आज का पंचाग, आपका राशि फल, आज है पुष्प संक्रांति, फुलसंग्रान्द का महात्म्य, मुख्यमंत्री सहित माननीयों ने दी बधाई, खरमास यानी मलमास आज से, जो शिक्षा बच्चों के वस्त्र उतार दे, आयुर्वेद में छाछ की तुलना अमृत के समान है,

  🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || सौम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| वसन्त ऋतु || फाल्गुन शुक्लपक्ष || तिथि प्रतिपदा अपराह्न ५:०७ तक उपरान्त द्वितीया || भानुवासर || चैत्र सौर संक्रान्ति || तदनुसार १४ मार्च २०२१ ई० || नक्षत्र उत्तराभाद्रपदा || मीनस्थ चन्द्रमा || फुलेरी संग्रान्द ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

📖 *नीतिदर्शन………………*✍🏿
*पुत्रमित्रकलत्रादिसुखं जन्मनि जन्मनि।*
*मर्यत्वं पुरुषत्वं च विवेकश्च न लभ्यते।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏿 पुत्र-मित्र-कलत्रादिका सुख तो जन्म-जन्ममें प्राप्त हो सकता है; किन्तु दुर्लभ और पुण्यके परिणाम हैं– *मनुष्यत्व, पुरुषत्व और विवेक।*
💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐

. ।। 🕉 ।।
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5122
विक्रम संवत्……………………2077
शक संवत्………………………1942
मास……………………………फाल्गुन
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी…………………………..प्रतिपदा
संध्या 05.10 पर्यंत पश्चात द्वितीया
रवि…………………………..उत्तरायण
सूर्योदय………….प्रातः 06.37.43 पर
सूर्यास्त………….संध्या 06.34.18 पर
सूर्य राशि………………………….कुम्भ
चन्द्र राशि…………………………..मीन
गुरु राशि………………………….मकर
नक्षत्र…………………….उत्तराभाद्रपद
रात्रि 02.11 पर्यंत पश्चात रेवती
योग………………………………..शुभ
प्रातः 07.31 पर्यंत पश्चात शुक्ल
करण………………………………..बव
संध्या 05.10 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………………..शिशिर
दिन……………………………..रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
14 मार्च सन 202१ ईस्वी ।

☸ शुभ अंक………………………5
🔯 शुभ रंग…………………….लाल

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.12 से 12.59 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
संध्या 05.02 से 06.31 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कुम्भ*
05:07:08 06:42:17
*मीन*
06:42:17 08:11:52
*मेष*
08:11:52 09:52:36
*वृषभ*
09:52:36 11:51:14
*मिथुन*
11:51:14 14:04:55
*कर्क*
14:04:55 16:21:06
*सिंह*
16:21:06 18:32:55
*कन्या*
18:32:55 20:43:34
*तुला*
20:43:34 22:58:11
*वृश्चिक*
22:58:11 25:14:22
*धनु*
25:14:22 27:20:00
*मकर*
27:20:00 29:07:08

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.08 से 09.37 तक चंचल
प्रात: 09.37 से 11.06 तक लाभ
प्रात: 11.06 से 12.35 तक अमृत
दोप. 02.04 से 03.33 तक शुभ
सायं 06.31 से 08.02 तक शुभ
संध्या 08.02 से 09.32 तक अमृत
रात्रि 09.32 से 11.03 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ पुष्णाय नम:॥

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
सकलापि कला कलावतां विकला धर्मकलां विना खलु ।
सकले नयने वृथा यथा तनुभाजां कनीनिकां विना ॥
अर्थात :-
जैसे इन्सान की आँखें कीकी के बिना निस्तेज है, वैसे हि धर्म की कला के बिना सभी कला व्यर्थ है ।

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*उल्टी का आयुर्वेदिक उपचार -*

