आज का पंचाग आपका राशि फल, लक्ष्मी जी भगवान नारायण के चरणों को क्यों निहारती हैं, 84 लाख योनियों से मुक्ति के लिए पढ़ें भगवान श्रीकृष्ण की यह कथा

भगवान गणेश जी के साथ रिद्धि-सिद्धि 

*गणपतिपरिवारं चारुकेयूरहारं*

       *गिरिधरवरसारं योगिनीचक्रचारम्।*

*भवभयपरिहारं दु:खदारिद्रयदूरं*

     *गणपतिमभिवन्दे वक्रतुण्डावतारम्।।*

    ( *गणेशजी सभी गणपतियों के परिवार में विराजमान हैं,वे सुन्दर केयूर तथा हार से सुशोभित हैं और कृष्णके श्रेष्ठ अंशस्वरूप वे योगिनीचक्र में विचरण करने वाले हैं, सांसारिक भय समाप्त करने वाले हैं,दु:ख तथा दरिद्रता का नाश करने वाले हैं; मैं वक्रतुण्डावतार धारण करने वाले श्रीगणेश की वन्दना करता हूं।’) 

                *🙏🍁 सुप्रभात 🍁🙏*आज का भगवद्ग चिंतन – भगवान राधा-कृष्ण चित्र में इतने सुन्दर हैं तो कल्पना कीजिए चरित्र और वास्तविक जीवन में कितने सुन्दर सुदर्शनीय होंगे। विवाह के उपरांत लक्ष्मी जी ने सोचा कि भगवान नारायण जी का चेहरा तो आगे सदैव ही देखना है आज चरण देख लेती हूँ। शास्त्रों में आख्यान है कि भगवान के चरण ही इतने दर्शनीय व सुन्दर हैं और चरणों की महिमा व महात्म्य ऐसा कि तब से अब तक लक्ष्मी जी उनके चरणों में ही निहार रही हैं। आगे कुछ देखने की आवश्यकता ही नहीं हुई। जीवन धन्य होगया। जय श्रीमन् नारायण जी की सरकार ।जय राधे कृष्ण ✍️हरीश मैखुरी 🙏❤️💐💐

*भगवान श्रीकृष्ण की इस कथा को जो पढ़ेगा उसे 84 लाख योनियों से मुक्ति मिल जायेगी*

       एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ीं। जब प्रभु ने अपनी मैया को क्रोध में देखा तो वह अपना बचाव करने के लिए भागने लगे।भागते- भागते श्री कृष्ण एक कुम्हार के पास पहुँचे । कुम्हार तो अपने मिट्टी के घड़े बनाने में व्यस्त था। लेकिन जैसे ही कुम्हार ने श्री कृष्ण को देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ। कुम्हार जानता था कि श्री कृष्ण साक्षात् परमेश्वर हैं। तब प्रभु ने कुम्हार से कहा कि ‘कुम्हारजी, आज मेरी मैया मुझ पर बहुत क्रोधित हैं। मैया छड़ी लेकर मेरे पीछे आ रही हैं। भैया, मुझे कहीं छुपा लो।’ तब कुम्हार ने श्री कृष्ण को एक बड़े से मटके के नीचे छिपा दिया। कुछ ही क्षणों में मैया यशोदा भी वहाँ आ गयीं और कुम्हार से पूछने लगीं- ‘क्यूँ रे, कुम्हार ! तूने मेरे कन्हैया को कहीं देखा है, क्या ?’ कुम्भार ने कह दिया- ‘नहीं, मैया ! मैंने कन्हैया को नहीं देखा।’ श्री कृष्ण ये सब बातें बड़े से घड़े के नीचे छुपकर सुन रहे थे। मैया तो वहाँ से चली गयीं। अब प्रभु श्री कृष्ण कुम्हार से कहते हैं- ‘कुम्हारजी, यदि मैया चली गयी हो तो मुझे इस घड़े से बाहर निकालो।’

            कुम्भार बोला- ‘ऐसे नहीं, प्रभु जी ! पहले मुझे चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो।’ भगवान मुस्कुराये और कहा- ‘ठीक है, मैं तुम्हें चौरासी लाख योनियों से मुक्त करने का वचन देता हूँ। अब तो मुझे बाहर निकाल दो।’ कुम्हार कहने लगा- ‘मुझे अकेले नहीं, प्रभु जी ! मेरे परिवार के सभी लोगों को भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दोगे तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकालूँगा।’ प्रभु जी कहते हैं- ‘चलो ठीक है, उनको भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त होने का मैं वचन देता हूँ। अब तो मुझे घड़े से बाहर निकाल दो।’ 

