आज का पंचाग आपका राशि फल, आज है कामदा एकादशी व्रत बीता हुआ कल आपके मस्तिष्क में है और आने वाला आपके हाथ में, चार बातों में कभी भी ग्लानि एवं संकोच नहीं करनी चाहिये पुराने कपड़े, गरीब मित्र, बुज़ुर्ग माता पिता एवं सरल सहज जीवन शैली, आयुर्वेद में है चिकित्सा उपचार एवं परीक्षण एवं स्थाई समाधान

अत्यधिक चिंता भी उचित नहीं होती, ये उन समस्याओं का भी निर्माण करती है जो वास्तव में होती ही नहीं। इसके स्थान पर समस्या के समाधान के लिए चिंतन मनन और प्रयत्न करना चाहिए। यदि तब भी समाधान ना निकले तो अपने इष्ट और समय पर छोड़ दीजिए और कहें जैसी आपकी ईच्छा भगवन् इससे आप दुखी नहीं होंगे और संतोष का अनुभव करेंगे। “चार बातों” में कभी भी ग्लानि एवं संकोच नहीं करनी चाहिये पुराने कपड़े, गरीब मित्र, बुज़ुर्ग माता पिता एवं सरल सहज जीवन शैली। संसार सागर से अपने जीवन चालन के लिए गृहण करें अनन्त काल के लिए संग्रह करना भी मूढमति है, कोमल पक्षी भी पंख निकलते ही अपना घोसला छोड़ कर उड़ान भरता है, संध्या काल में सो जाते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में जग जाते हैं हम तो विवेकवान और सामर्थ्यवान मनुष्य हैं तब सद्भावना सदाचार सद्व्यवहार क्यों नहीं करते*✍️हरीश मैखुरी 🌹

*🙏🏻या देवी सर्व भूतेषु नमो नमः 🙏🏻*
*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 11 अगस्त 2023*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – वर्षा ॠतु*
🌤️ *मास – अधिक श्रावण*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – एकादशी पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *नक्षत्र – मृगशिरा 12 अगस्त सुबह 06:02 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
🌤️ *योग – व्याघात शाम 03:06 तक तत्पश्चात हर्षण*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 11:07 से दोपहर 12:44 तक*

🌻शुक्रवार, ११ अगस्त २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:००

सूर्यास्त: 🌅 ०७:०६

चन्द्रोदय: 🌝 ०१:३९

चन्द्रास्त: 🌜१५:३९

👉 *दिशाशूल- पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – एकादशी वृद्धि तिथि*🗓

अयन 🌖 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: ⛈️ वर्षा 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 श्रावण (द्वितीय, अधिक)

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 एकादशी (पूर्ण रात्रि)

नक्षत्र 👉 मृगशिरा (पूर्ण रात्रि)

योग 👉 व्याघात (१५:०६ से हर्षण)

प्रथम करण 👉 बव (१७:४५ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव (पूर्ण रात्रि)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 कर्क 

चंद्र 🌟 मिथुन (१६:५८ से)

मंगल 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 सिंह (उदय, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र 🌟 कर्क (अस्त, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:४९

अमृत काल 👉 २०:३० से २२:१४

विजय मुहूर्त 👉 १४:३५ से १५:२९

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०२ से १९:२४

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:०२ से २०:०६

निशिता मुहूर्त 👉 ००:०१ से ००:४३

ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:१६ से ०४:५९

प्रातः सन्ध्या 👉 ०४:३८ से ०५:४१

राहुकाल 👉 १०:४२ से १२:२२

राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व

यमगण्ड 👉 १५:४२ से १७:२२

होमाहुति 👉 राहु

दिशा शूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 आकाश

चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम १६:५८ से)

शिववास 👉 कैलाश पर

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – चर २ – लाभ

३ – अमृत ४ – काल

५ – शुभ ६ – रोग

७ – उद्वेग ८ – चर

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – रोग २ – काल

३ – लाभ ४ – उद्वेग

५ – शुभ ६ – अमृत

७ – चर ८ – रोग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

नक्त व्रत आरम्भ (कास्य पात्र में अपूप दान) आदि ।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ०५:५५ तक जन्मे शिशुओ का नाम मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (वे, वो, क, की) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कर्क – ०३:५२ से ०६:१३

