आज का पंचाग, आपका राशि फल, सनातनियों का संकट, पार्वती के प्रश्न और शंकर द्वारा शंका समाधान, दिनचर्या में लायें ये सकारात्मक परिणाम

*सुबह की राम राम🙏*
*🐚कैलाशपति भगवान शिव शंकर की जय🌙


🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द……………………5122
विक्रम संवत्…………………..2077
शक संवत्……………………..1942
रवि…………………………उत्तरायण
मास……………………………..पौष
पक्ष…………………………….शुक्ल
तिथी………………………….द्वादशी
रात्रि 12.२१ पर्यंत पश्चात त्रयोदशी
सूर्योदय………..प्रातः 07.08.29 पर
सूर्यास्त………..संध्या 06.10.09 पर
सूर्य राशि……………………….मकर
चन्द्र राशि………………………वृषभ
गुरु राशि………………………..मकर
नक्षत्र…………………………मृगशीर्ष
रात्रि 01.50 पर्यंत पश्चात आर्द्रा
योग……………………………….इंद्र
रात्रि 10.15 पर्यंत पश्चात वैधृति
करण……………………………..बव
प्रातः 11.43 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………………..हेमंत
*दिन………………………सोमवार*

*🇮🇳 राष्ट्रीय सौर दिनांक ०५*
*पौष मास, सौर माध !*

*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*२५ जनवरी सन २०२१ ईस्वी !*

*अभिजीत मुहूर्त :-*
प्रातः 12.17 से 01.00 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 08.33 से 09.55 तक ।

*उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मकर*
06:29:15 08:16:36
*कुम्भ*
08:16:36 09:49:55
*मीन*
09:49:55 11:21:08
*मेष*
11:21:08 13:01:51
*वृषभ*
13:01:51 15:00:28
*मिथुन*
15:00:28 17:14:10
*कर्क*
17:14:10 19:30:20
*सिंह*
19:30:20 21:42:09
*कन्या*
21:42:09 23:52:48
*तुला*
23:52:48 26:07:26
*वृश्चिक*
26:07:26 28:23:36
*धनु*
28:23:36 30:29:15

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक………………..7
🔯 शुभ रंग………………सफ़ेद

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.11 से 08.33 तक अमृत
प्रात: 09.54 से 11.16 तक शुभ
दोप. 02.00 से 03.21 तक चंचल
अप. 03.21 से 04.43 तक लाभ
सायं 04.43 से 06.05 तक अमृत
सायं 06.05 से 07.43 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ दिव्ययोगिने नम: ॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
क्षान्ति तुल्यं तपो नास्ति सन्तोषान्न सुखं परम् ।
नास्ति तृष्णा समो व्याधिः न च धर्मो दयापरः ॥
अर्थात :-
क्षमा जैसा अन्य तप नहि, संतोष जैसा अन्य सुख नहि, तृष्णा जैसा अन्य रोग नहि, दया जैसा अन्य कोई धर्म नहि ।

🍃 *आरोग्यं :-*
*जीभ के छाले में करें परहेज :-*

1. फास्ट फूड, जंक फूड, गरम चीजों को खाने से बचें और तीखा व मसालेदार भोजन से परहेज करें। इसके अलावा खाने में नमक का इसतेमाल भी कम ही करें। इससे छालों में दर्द तो होगा ही, छाले ठीक होने में उतना ही वक्त भी लगेगा।

2. जब तक जीभ पर छाले हैं चाय-कॉफी जैसी चीजों से दूरी बनाए रखें। यह चीजें कब्जियत पैदा करेंगी, जिससे पेट साफ न होने के कारण छालों की समस्या ठीक होने के बजाए बढ़ जाएगी।