      अब कुम्हार कहता है- ‘बस, प्रभु जी ! एक विनती और है। उसे भी पूरा करने का वचन दे दो तो मैं आपको घड़े से बाहर निकाल दूँगा।’ भगवान बोले- ‘वो भी बता दे, क्या कहना चाहते हो ?’ कुम्भार कहने लगा- ‘प्रभु जी ! जिस घड़े के नीचे आप छुपे हो, उसकी मिट्टी मेरे बैलों के ऊपर लाद के लायी गयी है। मेरे इन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो।’ भगवान ने कुम्हार के प्रेम पर प्रसन्न होकर उन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त होने का वचन दिया।’ 

      प्रभु बोले- ‘अब तो तुम्हारी सब इच्छा पूरी हो गयीं, अब तो मुझे घड़े से बाहर निकाल दो।’ 

     तब कुम्हार कहता है- ‘अभी नहीं, भगवन ! बस, एक अन्तिम इच्छा और है। उसे भी पूरा कर दीजिये और वो ये है- जो भी प्राणी हम दोनों के बीच के इस संवाद को सुनेगा, उसे भी आप चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करोगे। बस, यह वचन दे दो तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकाल दूँगा।’

     कुम्भार की प्रेम भरी बातों को सुन कर प्रभु श्री कृष्ण बहुत खुश हुए और कुम्हार की इस इच्छा को भी पूरा करने का वचन दिया।

       फिर कुम्हार ने बाल श्री कृष्ण को घड़े से बाहर निकाल दिया। उनके चरणों में साष्टांग प्रणाम किया। प्रभु जी के चरण धोये और चरणामृत पीया। अपनी पूरी झोंपड़ी में चरणामृत का छिड़काव किया और प्रभु जी के गले लगाकर इतना रोये कि प्रभु में ही विलीन हो गये।

           जरा सोच करके देखिये, जो बाल श्री कृष्ण सात कोस लम्बे-चौड़े गोवर्धन पर्वत को अपनी इक्क्नी अंगुली पर उठा सकते हैं, तो क्या वो एक घड़ा नहीं उठा सकते थे। लेकिन बिना प्रेम रीझे नहीं नटवर नन्द किशोर। कोई कितने भी यज्ञ करे, अनुष्ठान करे, कितना भी दान करे, चाहे कितनी भी भक्ति करे, लेकिन जब तक मन में प्राणी मात्र के लिए प्रेम नहीं होगा, प्रभु श्री कृष्ण मिल नहीं सकते। जय श्री कृष्ण। जय श्री राधे राधे।

*एक सुंदर कथा भेजी है, विश्वास और मनन कीजिये। अच्छी लगे तो दूसरों को भी भेजिए!* 

प्रार्थना नष्ट नहीं होती। उपयुक्त समय पर क्रियान्वित होती हैं। ईश्वर सदैव आप सभी को स्वस्थ व सुखी रखें। 

जय श्री राधेकृष्ण जय भोले की जय भोले की जय भोले की। राधे राधे 💐💐🙏🙏❤️❤️

*𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝*
*श्री हरिहरौ*
*विजयतेतराम*