सिंह – ०६:१३ से ०८:३२

कन्या – ०८:३२ से १०:५०

तुला – १०:५० से १३:११

वृश्चिक – १३:११ से १५:३०

धनु – १५:३० से १७:३४

मकर – १७:३४ से १९:१५

कुम्भ – १९:१५ से २०:४१

मीन – २०:४१ से २२:०४

मेष – २२:०४ से २३:३८

वृषभ – २३:३८ से ०१:३३

मिथुन – ०१:३३ से ०३:४८

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शभ मुहूर्त – ०५:४१ से ०६:१३

चोर पञ्चक – ०६:१३ से ०८:३२

शुभ मुहूर्त – ०८:३२ से १०:५०

रोग पञ्चक – १०:५० से १३:११

शुभ मुहूर्त – १३:११ से १५:३०

मृत्यु पञ्चक – १५:३० से १७:३४

अग्नि पञ्चक – १७:३४ से १९:१५

शुभ मुहूर्त – १९:१५ से २०:४१

रज पञ्चक – २०:४१ से २२:०४

अग्नि पञ्चक – २२:०४ से २३:३८

शुभ मुहूर्त – २३:३८ से ०१:३३

रज पञ्चक – ०१:३३ से ०३:४८

शुभ मुहूर्त – ०३:४८ से ०५:४२

💥 *विशेष- *हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l    राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है *

💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*

💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*

💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*

🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *परमा (कामदा) एकादशी* 🌷
➡️ *11 अगस्त 2023 शुक्रवार को प्रातः 05:07 से 12 अगस्त, शनिवार को सुबह 06:31 तक एकादशी है।*

💥 *विशेष – 12 अगस्त, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*

🙏🏻 *परमा (कामदा) एकादशी ( समस्त पाप, दुःख और दरिद्रता आदि को नष्ट करनेवाला व्रत | कीर्तन-भजन आदि सहित रात्रि-जागरण करना चाहिए | महादेवजी ने कुबेर को इसी व्रत के करने से धनाध्यक्ष बना दिया है |)*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०२० से*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *काम-धंधे में लाभ के लिए* 🌷
👉🏻 *नौकरी या काम-धंधे में लाभ नहीं हो तो गाय की धूलि लेकर उसको ललाट पर लगाकर काम-धंधे पर जाएँ l धीरे-धीरे सफलता मिलेगी  और विघ्न हटने लगेंगे l*
🙏🏻 *पूज्य बापूजी के सत्संग से*

📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर*
📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*

आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका मन संतोषी रहने पर भी अन्य लोगो से स्वयं की तुलना करने पर बेचैन रहेगा। कार्य व्यवसाय से भी कोई सकारात्मक परिणाम नही मिलेगा। धन की आमद कम और खर्च अधिक रहने के कारण आर्थिक संतुलन गड़बड़ायेगा। परिवार की महिलाए मानसिक विकार से ग्रस्त रहेंगी मामूली बातो को प्रतिष्ठा से जोड़ने पर घर का वातावरण खराब कर सकती है। पिता अथवा पैतृक संपत्ति से संबंधित कार्यो से लाभ की उम्मीद अंत समय मे उलझन में बदलेगी। व्यवहार में मिठास बनाये रहने से कई पारिवारिक एवं कानूनी लफड़ो से बच सकते है। सेहत में थोड़े बहुत विकार लगे रहेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन भी आपके अनुकूल रहेगा व्यवहार में नरमी रहने से आज किसी से भी आसानी से कार्य निकाल लेंगे कार्य क्षेत्र पर आज लाभ के कई सौदे मिलेंगे लेकिन मनमौजी स्वभाव के कारण इनसे पूरा लाभ नही उठा सकेंगे। धन की आमद के लिए निरंतर प्रयास करेंगे लेकिन आज ज्यादा धनलाभ नही हो पायेगा परन्तु घर एवं बाहर सम्मान जरूर बढेगा आज ना चाहकर भी किसी की आर्थिक सहायता करनी पड़ेगी दो पक्षो के झगड़े सुलझाने में मध्यस्थता करनी पडेगी। कार्य व्यवसाय में आज बीते कल की तुलना में कम परिश्रम करेंगे फिर भी लाभ की आशा ज्यादा लगाएंगे। परिवार के सदस्य आप के ऊपर ज्यादा विश्वास करेंगे लेकिन काम के समय आनाकानी करने पर मन दुखी होगा। पेट की गैस को छोड़ सेहत आज अन्य दिनों की तुलना में बेहतर रहेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिये विपरीत फलदायी रहेगा कोई भी बड़ा कार्य यथा सम्भव आज टालना ही बेहतर रहेगा अथवा ज्यादा जरूरी होने पर किसी अनुभवी के मार्गदर्शन में ही करें हानि तो आज किसी न किसी रूप में अवश्य होगी किसी का सहयोग मिलने पर इसमें कमी की जा सकती है। कार्य क्षेत्र पर सरलता से लाभ कमाने के लिये संधर्ष ज्यादा करना पड़ेगा इसके विपरीत प्रलोभन के अवसर अधिक मिलेंगे लेकिन इनका लाभ स्थाई नही रहेगा। आज आपके किसी कानूनी उलझन में भी पड़ने की सम्भावना है सतर्क रहें। सभी से व्यवहार बना कर रखें घर मे कोई अशुभ समाचार के कारण उदासी बनेगी। स्वास्थ्य भी नरम रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन सार्वजनिक क्षेत्र से सम्मान दिलाएगा दिन के आरंभ में किसीकी बेतुकी बात को लेकर क्रोध में रहेगें थोड़ा बहुत गुस्सा दिन भर बना ही रहेगा। मध्यान के समय जिस कार्य से लाभ की उम्मीद लागये बैठे है उसके टलने से मन निराश होगा। कार्य व्यवसाय में आज दिनचार्य संभावनाओ पर केंद्रित रहेगी लाभ के कई अवसर निकट आते आते निरस्त होंगे फिर भी किसी ना किसी का सहयोग मिलने से धन लाभ हो ही जायेगा। पारिवारिक वातावरण धर्य की कमी से खराब हो सकता है घर की अपेक्षा आज बाहर समय बिताने से सहज अनुभव करेंगे। सेहत मानसिक विकार को छोड़ सामान्य रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी सफलता वाला है लेकिन अपनी वाणी एवं व्यवहार को संतुलित रखना जरूरी है कम लाभ से संतोष करने से ही दिन का फायदा उठाया जा सकता है अन्यथा लाभ के अवसर गरमा गरमी में हाथ से निकल सकते है। भाई बंधुओ से आज सीमित व्यवहार रखना ही बेहतर रहेगा अन्यथा कुछ न कुछ मानसिक क्लेश ही बनेगा। कार्य क्षेत्र पर स्थिति मेहनत के बाद लाभदायक बनेगी प्रतिस्पर्धी हावी रहेंगे फिर भी अगर दृढ़ रहे तो सफलता अवश्य मिलेगी। पारिवारिक वातावरण सामान्य रहेगा पल में खुशी पल में उदासी बनेगी। सेहत में थोड़ी बहुत नरमी बनी रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन भागदौड़ वाला रहेगा दैनिक कार्यो की भागमभाग में शरीर की अवहेलना बाद में भारी पड़ेगी। व्यावसायिक कार्य मे परिश्रम अधिक करना पड़ेगा फिर भी लाभ आशाजनक नही होगा। आपके हिस्से का लाभ किसी अन्य के हिस्से में भी जा सकता है लापरवाही से बचें। आज की गई मेहनत का सकारत्मक परिणाम संध्या बाद से देखने को मिलेगा कई दिनों से चल रही आर्थिक तंगी में कमी आएगी लेकिन धन लाभ आज आंशिक लेकिन निकट भविष्य में आशाजनक रहेगा। परिवार ने संतानों का मनमाना व्यवहार मन दुख का कारण बनेगा पारिवारिक सुख में कमी आएगी। शरीर मे कोई नया रोग होने की संभावना भी है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन