आज का पंचाग आपका राशि फल, गुप्त नवरात्रि, चने खा कर बनायें स्वस्थ शरीर, किशमिश से करें लीवर की सफाई, छाती में गैस चढ़ने व जलन होने पर अपनायें ये घरेलू उपाय

 📖 *नीतिदर्शन………………..*✍🏿
*दम्भो दर्पोSभिमानश्च क्रोधः पारुष्यमेव च।*
*अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ सम्पदमासुरीम्।।*
📝 *भावार्थ* 👉🏿 दम्भ, घमण्ड, अभिमान, क्रोध, कठोरता और अविवेकका होना–ये आसुरी सम्पदाके लक्षण हैं। जिनको धारण नहीं करना चाहिये।
💐👏🏿 *सुदिनम्* 👏🏿💐

🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः सभी मित्र मंडली को आज का पंचांग एवं राशिफल भेजा जा रहा है इस का लाभ उठाएंगे✡️
*जय सूर्य भगवान*
*ॐ आदित्याय विदमहे ,भानु भाष्कराय धीमही, तन्नो भानू प्रचोदयात*
1. *ऊं घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य*:
2. *ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय* *सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।*
3. *ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते*, *अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।*
4. *ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ* ।
5. *ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः*
*जय सूर्य भगवान*
✡️दैनिक पंचांग✡️
✡️वीर विक्रमादित्य संवत् ✡️
✡️2078✡️
✡️आषाढ़ मासे ✡️
✡️27 गते ✡️ प्रविष्टे गते ✡️
✡️सूर्य वासरे ✡️
✡️दिनांक ✡️:11 – 07 – 2021(रविवार)✡️
✡️सूर्योदय :05.52 पूर्वाह्न✡️
✡️सूर्यास्त :07.12 अपराह्न✡️
✡️सूर्य राशि :मिथुन✡️
🕉️चन्द्रोदय :06.40 पूर्वाह्न✡️
✡️चंद्रास्त :08.34 अपराह्न✡️
✡️चन्द्र राशि :कर्क✡️
✡️विक्रम सम्वत : 2078✡️
✡️अमांत महीना :आषाढ़ 1✡️
✡️पूर्णिमांत महीना :आषाढ़ 17
पक्ष :शुक्ल 1✡️
✡️तिथि :प्रतिपदा 7.47 पूर्वाह्न तक, बाद में द्वितीया✡️
✡️नक्षत्र :पुनर्वसु 1.02 पूर्वाह्न तक, बाद में पुष्य✡️
✡️योग :हर्षण 4.31 अपराह्न तक, बाद में वज्रा✡️
✡️करण :बव 7:47पूर्वान्ह तक, बाद में बालव 8:07अपरान्ह तक, बाद में कौलव✡️
✡️राहु काल :5.32 अपराह्न से – 7.12 अपराह्न तक✡️
✡️कुलिक काल :3.52 अपराह्न से – 5.32 अपराह्न तक✡️
✡️यमगण्ड :12.31 अपराह्न से – 2.11 अपराह्न त✡️
✡️अभिजीत मुहूर्त :12.05अपरान्ह से 12.59 अपराह्न तक✡️
✡️दुर्मुहूर्त :05:25 अपराह्न से- 06:19 अपराह्न तक✡️
*मित्रों राहुकाल दूर मुहूर्त यमघंट काल में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ नहीं करने चाहिए अभिजीत मुहूर्त एवं कुलिक काल में यात्रा एवं शुभ कार्य आरंभ करने चाहिए*
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✡️आज के लिए राशिफल ✡️✡️(11-07-2021) ✡️
✡️मेष✡️11-07-2021
आज किसी पुराने दोस्त से मुलाकात होने की संभावना है। उनके साथ आप कहीं घूमने जा सकते हैं। पिता के सहयोग से कोई जरूरी काम पूरा हो जायेगा। आज आप कार्यस्थल पर अधिक परिश्रम करेंगे। आपको अपनी उपलब्धियों पर गर्व अनुभव होगा। विज्ञान के विद्यार्थी के लिए दिन अच्छा रहने वाला है। किसी विषय को समझने में दोस्तों से सहायता मिलेगी। आज सामाजिक कार्यों में आपकी रूचि बढ़ेगी, जिससे समाज में आपकी प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। हनुमान चालीसा का पाठ करें, जीवन में सभी लोगों का सहयोग मिलता रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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🕉️वृष 🕉️11-07-2021
आपकी बात और काम का असर भी लोगों पर हो सकता है। लोग आपकी बातें सुनेंगे। किसी बैठक-समारोह का बुलावा भी आज आपको मिल सकता है। परिवार वालों का पूरा समर्थन और सहयोग मिलेगा। दूर स्थान के लोगों से बातचीत होगी। आज ऐसी यात्रा हो सकती है, जिसका लाभ आपको आने वाले दिनों में मिलेगा। आप घर पर आराम कर सकते हैं। आज आप पुराने विवाद निपटाने का मन बना सकते हैं।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 1