*आज का पञ्चाङ्ग*
*_बुधवार, २३ अगस्त २०२३_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:०६
सूर्यास्त: 🌅 ०६:५३
चन्द्रोदय: 🌝 ११:४९
चन्द्रास्त: 🌜२२:३६
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शरद
शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८०(पिंगल)
मास 👉श्रावण(द्वितीय, शुद्ध)
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 सप्तमी (०३:३१
से अष्टमी)
नक्षत्र 👉 स्वाती (०८:०८ से
विशाखा)
योग 👉ब्रह्म(२१:४५ से इन्द्र)
प्रथम करण👉गर(१५:२३ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज
(१५:३१ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह
चंद्र 🌟 वृश्चिक (२६:५४ से)
मंगल🌟कन्या(उदित,पश्चिम,मार्गी
बुध🌟सिंह (उदय, पश्चिम, वक्री)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र🌟कर्क (उदित, पश्चिम)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️
अमृत काल 👉 २३:५५ से ०१:३५
रवियोग 👉 ०५:४८ से ०८:०८
विजय मुहूर्त 👉 १४:३० से १५:२२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५० से १९:१२
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:५० से १९:५६
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५८ से ००:४२
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:२१ से ०५:०५
प्रातः सन्ध्या 👉 ०४:४३ से ०५:४८
राहुकाल 👉 १२:१९ से १३:५७
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:२६ से ०९:०४
होमाहुति 👉 बुध (०८:०८ से शुक्र)
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी (०३:३१ तक)
भद्रावास 👉 स्वर्ग (०३:३१ से)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर ०२:५४ से)
शिववास 👉 भोजन में (०३:३१ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शीतला सप्तमी (सिंध), शरद ऋतु प्रारम्भ, बुध वक्री २५:२२ से, गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती, गृह प्रवेश मुहूर्त प्रातः ०६:०५ से दोपहर ०९:१५ तक आदि ।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०८:०८ तक जन्मे शिशुओ का नाम स्वाती नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ता) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम विशाखा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ती, तू, ते, तो) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह – ०५:२६ से ०७:४५
कन्या – ०७:४५ से १०:०३
तुला – १०:०३ से १२:२४
वृश्चिक – १२:२४ से १४:४३
धनु – १४:४३ से १६:४७
मकर – १६:४७ से १८:२८
कुम्भ – १८:२८ से १९:५४
मीन – १९:५४ से २१:१७
मेष – २१:१७ से २२:५१
वृषभ – २२:५१ से ००:४६
मिथुन – ००:४६ से ०३:००
कर्क – ०३:०० से ०५:२२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०५:४८ से ०७:४५
शुभ मुहूर्त – ०७:४५ से ०८:०८
चोर पञ्चक – ०८:०८ से १०:०३
शुभ मुहूर्त – १०:०३ से १२:२४
रोग पञ्चक – १२:२४ से १४:४३
शुभ मुहूर्त – १४:४३ से १६:४७
मृत्यु पञ्चक – १६:४७ से १८:२८
अग्नि पञ्चक – १८:२८ से १९:५४
शुभ मुहूर्त – १९:५४ से २१:१७
मृत्यु पञ्चक – २१:१७ से २२:५१
अग्नि पञ्चक – २२:५१ से ००:४६
शुभ मुहूर्त – ००:४६ से ०३:००
रज पञ्चक – ०३:०० से ०३:३१
शुभ मुहूर्त – ०३:३१ से ०५:२२
चोर पञ्चक – ०५:२२ से ०५:४९

आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन से आप कुछ विशेष आशाएं लगाए रहेंगे लेकिन आज बीते दिनों जैसी सुख सुविधा नही मिल पाएगी जिससे कोई भी कार्य आरंभ तो ले देकर कर लेंगे लेकिन बीच मे ही किसी न किसी कारण से अधूरा छोड़ना पड़ा जाएगा। कार्य व्यवसाय में आज दिमाग काम नही करेगा जिन लोगो के ऊपर कल तक भरोसा कर रहे थे वे ही समय पड़ने पर आनाकानी करते नजर आएंगे। पितृ पक्ष अथवा पैतृक कार्यो से भी ज्यादा सहयोग की आशा ना रखे पिता का व्यवहार भी आज आपके प्रति उदासीन रहने के कारण काम निकालना मुश्किल होगा। अपने दम पर कार्य करे तो थोड़ा बहुत धन लाभ अवश्य हो जाएगा। सरकारी कारणों से यात्रा हो सकती है सरकार संबंधित कार्य बुद्धिबल से संतोषजनक स्थिति तक पहुचा लेंगे। पति पत्नी में धीमी कार्य शैली को लेकर कहासुनी होगी। सेहत सामान्य रहेगी फिर भी थोड़ी तकलीफ होने पर तुरंत जांच कराए अन्यथा लंबी खिंच सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप जो भी योजना बनाएंगे उसमे कई लोग बिना मांगे ही सलाह देंगे जिस कारण असमंजस की स्थिति बनेगी। आप भी आज लाभ पाने के प्रति गंभीर तो रहेंगे लेकिन मेहनत करने के पक्ष में नही रहेंगे जिससे अधिकांश कार्य योजनाए आरम्भ से ही ढीली पड जाएंगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी आपको हानि पहुचाने का प्रयास करेंगे जिसके कारण कम लाभ में सौदे करने पड़ेंगे। नौकरी पेशाओ की मानसिकता भी सुखोपभोग की अधिक रहेगी बिना मेहनत के लाभ पाने के चक्कर मे राज समाज मे अपनी छवि खराब कर लेंगे। आज सही की जगह गलत मार्ग से धन आसानी से मिल सकता है लेकिन साथ ही मन मे भय भी बना रहेगा। परिवार में सुख सुविधा एवं अन्य लोगो की देखादेखी की इच्छा अशांति फैलाएगी। कफ, कमजोरी शरीर मे अकड़न बनेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आप सार्वजनिक कार्यो में अपनी बुद्धि विवेक का परिचय देंगे लेकिन जहां बात व्यक्तिगत स्वार्थ की आएगी वहां वाणी और धैर्य दोनो जवाब दे जाएंगे। वैसे तो आज किसी से ज्यादा बात करना पसंद नही करेंगे लेकिन अपना हित साधने के लिये आवश्यकता से अधिक बोल जाएंगे जिसका बाद में ज्ञान होने पर ग्लानि होगी। कार्य क्षेत्र से थोड़ी बहुत आय की ही संभावना है इसके लिये भी अधिक बौद्धिक परिश्रम करना पड़ेगा। परिवार के ऊपर खर्च करने में संचित कोष में कमी आएगीं आज ज्यादा तामझाम उलझन वाले कार्यो से दूर ही रहे निष्कर्ष कुछ नही निकलेगा व्यर्थ समय ही खराब होगा। घरेलू वातावरण में विवेक से तालमेल बैठा लेंगे। लेकिन संतान संबंधित चिंता जरूर रहेगी। अविवाहित लोग ज्यादा परेशान नजर आएंगे। सेहत ठीक ठाक ही रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपको अपनी वाणी पर विशेष नियंत्रण रखना होगा। प्रातः काल मे ही किसी कुटुम्बी जन से अच्छी खासी कहासुनी होने की संभावना है स्वभाव में धैर्य की कमी देखने को मिलेगी किसी की मजाक भी पसंद नही करेंगे इसका मुख्य कारण धन और जायदाद संबंधित उलझन रहेगी। कार्य क्षेत्र पर भी आज आर्थिक मामले सुलझने की जगह और अधिक उलझने के कारण दिन भर क्रोध में ही भरे रहेंगे। नौकरी वाले लोग भी अधिकारी अथवा सहकर्मी के गलत आचरण से परेशान होंगे फिर भी शांत रहने का प्रयास करें आपकी प्रतिक्रिया माहौल को ज्यादा खराब कर सकती है। भाग्य का साथ मिलने से थोड़ा बहुत धन लाभ हो जाएगा लेकिन उधारी के व्यवहार पर नियंत्रण खोने से आगे की योजनाओं पर पानी फिरेगा। माता भूमि वाहन संबंधित सुख में कमी आएगी। मानसिक तनाव से बचने के लिये आध्यात्म का सहारा लेंगे लेकिन शांति फिर भी नही मिलेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप जिस भी कार्य को करेंगे उसमे आरम्भ में आनाकानी करेंगे लेकिन एक बार हाथ मे लेने के बाद उसी में मगन हो जाएंगे अन्य लोगो की तुलना में आपका कार्य शीघ्र पूर्ण हो जाएगा लेकिन आपकी मानसिकता अन्य लोगो की नीचा दिखाने की