अशुभ फलदायी रहेगा आज किसी ना किसी कारण से मानसिक संताप होगा। पूर्व में की किसी गलती का पश्चाताप होगा लेकिन विपरीत परिस्थिति के कारण सुधार भी नही कर सकेंगे। सेहत मध्यान तक नरम रहेगी हाथ पैर एवं अन्य शारीरिक अंगों में शितिलता के कारण कार्य बेमन से करने पड़ेंगे। कार्य व्यवसाय की स्थिति भी दयनीय ही रहेगी अन्य लोगो के ऊपर आश्रित रहना पड़ेगा। धन लाभ होगा लेकिन व्यर्थ के खर्चो में लग जायेगा। माता अथवा घर की महिलाओं की सेहत भी नरम रहने के कारण वातावरण अस्त व्यस्त रहेगा। उधारी के लेन देन से बचे वरना आगे आर्थिक समस्या गहरा सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन प्रत्येक कार्यो में विजय दिलाने वाला रहेगा लेकिन इसके लिये समय का सदुपयोग करना पड़ेगा परिवार में भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध रहेंगे अन्य लोगो आपकी प्रगति देख वैरभाव रखेंगे आप भी आज किसी कारण से हीन भावना से ग्रस्त रहेंगे। आज अपने काम से काम रखें अन्यथा अनुकूल दिन का उचित लाभ नही मिल सकेगा। अतिआवश्यक कार्य संध्या से पहले पूर्ण कर लें इसके बाद शारीरिक अथवा अन्य कारणों से बाधा आने लगेगी। कार्य क्षेत्र पर अथवा आस पडोस में नए शत्रु पनपेंगे सतर्क रहें। स्त्री संतानों से भी किसी बात पर मतभेद हो सकता है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन के आरंभ में आप जिस कार्य को लेकर उत्साहित रहेंगे वह टलते टलते मध्यान बाद ही पूर्ण हो सकेगा। किसी भी कार्य में आज तुरंत निर्णय ले अन्यथा लाभ के अवसर का उचित फल नही मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी आपके हिस्से का काम हथियाने का हर संभव प्रयास करेंगे लापरवाही एवं आलस्य से बचे अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा किसी के भड़कावे में आकर क्रोध करने से बचे। घर का वातावरण आपके उत्साह में वृद्धि करेगा धन की आमद एक से अधिक मार्ग से होगी फिर भी आज पारिवारिक कार्यो मे खर्च करने में संकोच ना करें आपसी संबंधों में खटास आ सकती है। संध्या बाद सेहत प्रतिकूल होगी समय पर इलाज करे बाद में गंभीर रूप ले सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन शुभ फलदायक रहने पर भी आप इसका पूर्ण लाभ नही उठा पाएंगे। आपका स्वभाव अन्य लोगो के प्रति लापरवाह और रूखा रहेगा केवल स्वार्थ पूर्ति हेतु ही व्यवहार रखेंगे। जिसे अपना हितैषी समझेंगे वही दुख का कारण बनेगा। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर मिलेंगे परन्तु अनुभव की कमी के कारण हाथ से निकलने की सम्भवना है लाभ पाने के लिये अहम की भावना त्याग किसी अनुभवी की सलाह अवश्य लें। धर्म कर्म में निष्ठा होने पर भी पाप कर्म के प्रति ज्यादा आकर्षण रहेगा। परिजन आपकी बातों का जल्दी से विश्वास नही करेंगे केवल मित्र लोग ही स्वार्थ वश आपकी हाँ में हाँ मिलाएंगे। सेहत संध्या बाद प्रतिकूल होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपके अंदर तेज की कमी रहेगी मन मे कुछ ना कुछ भय बना रहेगा आस पास का वातावरण भी विपरीत रहेगा छोटी मोटी बातो अथवा हास्य परिहास में भी कलह होने की संभावना है। आज विशेषकर विपरीत लिंगीय से सीमित व्यवहार रखें अन्यथा मान भंग हो सकता है। आज आप भाई बंधुओ के लिये लाभकारी सिद्ध होंगे लेकिन आपके द्वारा दी गई आर्थिक अथवा अन्य प्रकार की सहायता का दुरुपयोग होने की संभावना अधिक है। शत्रु पक्ष को कमजोर ना आकेँ अंदर ही अंदर हानि पहुचायेंगे। धन लाभ आज मुश्किल से ही होगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आर्थिक उन्नति के योग बन रहे है लेकिन साथ ही सामाजिक क्षेत्र पर बदनामी अथवा किसी मामूली बात का बतंगड़ बनने से सम्मान हानि की भी सम्भवना है। भाई बंधु अथवा मित्र मंडली में कम बैठे कुछ ना कुछ गड़बड़ ही होगी। कार्य व्यवसाय से पहके से तय आय निश्चित होगी इसके अतिरिक्त भी जोखिम वाले कार्य शेयर लॉटरी आदि से अकस्मात लाभ की संभावना है। व्यवसायी वर्ग आर्थिक रूप से समृद्ध रहने पर भी असंतोषी ही रहेंगे। गृहस्थी में जिस बात को छुपाने के प्रयास करेंगे वही तकरार का कारण बनेगी। संतान से संबंध में चंचलता आएगी।
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻
〰〰〰🙏राधे राधे🙏〰〰〰

