आज का पंचाग, आपका राशि फल। वेदाध्ययन, ज्योतिष, और हमारे पूर्वज जैसी पुस्तकें पाठ्यक्रम में होनी चाहिए

आज का पंचाग, आपका राशि फल, वेदाध्ययन, ज्योतिष, और हमारे पूर्वज, जैसी पुस्तकें पााठ्यक्र में शामिल होनी चाहिए और महाराणा प्रताप रानी लक्ष्मीबाई आदि के बलिदानों का कविता करने वाली कविताएं भी। 

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻बुधवार, २७ जनवरी २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:२१
सूर्यास्त: 🌅 ०५:५०
चन्द्रोदय: 🌝 १६:२२
चन्द्रास्त: 🌜०६:५४
अयन 🌕 उत्तराणायने (दक्षिणगोलीय)
ऋतु: ❄️ शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४२ (शर्वरी)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७७ (प्रमादी)
मास 👉 पौष
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 चतुर्दशी – ०१:१७ तक
नक्षत्र 👉 पुनर्वसु – ०३:४९ तक
योग 👉 विष्कुम्भ – २०:५७ तक
प्रथम करण 👉 गर – १३:१९ तक
द्वितीय करण 👉 वणिज – ०१:१७ तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मकर
चंद्र 🌟 कर्क (२१:४१ से)
मंगल 🌟 मेष (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 कुम्भ (उदय, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌❌❌
अमृत काल 👉 ०१:२२ से ०३:००
रवियोग 👉 ०७:१० से ०३:४९
विजय मुहूर्त 👉 १४:१६ से १४:५९
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:३९ से १८:०३
निशिता मुहूर्त 👉 ००:०३ से ००:५६
राहुकाल 👉 १२:३० से १३:५०
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०८:३० से ०९:५०
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 मृत्युलोक (०१:१७ से)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर २१:४३ से)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शुक्र मकर में २७:२९ से आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०३:४९ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पुनर्वसु नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (के, को, ह, ही) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पुष्य नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (हू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मकर – ०६:२६ से ०८:०७
कुम्भ – ०८:०७ से ०९:३३
मीन – ०९:३३ से १०:५७
मेष – १०:५७ से १२:३०
वृषभ – १२:३० से १४:२५
मिथुन – १४:२५ से १६:४०
कर्क – १६:४० से १९:०२
सिंह – १९:०२ से २१:२१
कन्या – २१:२१ से २३:३८
तुला – २३:३८ से ०१:५९
वृश्चिक – ०१:५९ से ०४:१९
धनु – ०४:१९ से ०६:२२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०७:१० से ०८:०७
शुभ मुहूर्त – ०८:०७ से ०९:३३
मृत्यु पञ्चक – ०९:३३ से १०:५७
रोग पञ्चक – १०:५७ से १२:३०
शुभ मुहूर्त – १२:३० से १४:२५
मृत्यु पञ्चक – १४:२५ से १६:४०
अग्नि पञ्चक – १६:४० से १९:०२
शुभ मुहूर्त – १९:०२ से २१:२१
रज पञ्चक – २१:२१ से २३:३८
शुभ मुहूर्त – २३:३८ से ०१:१७
चोर पञ्चक – ०१:१७ से ०१:५९
शुभ मुहूर्त – ०१:५९ से ०३:४९
रोग पञ्चक – ०३:४९ से ०४:१९
शुभ मुहूर्त – ०४:१९ से ०६:२२
मृत्यु पञ्चक – ०६:२२ से ०७:१०
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपको परिश्रम का उचित फल मिल सकेगा। कार्य व्यवसाय में थोड़ी मेहनत के बाद उत्साहजनक लाभ मिलेगा सहकर्मी आज आपसे ईर्ष्या करेंगे लेकिन आपकी दिनचार्य एवं व्यक्तित्त्व पर इसका कोई असर नही पड़ेगा। कुछ दिनों से चल रही धन संबंधित उलझने शांत होंगी। मन इच्छित कार्यो पर खर्च कर सकेंगे फिजूल खर्ची भी रहेगी लेकिन पारिवारिक खुशी के आगे व्यर्थ नही लगेंगे। सार्वजनिक कार्यो में आज कम रुचि लेंगे महिलाये भी आज अपने आओ में ही ज्यादा मस्त रहेंगी। पारिवारिक वातावरण छोटी मोटी बातो को छोड़ शांत ही रहेगा। सेहत सामान्य रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए संतोषजनक रहेगा। आप आवश्यकता रहने पर भी आर्थिक मामलों को ज्यादा महत्त्व नही देंगे। सहज रूप से जितना मिल जाएगा उसी में संतोष कर लेंगे। मध्यान तक आलस्य अधिक रहने के कारण कार्यो में सुस्ती दिखाएंगे इसके बाद का समय बेहतर रहेगा कही से आकस्मिक लाभ के समाचार मिलने से उत्साहित होंगे साथ ही निश्चिन्त होने पर लापरवाही भी बढ़ेगी। नौकरी वाले जातक अधिकारियों से किसी कारण नाराज रहेंगे। महिलाये मानसिक रूप से शांत रहेंगी परन्तु व्यवहारिकता में रूखापन
दिखाएंगी। परिवार में नासमझी के कारण तनाव हो सकता है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपके लिए आज का दिन भी लाभदायक रहेगा। दिन के आरंभ में अवश्य थोड़ी सुस्ती रहेगी इसके बाद का समय व्यस्त रहेगा। कार्य क्षेत्र के साथ ही आज अन्य काम भी आने से थोड़ी असुविधा होगी परन्तु तालमेल बैठा ही लेंगे। नौकरी वाले लोगो को अधिकारी वर्ग के गंभीर रहने से थोड़ी परेशानी तो होगी लेकिन इसका परिणाम बाद में लाभदायक रहेगा सही समय पर कार्य पूर्ण होंगे। व्यवसायी वर्ग आज लेदेकर काम चलाने की नीति अपनाएंगे खर्च करने पर ही लाभ की स्थिति बन सकेगी। महिलाये भी आज भविष्य के लिए संचय कर सकेंगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपको घर एवं बाहर कुछ ना कुछ हानि कराएगा। आज प्रत्येक कार्य को देख भाल कर ही करें। अतिआवश्यक कार्य यथा संभव आज टाल ही दें अन्यथा समय के साथ धन की भी बर्बादी होगी। सरकारी कार्य नियमो की उलझन में लटके रहेंगे। नौकरी वाले लोग आज कागजी कार्यो में सावधानी रखें। व्यापारी वर्ग आज व्यापार में उतार चढ़ाव के दौर से गुजरेंगे एक पल में लाभ की आशा बनेगी अगले ही पल आशा निराशा में बदल जाएगी। घर गृहस्थी में भी आज किसी ना किसी के बीमार पड़ने से अतिरिक्त परेशानी रहेगी। महिलाये पुरुषों की अपेक्षा शांत रहेंगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिए शांतिदायक रहेगा। ईश्वरीय आराधना भजन-पूजन में निष्ठा रहने से मानसिक रूप से विचलित नही होंगे। कार्य व्यवसाय भी पहले की अपेक्षा बेहतर चलेगा परन्तु धन की आमद होने में कुछ ना कुछ विघ्न अवश्य आएंगे। सहकर्मी भी मनमानी करेंगे जिससे कार्य विलम्ब से पूर्ण होंगे बीच मे कहासुनी होने की भी संभावना है। कार्य क्षेत्र की अपेक्षा आज घर का वातावरण व्यस्त होने पर भी शांति की अनुभूति कराएगा। धार्मिक यात्रा के प्रसंग उपस्थित होंगे। संध्या का समय थकान रहने से आराम में बिताना पसंद करेंगे। स्त्री संतान का सुख सामान्य रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन दौड़ धूप तो रहेगी लेकिन इसका सकरात्मक परिणाम भी मिलेगा। व्यवसाय में आज निश्चिन्त होकर कार्य करें जोखिम लेने से ना डरें मध्यान तक की मेहनत का फल संध्या के आस-पास मिलने लगेगा। धन का निवेश भी आज दुगना होकर ही वापस आएगा। अधिकारी वर्ग की नरमदिली कार्यो को आसान बनाएगी। सरकार सम्भाधित कार्य आज पूर्ण हों सकते है प्रयास करते रहें। महिलाये अधिक बोलने की आदत के कारण हास्य की पात्र बनेगी लेकिन गृहस्थ को संभालने में सहायक भी रहेंगी। पैतृक सम्बन्धित कार्यो अथवा पिता से लाभ होगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिए सौभाग्य में वृद्धि करने वाला रहेगा। परिवार में सुख शांति रहेगी कार्य व्यवसाय में भी कई दिन से चल रही योजना के सफल होने पर उत्साह का वातावरण बनेगा। धन लाभ आज आकस्मिक और आशाजनक ही होगा। भविष्य की योजनाओ के साथ पारिवारिक आवश्यकता की पूर्ति पर भी खर्च होगा। आज मीठा बोलने वालों से दूरी बना कर रहें अन्यथा जेब ढीली करनी पड़ेगी। महिलाये घरेलू कार्यो से ऊबन अनुभव करेंगी फिर भी जिम्मेदारी समय