*4. लौंग -*
एंटीमाइक्रोबायल गुणों में समृद्ध लौंग कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं, जैसे मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम और पाचन शक्ति ठीक करे। इसके लिए आप लौंग को भूनकर इसे पीस लें और किसी डिब्बी में भरकर रख लें। जब भी सफर में जाएं या उल्टी जैसा मन हो तो इसे सिर्फ एक चुटकी मात्रा में चीनी या काले नमक के साथ लें और चूसें।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
बड़ा लाभ हो सकता है। प्रमाद न करें। कुबुद्धि हावी रह सकती है इसलिए कोई भी निर्णय सोम-समझकर करें। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। कार्य के प्रति उत्साह रहेगा। जल्दबाजी न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
सुख के साधन जुटेंगे। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। सरकारी कामकाज में अनुकूलता रहेगी। किसी लंबे मनोरंजक प्रवास का कार्यक्रम बन सकता है। आंखों का विशेष ध्यान रखें। चोट व रोग से बचें। स्थिति नियंत्रण में रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। जोखिम न उठाएं।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
शारीरिक हानि की आशंका बनती है। किसी व्यक्ति के व्यवहार से दिल को ठेस पहुंच सकती है। कोई पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। आय में निश्चितता रहेगी, धैर्य रखें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
किसी अनहोनी की आशंका रह सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लापरवाही न करें। कोर्ट व कचहरी तथा सरकारी कामों में अनुकूलता रहेगी। गृहस्थ जीवन में आनंद का वातावरण रहेगा। जीवनसाथी को भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रमाद न करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यकारी नए अनुबंध हो सकते हैं। आर्थिक वृद्धि के लिए नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। शारीरिक शिथिलता रहेगी।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
व्यावसायिक प्रवास सफल रहेगा। धन प्राप्ति सु्गम होगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। कोई नई समस्या आ सकती है। शारीरिक कष्ट भी आशंका है, लापरवाही न करें। पहले किसी व्यक्ति को दिए गए कर्ज की वसूली हो सकती है। नौकरी में चैन रहेगा। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
गुस्से पर काबू रखें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। कोई बड़ा खर्च अचानक सामने आ सकता है। व्यवस्था में मुश्किल होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। धनहानि की आशंका बन सकती है। व्यापार ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। व्यावसायिक प्रवास हो सकता है। काम में अनुकूलता रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य संबंधी चिंता बनी रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति हो सकती है। पार्टनरों से सहयोग मिलेगा। लाभ होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
प्रसन्नता बढ़ेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आनंद और उल्लास के साथ जीवन व्यतीत होगा। आय में सुगमता रहेगी। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। चोट व रोग से हानि संभव है।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देंगे। निवेश शुभ फल देगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। पहले किए गए प्रयास का लाभ अब मिलेगा। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। खोई हुई वस्तु मिल सकती है। प्रमाद न करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
समय पर काम नहीं होने से तनाव रहेगा। गुस्से पर काबू रखें। व्यापार-व्यवसाय में उतार-चढ़ाव रहेगा। कामकाज में अधिक ध्यान देगा पड़ेगा। दूर से दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। बेवजह विवाद हो सकता है। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

 

खरमास यानी मलमास आज से

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क्या करें, क्या न करें?
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खरमास को मलमास भी कहते हैं। भारतीय पंचांग के अनुसार 14 मार्च से खरमास प्रारंभ हो रहा है। यह मुहूर्त लगते ही सभी शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा, यानी कि इस दौरान कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं होंगे। एक माह बाद सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे। तभी से विवाह, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य भी दोबारा शुरू हो पाएंगे, तब तक यानी 1 महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं हो पाएंगे।

हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि मलमास या खरमास का महीना शुभ नहीं माना जाता है, ऐसी कई मान्यताएं हैं कि खरमास में विवाह, भवन-निर्माण, नया व्यापार या व्यवसाय आदि शुभ कार्य वर्जित हैं। पंचांग के अनुसार यह समय सौर मास का होता है जिसे खरमास कहा जाता है। माना जाता है कि इस मास में सूर्य देवता के रथ को घोड़े नहीं खींचते हैं। ज्ञात हो कि सूर्य देव सिर्फ भारत के नहीं है वे अखिल ब्रह्मांड के दिव्य देवता हैं। अत: इस समय में शुभ कार्य ना करें।
मलमास में क्या करें-
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* खरमास को मलमास भी कहा जाता है। इस मास की एकादशियों का उपवास कर भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें तुलसी के पत्तों के साथ खीर का भोग लगाया जाता है।

* इस मास में प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से अभिषेक करें व तुलसी की माला से 11 बार भगवान विष्णु के मंत्र – नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जप करें।

* पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है इस मास में पीपल की पूजा करना भी शुभ रहता है।

* कार्यक्षेत्र में उन्नति के लिए खरमास की नवमी तिथि को कन्याओं को भोजन करवाना पुण्य फलदायी माना जाता है।

* सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य इस मास में यह किया जा सकता है कि दुर्व्यसनों, दुर्विचारों, पापाचार को त्याग कर श्रीहरि की भक्ति में मन लगाएं और सत्कर्म करें।

* इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर स्नान-दान आदि करने का भी विशेष महत्व माना जाता है।

खरमास में क्या न करें-

* इस पूरे मास तक विवाह, सगाई, ग्रह-प्रवेश आदि धार्मिक शुभकार्य या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।