,*शिक्षा में सुधार और विकास गुरुजी का महत्व*
पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था, कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें…

पढ़ाई का तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था..

पुस्तक के बीच पौधे की पत्ती और मोरपंख रखने से हम होशियार हो जाएंगे ऐसा हमारा दृढ विश्वास था..

कपड़े के थैले में किताब कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था..

हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बांधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव था..

माता-पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी.. न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी.. सालों साल बीत जाते पर माता-पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे ।

एक दोस्त को साईकिल के डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा हमने कितने रास्ते नापें हैं , यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं..

स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था , दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है ?

पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी ,”पीटने वाला और पिटने वाला दोनो खुश थे” , पिटने वाला इसलिए कि कम पिटे , पीटने वाला इसलिए खुश कि हाथ साफ़ हुआ..

हम अपने माता-पिता को कभी नहीं बता पाए कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं,क्योंकि हमें “आई लव यू” कहना नहीं आता था..

आज हम गिरते – सम्भलते , संघर्ष करते दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं , कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ न जाने कहां खो गए हैं..

हम दुनिया में कहीं भी हों लेकिन यह सच है , हमे हकीकतों ने पाला है , हम सच की दुनियां में थे..

कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना और रिश्तों को औपचारिकता से बनाए रखना हमें कभी नहीं आया इस मामले में हम सदा मूर्ख ही रहे..

अपना अपना प्रारब्ध झेलते हुए हम आज भी ख्वाब बुन रहे हैं , शायद ख्वाब बुनना ही हमें जिन्दा रखे है, वरना जो जीवन हम जी कर आये हैं उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं..

हम अच्छे थे या बुरे थे पर हम एक साथ थे, काश वो समय फिर लौट आए..

“एक बार फिर अपने बचपन के पन्नो को पलटिये, सच में फिर से जी उठेंगे”…

क्या आप भी इन पुरानी यादों के साथ गुजरे हैं ?
।।जय श्री राम।।
✍️स्वामी नारददेव (कृष्णमिलन)

*क्या आप जानते हैं.?*
*एलोपैथी, सिर्फ आपातकालीन अवस्था की बहुत अच्छी रोकथाम करती है..!!*
 
*एलोपैथी तात्कालिक आराम की व्यवस्था है।*
 
*जैसे अगर किसी विशेष अंग में इन्फेक्शन है तो तात्कालिक आराम के लिए पेनकिलर दिया जाता है ताकि शरीर को दर्द का अनुभव ना हो, क्योंकि दर्द शरीर में तो है, बस महसूस नहीं होता है !*
 
*इन्फेक्शन के लिए एंटीबायोटिक दवाइयां दी गई यानी इन्फेक्शन के जीवाणु से लड़ने के लिए उसे समाप्त करने के लिए उससे बड़ा जहर दिया गया, जिसका प्रभाव शरीर पर जरूर होगा लेकिन आपातकाल मैं सिर्फ देखा जाता है क्योंकि मरीज़ को तुरंत आराम देना होता है।*
 