भाग्यशाली रंग : लाल रंग
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✡️मिथुन ✡️11-07-2021
धार्मिक कार्यों के प्रति आस्था बढ़ सकती है। अचानक धन लाभ होने की संभावना है। विवाहित लोगों को अपने पति या पत्नी को आपसी भावनाओं के बारे में पता चल सकता है। छोटे बच्चों वाले माता-पिता उनके लिए चिंतित होंगे। काम-काज में जरूरत से ज़्यादा तनाव के चलते परिवार की जरूरतों और इच्छाओं को दरकिनार न करें। भागीदारों और करीबी दोस्तों के साथ आपका सामना शक्तिशाली और यादगार रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिणपूर्व
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️कर्क ✡️11-07-2021
व्यावसायिक संदर्भ में आज का दिन एक नए उद्यम के साथ शुरू हो सकता है, या आप नए सौदे को अंतिम रूप दे सकते हैं, जो भविष्य में अति लाभदायक सिद्ध होगा। व्यावसायिक और सामाजिक दायरे में सम्मान और प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए दिन अनुकूल है। पारिवारिक जीवन आरामदायक और शांतिपूर्ण रहेगा। आपके पास नए अधिग्रहण हो सकते हैं, जो आपकी जीवन-शैली में सुधार करेंगे और आपकी संतुष्टि में वृद्धि करेंगे। आपको और आपके परिवार के सदस्यों को कोई बड़ी चिंता नहीं सताएगी। आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : नारंगी रंग
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✡️सिंह ✡️11-07-2021
आज परिवार वालों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने का मौका मिलेगा। इस राशि के पुस्तक विक्रेता के लिए दिन लाभ दिलाने वाला रहेगा। साथ ही राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों की समाज में और अच्छी छवि बनेगी। इसका लाभ आपको आने वाले समय में जरूर मिलेगा। पैसों से जुड़े कुछ काम आज रूक सकते हैं। आप दूसरों की समस्याओं से विचलित हो सकते हैं। जो युवा सेवा की तलाश में हैं, आज उनकी किसी अच्छी जगह पर सेवा रत होने की संभावना है।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण-पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : सफ़ेद रंग
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✡️कन्या✡️11-07-2021
आपके लिए दिन सामान्य रहेगा। लेन-देन और निवेश के मामलों में नई योजना करेंगे। आपके आसपास चहल-पहल भी रहेगी। आपकी एकाग्रता चरम पर होगी और एक साथ कई काम भी संभालने पड़ सकते हैं। लोगों से मिलने या परिवार के साथ कहीं जाने का कार्यक्रम बन सकता है। कार्य एवं परिश्रम दोनों ज्यादा रहेंगे, लेकिन आपको सफलता मिल सकती है। व्यापार में आपकी उन्नति सुनिश्चित होगी। माता-पिता का आशीर्वाद लें, आपकी सभी समस्याएं दूर होगी।
भाग्यशाली दिशा : पूर्व
भाग्यशाली संख्या : 7
भाग्यशाली रंग : बैंगनी रंग
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✡️तुला ✡️11-07-2021
आज आपके घर में खुशी का वातावरण रहेगा। प्रेम प्रस्ताव मिल सकता है। अपनी आंतरिक आवाज सुनना सीखें। आप अपने जीवन के सभी पहलुओं में बहुत अच्छा करेंगे। दोस्तों या रिश्तेदारों के माध्यम से अच्छे व्यापारिक सौदे मिलने की संभावना है। वाहन चलाते समय सावधान रहें। आपके सभी दायित्वों को पूरा करने का सबसे अच्छा समय है। परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 4
भाग्यशाली रंग : भूरा रंग
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✡️वृश्चिक ✡️11-07-2021
व्यापारिक और व्यावसायिक क्षेत्र में आप अधिकारियों से पूर्ण सहयोग प्राप्त करेंगे और आर्थिक प्रगति होगी। आप अत्यधिक लोकप्रिय रहेंगे और आपके परिवार के सदस्य आपको पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। आप आत्मविश्वास से भरपूर होंगे। एक नए सौदे को अंतिम रूप देकर या एक नए व्यवसाय में शामिल होकर व्यापार में एक बड़ी छलांग लगा सकते हैं। प्रेम संबंधों के संदर्भ में आपको सावधान रहने की आवश्यकता है।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर
भाग्यशाली संख्या : 8
भाग्यशाली रंग : नीला रंग
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✡️धनु ✡️11-07-2021
आज परिवार वालों के साथ ख़ुशी के पल बितायेंगे। इस राशि के स्नातक विद्यार्थी के लिए दिन अच्छारहने वाला है। दोस्तों और शिक्षकों का आपको पूरा सहयोग मिलेगा। जो लोग बाजार में लेन देन के काम से जुड़े हैं, उन्हें तरक्की के कई सुनहरे मौके मिलेंगे। किसी बड़े बुजुर्ग की मदद करने से आप मन में राहत अनुभव करेंगे। कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने में आप सफल होंगे। साथ ही किसी काम के लिए आज जीवनसाथी को अपनी बातों से प्रभावित कर लेंगे। करियर में नए आयाम स्थापित होंगे। हनुमान जी को प्रणाम करें, जीवन के सभी क्षेत्र में आप सफल होंगे।
भाग्यशाली दिशा : दक्षिण
भाग्यशाली संख्या : 3
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️मकर ✡️
11-07-2021
व्यापार एवं सेवा में कुछ अच्छा होने के इशारे मिल सकते हैं। किसी खास मामले को लेकर परिवार से बातचीत हो सकती है। कार्यालय के काम या अपने किसी शौक के कारण आप व्यस्त हो सकते हैं। किसी जरूरी पार्टनरशिप की दिशा में प्रगति होने के भी योग बन रहे हैं। कुछ जिम्मेदारियां और जरूरी काम आपको निपटाने पड़ सकते हैं। निवेश करने या किसी को आर्थिक मदद देने के पहले सलाह कर लें। नए मकान खरीदने का मन बन सकता है। धार्मिक यात्रा का भी योग है।
भाग्यशाली दिशा : पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 5
भाग्यशाली रंग : हरा रंग
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✡️कुंभ ✡️11-07-2021
आज सम्बंधो में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। जल्द ही सफलता के द्वार खुलेंगे। अपनी मुश्किलों को भलीभांति समझेंगे तभी उनका समाधान ढूंढ पाएंगे। ज़िन्दगी की रुकावटों से आपका तुजुर्बा बढेगा और वही तुजुर्बा आपको सही रास्ते पर चलने में मदद जरूर करेगा। आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सबसे अधिक बनी रहेगी। आप ताकतवर होंगे और चीजों को हासिल करना चाहेंगे, यही वजह है कि आप चीजों को बनाने के लिए अपने प्रभाव को बढ़ाएंगे
भाग्यशाली दिशा : दक्षिणपूर्व
भाग्यशाली संख्या : 9
भाग्यशाली रंग : पीला रंग
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✡️मीन ✡️11-07-2021
आज आपको पूर्वार्ध में वांछित परिणाम नही मिल सकते हैं। आपको विभिन्न स्तरों पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। आप थोड़े भ्रमित रह सकते हैं। इस स्थिति के कारण आप समय पर काम पूरा नहीं कर पाएंगे। संसाधनों की कमी के कारण कुछ व्यावसायिक योजनाओं को रोकना पड़ सकता है। स्वास्थ्य आपकी चिंता का कारण बन सकता है। उत्तरार्ध में हालात सुधरेंगे और कठिनाइयों का समाधान मिलेगा। आप अपने भाइयों, बहनों और दोस्तों के समर्थन और मदद से प्रगति करेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। आपकी सामाजिक छवि बढ़ेगी।
भाग्यशाली दिशा : उत्तर पश्चिम
भाग्यशाली संख्या : 2
भाग्यशाली रंग : नीला रं
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*आपका अपना पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677*
चक्रधर प्रसाद शास्त्री: 🕉️ श्री गणेशाय नमः 🕉️ जगत् जनन्यै जगदंबा भगवत्यै नम 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मित्रोंआषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से दशमी पर्यन्त गुप्त नवरात्र का आयोजन किया जाता है इसमें 10 महाविद्याओं की सिद्धि प्राप्त की जाती है नवरात्र पूर्ण रूप से गुप्त रखा जाता है
*जानिए गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि, महत्व, मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की साधना और मंत्र*