पर पूर्ण कर लेंगी। मित्र रिश्तेदारों के ऊपर खर्च करना पड़ेगा इनसे लाभ भी होगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपके लिए आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से अशुभ रहेगा। सेहत में दिन भर उतार चढ़ाव लगा रहेगा। कार्य व्यवसाय एवं आर्थिक कारणों से मानसिक अशांति रहेगी। महिलाये भी आज पेट, कमर एवं अन्य शारीरिक अंगों में अकड़न-दर्द रहने से परेशान होंगी। कार्य व्यवसाय पर धन लाभ तो होगा लेकिन व्यर्थ के खर्च बढ़ने से तुरंत खर्च भी हो जाएगा। यात्रा की योजना आज टालना बेहतर रहेगा। खर्च के साथ दुर्घटना के भी योग है घर मे भी उपकरणों पर सावधानी से कार्य करें। पूजा पाठ में भी कम ही मन लगेगा। तंत्र-मंत्र के रहस्यों का प्रति रुचि बढ़ेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपको अपने अधिकांश कार्यो में विजय मिलेगी। सोच विचार कर ही किसी कार्य को करेंगे। आज धन लाभ प्रयास करने पर अवश्य होगा। सरकारी कार्यो में जोड़ तोड़ करके सफलता पा लेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज आपका दबदबा रहेगा विरोधी आपके आगे आने की हिम्मत नही करेंगे। सहकर्मियों से बीच मे मतभेद होंगे निराकरण भी तुरंत हो जाएगा। घरेलू सुख भी आज उत्तम रहेगा। सुख सुविधा जुटाने पर खर्च करेंगे। लेकिन बाहर के खान-पान में संयम रखें बदहजमी गैस आदि की परेशानी हो सकती है। घर के बुजुर्ग से शुभ समाचार मिलेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन पिछले दिनों की अपेक्षा राहत भरा रहेगा। शारीरिक रूप से भी आज पहले से बेहतर अनुभव करेंगे। बुजुर्गो की सेहत में सुधार आयेगा। व्यावसायिक क्षेत्र पर आज आरम्भ में असमंजस की स्थिति रहेगी परन्तु धीरे -धीरे गाड़ी पटरी पर आने लगेगी। दिन के अंतिम भाग में बिक्री में तेजी आने से धन की आमद होगी। प्रतिस्पर्धियों से बहस के प्रसंग भी बनेंगे इससे बचने का प्रयास करें। पैतृक संबंधों से भी भविष्य में लाभ की उम्मीद बनेगी। दाम्पत्य सुख में थोड़ी नीरसता रहने पर भी बाहर की अपेक्षा शांति का अनुभव होगा। संताने सहयोगी रहेंगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आप अपने दिमाग पर कुछ ज्यादा ही जोर डालेंगे अनिर्णायक स्थिति रहने के कारण अधिकांश कार्य अधूरे रह जाएँगे या निरस्त भी करने पड़ सकते है। नौकरी वाले लोगो को अतिआत्मविश्वास के कारण कार्य मे हानि होंगी। व्यवसायी वर्ग भी आज लापरवाही करेंगे जिसके फलस्वरूप कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था फैलेगी जिसे सुधारना आज मुश्किल ही रहेगा। धन लाभ आज परिश्रम करने पर भी अल्प मात्रा में ही होगा। पारिवारिक स्थिति भी समय से मांग पूरी ना कर पाने पर खराब होगी। महिलाये अहसान जता कर कार्य करेंगी। संतान सुख भी कम ही रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन सावधानी से व्यतीत करें। आज आप बड़बोलेपन के कारण कलह को स्वयं ही आमंत्रण देंगे। प्रातः काल मे ही परिजन अथवा किसी आस-पड़ोसी से कलह के प्रसंग बनेंगे जिसके कारण मध्यान तक मन मे आवेश बना रहेगा। महिलाओ से आज संयमित व्यवहार रखें अन्यथा पूरी दिनचार्य खराब हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर भी किसी ना किसी से छोटी-छोटी बातों पर उलझने के कारण काम-काज प्रभावित होगा सामाजिक सम्मान में भी आज कमी आएगी। आर्थिक कारणों से भी उलझे रहेंगे धन की आमद खर्च निकलने लायक भी नही रहेगी। शान्त रहने का प्रयास करें।
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27 जनवरी 2021
*आज का दिन हम सभी के लिये मंगलमय हो।*वेदाध्ययन, ज्योतिष, और हमारे पूर्वज, जैसी पुस्तकें पााठ्यक्र में शामिल होनी चाहिए और महाराणा प्रताप रानी लक्ष्मीबाई आदि के बलिदानों पर कविताएं भी।