⚜ *आज का राशिफल* ⚜

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
धन प्राप्ति सुगम होगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेगी। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय में नए प्रयोग किए जा सकते हैं। समय की अनुकूलता का लाभ लें। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। कार्यभार व अधिकार में वृद्धि हो सकती है।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
विवाद को बढ़ावा न दें। बेवजह कहासुनी हो सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। थकान व कमजोरी रह सकते हैं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय में धीमापन रह सकता है। आय में निश्चितता रहेगी। समय शीघ्र सुधरेगा। धनहानि की आशंका है।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
किसी दूसरे व्यक्ति के काम में हस्तक्षेप न करें। विवाद होगा। मित्रों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। यात्रा सफल रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। प्रमाद न करें। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। भूले-बिसरे साथियों व संबंधियों से मुलाकात होगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति हो सकती है। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। बेकार बातों पर बिलकुल ध्यान न दें। आय में कमी होगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। समय की अनुकूलता रहेगी, लाभ लें। नया काम मिलेगा। नए अनुबंध होंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। प्रमाद न करें। कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके कार्यों में गति आएगी। योजना फलीभूत होगी। तत्काल लाभ नहीं होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
पार्टनरों तथा भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। विवेक का प्रयोग करें। प्रमाद न करें। अध्यात्म में रुझान रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आसपास का वातावरण सुखद रहेगा। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति लाभदायक बनेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यापार-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी से बचें। आय बनी रहेगी। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि की आशंका बनती है, सावधानी आवश्यक है।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। धनहानि भी आशंका है। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। उत्साह बना रहेगा। चिंता तथा तनाव कम होंगे। भूमि-भवन व मकान-दुकान इत्यादि की खरीद-फरोख्त मनोनुकूल लाभ देगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। चारों तरफ से सफलता मिलेगी। बेरोजगारी दूर होगी।

*🚩 🎪 ‼️ 🕉 नमः शिवाय ‼️ 🎪 🚩*

*☯ आज का दिन आपको मंगलमय हो ☯*

🚩 🇮🇳 ‼️ *भारत माता की जय* ‼️ 🇮🇳 🚩

🌻🌞 *आज का सुविचार*🌞🌻
✍🏼
*मन की संतुष्टि के लिए अच्छे कार्य करते रहना चाहिए.. प्रशंसा कोई करे या न करे… कमियाँ तो लोग भगवान में भी तलाशते है,..*
💖༺꧁Զเधॆ Զเधॆ꧂༻ 💖
🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
*॥ॐ सर्वे भवन्तु सुखिन: ॥*
*आपका का दिन शुभ एवं मंगलमय हो।।*
*🚩🇮🇳वंदे मातरम🇮🇳🚩*