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना
*✡️ आषाढ़ घटस्थापना रविवार, जुलाई 11, 2021 को*✡️

✡️ घटस्थापना मुहूर्त – 05:31 ए एम से 07:47 ए एम✡️✡️
अवधि – 02 घण्टे 15 मिनट्स
✡️घटस्थापना अभिजित मुहूर्त✡️ – 11:59 ए एम से 12:54 पी एम
अवधि – 00 घण्टे 55 मिनट्स
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – जुलाई 10, 2021 को 06:46 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – जुलाई 11, 2021 को 07:47 ए एम बजे
चारों नवरात्र हर साल तीन-तीन महीने के अंतराल पर आते हैं। प्रत्यक्ष नवरात्र में मां के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है *और गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्या की साधना की जाती है।* गुप्त नवरात्रों का महत्व, प्रभाव और पूजा विधि बताने वाले ऋषियों में श्रृंगी ऋषि का नाम सबसे पहले लिया जाता है। धार्मिक कथा के अनुसार, एकबार एक महिला श्रृंगी ऋषि के पास आई। उसने बताया कि उसका जीवन कष्टों से भरा है। मेरे पति दुर्व्यसन करते हैं। इस कारण कोई धार्मिक कार्य, व्रत या अनुष्ठान भी नहीं कर पा रही। महिला ने पूछा कि मैं मां शक्ति की कृपा पाने के लिए क्या करूं? ऋषि ने महिला को गुप्त नवरात्र में साधना करने के लिए कहा था। ऋषिवर ने उसे साधना की विधि भी बताई। विधि-विधान से पूजन के बाद उसके सारे कष्ट दूर हो गए।
दस महाविद्या पूजा मंत्र :-
*काली तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी।*
*भैरवी छिन्नमस्ता च विद्या धूमावती तथा।*
*बगला सिद्ध विद्या च मातंगी कमलात्मिका एता दशमहाविद्याः सिद्धविद्या प्रकीर्तिताः॥*
*1. देवी माँ काली*
मंत्र “ॐ क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहाः”
*2. देवी माँ तारा*
देवी काली ही, नील वर्ण धारण करने के कारण ‘तारा’ नाम से जानी जाती हैं । दोनों शिव रूपी शव पर प्रत्यालीढ़ मुद्रा धारण किये हुए आरूढ़ हैं, अंतर केवल देवी काली शव रूपी शिव पर आरूढ़ हैं तथा देवी तारा जलती हुई चिता पर आरूढ़ हैं। दोनो। दोनों का निवास स्थान श्मशान भूमि हैं| देवी तारा ने, भगवान शिव को बालक रूप में परिवर्तित कर, अपना स्तन दुग्ध पान कराया था। समुद्र मंथन के समय कालकूट विष का पान करने के परिणाम स्वरूप, भगवान शिव के शरीर में जलन होने लगी तथा वे तड़पने लगे, देवी ने उन के शारीरिक कष्ट को शांत करने हेतु अपने अमृतमय स्तन दुग्ध पान कराया। देवी काली के सामान ही देवी तारा का सम्बन्ध निम्न तत्वों से हैं।
*तारास्तोत्रम् मातर्नीलसरस्वति प्रणमतां सौभाग्यसम्पत्प्रदे प्रत्यालीढपदस्थिते शवहृदि स्मेराननाम्भोरुहे ।*
*फुल्लेन्दीवरलोचने त्रिनयने कर्त्रीकपालोत्पले खङ्गं चादधती त्वमेव शरणं त्वामीश्वरीमाश्रये ॥*
मंत्र “ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट”
*3. देवी माँ त्रिपुर सुंदरी*
आज गुप्त नवरात्रि का तीसरा दिन आद्य महाविद्या त्रिपुर सुंदरी का होता है।
देवी त्रिपुर सुंदरी अनुपम सौंदर्य, भक्तों को अभय प्रदान करने वाली, यौवनयुक्त और तीनों लोकों में विराजमान है और *उन्हें कई नामों से जाना जाता है। इन्हें राज-राजेश्वरी, बाला, ललिता, मीनाक्षी, कामाक्षी, शताक्षी, कामेश्वरी कहा जाता है।*
*बालार्क युत तैजसं त्रिनयनां रक्ताम्बरोल्लसिनीं।*
*नानालंकृतिराजमानवपुषं बालोडुराट शेखराम्।।*
*हस्तैरिक्षु धनुः सृणि सुमशरं पाशं मुदा विभ्रतीं।*
*श्री चक्र स्थितःसुन्दरीं त्रिजगतधारभूतां भजे।।*
ललिता त्रिपुर सुंदरी ध्यान मंत्र
*अरूण किरण जालैरंचिताशावकाशा विधृतजपपटीका पुस्तकाभीतिहस्ता ।*
*इतरकरवराढया फुल्लकह्लारसंस्था निवसतु हृदि बाला नित्यकल्याणशीला*
मंत्र — “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः “
माँ आद्य महाविद्या त्रिपुर सुंदरी कवच
*ॐ पूर्वे मां भैरवी पातु बाला मां पातु दक्षिणे ।*
*मालिनी पश्चिमे पातु त्रासिनी उत्तरेऽवतु ।।*
*ऊधर्व पातु महादेवी महात्रिपुरसुन्दरी ।*
*अधस्तात् पातु देवेशी पातालतलवासिनी ।।*
*आधारे वाग्भव: पातु कामराजस्तथा हदि ।*
*डामर: पातु मां नित्यं मस्तके सर्वकामद: ।।*
*ब्रह्मरन्ध्रे सर्वगात्रे छिद्रस्थाने च सर्वदा ।*
*महाविद्या भगवती पातु मां परमेश्वरी ।।*
*ऐं ह्रीं ललाटे मां पातु क्लीं क्लूं सश्च नेत्रयो: ।*
*नासायां मे कर्णयोश्च द्रीं द्रैं द्रां चिबुके तथा ।।*
*सौ: पातु गले ह्रदये सह ह्रीं नाभिदेशके ।*
*कलह्रीं क्लीं स्त्रीं गुहादेशे स ह्रीं पादयोस्तथा ।।*
*सह्रीं मां सर्वत: पातु सकली पातु सन्धिषु ।*
*जले स्थले तथाऽऽकाशे दिक्षु राजग्रहे तथा ।।*
*4. देवी माँ भुवनेश्वरी*
भुवनेश्वरी महाविद्या का स्वरूप सौम्य है और इनकी अंगकान्ति अरुण है। भक्तों को अभय और समस्त सिद्धियाँ प्रदान करना इनका स्वाभाविक गुण है। वास्तव में मूल प्रकृति का ही दूसरा नाम भुवनेश्वरी है।
इन्होंने ही दुर्गमासुर को युद्ध में मारकर उसके द्वारा अपहृत वेदों को देवताओं को पुनः सौंपा था। उसके बाद इन भगवती भुवनेश्वरी का एक नाम दुर्गा प्रसिद्ध हुआ।
*उद्यद्दिनद्युतिमिन्दुकिरीटां तुङ्गकुचां नयनत्रययुक्ताम् ।*
*स्मेरमुखीं वरदाङ्कुशपाशां_ऽभीतिकरां प्रभजे भुवनेशीम् सिन्दूरारुणविग्रहां त्रिनयनां माणिक्यमौलिस्फुरत् ।*
*तारानायकशेखरां स्मितमुखीमापीनवक्षोरुहाम् ॥
*पाणिभ्यामलिपूर्णरत्नचषकं संविभ्रतीं शाश्वतीं ।*
*सौम्यां रत्नघटस्थमध्यचरणां द्यायेत्परामम्बिकाम् ॥२॥*
मन्त्र — “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नमः”
*5. देवी माँ छिन्नमस्ता*
मंत्र- “श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट स्वाहा:”
*6. देवी माँ त्रिपुर भैरवी*
मंत्र — “ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा:”
*7. देवी माँ धूमावती*
मंत्र- “ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:”
*8. देवी माँ बगलामुखी*
मन्त्र — “ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नम:”
*9. देवी माँ मातंगी*
मंत्र — “ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा:”
*10. देवी माँ कमला*
मंत्र — “ॐ हसौ: जगत प्रसुत्तयै स्वाहा:”
*अगर आप इन मंत्रों का उचारण(बोल नही) कर पाते है तो*
इस बीज मंत्र सुबह-शाम 11 माला का जप करें।