🙏 ॐ🌹 नमो भगवते वासुदेवाय 🌹 🙏

*चतुर्मूर्ति: चतुर्बाहु:श्चतुर्व्यूह:चतुर्गतिः।*
*चतुरात्मा चतुर्भाव:चतुर्वेदविदेकपात।।82।।*
*भावार्थः-जिनकी चार मूर्तियांँ हैं, जिनकी चार भुजाएं हैं, जिनके चार व्यूह हैं, जिनके चार आश्रम और चार वर्णों की गति है, राग द्वेष से रहित जिनका मन चतुर है, जिनसे धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष पैदा होते हैं, चारों वेदों को जानने वाले व जिनका एक पाद है, उन महाप्रभु को मेरा प्रणाम है*।

🌹 🌹 आज का विचार 🌹 🌹
*“यदि आप बार-बार शिकायत नहीं करते हैं तो आप किसी भी कठिनाई को दूर कर सकते हैं।”*

🌹🌹पञ्चाङ्ग–दर्शन||🌹🌹

*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् 2077 || शक-सम्वत् 1942 || सौम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सरll शिशिर ऋतु ll पौष शुक्ल पक्ष ll चतुर्दशी पुण्य तिथि ll बुधवासरे||माघ सौर 14 प्रविष्टे llतदनुसार 27 जनवरी 2021ll पुनर्वसु नक्षत्र ll मिथुनस्थ चन्द्र रात्रि 9ः41 तक तदुपरान्त कर्कस्थ चन्द्र llगुरु अस्त llमेष में मंगल, कुम्भ में बु़ध, गुरु मकर में, शुक्र धनु में, शनि मकर में, राहु वृष में, केतु वृश्चिक में।।*

शुभम् भूयात् ।यतो धर्मस्ततो जयः।।
🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏

 *27 जनवरी/जन्म-दिवस*

*वनों के रक्षक निर्मल मुण्डा*

उत्कल भूमि उत्कृष्टता की भूमि है। यहाँ की प्राकृतिक छटा और वन सम्पदा अपूर्व है। अंग्रेजों ने जब इसे लूटना शुरू किया, तो हर जगह वनवासी वीर इसके विरोध में खड़े हुए। ऐसा ही एक वीर थे निर्मल मुण्डा, जिनका जन्म 27 जनवरी, 1894 को ग्राम बारटोली, गंगापुर स्टेट, उड़ीसा में हुआ था।

निर्मल के पिता मोराह मुण्डा ग्राम प्रधान थे। पूरा गाँव उनका आदर करता था। निर्मल की प्रारम्भिक शिक्षा रायबोगा स्कूल में हुई। इसके बाद उन्हें राजगंगापुर के लूथेरियन मिशन स्कूल और फिर राँची के गोसनर स्कूल में भेज दिया गया। कक्षा दस में पढ़ते समय प्रथम विश्व युद्ध छिड़ गया। निर्मल सेना में भर्ती होकर फ्रान्स लड़ने चले गये। 