* नई वस्तुओं, घर, कार आदि की खरीददारी भी नहीं करनी चाहिए।

* घर का निर्माण कार्य या फिर निर्माण संबंधी सामग्री भी इस समय नहीं खरीदनी चाहिए।
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********************दिनाक 14.03.2021(रविवार ) चैत्र संक्रान्ति है। गढ़वाल कुमाऊॅ एवं जौनसार अंचल मे यह पर्व फुल फुल माई “फुलदेई “ आदि अनेक नाम से मनाया जाता है, इस दिन गृहणियाॅ अपने आवास के प्रवेश द्वार (देहली) को गेरू आदि से लीपती हैं, फिर घर के बच्चे (बालक- बालिकाएं) एक थाली मे बुराश ,सरसों आदि के फूल तथा चावल व गुड आदि लेकर उनसे पहले अपने घर की देहली का पूजन करते है। तथा फिर पास -पडौस के घरों की देहरियों का पूजन करते समय वे उच्चारण करते रहते हैं “फूलदेई छम्मा देई,देण द्वार भर भखार,यो देली सौं नमस्कार ,पूजैं द्वार बारम्बार, “अर्थात “ फूलदेई क्षमाशील , देहली भण्डार बन जाये , द्वार दक्षिण (कृपालु )हो “ जिस – जिस घर मे ये बच्चे देहरी पूजन करते वहाॅ से इनकी थालियों मं उपहारस्वरूप कुछ नकद धनराशि व चावल -गुड आदि रख दिया जाता है प्रसादस्वरूप प्राप्त इसी गुड ,चावल आदि से शाम को पकवान बनाते है।
कुमाऊॅनी लोक संस्कृति मे मूल रूप से मानवीय पक्ष को अघिक स्पष्ट करने की प्रकृति रही है जैसे मार्मिक और हदयग्राही भिटौली । भिटौली शब्द भि -ट-ओ -ली का शब्द विन्यास है। यदि हिन्दी मे भिटौली को स्पष्ट किया जाए तो यह भेट आना से सम्बन्ध रखती है इस प्रकार हिन्दी मे भेट आना का कुमाऊॅनी भाषा मे यह भिटौली का रूप ग्रहण कर गया। भिटौली का मार्मिक चित्रण कुमाऊॅनी लोक साहित्य मे रचित ऋतु गीतो से स्पष्ट है। यह एक क्षेत्रीय प्रथा है जिसके मूल मे विशेषकर भाई बहनो के सम्बन्धो का अत्याधिक मानवीयकरण किया गया है।–डाॅ हरीश मैखुरी 

जो शिक्षा आपके बच्चों के वस्त्र उतार दे उन विद्यालयों का परित्याग कर देना चाहिए, धर्म विहीन , कर्मविहिन, पुत्रविहीन, जनविहीन, शस्त्रहीन परिवार और समाज श्वान मृत्यु को प्राप्त होता है। अस्तु पराक्रमी परिश्रमी गुणवान, ज्ञानवान और संस्कारवान बनें, यही मनुष्य योनि की प्रासंगिकता है। – – -डाॅ हरीश मैखुरी 

फोटो शुशीला सेमवाल

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने फूलदेई पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामना दी है। अपने सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ‘फुलदेई’ हमारी संस्कृति को उजागर करता है साथ ही यह पर्व पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति से जुड़ा फुलदेई का पर्व हमें प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। 👌👌👌👌

      उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने उत्तराखण्ड के पारंपरिक फूलदेई त्यौहार की प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

विधानसभा अध्यक्ष ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि प्रकृति संरक्षण, हमारी संस्कृति में है। कहा कि हमें अपनी प्राचीन संस्कृति को संजोकर रखने की जरूरत है। प्रकृति के इस त्यौहार को संजोए रखने के लिये सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। फूलदेई का त्यौहार सुख शांति की कामना का प्रतीक है। उन्होंने प्रदेश वासियों को फूलदेई त्यौहार की शुभकामनाएं एवं बधाई दी है।