*मंत्र- “ॐ दुं दुर्गायै नमः”*
*आपका अपना पंडित चक्रधर प्रसाद मैदुली फलित ज्योतिष शास्त्री जगदंबा ज्योतिष कार्यालय सोडा सरोली रायपुर देहरादून मूल निवासी ग्राम वादुक पत्रालय गुलाडी पट्टी नन्दाक जिला चमोली गढ़वाल उत्तराखंड फोन नंबर ✡️ 8449046631,9149003677*

*सुबह एक दो मुट्ठी चने खाने के चमत्कारी लाभ*

*(1).* एक सस्ता और आसान सा दिखने वाला चना हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना लाभकारी है जानिये…

*(2).* काले चने भुने हुए हों, अंकुरित हों या इसकी सब्जी बनाई हो, यह हर रूप में स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं।

*(3).* इसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स पाए जाते हैं।

*(4).* शरीर को सबसे ज्यादा लाभ अंकुरित काले चने खाने से होता है, क्योंकि अंकुरित चने क्लोरोफिल, विटामिन ए, बी, सी, डी और के, फॉस्फोरस, पोटैशियम, मैग्नीशियम और मिनरल्स का अच्छा स्रोत होते हैं।
साथ ही इसे खाने के लिए किसी प्रकार की कोई खास तैयारी नहीं करती पड़ती।
रातभर भिगोकर सुबह एक-दो मुट्ठी खाकर हेल्थ अच्छी हो सकती है।

*(5).* चने ज्यादा महंगे भी नहीं होते और इसमें बीमारियों से लड़ने के गुण भी छिपा हुए हैं।
कब्ज से राहत मिलती है, चने में मौजूद फाइबर की मात्रा पाचन के लिए बहुत जरूरी होती है।

*(6).* रातभर भिगोए हुए चने से पानी अलग कर उसमें नमक, अदरक और जीरा मिक्स कर खाने से कब्ज जैसी समस्या से राहत मिलती है।
साथ ही जिस पानी में चने को भिगोया गया था, उस पानी को पीने से भी राहत मिलती है।
लेकिन कब्ज दूर करने के लिए चने को छिलके सहित ही खाएं।