युद्ध के बाद कुछ समय उन्होंने वीरमित्रतापुर लाइम स्टोन कम्पनी में नौकरी की। एक बार भूल न होते हुए भी अंग्रेज अधिकारी ने उन्हें डाँटा, तो वे नौकरी छोड़कर अपने क्षेत्र को शिक्षित बनाने का संकल्प लेकर गाँव में रहने लगे।

अंग्रेजों से पूर्व इस वनवासी क्षेत्र पर स्थानीय राजाओं और जमीदारों का अधिकार था। यद्यपि वे भी जंगल से कमाई करते थे; पर वे पर्यावरण सन्तुलन बनाकर रखते थे। अंग्रेजों के आने के बाद यह व्यवस्था बदल गयी। उनका उद्देश्य अधिकाधिक धन कमाकर अपने देश भेजना था। वे इस क्षेत्र पर कब्जा भी करना चाहते थे, ताकि उनकी लूट को कोई रोक न सके। इसी उद्देश्य के लिए अंग्रेजों ने इसके लिए मुखर्जी समिति बनायी, जिसके द्वारा बनाये नियम ‘मुखर्जी सेटलमेण्ट’ कहे गये।

इससे पूर्व 1908 में ब्रिटिश संसद ने जंगल और उसकी उपज पर वनवासियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए कानून बनाये थे; पर मुखर्जी सेटलमेण्ट के माध्यम से उन्हें भी छीन लिया गया। यह वनवासियों के अधिकारों पर सीधी चोट थी। इसके विरुद्ध वे निर्मल मुण्डा के नेतृत्व में संगठित होने लगे। निर्मल ने गाँव-गाँव घूमकर वनवासियों को एकत्र कर उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने अंग्रेजों के साथ रहकर काम किया था, इसलिए उनकी धूर्तता वे बहुत अच्छी तरह जानते थे। 

मुखर्जी सेटलमेण्ट के अनुसार मालगुजारी की दर पाँच गुनी कर दी गयी। वनवासियों की खेती तो प्रकृति पर आधारित थी। यदि कभी अतिवृष्टि या अनावृष्टि हो जाती, तो भूखों मरने की नौबत आ जाती थी; पर अंग्रेजों को इससे क्या लेना, वे तो उनकी जमीन नीलाम कर मालगुजारी वसूलते थे। वनवासियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था। निर्मल मुण्डा ने इसके विरोध में 25 अपै्रल, 1939 को सुन्दरगढ़ जिले के आमको सिमको ग्राम में एक विशाल सभा का आयोजन किया, जिसमें 10,000 वनवासी एकत्र हुए।

प्रशासन इस सभा एवं आन्दोलन से भयभीत था। अतः लेफ्टिनेण्ट ज्योप्टोन बिफो के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने मैदान को घेरकर गोली चला दी, जिसमें 300 लोग मारे गये। पुलिस ने निर्मल मुण्डा को गिरफ्तार कर जसपुर जेल में ठूंस दिया, जहाँ से वे 1947 में ही मुक्त हुए।

इस वीर को आजादी के बाद भी समुचित सम्मान नहीं मिला। क्षेत्रीय जनता की बहुत पुकार पर 15 अगस्त,  1972 को प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी ने उन्हें ताम्रपत्र दिया। इसके कुछ समय बाद दो जनवरी, 1973 को वनों के रक्षक इस वीर का देहान्त हो गया। प्रतिवर्ष 25 अपै्रल को आमको सिमको गाँव में लगने वाले मेले में निर्मल मुण्डा को लोग श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं।

 

 

*27 जनवरी/पुण्य-तिथि*

*शौर्य एवं पराक्रम के गायक श्याम नारायण पाण्डेय*

रण बीच चौकड़ी भर-भर कर, चेतक बन गया निराला था
राणा प्रताप के घोड़े से, पड़ गया हवा का पाला था।।