फोटो- हरीश भट्ट

*आयुर्वेद शास्त्र में छाछ की तुलना अमृत के साथ की है. शरीर के भीतर के घातक पदार्थ मूत्र के द्वारा बाहर निकालकर फेंकने की ताकत छाछ (तक्र) में है. शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमताओं को बढ़ाने की ताकत इसमें है. छाछ का नियमित सेवन करने से शरीर बलवान होता है.*
*इसमें एक अति महत्व की बात है कि 3 दिन पूर्ण रूप से दूसरा कुछ भी बिना खाए केवल छाछ पर रहने से बहुत ज्यादा लाभ मिलता है. अपने शरीर का पंचकर्म अपने आप हो जाता है. शरीर से अनावश्यक चर्बी झड़ जाती है. इतना ही नहीं चेहरे के ऊपर अच्छा तेज आजाता है और काले दाग निकल जाते हैं. चेहरा तेजपुंज फुर्तीला और तेजस्वी दिखाई देने लगता है.*
*छाछ में विटामिन B – 12, कैल्शियम , पोटेशियम ,’फॉस्फोरस ऐसे अनेक तत्व रहते हैं, जो शरीर के लिए लाभदायक रहते हैं. जिसका पेट साफ नहीं होता , पेट से आवाज निकलती है , उसे छाछ पीने से वह बीमारियां समाप्त होने लगती है. छाछ पीने से शरीर के 90% कमियां भर के निकल आती है. उष्णता तुरंत कम होके अच्छी शांत नींद लगने लगती है. साधारण व्यक्ति भी अगर हर रोज छाछ पिए तो उसके शरीर की उष्णता कम होती है और ताकत बढ़ती है.*

*छाछ पीने के यह 10 फायदे हम जानेंगे और कोल्ड ड्रिंक पीना बंद करेंगे*
1) *छाछ पीने से मोटापा कम होता है*
2) *बार-बार पेशाब की तकलीफ है तो छाछ में नमक डालकर पीने से तकलीफ कम होती है*
3) *दही का पानी या छाछ पीने से मुंह के छाले कम हो जाते हैं*
4) *छाछ में अजवाइन डालकर पीने से पेट के अंदर के जंतु समाप्त हो जाते हैं*
5) *छाछ में गुड़ डालकर पीने से पेशाब में होने वाली जलन की तकलीफ कम होती है*
6) *छाछ में जायफल का पाउडर डालकर पीने से सर दर्द कम होता है*
7) *खाली पेट छाछ पीने से पेट दर्द की तकलीफ कम होती है*
8) *छाछ में शक्कर और काली मिर्च का पाउडर डालकर पीने से पित्त एसिडिटी की तकलीफ कम होती है*
9) *छोटे बच्चों के जब दांत निकलते हैं तो उनको चार चार चम्मच छाछ दिन में तीन चार बार पिलाने से दांत में होने वाली तकलीफ कम होती है*
10) *सबसे महत्व की बात की 3 दिन बिना कुछ खाए पिए छाछ पीने से अपने शरीर का पंचकर्म अपने आप हो जाता है*
*जिन्होंने पहले पैसे खर्च करके पंचकर्म किया है उन्होंने यह 3 दिन का प्रयोग करके देख लेना. आपके स्वयं ध्यान में आ जाएगी बात*
*तबीयत तो ठीक होगी ही और पैसा भी बचेगा, ऐसे 3 दिन का छाछ का प्रयोग 6 महीने में एक बार अवश्य करना चाहिए. भविष्य में होने वाले बड़े बीमारियों से भी टाला जा सकता है. होने वाली तकलीफ और औषधियों का खर्च भी बचेगा*
*तो फिर छाछ 🥛🥛 पीना शुरू करेंगे, आज से ही कोल्ड ड्रिंक को बंद कर देंगे*

*- डॉ0 विजय शंकर मिश्र*

देश में घुसपैठियों की समस्या:

आजकल कुछ लोग बहुत खुश होकर फूले नहीं समा रहे हैं………उनको कहीं पढ़ने को मिल गया है या सरकार की सीधी अधिसूचना प्राप्त हुई है कि जम्मू-कश्मीर से रोहिंग्या घुसपैठिए भगाये जा रहे हैं……… मेरे नादान हिन्दू भाइयों,ये घुसपैठिए भगाये नहीं जा रहे हैं बस पकड़ कर डिटेंशन सेंटर्स/ कैम्पस में रखे जा रहे हैं……… वहां उन्हें सरकार दो वक्त का भरपेट भोजन और सोने के लिए बिस्तर दे रही है.