*(7).* ये एनर्जी बढ़ाता है।
कहा तो यहाँ तक जाता है इंस्टेंट एनर्जी चाहिए, तो रात भर भिगोए हुए या अंकुरित चने में हल्का सा नमक, नींबू, अदरक के टुकड़े और काली मिर्च डालकर सुबह नाश्ते में खाएं, बहुत फायदेमंद होता है।
चने का सत्तू भी खा सकते हैं।
यह बहुत ही फायदेमंद होता है।
गर्मियों में चने के सत्तू में नींबू और नमक मिलाकर पीने से शरीर को एनर्जी तो मिलती ही है, साथ ही भूख भी शांत होती है।

*(8).* पथरी की प्रॉब्लम दूर करता है।
दूषित पानी और खाने से आजकल किडनी और गॉल ब्लैडर में पथरी की समस्या आम हो गई है।
हर दूसरे-तीसरे आदमी के साथ स्टोन की समस्या हो रही है।
इसके लिए रातभर भिगोए हुए काले चने में थोड़ी सी शहद की मात्रा मिलाकर खाएं।
रोजाना इसके सेवन से स्टोन के होने की संभावना काफी कम हो जाती है और अगर स्टोन है तो आसानी से निकल जाता है।
इसके अलावा चने के सत्तू और आटे से मिलकर बनी रोटी भी इस समस्या से राहत दिलाती है।

*(9).* काला चना शरीर की गंदगी को पूरी तरह से बाहर भी निकालता है।

*अन्य फायदे…*
● एनर्जी बढ़ाता है,
● डायबिटीज से छुटकारा मिलता है,
● एनीमिया की समस्या दूर होती है,
● बुखार में पसीना आने की समस्या दूर होती है,
● पुरुषों के लिए फायदेमंद,
● हिचकी में राहत दिलाता है,
● जुकाम में आराम मिलता है,
● मूत्र संबंधित रोग दूर होते हैं,
● त्वचा की रंगत निखारता है।

*डायबिटीज से छुटकारा दिलाता है।*
चना ताकतवर होने के साथ ही शरीर में एक्स्ट्रा ग्लूकोज की मात्रा को कम करता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए कारगर होता है। लेकिन इसका सेवन सुबह सुबह खाली पेट करना चाहिए।
चने का सत्तू डायबिटीज़ से बचाता है।
एक से दो मुट्ठी ब्लड चने का सेवन ब्लड शुगर की मात्रा को भी नियंत्रित करने के साथ ही जल्द आराम पहुंचाता है।

*एनीमिया की समस्या दूर होती है।*
शरीर में आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया की समस्या को रोजाना चने खाकर दूर किया जा सकता है।
चने में शहद मिलाकर खाना जल्द असरकारक होता है।
आयरन से भरपूर चना एनीमिया की समस्या को काफी हद तक कम कर देता है।
चने में 27% फॉस्फोरस और 28% आयरन होता है जो न केवल नए बल्ड सेल्स को बनाता है, बल्कि हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है।

*हिचकी में राहत दिलाए*
हिचकी की समस्या से ज्यादा परेशान हैं, तो चने के पौधे के सूखे पत्तों का धूम्रपान करने से हिचकी आनी बंद हो जाती है।
साथ ही चना आंतों/इंटेस्टाइन की बीमारियों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।

*बुखार में पसीना आने पर*
बुखार में ज्यादा पसीना आने पर भुने हुए चने को पीसकर, उसमें अजवायन मिलाएं।
फिर इससे मालिश करें।
ऐसा करने से पसीने की समस्या खत्म हो जाती है।

*मूत्र संबंधित रोग में आराम*
भुने हुए चने का सेवन करने से बार-बार पेशाब जाने की बीमारी दूर होती है।
साथ ही गुड़ व चना खाने से यूरीन से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या में राहत मिलती है।
रोजाना भुने हुए चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाती है।

*पुरुषत्व के लिए फायदेमंद*
चीनी मिट्टी के बर्तन में रात भर भिगोए हुए चने को चबा चबाकर खाना पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
पुरुषों की कई प्रकार की कमजोरी की समस्या खत्म होती है।
जल्द असर के लिए भीगे हुए चने के साथ दूध भी पिएं।
भीगे हुए चने के पानी में शहद मिलाकर पीने से पुरुषत्व बढ़ता है।

*त्वचा की रंगत निखारता है।*
चना केवल हेल्थ के लिए ही नहीं, स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
चना खाकर चेहरे की रंगत को बढ़ाया जा सकता है। वैसे चने की फॉर्म बेसन को हल्दी के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।
नहाने से पहले बेसन में दूध या दही मिक्स करें और इसे चेहरे पर 15-20 लगा रहने दें।
सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें।
रंगत के साथ ही कील मुहांसों, दाद-खुजली और त्वचा से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं।