*शरीर पर उसका दुष्परणाम नहीं देखा जाता है,*
*अगर इन्फेक्शन ज्यादा है तो उस अंग को या उसके टुकड़े को काट कर निकाल दिया जाता है वस्तुतः काटना या निकालना क्या उपचार हुआ?*
*ये सिर्फ आपातकाल में की गई रोकथाम है,*
*दर्द की अधिकता से बचने का उपाय मात्र है या*
*यदि जान पर बनी है तो उसे बचने का उपचार मात्र है, लेकिन कहा भी कहा भी गया है, विपत्ति काले मर्यादा नास्ति।*
*वैसे ये उपचार नहीं है सिर्फ लक्षण से मुक्ति दिलाने का उपक्रम मात्र है पर आधुनिक युग मे इसके अलावा कोई चारा भी नहीं है !*
*चारा तो था लेकिन तब परवाह नहीं करी…!*
*थोड़ा और समझने का प्रयास करते हैं…*
*कोई भी रोग हो, उसकी तीव्रता का एक समय, एक अवधि होती है।*
*3 दिन से लेकर 7 दिन तक आप इस दौरान दवा लें या ना लें,*
*3 से 7 दिन में रोग स्वयं चला जाता है। लक्षण चले जाते हैं किंतु दवा तो सिर्फ वेदना को कम करने के लिए दी जाती है।*
*क्या आप फुंसी फोड़ा जुकाम खांसी बुखार सर दर्द को भी आपातकालीन अवस्था मानते हैं ?*
*क्या शरीर का नुक्सान कराकर भी एलोपैथी जहर (कृपया अन्यथा न लें) को शरीर मैं डालना  हैं चाहते हैं?*
*आप ऐसा करते हैं क्योंकि आपको पता ही नहीं चलता है कि दवा शरीर में जाकर कितना नुक्सान कर रही है, कितने साइड इफ़ेक्ट्स पैदा होते हैं,*
*आपको पता नहीं चलता है और जब पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है,*
*डॉ साहब की भी कोई जिम्मेवारी नहीं रहती है कोई गवाह या सबूत नहीं होता है !*
*काश हमारे शरीर के पास भी अपनी आवाज होती,*
*भाषा होती..*
*सभी अंग अपने ऊपर होने वाले अत्याचार को बयान करा पाते*
*तो मनुष्य को पता होता कि वो अपने अमूल्य अनमोल शरीर एवं उसके कोमल अंगों पर कितना अत्याचार कर रहा है.!*
*अब पूरा सत्य आपके सामने है…*
*सिर्फ जान बचाने के लिए ही एलोपैथी का सहारा लें,*
*बाकि जैसा आपको ठीक लगे.!*
*आपको सत्यता से अवगत कराना मेरा काम था,*
*उसे उपयोग में लाना, न लाना आपकी मर्जी..!*
*हम तो यही चाहेंगे कि आप निरोगी रहें, स्वस्थ रहें, खुश रहें.!*
*महिला नपुंसकता*
*स्त्रियों में कामशक्ति या लिबिडो अधिकांशतः 40 पार करते शुरू हो जाती है…*
*जिसके लिये महिलायें संकोचवश अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं क्योंकि किसी ऐरे गैरे से सलाह लेना भी उचित नहीं होता कई सामाजिक कारणों से..*
*लिबिडो को किन जड़ी बूटियों से बढ़ाया जा सकता है, जानिये..!*
*लिबिडो को बढ़ाने के लिए कुछ जड़ी बूटियां और आयुर्वेदिक उपचार उपयुक्त होते हैं जो पुरुष और महिला दोनों के लिए उपयोगी हो सकते हैं।*
*निम्नलिखित कुछ जड़ी बूटियां और आयुर्वेदिक उपचार लिबिडो को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:*
*1. अश्वगंधा (Ashwagandha):*
अश्वगंधा सेक्सुअल इंपोटेंसी और लिबिडो को बढ़ाने में मदद कर सकती है। इसके सेवन से स्त्री और पुरुष दोनों के लिए लाभ हो सकता है।
*2. शतावरी (Shatavari):*
शतावरी महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी होती है और इसके सेवन से लिबिडो को बढ़ाने में मदद मिलती है।
*3. कौंच बीज (Kaunch Beej):*
कौंच बीज में प्राकृतिक तौर पर उपस्थित तत्व लिबिडो को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
*4. गोखरू (Gokhru):*
गोखरू भी सेक्सुअल परफॉर्मेंस को बढ़ाने में मददगार होती है और लिबिडो को सुधारने में मदद कर सकती है।
*5. विदारिकंद (Vidarikand):*
विदारिकंद एक औषधीय जड़ी बूटी है जो लिबिडो को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
*यदि आप लिबिडो को बढ़ाने के लिए इन जड़ी बूटियों का उपयोग करना चाहते हैं, तो इन्हें बिना चिकित्सक की सलाह के न लें।* *वे आपको लेने के लिए उचित मात्रा और तारीके के बारे में बता सकते हैं।* (साभार नैचुरोपैथ कौशल)