आपको बता दें कि लखनऊ जैसी जगह में रोहिंग्या मुसलमानों ने सफाई कर्मचारियों के 40% काम पर अपना कब्जा कर लिया है,ये शहर में झाड़ू लगाते हैं और कचरा उठाते हैं,मतलब हमारे देश के सफाईकर्मियों का रोजगार खत्म…… लखनऊ के लोग बताते हैं कि ये एक ट्रक में भरकर आते हैं और किसी भी खाली जमीन पर इनका ठेकेदार इनका रहने का इंतजाम कर देता है……….और इनकी फेक आईडी बनवाकर इनका पक्का इंतजाम कर देता है……. लखनऊ में ये तीस जगहों पर हजारों की संख्या में रह रहे हैं……….. जो कबाड़ इकट्ठा करने के ठेकेदार हैं इनसे कबाड़ बिनवाते हैं……..रात के अंधेरे में ये कबाड़ बीनने वाले मेनहोल के ढक्कन तक चुरा ले जाते हैं.
लखनऊ की जानकीपुरम कालोनी में ये बहुतायत में रहते हैं और झगड़ा हो तो ये भारतीय लोगों को मारने के लिए तलवारें निकाल लेते हैं.बंगलादेशी घुसपैठिए तो घरों में जाकर कचरा लाते हैं,ये खतरनाक स्थिति नहीं है क्या? कोई इनका विरोध करें तो ये गाली गलौज, मारपीट पर उतर आते हैं.
लखनऊ नगर निगम में भी इनका दखल है………घर घर से कचरा प्रबंधन कम्पनी ईको ग्रीन कम्पनी ने इन्हें ही ठेका दे रखा है……. सरकार को तत्काल प्रभाव से इस कम्पनी का लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए.

लखनऊ ही नहीं झारखंड में तो ये कौने कौने में बसे हुए हैं और वहां भी यही करते हैं…… तलवारों को निकालना, पत्थरबाजी और रात में लूट-पाट को इन्होंने अपना धंधा बना रखा है…….. दिल्ली में इनके बच्चे मदरसों में पढ़ने जाते हैं जहां इन्हें कट्टरपंथी बनने की तालीम दी जाती है………… दिल्ली, आगरा, अलीगढ़ में तो ये भीख मांगते हुए भी पाते जाते हैं……… बंगाल में मुस्लिम नेताओं के इशारे पर हत्या, लूट-पाट करते हैं.आसाम तो इनसे और बंग्लादेशी घुसपैठियों से भरा पड़ा है….. जम्मू-कश्मीर में ही क्या ये देश की राजधानी से लेकर बड़े बड़े शहरों में कालोनी बनाकर रह रहे हैं.
भारत में रोहिंग्या ही नहीं बंग्लादेशी घुसपैठिये भी भरे पड़े हैं जिनकी पहचान तक प्रशासन नहीं कर पा रहा है……… या ये कहिए कि पहचान तो है पर नाकारापन के कारण आराम से बैठ कर तनख्वाह पा रहा है वरना इन घुसपैठियों को पहचानना कठिन काम नहीं है.

देश की बिडम्वना तो देखिए कि हमारे ही नागरिक इन्हें पूरे देश में फैला रहे हैं,उनकी फर्जी आईडी कार्ड बनवाकर उन्हें यहां का स्थाई नागरिक बना रहे हैं……… इससे ज्यादा बड़ा देशद्रोह और क्या हो सकता है कि हमारे देश वासियों की जान जोखिम में इन ठेकेदारों द्वारा डाली जा रही है.
पिछले एक साल में 60 हजार से अधिक बच्चे पैदा किए हैं इन्होंने तो सोचिए कि ये भारत में कितनी संख्या में होंगे?

देश में ऐसे 40-45 NGO हैं जो इन्हें भारत-म्यांमार और भारत-बंगलादेश के बार्डर से लाते हैं और इनका फर्जी निवास प्रमाणपत्र बनवाते हैं.

सात साल से भाजपा सरकार भी हाथ पर हाथ रखे बैठी है…….सीएए और एनआरसी कानून बनाने की आवश्यकता नहीं थी, सीधा इनकी पहचान करके देश के बार्डर पर छुड़वा दिया जाता.

सरकार कूटनीतिज्ञ मानती है खुद को लेकिन इसके कारण बहुत जगह मात खा जाती है.
सच तो यह है कि हमारी सरकारें घुसपैठियों को देश से बाहर करने में असमर्थ हैं………..यही हाल रहा तो ये भी अल्पसंख्यक समुदाय वाले लाभ प्राप्त करेंगे……. देश के संसाधनों का दुरूपयोग करेंगे……. इसलिए जो एनजीओ और ठेकेदार इन्हें ट्रक में भरकर लाते हैं उनको जेल में डाल देना चाहिए और देशद्रोह कानून लगा देना चाहिए ताकि जेल में ही पड़े रहें.

वास्तविकता यह है कि सरकार कुछ करना ही नहीं चाहती है……… सिवाय पुल , हाईवे,टनल और दूसरे निर्माण कार्यों के अलावा……… लेकिन इससे रिपोर्ट कार्ड पूरा नहीं हो सकता है.