भी रहेगी जिसके फ़लस्वरू लाभ तो मिलेगा लेकिन सम्मान नही। आज के दिन आपको कुछ ऐसा अनुभव भी होगा जैसे कोई अनजानी शक्ति आपसे आपके जीवनशैली के विपरीत कुछ कराना चाह रही है। आप जितना भौतिक सुखों में रुचि लेंगे परिस्थितियां उसके विपरीत बनती चली जायेगी जिस वस्तु की कामना करेंगे वही दूर होने से मन निराश होगा। धन की आमद और खर्च बराबर रहेंगे काम की जगह व्यर्थ के कार्यो पर अधिक खर्च होंगे। दाम्पत्य जीवन मे एक पल सुख अगले ही पल ऊबन अनुभव होगीं फिर भी शांति बनी रहेगीं। सेहत में थोड़ी बहुत दिक्कतें रहने के बाद भी कार्य बाधक नही बनेगीं।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप मन ही मन बड़ी बड़ी योजनाए बनायेगे लेकिन किसी अन्य के ढुलमुल रवैये के कारण इनको आगे नही बढ़ा सकेंगे दिन के आरंभिक भाग में किसी परिजन का मनमाना व्यवहार मन को आहत करेगा मध्यान तक का समय दिमाग मे व्यावसायिक जोड़ घटाव लगा रहेगा कार्य क्षेत्र से लाभ भी होगा लेकिन इसका ज्यादातर भाग पुराने कार्यो अथवा किसी को दिए उधार की वापसी से होगा। नए कार्य मन मे रहेंगे लेकिन धन संबंधित समस्या के कारण परेशानी आएगी आज धन का निवेश शीघ्र ही दुगना होकर मिल सकता है इसके लिए अधिक मेहनत और धैर्य की आवश्यकता हैं। सार्वजनिक क्षेत्र पर मान सम्मान मिलने से घरेलू उलझनों को भूल जाएंगे। व्यावसायिक अथवा घरेलू विवाद के कारण कोर्ट कचहरी के चक्कर भी लग सकते है थोड़ी परेशानी के बाद सफलता आपके पक्ष में मिलने की आशा जागेगी। ठंडी वस्तुओ के सेवन से बचे गला अथवा छाती संबंधित समस्या हो सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपके दिमाग मे चंचलता हावी रहेगी। किसी भी कार्य के प्रति गंभीर नही रहेंगे पूर्व में किसी की बंधाई उम्मीद लेकर आशा के भरोसे मध्यान तक इंतजार करना पड़ेगा लेकिन कुछ न कुछ काम अवश्य बनेगा। कार्य क्षेत्र पर उतार चढ़ाव रहने के कारण बनाई योजनाओ को सार्थक नही कर पाएंगे मेहनत करने का मन नही करेगा जिससे आज धन की आमद सीमित साधनों से ही कामचलाऊ हो पाएगी। नौकरी पेशा लोग भी मध्यान तक मन मारकर काम करेंगे इसके बाद गंभीरता आएगी आज एक घंटे गंभीर होकर कार्य करना दिन भर की पूर्ति कर सकता है इसका ध्यान रखें। संध्या के समय भाग्य का साथ मिलने से भविष्य में लाभ के सौदे मिलेंगे। दाम्पत्य जीवन मे सुख की आकांक्षा बढ़ेगी लेकिन ठीक से पूर्ति ना होने पर निराश होंगे। किसी गंभीर रोग अथवा झगड़े का भय सताएगा। खासी जुखाम हो सकता है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन किसी ना किसी रूप में हानि होने की संभावना है। पिता अथवा पैतृक कार्य मे अतिआत्मविश्वास से बचे अन्यथा परिणाम आशा के एकदम विपरीत ही मिलेंगे। कार्य क्षेत्र पर भागीदारी अथवा पति पत्नी संबंधित किसी मामले में सन्तानो से वैचारिक मतभेद उभरेंगे जिनका हल निकालने का प्रयास करेंगे लेकिन क्रोध सुलझते प्रसंग को अधिक उलझा देगा। व्यवसाय में निवेश करने का विचार कर रहे है तो अधिक विचार करे खास कर पुश्तैनी कार्य मे निवेश हानि ही कराएगा चाहे फिर उस कार्य मे कितनी ही दक्षता क्यो ना हो। नौकरी पेशा लोग से भी अतिआत्मविश्वास में कोई बड़ी त्रुटि होने की सभावना है कोई भी कार्य मान बड़ाई पाने की इच्छा से ना करें। घरेलू वातावरण में असंतुष्टि दिखेगी लेकिन परिजन डर से अपनी बात बोलने में संकोच करेंगे। किसी की सेहत पर संचित कोष से खर्च करना पड़ेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आपके लिये आज का दिन लाभदायक रहेगा सार्वजनिक क्षेत्र पर पूर्व में की गई मेहनत और व्यवहारिकता का शुभ फल किसी न किसी रूप अवश्य मिलेगा। कार्य व्यवसाय में स्थिरता नही रहेगी सहकर्मियो से भी किसी कारण से मतभेद रहेंगे फिर भी लाभ कमाने के अवसर जरूर मिलेंगे नौकरी पेशाओ को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा लेकिन किसी प्रतिस्पर्धी की चुगली का शिकार बन सकते है जिससे