*युवा महिलाओं को हफ्ते में कम से कम एक बार चना और गुड़ खाना चाहिए।*
गुड़ आयरन का समृद्ध स्रोत है और चने में बड़ी मात्रा में प्रोटीन होता है।
ये दोनों मिलकर महिलाओं की माहवारी के दौरान होने वाले रक्त के नुकसान को पूरा करते हैं।
तथा सभी महिलाओं को आने वाले माघ महीने में हर रोज कम से कम 40-60 मिनट धूप में बैठकर तिल के लड्डू या गजक खाने चाहिए, जिसमें कैल्शियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इससे उनके शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी पूरी हो जाएगी।

*जुकाम में राहत*
गर्म चने को किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।

*लिवर की सफाई के लिए*

20 ग्राम काली किशमिस और 1 ग्लास पानी लेकर मिक्सर मे ज्युस बनाकर सुबह खाली पेट 15 दिनों तक सेवन करने से लिवर की सफाई होती है |

*किडनी की सफाई के लिए*
हरा धनिया 40 ग्राम +1 ग्लास पानी मिक्स करके मिक्सर मे पिस करके सुबह खाली पेट लिजिए यह 10 दिनों तक करने से किडनी की सफ़ाई होती है। और हमारी किडनी स्वस्थ रहती है।

*हार्ट की सफाई के लिए*
60 ग्राम अलसी को मिक्सर मे पीस लिजिए फिर सुबह शाम खालीपेट 10-10 ग्राम की मात्रा मे सेवन से हमारा हार्ट (हृदय) स्वस्थ रहता है यह उपाय 1 महिने तक करनां है।

*दिमाग की सफाई के लिए*
बादाम 8 और अखरोट 2 नग लेकर रात को 1 ग्लास पानी मे भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करें। यह पूरे 2 महिनों तक करने से दिमाग को पूरी तरह से जहरमुक्त किया जा सकता है।

*फेंफडो की सफाई के लिए*
2 चम्मच शहद + 1 चम्मच नींबू का रस + 1 चम्मच अदरक का रस सभी चीजो को मिक्स करके सुबह खाली पेट सेवन करने से बिड़ी, सिगरेट, गुटखा या तंबाकु से जो नुकसान हमारे फेंफडो को हुआ है उन्हे सुधार होगा और हमारे फेंफडे पुरी तरह से स्वस्थ हो जाते है। यह प्रयोग करीब 20 दिनों तक करनां है।
[7/10, 22:38] +91 98782 56005: *आंतो की टीबी*
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टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस या राजयक्ष्मा कई प्रकार की होती है जैसे फेफड़ों की टीबी, दिमाग की टीबी, हड्डियों की टीबी, आंतो की टीबी आदि।
जिन मरीजों को फेंफडों की टीबी होती है उनके कफ में टीबी के कीटाणु होते हैं। जब मरीज खाँसी करता है तब जो कफ निकलता है उसे यदि वह बाहर न निकाल कर अंदर निगल जाता है तो उसे पेट या आंतो की टीबी हो जाती है। यदि ये कीटाणु पेट से हड्डियों तक पहुँच जाए तो हड्डियों की टीबी भी हो सकती है।
खून के कारण अगर कीटाणु दिमाग तक पहुँच जाए तो दिमागी टीबी भी हो सकती है। वैसे दिमागी टीबी का कारण अज्ञात है यह केवल बच्चों में ही अधिक होती है।
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*आंतो की टीबी*

यह रोग सामान्यत: टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित खाना खाने या फेफड़ों के टीबी की अवस्था मेंं मरीज द्वारा खुद का संक्रमित बलगम निगलने से होता है।

*भूख कम लगना, दस्त व बुखार, हो सकती है आंतों मेंं टीबी, जानें इसके बारे में*

आंतों में टीबी की समस्या एक संक्रामक रोग है, जो टीबी के बैक्टीरिया (माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर-कुलोसिस) से फैलता है। लेकिन कुछ मरीजों में इसका कारण माइकोबैक्टीरियम बोविस भी होता है।
यह रोग सामान्यत: टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित खाना खाने या फेफड़ों के टीबी की अवस्था मेंं मरीज द्वारा खुद का संक्रमित बलगम निगलने से होता है।
एड्स व कैंसर के मरीज और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों में इसके मामले अधिक पाए जाते हैं।

*जानते हैं इसके बारे में -*

*रोग के तीन प्रकार*

वैसे तो यह बीमारी आंत के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। लेकिन ७५ प्रतिशत लोगों में यह छोटी आंत के अंतिम छोर और सीकम (अंधान्त्र) में खासतौर पर होती है। इस रोग के लक्षण क्रोंस डिजीज (आंतों की सूजन) जैसे होते हैं। प्रारंभिक अवस्था में इसका इलाज न होने पर यह जानलेवा भी हो सकती है।