 
आज का ज्वलंत प्रश्न :
आप कहाँ के हिन्दू हैं?
आपने,
1. चोटियां छोड़ीं
2. पगड़ी छोड़ी,
3. तिलक, चंदन छोड़ा
4. कुर्ता छोड़ा, धोती छोड़ी,
5. यज्ञोपवीत छोड़ा,
6. संध्या वंदन छोड़ा
7. रामायण पाठ, गीता पाठ छोड़ा 
8. महिलाओं, लड़कियों ने साड़ी छोड़ी, बिछिया छोड़े, चूड़ी छोड़ी , दुपट्टा, चुनरी छोड़ी, मांग बिन्दी छोड़ी।
9. पैसे के लिये, बच्चे छोड़े (अब आया पालती है)
10. संस्कृत छोड़ी, हिन्दी (भाषा) छोड़ी,
11. श्लोक छोड़े, लोरी छोड़ी 
12. बच्चों के सारे संस्कार (बचपन के) छोड़े
13. सुबह शाम मिलने पर राम राम, राधे कृष्ण छोड़ी
14. पांव लागूं, चरण स्पर्श, पैर छूना छोड़े
15. घर परिवार छोड़े (अकेले सुख की चाह में संयुक्त परिवार)
अब कोई रीति या परंपरा बची है आपकी?
ऊपर से नीचे तक गौर करिये, आप कहां पर हिन्दू हैं? भारतीय हैं, सनातनी हैं, ब्राह्मण हैं, क्षत्रिय हैं, वैश्य हैं या शुद्र हैं।(ये जातियां नहीं कार्य थेके वरण यानी अपनाने के अनुसार पेशे यानी धन्धे थे और पेशे अपनी रुचि और पराक्रम के अनुसार बदले जा सकते थे। शास्त्रों में स्पस्ट कहा गया है कि ‘कर्मणात् द्विजम् उच्यते’ अर्थात वर्ण व्यवस्था में दूसरे उच्च स्थानों वर्णो की प्राप्ति कार्यों अर्थात कर्म के अनुसार होती रहती है) आज हमारे संविधान में मुगल काल में विसम परिस्थितियों के कारण उपजी जाति-व्यवस्था परमानेन्ट कर दी गई है लेकिन पेशे सभी म्लेच्छों के पास शिफ्ट हो गये हैं। हम अब अंग्रेजी शिक्षा के भरोसे रह कर सरकारी सेवक या निजी कंपनियों के चाकर बन कर रह गये। वर्ण यानी पेशे हाथ से निकल गये।  सो कहीं पर भी उंगली रखकर बता दीजिए कि हमारी परंपरा को मैंने ऐसे जीवित रखा है। तय है कि 
जिस तरह से हम धीरे-धीरे बदल रहे हैं, जल्द ही समाप्त भी हो सकते हैं यही उनकी चाल है।
बौद्धों ने कभी सर मुंड़ाना नहीं छोड़ा।
सिक्खों ने भी सदैव पगड़ी का पालन किया!
मुसलमानों ने न दाढ़ी छोड़ी और न ही 5 बार नमाज पढ़ना।
ईसाई भी संडे को चर्च जरूर जाता है।
फिर हिन्दू अपनी पहचान-संस्कारों से क्यों दूर हुआ?
कहाँ लुप्त हो गयी – गुरुकुल की शिक्षा, यज्ञ, शस्त्र-शास्त्र, नित्य मंदिर जाने का संस्कार? क्या कोई भी सरकार इसे रोक सकती थीं?
नहीं, हम स्वयं रुके।
हम अपने संस्कारों से विमुख हुए, इसी कारण हम विलुप्त हो रहे हैं।
अपनी पहचान बनाओ!
अपने मूल-संस्कारों को अपनाओ!!!
यह फॉरवर्डेड संदेश है मेरे पास आया और मैंने आगे भेजा।
 आप  अपने धर्म व संस्कृति को बचाने में सहयोग करें।
आप सभी गंभीरता से विचार करें
🌹🌺💐आज का सुविचार💐🌺🌹
 1🍀. प्रतिदिन 10 से 30 मिनट टहलने की आदत बनायें. टहलते समय चेहरे पर मुस्कराहट रखें.
2.🍀 प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट चुप रहकर बैठें.
 3.🍀 पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा पुस्तकें पढ़ें.
4.🍀 70 साल की उम्र से अधिक आयु के बुजुर्गों और 6 साल से कम आयु के बच्चों के साथ भी कुछ समय व्यतीत करें.
5.🍀 प्रतिदिन खूब पानी पियें.
6🍀. प्रतिदिन कम से कम तीन लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करें.
7🍀. गपशप पर अपनी कीमती ऊर्जा बर्बाद न करें
8.🍀 अतीत के मुद्दों को भूल जायें, अतीत की गलतियों को अपने जीवनसाथी को याद न दिलायें.
9🍀. एहसास कीजिये कि जीवन एक स्कूल है और आप यहां सीखने के लिये आये हैं. जो समस्याएं आप यहाँ देखते हैं, वे पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं. 
10.🍀 एक राजा की तरह नाश्ता, एक राजकुमार की तरह दोपहर का भोजन और एक भिखारी की तरह रात का खाना खायें.
11🍀. दूसरों से नफरत करने में अपना समय व ऊर्जा बर्बाद न करें. नफरत के लिए ये जीवन बहुत छोटा है
12.🍀 आपको हर बहस में जीतने की जरूरत नहीं है, असहमति पर भी अपनी सहमति दें.
13.🍀 अपने जीवन की तुलना दूसरों से न करें.
14.🍀 गलती के लिये गलती करने वाले को माफ करना सीखें.
15.🍀 ये सोचना आपका काम नहीं कि दूसरे लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं.
16.🍀 समय ! सब घाव भर देता है.
17🍀. ईर्ष्या करना समय की बर्बादी है. जरूरत का सब कुछ आपके पास है
18.🍀 प्रतिदिन दूसरों का कुछ भला करें. 
19.🍀 जब आप सुबह जगें तो अपने माता-पिता को धन्यवाद दें, क्योंकि माता-पिता की कुशल परवरिश के कारण आप इस दुनियां में हैं.
20🍀. हर उस व्यक्ति को ये संदेश शेयर करें जिसकी आप परवाह करते हैं           
 🌞ॐ श्री दिवाकराय नमो नमः 🌞
🌞ॐ श्री भुवनभास्कराय नमो नमः 🌞
🌞ॐ श्री आदित्याय नमो नमः 🌞
‼️नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोग विनाशने ‼️
‼️आयुः आरोग्यं ऐश्वर्य देहिदेव जगत्पते ‼️🌼आपका आज का दिन शुभ मंगल मय हो🌼
🌹🌺🌞🙏सुप्रभात🙏🌞🌺🌹 प्रियजन आप एवं आपके परिवार पर श्री सूर्य भगवान जी की कृपा सदैव बनी रहे जय श्री कृष्णा राधे राधे 👏👏जी 🌹🌺💐