ओज की ऐसी सैकड़ों कविताओं के लेखक पंडित श्याम नारायण पांडेय का जन्म ग्राम डुमरांव (जिला आजमगढ़,च उनके पिता श्री रामाज्ञा पांडे अबोध शिशु को अपने अनुज विष्णुदत्त की गोद में डालकर असमय स्वर्ग सिधार गये। श्याम नारायण कई संस्कृत पाठशालाओं में पढ़कर माधव संस्कृत महाविद्यालय, काशी में आचार्य नियुक्त हो गये।

अपनी युवावस्था में वे कवि सम्मेलनों के शीर्षस्थ कवि थे। उनकी शौर्यपूर्ण कविताएं सुनने के लिए श्रोता मीलों पैदल चलकर आते थे। 1939 में रचित उनकी प्रसिद्ध कविता ‘हल्दीघाटी’ तत्कालीन विद्यार्थी और स्वाधीनता सेनानियों की कंठहार थी। जौहर, तुमुल, जय हनुमान, भगवान परशुराम, शिवाजी, माधव, रिमझिम, आरती आदि उनके प्रसिद्ध काव्यग्रन्थ हैं।

पांडे जी में एकमात्र कमी यह थी कि उन्होंने कभी सत्ताधीशों की चाकरी नहीं की। वे खरी बात कहना और सुनना पसंद करते थे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डा0 हेडगेवार के लिए उन्होंने लिखा था…..

केशव तुमको शत-शत प्रणाम।
आदमी की मूर्ति में देवत्व का आभास
देवता की देह में हो आदमी का वास।
तो उसे क्या कह पुकारें, आरती कैसे उतारें ?

पांडे जी नेताओं की समाधि की बजाय वीरों की समाधि तथा बलिदान स्थलों को सच्चा तीर्थ मानते थे। अपने काव्य ‘जौहर’ में वे लिखते हैं –

मुझे न जाना गंगासागर, मुझे न रामेश्वर काशी
तीर्थराज चित्तौड़ देखने को मेरी आंखें प्यासी।।

हल्दीघाटी के युद्ध में राणा प्रताप को घिरा देखकर वीर झाला उनका छत्र एवं मुकुट धारण कर युद्ध क्षेत्र में कूद पड़े।

इस पर पांडे जी ने लिखा……

झाला को राणा जान मुगल, फिर टूट पड़े वे झाला पर
मिट गया वीर जैसे मिटता, परवाना दीपक ज्वाला पर।।
स्वतन्त्रता के लिए मरो, राणा ने पाठ पढ़ाया था
इसी वेदिका पर वीरों ने अपना शीश चढ़ाया था।।

पांडेय जी की कलम की धार तलवार की धार से कम नहीं थी। युद्ध का वर्णन उनकी लेखनी से सजीव हो उठता था –

नभ पर चम-चम चपला चमकी, चम-चम चमकी तलवार इधर
भैरव अमन्द घन-नाद उधर, दोनों दल की ललकार इधर।।
वह कड़-कड़ कड़-कड़ कड़क उठी, यह भीम-नाद से तड़क उठी।
भीषण संगर की आग प्रबल, वैरी सेना में भड़क उठी।।

जन-जन के मन में वीरता एवं ओज के भाव जगाने वाले इस अमर कवि का घोर अर्थाभावों में 27 जनवरी, 1989 को देहांत हुआ।

दुर्भाग्यवश हिन्दी की पाठ्यपुस्तकों में से उन कविताओं को निकाल दिया गया है, जिनसे बालकों में देशभक्ति के संस्कार उत्पन्न होते थे। 1947 के बाद हमारे शासकों ने इन्हें साम्प्रदायिक घोषित कर दिया। महाकवि भूषण और उनकी ‘शिवा-बावनी’ को तो गांधी जी ने ही निषिद्ध घोषित कर दिया था। अब पंडित श्यामनारायण पांडे की ‘हल्दीघाटी’ भी निष्कासित कर दी गयी है।

उसी तरह महारानी लक्ष्मीबाई का वर्णन करने वाली कविता है “बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी, चमक उठी सन 57 में वह तलवार पुरानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी”   इस कविता पर भी अनेक लोगों की दृष्टि है और इसको भी पाठ्यक्रमों से निकालने युति होती रही है।