उन्होंने बड़ी धूमधाम से अश्वमेध यज्ञ किया जिसमें सारे भारत के राजा इकट्ठे हुए थे। समूचे देश में घोषणा कर दी गई थी कि जो भी दीन ,दरिद्र और ब्राह्मण दान लेना चाहें ,वे इस यज्ञशाला में आकर दान ग्रहण कर सकते हैं। दल के दल लोग आकर दान ले जा रहे थे। इस प्रकार शास्त्रोक्त रीति से और सुचारू-रूप से यज्ञ संपन्न हुआ।

यज्ञ के अंतिम दिन अचानक एक बड़ा सा ‘नेवला’ यज्ञशाला के बीच में आ खड़ा हुआ और उपस्थित लोगों की ओर देखता हुआ ठहाका मारकर हँसने लगा। नेवले को इस प्रकार मनुष्य की तरह हँसते देख ब्राह्मणों में भय छा गया कि यह कोई भूत या पिशाच तो नहीं है जो यज्ञ में विघ्न डालने आया है।

नेवले का रूप अनूठा था। उसका आधा शरीर सुनहरा था और आधा साधारण नेवले का सा।नेवले ने दूर-दूर से आए राजा-महाराजाओं और विद्वान ब्राह्मणों की ओर देखकर निसंकोच कहना शुरू किया ;–“महामान्य सज्जन वृंद ! 

आप लोग सोच रहे होंगे कि आपने कोई बड़ा भारी यज्ञ संपन्न किया है। परंतु याद रखिए यह आपका केवल भ्रम है। इससे पहले एक बार महान यज्ञ हो चुका है जिसमें कुरुक्षेत्र में रहने वाले एक गरीब ब्राह्मण ने केवल एक सेर आटा अतिथि को दान में दिया था। इस यज्ञ में दिए गया अपार दान उस गरीब ब्राह्मण द्वारा दिए गए एक सेर आटे के दान के बराबरी नहीं कर सकता। अतः मैं आप सब लोगों को चेतावनी देता हूं कि इसमें दिए गए दान का अपने मन में गर्व न कीजिएगा।”…

याजक ब्राह्मणों ने उस नेवले से पूछा–“हे नकुल! तुम कौन हो ,और हम लोगों की यज्ञशाला में कहां से आए और इस यज्ञ की इस प्रकार बुराई तुम किस आधार पर कर रहे हो?”

 

नेवला फिर हंसा और बोलने लगा- विप्रगण !! महाभारत युद्ध से पहले कुरुक्षेत्र में एक धर्मप्राण ब्राह्मण रहा करते थे। वे खेतों में गिरे हुए अन्न को बीनकर, सपरिवार उसी से जीवन-यापन करते थे। एक समय वहां घोर अकाल पड़ा। कोई फसल ही नहीं हो रही थी। ऐसे में खेतों में अन्न कहां से पाया जाता। परिवार को कई दिनों तक भूखा रहना पड़ता था। एक दिन परिवार के चारों जन, बहुत घूम फिरकर सेर भर ज्वार के दाने इकट्ठे कर पाये। घर आकर उसकी रोटी बनायी तथा भगवान को निवेदित कर भोजन ग्रहण करने बैठे।… 

तभी एक अतिथि दरवाजे पर उपस्थित हुआ और भिक्षा की आवाज लगाई। ब्राह्मण ने उसे आदरपूर्वक बिठाया और अपने हिस्से की रोटी खाने के लिए दी।अतिथि असंतुष्ट ही रहा। तब उसकी पत्नी ने अपने कर्तव्यों का स्मरण कर अपना हिस्सा भी दे दिया। अतिथि के मुख को देखकर पुत्र ने भी अपना दायित्व समझ अपना हिस्सा उसे अर्पित कर दिया। फिर पुत्रवधू ने भी अपना हिस्सा उसे दे दिया। उसे खाकर अतिथि तृप्त हो बहुत प्रसन्न हुए और बोले- *आपने अपने शक्ति के अनुकूल पवित्र हृदय से जो दान दिया उसे पाकर मैं बहुत संतुष्ट हुआ।आपका दिया दान अद्भुत है- निराला है। सैकड़ों राजसूय-यज्ञ और अश्वमेध-यज्ञ भी आपके इस दान की बराबरी नहीं कर सकेंगे। प्रायः देखा जाता है कि भूख से विवेक नष्ट हो जाता है और धार्मिकता का विचार जाता रहता है परंतु आपने भूखे रहते हुए भी स्वजनप्रेम से धर्म को ही अधिक महत्व दिया। आप सपरिवार स्वर्ग जाएंगे। आपके समस्त पितर भी स्वर्ग के भागी होंगे। वह देखिए आपके लिए दैवी-विमान तैयार खड़ा है। चलिए स्वर्ग सिधारिये। यह कहकर विष्णुरूप अतिथिदेव अंतर्धान हो गये।*

 

उस ब्राह्मण की कथा सुना कर नकुल बोला–“विप्रगण,!

उस ब्राह्मण के आटे का थोड़ा सा भाग मेरे शरीर से छू गया था तब से उतना भाग स्वर्णिम हो गया है। मैं जहां-जहां भी यज्ञ होता है वहां जाता हूँ और यज्ञस्थल की भूमि पर लोटकर यह देखता हूं कि शेष आधा भाग कब सुनहला होगा?..

यहां *महाराज युधिष्ठिर की यज्ञ में भी ऐसा नहीं हुआ, इसीलिए कहता हूं आपका यह महान यज्ञ उस ब्राह्मण के सेर भर आटे की बराबरी नहीं कर सकता।*

 

*निष्कामनापूर्ण त्याग ही महायज्ञ है!*

*हम बदलेंगे,युग बदलेगा।*

आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो।

🙏जय गुरुदेव🙏

26/11 मुंबई टेरर अटैक के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद के सबसे करीबी माने जाने वाले मुफ्ती कैसर फारूक को कराची में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी. कैसर फारूक लश्कर के संस्थापक सदस्यों में से एक था और हाफिज सईद का विश्वासपात्र हयोगी था.