हनुमान जी के पंचमुखी चित्र दर्शन और पूजन सभी दोषों का निवारण कर सुख-समृद्धि और सिद्धि प्रदान करता है
बारहों राशि के लोगों के संदर्भ में १५ विशेष और महत्वपूर्ण अकाट्य बातें इसीलिए पहले के लोग व्यवहार व्यापार करने से पहले उस व्यक्ति की राशि जानते थे ताकि उसकी प्रकृति पता रहे।
मेष- चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ
राशि स्वरूप: मेंढा जैसा, राशि स्वामी- मंगल।
1👉 राशि चक्र की सबसे प्रथम राशि मेष है। जिसके स्वामी मंगल है। धातु संज्ञक यह राशि चर (चलित) स्वभाव की होती है। राशि का प्रतीक मेढ़ा संघर्ष का परिचायक है।
2👉 मेष राशि वाले आकर्षक होते हैं। इनका स्वभाव कुछ रुखा हो सकता है। दिखने में सुंदर होते हैं। यह लोग किसी के दबाव में कार्य करना पसंद नहीं करते। इनका चरित्र अच्छा एवं आदर्शवादी होता है।
3👉 बहुमुखी प्रतिभा के स्वामी होते हैं। समाज में इनका नेतृत्व होता है एवं मान सम्मान की प्राप्ति होती है।
4👉 निर्णय लेने में शीघ्रता करते है तथा जिस कार्य को हाथ में लिया है उसको पूरा किए बिना पीछे नहीं हटते।
5👉 स्वभाव कभी-कभी विरक्ति का भी रहता है। लालच करना इस राशि के लोगों के स्वभाव मे नहीं होता। दूसरों की सहायता करना अच्छा लगता है।
6👉 कल्पना शक्ति की प्रबलता रहती है। सोचते बहुत ज्यादा हैं।
7👉 जैसा स्वयं का स्वभाव है, वैसी ही अपेक्षा दूसरों से करते हैं। इस कारण कई बार धोखा भी खाते हैं।
8👉 अग्नितत्व होने के कारण क्रोध अतिशीघ्र आता है। किसी भी चुनौती को स्वीकार करने की प्रवृत्ति होती है।
9👉 अपमान जल्दी भूलते नहीं, मन में दबा के रखते हैं। मौका पडने पर प्रतिशोध लेने से नहीं चूकते।
10👉 अपनी जिद पर अड़े रहना, यह भी मेष राशि के स्वभाव में पाया जाता है। आपके भीतर एक कलाकार छिपा होता है।
11👉 आप हर कार्य को करने में सक्षम हो सकते हैं। स्वयं को सर्वोपरि समझते हैं।
12👉 अपनी मर्जी के अनुसार ही दूसरों को चलाना चाहते हैं। इससे आपके कई दुश्मन खड़े हो जाते हैं।
13👉 एक ही कार्य को बार-बार करना इस राशि के लोगों को पसंद नहीं होता।
14👉 एक ही जगह ज्यादा दिनों तक रहना भी अच्छा नहीं लगता। नेतृत्व छमता अधिक होती है।
15👉 कम बोलना, हठी, अभिमानी, क्रोधी, प्रेम संबंधों से दु:खी, बुरे कर्मों से बचने वाले, नौकरों एवं महिलाओं से त्रस्त, कर्मठ, प्रतिभाशाली, यांत्रिक कार्यों में सफल होते हैं।
वृष- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
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राशि स्वरूप- बैल जैसा, राशि स्वामी- शुक्र।
राशि परिचय
1👉 इस राशि का चिह्न बैल है। बैल स्वभाव से ही अधिक पारिश्रमी और बहुत अधिक वीर्यवान होता है, साधारणत: वह शांत रहता है, किन्तु क्रोध आने पर वह उग्र रूप धारण कर लेता है।
2👉 बैल के समान स्वभाव वृष राशि के जातक में भी पाया जाता है। वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है।
3👉 इसके अन्तर्गत कृत्तिका नक्षत्र के तीन चरण, रोहिणी के चारों चरण और मृगशिरा के प्रथम दो चरण आते हैं।
4👉 इनके जीवन में पिता-पुत्र का कलह रहता है, जातक का मन सरकारी कार्यों की ओर रहता है। सरकारी ठेकेदारी का कार्य करवाने की योग्यता रहती है।
5👉 पिता के पास जमीनी काम या जमीन के द्वारा जीविकोपार्जन का साधन होता है। जातक अधिकतर तामसी भोजन में अपनी रुचि दिखाता है।
6👉 गुरु का प्रभाव जातक में ज्ञान के प्रति अहम भाव को पैदा करने वाला होता है, वह जब भी कोई बात करता है तो स्वाभिमान की बात करता है।
7👉 सरकारी क्षेत्रों की शिक्षा और उनके काम जातक को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
8👉 किसी प्रकार से केतु का बल मिल जाता है तो जातक सरकार का मुख्य सचेतक बनने की योग्यता रखता है। मंगल के प्रभाव से जातक के अंदर मानसिक गर्मी प्रदान करता है।
9👉 कल-कारखानों, स्वास्थ्य कार्यों और जनता के झगड़े सुलझाने का कार्य जातक कर सकता है, जातक की माता के जीवन में परेशानी ज्यादा होती है।
10👉 ये अधिक सौन्दर्य प्रेमी और कला प्रिय होते हैं। जातक कला के क्षेत्र में नाम करता है।
11👉 माता और पति का साथ या माता और पत्नी का साथ घरेलू वातावरण मे सामंजस्यता लाता है, जातक अपने जीवनसाथी के अधीन रहना पसंद करता है।
12👉 चन्द्र-बुध जातक को कन्या संतान अधिक देता है और माता के साथ वैचारिक मतभेद का वातावरण बनाता है।