*आंतों में टीबी तीन प्रकार से होती है-*

*अल्सरेटिव*

इसमें आंतों में अल्सर की स्थिति बनती है। यह ६० प्रतिशत मरीजों मेंं पाई जाती है।

*हाइपरट्रॉफिक*

आंतों की वॉल का मोटा व सख्त होने से रुकावट आना। यह १० फीसदी मरीजों में होती है।

*अल्सरोहाइपरट्रॉफिक*

आंतों में अल्सर व रुकावट दोनों होती है। ३० प्रतिशत मरीजों में ये मामले देखने में आते हैं।

*लक्षण*

वजन घटना
व खूनी दस्त,
पेटदर्द,
कब्ज की समस्या,
बुखार रहना,
भूख कम लगना,
कमजोरी आना,
पेट में गांठ बनना
आदि इसके लक्षणों में शामिल हैं।

लक्षण दिखते ही गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

*सर्जरी*

करीब ७० फीसदी मरीज दवाओं से ठीक हो जाते हैं। तीस फीसदी रोगी ऐसे हैं जिनमें बैक्टीरिया मरने के बाद भी रह जाने से आंतों में रुकावट आती है। इसे दूर करने के लिए एंडोस्कोपी या सर्जरी की जरूरत पड़ती है।

*जांच*

खून की जांच,
सीने व पेट का एक्स-रे,
अल्ट्रासाउंड,
बेरियम स्टडी,
सीटी स्कैन,
मेंटॉक्स टैस्ट से भी आंतों में टीबी की जांच की जाती है।
इनके अलावा कोलोनोस्कोपी और बायोप्सी से रोग की स्थिति का पता लगाते हैं।
कुछ मरीजों में कैप्सूल एंडोस्कोपी और एंटीरोस्कोपी की जरूरत पड़ती है। छोटी आंत की जांच करते हैं।

*क्या है इलाज?*

आंतों में टीबी के मरीज ज्यादातर दस्त से परेशान होते हैं। ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए सबसे पहले शरीर में पानी की पूर्ति करते हैं।

*दवाइयां*

शरीर मेंं तरल व मिनरल्स की पूर्ति के लिए ओआरएस घोल देते हैं। एंटीट्यूबरकुलर दवाएं दी जाती हैं ताकि बैक्टीरिया नष्ट होकर संक्रमण को खत्म किया जा सके। जो मरीज उल्टी के कारण दवाएं नहीं ले पाते उन्हें इंजेक्शन के जरिए दवाइयां दी जाती हैं।

*डाइट*

खानपान में प्रोटीनयुक्तदालें, सोयाबीन अधिक लें। सूप, आलू, चावल व केला डाइट में शामिल करें। इलाज की शुरुआत में दूध उत्पाद से बचें, ये दस्त का कारण बनते हैं। कॉफी, चाय, कोल्डड्रिंक्स से बचें, ये दस्त व पेटदर्द को बढ़ाते हैं। अल्कोहल न लें।

*जटिलताएं*

इलाज समय रहते न हो तो रोग गंभीर हो सकता है। ऐसे में आंतों में अंदरुनी ब्लीडिंग, रुकावट आना, छेद होना, इसकी दीवार का फट जाना, कुपोषण और आंतों की टीबी का दूसरे अंगों में फैलना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।


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सभी जानकारी और लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं यहाँ पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा चिकित्सक की सलाह ले।
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🍱छाती में दर्द का खानपान से उपचार 🍱

 

सीने के दर्द में खानपान :-

– ताजा पुदीने के रस का रोज सेवन करना है।

– एक ग्लास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका तथा दो चम्मच शहद मिलाकर खाने से पहले सेवन करें, यह भी एक बेहतरीन उपाय है

– खाना के बाद आधा चम्मच सौंफ चबाएं।

– भोजन के पहले अलो वेरा जूस का सेवन करें ।

– अदरक का प्रयोग भरपूर मात्रा में करें । पीसी हुई अदरक चाय में प्रयोग करने से भी सीने की जलन कम होती है।

– मुहं में एक लौंग रखकर धीरे धीरे चूसें ।

– तुलसी के पत्ते चबाने से भी काफी लाभ मिलता है ।

– खाने से एक दो घंटे पहले नींबू के रस में काला नमक मिलाकर पीने से भी सीने की जलन में लाभ मिलता है। नींबू का प्रयोग भोजन में ज्यादा करें।

– मूली का सेवन करने से भी लाभ मिलता है।

– मूली का रस पीने से भी लाभ मिलता है।

– हरड़ का टुकड़ा चबाना भी एक बहुत ही पुराना उपाय है।

– नारियल पानी का सेवन करें।