उन्नति में रुकावट आएगी। कुटुम्ब अथवा सम्बंधीजनों से स्नेह संबंधों में चंचलता आएगी किसी घरेलू मामले को लेकर सबकी अलग अलग राय असमंजस में डालेगी अपनी बात मनवाने के लिये आपस में तकरार भी हो सकती है। सेहत आज डांवाडोल ही रहेगी छोटी मोटी व्याधि दिन भर असहज रखेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको पारिवारिक प्रतिष्ठा अथवा सहयोग से कुछ ना कुछ लाभ अवश्य मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर आप जिस कार्य को झंझट वाला समझेंगे वही आगे धन लाभ कराएगा भागीदारी के कार्य से भविष्य में धन संचय हो सकेगा इसके लिये आपसी मतभेद भुला एक मत होकर कार्य करे आज भी धन की आमद आवश्यकता अनुसार हो जाएगी लेकिन धीमी गति से। आज आप जल्दी से किसी के लिये कुछ बोलेंगे नही लेकिन जो भी बोलेंगे वह सच हो सकता है इसलये सोच समझ कर ही शब्दों का उपयोग करे। माता एवं घरेलू सुख उत्तम रहेगा लेकिन इनको भोगने के लिये समय की कमी रहेगी। आप जो भी कार्य करे उससे तुरंत लाभ की आशा ना रखे वरना लाभ ना होता देख निर्णय बदलने पर बाद में मन मे ग्लानि होगी। कुटुम्बीजन की सेहत पर खर्च होगा। पेट छाती में जलन अपच की शिकायत हो सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन पिछले पुण्य उदय होने से आपकी धार्मिक भावनाएं जागृत होंगी। दिन का आरंभिक भाग मानसिक रूप से शांति देगा लेकिन इसके बाद दैनिक कार्यो की भागदौड़ में शरीर का भी ख्याल नही रहेगा। आज पूर्व में की किसी गलती से सीख भी मिलेगी दोबारा वही प्रसंग बनने से एक बार मन भटकेगा इससे बचे अन्यथा अबकी बार परेशानी ज्यादा हो सकती है। आर्थिक मामले आज दिन भर उलझन में डालेंगे। जिस कार्य को करने का मन बनायेगे उसमे धन की कमी आड़े आएगी। कर्ज अथवा उधारी के व्यवहार आज कम करने का प्रयास करें अन्यथा किसी की भलाई के चक्कर मे शत्रु वृद्धि कर लेंगे। घरेलू सुखों में वृद्धि करने पर लोगो मे ईर्ष्या द्वेष बनेगा आज आर्थिक स्थिति को देखते हुए ही धन संबंधित कार्य करें। सरकारी कार्य विद्या विवेक के बल आगे बढ़ेंगे। स्वयं अथवा परिजन को छोटी मोटी सेहत संबंधित समस्या रहेगी। ठंडे पदार्थ विशेष कर जल में ज्यादा समय ना बिताएं।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दिन के आरम्भ से ही सेहत संबंधित समस्या लगी रहेगी शरीर मे दर्द अकड़न कमजोरी अनुभव करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी कुछ विशेष ना रहने के कारण जानबूझ कर दिनचार्य को धीमी गति से चलाएंगे। नौकरी पेशाओ को भी आज दिन भर विविध समस्या का सामना करना पड़ेगा। उदासीन व्यवहार के चलते कार्य क्षेत्र पर अपमानित होने की संभावना है। आज आपके दिमाग मे कुटुम्ब की सम्पति से किसी न किसी प्रकार लाभ उठाने के विचार चलते रहेंगे लेकिन आरम्भ कहाँ से और कैसे किया जाए इसी उलझन में समय खराब होगा। माता की कृपा से सुख सुविधा तो मिल जाएगी लेकिन इनका जिद्दी व्यवहार किसी आवश्यक कामना पूर्ति से दूर रखेगा। पैतृक कार्यो में जोखिम ले सकते है आज नही तो निकट भविष्य में आकस्मिक लाभ की संभावना बन रही है। यात्रा से नए संबंध विकसित होंगे लेकिन झंझट भी बढ़ेंगे। टालने में ही भलाई है।

सुप्रभात 

*जो मिले, जब मिले और जितना मिले उसी में संतुष्ट रहना आपको स्वयं तो आनंद से भर ही देता है साथ ही साथ दूसरों में भी आपके प्रति सम्मान की भावना का उदय कर देता है। जीवन प्रति क्षण एक नईं चुनौती प्रस्तुत करता है।*

*भगवान भोलेनाथ के जीवन की यह सीख बड़ी ही अद्भुत है। कभी दूध भी मिला तो प्रसन्न हो गये कभी केवल पानी ही मिला तो भी प्रसन्न हो गये। कभी किसी ने शहद अर्पित किया तो प्रसन्न हो गये और किसी ने धतूरा भी अर्पित किया तो सहर्ष स्वीकार कर लिए।*

*केवल एक विल्व आई और जितना मिले उसी में संतुष्ट रहना तो सीखो।*

*!!!…यदि आप विपरीत स्थिति में भी अपने आप को सकारात्मक रखते हैं तो यह आपकी जीत है…!!!*

*जय श्री कृष्ण*🙏🙏