*भगवान शिव से सती जी ने उपहार में एक गूढ़ प्रश्न का उत्तर माँगा…!!*
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विवाह के बाद शिवजी ने उपहारस्वरूप कुछ मांगने को कहा तो सतीजी ने उपहार में एक गूढ़ प्रश्न का उत्तर माँगा; “स्वामी आपकी भक्ति का उत्तम मार्ग क्या है?”
शिवजी ने कहा- सगुण और निर्गुण दोनों ही मार्ग उत्तम हैं. कुछ लोग निर्गुण भक्ति को चिंतन भी कहते हैं. भक्ति के नौ प्रमुख प्रकार कहे गए हैं.

*1.श्रवण यानी सुनना-* स्थिर आसन की मुद्रा में मेरा ध्यान करते, कथा कीर्तन को श्रद्धापूर्वक सुनते पुलकित होकर स्वयं को भुला देने की अवस्था में चले जाना.

*2.कीर्तन-* निर्मल मन से ऊंचे स्वर में मेरे दिव्यगुणों की महिमा अन्य को भी सुनाना.

*3.स्मरण-* अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए परेश्वर को सर्वव्यापी मान उसे मन से लगाए रखना

*4.सेवन-* सुबह जागने से सोने तक मन और इन्द्रियों से दुखियों-पीड़ितों की नियमित सेवा. भूखे को भोजन, बीमारों की सेवा, प्यासे को जल देकर, तन-मन-धन से पूर्णतः समर्पित होकर लोकसेवा.

*5.दास्य-* स्वयं को प्रभु का दास समझकर ऐसा आचरण करना जो प्रभु को प्रिय है। दासत्व में भाव होना चाहिए कि वह जो भी करेगा प्रभु का प्रिय करने के लिए करेगा.

*6.अर्चन-* षोडश उपचारों द्वारा प्रभु को पाद्य, अर्घ्य प्रसाद आदि का समर्पण

*7.वंदन-* चित्त को एकाग्र करके हृदय से ध्यान और वाणी से गुणगान करते हुए आठों अंगों- मूर्धा(मस्तक), हनु(ठोढ़ी), वक्ष, उदर, दोनो भुजाएं और दोनों जंघाएं- को भूमि पर स्पर्श कराते हुए प्रणाम करना.

*8.सख्य-* ईश्वर द्वारा किए सभी अनुकूल या प्रतिकूल कार्यों को मंगलमय मानने का विश्वास. यदि कोई दुख मिला हो तो भी समझें कि उसके पीछे प्रभु की कोई हित की भावना छुपी होगी.

*9.समर्पण-* तन-मन-धन सर्वस्व प्रभु की प्रसन्नता के लिए समर्पित कर देना. लोकसेवा के किसी उद्देश्य को ईश्वर का कार्य मानकर उसके लिए तत्पर रहना. अपनी चिंता से मुक्त, दूसरों की चिंता में लगाना.

*शिवजी बोले- देवी इन नौ प्रकारों में से किसी भी प्रकार को यदि मेरा भक्त साध ले तो मैं उसके वश में रहता हूं. मेरे भक्त का अनिष्ट करने की भावना रखने वाले को मैं स्वयं अपना शत्रु समझता हूं।*

*जिस मनुष्य के पास*
*क्षमा करने की शक्ति*
*जितनी ज्यादा होती है*,
*उसके रिश्तों का दायरा,*
*उतना ही विशाल होता है,*
*ऊंचाई पर वो लोग पहुंचते हैं,*
*जो बदला लेने की नहीं,*
*क्षमा करने की सोच रखते हैं!*

*🙏🚩सुप्रभात🚩🙏*