13👉 आपके जीवन में व्यापारिक यात्राएं काफी होती हैं, अपने ही बनाए हुए उसूलों पर जीवन चलाता है।
14👉 हमेशा दिमाग में कोई योजना बनती रहती है। कई बार अपने किए गए षडयंत्रों में खुद ही फंस भी जाते हैं।
15👉 रोहिणी के चौथे चरण के मालिक चन्द्रमा हैं, जातक के अंदर हमेशा उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है, वह अपने ही मन का राजा होता है।
मिथुन- का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
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राशि स्वरूप- स्त्री-पुरुष आलिंगनबद्ध, राशि स्वामी- बुध।
1👉 यह राशि चक्र की तीसरी राशि है। राशि का प्रतीक युवा दम्पति है, यह द्वि-स्वभाव वाली राशि है।
2👉 मृगसिरा नक्षत्र के तीसरे चरण के मालिक मंगल-शुक्र हैं। मंगल शक्ति और शुक्र माया है।
3👉 जातक के अन्दर माया के प्रति भावना पाई जाती है, जातक जीवनसाथी के प्रति हमेशा शक्ति बन कर प्रस्तुत होता है। साथ ही, घरेलू कारणों के चलते कई बार आपस में तनाव रहता है।
4👉 मंगल और शुक्र की युति के कारण जातक में स्त्री रोगों को परखने की अद्भुत क्षमता होती है।
5👉 जातक वाहनों की अच्छी जानकारी रखता है। नए-नए वाहनों और सुख के साधनों के प्रति अत्यधिक आकर्षण होता है। इनका घरेलू साज-सज्जा के प्रति अधिक झुकाव होता है।
6👉 मंगल के कारण जातक वचनों का पक्का बन जाता है।
7👉 गुरु आसमान का राजा है तो राहु गुरु का शिष्य, दोनों मिलकर जातक में ईश्वरीय ताकतों को बढ़ाते हैं।
8👉 इस राशि के लोगों में ब्रह्माण्ड के बारे में पता करने की योग्यता जन्मजात होती है। वह वायुयान और सेटेलाइट के बारे में ज्ञान बढ़ाता है।
9👉 राहु-शनि के साथ मिलने से जातक के अन्दर शिक्षा और शक्ति उत्पादित होती है। जातक का कार्य शिक्षा स्थानों में या बिजली, पेट्रोल या वाहन वाले कामों की ओर होता है।
10👉 जातक एक दायरे में रह कर ही कार्य कर पाता है और पूरा जीवन कार्योपरान्त फलदायक रहता है। जातक के अंदर एक मर्यादा होती है जो उसे धर्म में लीन करती है और जातक सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अपने को रत रखता है।
11👉 गुरु जो ज्ञान का मालिक है, उसे मंगल का साथ मिलने पर उच्च पदासीन करने के लिए और रक्षा आदि विभागों की ओर ले जाता है।
12👉 जातक अपने ही विचारों, अपने ही कारणों से उलझता है। मिथुन राशि पश्चिम दिशा की द्योतक है, जो चन्द्रमा की निर्णय समय में जन्म लेते हैं, वे मिथुन राशि के कहे जाते हैं।
13👉 बुध की धातु पारा है और इसका स्वभाव जरा सी गर्मी-सर्दी में ऊपर नीचे होने वाला है। जातकों में दूसरे की मन की बातें पढऩे, दूरदृष्टि, बहुमुखी प्रतिभा, अधिक चतुराई से कार्य करने की क्षमता होती है।
14👉 जातक को बुद्धि वाले कामों में ही सफलता मिलती है। अपने आप पैदा होने वाली मति और वाणी की चतुरता से इस राशि के लोग कुशल कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ भी बन जाते हैं।
15👉 हर कार्य में जिज्ञासा और खोजी दिमाग होने के कारण इस राशि के लोग अन्वेषण में भी सफलता लेते रहते हैं और पत्रकार, लेखक, मीडियाकर्मी, भाषाओं की जानकारी, योजनाकार भी बन सकते हैं।
कर्क- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
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राशि स्वरूप- केकड़ा, राशि स्वामी- चंद्रमा।
1👉 राशि चक्र की चौथी राशि कर्क है। इस राशि का चिह्न केकड़ा है। यह चर राशि है।
2👉 राशि स्वामी चन्द्रमा है। इसके अन्तर्गत पुनर्वसु नक्षत्र का अन्तिम चरण, पुष्य नक्षत्र के चारों चरण तथा अश्लेषा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं।
3👉 कर्क राशि के लोग कल्पनाशील होते हैं। शनि-सूर्य जातक को मानसिक रूप से अस्थिर बनाते हैं और जातक में अहम की भावना बढ़ाते हैं।
4👉 जिस स्थान पर भी वह कार्य करने की इच्छा करता है, वहां परेशानी ही मिलती है।
5👉 शनि-बुध दोनों मिलकर जातक को होशियार बना देते हैं। शनि-शुक्र जातक को धन और जायदाद देते हैं।
6👉 शुक्र उसे सजाने संवारने की कला देता है और शनि अधिक आकर्षण देता है।
7👉 जातक उपदेशक बन सकता है। बुध गणित की समझ और शनि लिखने का प्रभाव देते हैं। कम्प्यूटर आदि का प्रोग्रामर बनने में जातक को सफलता मिलती है।
8👉 जातक श्रेष्ठ बुद्धि वाला, जल मार्ग से यात्रा पसंद करने वाला, कामुक, कृतज्ञ, ज्योतिषी, सुगंधित पदार्थों का सेवी और भोगी होता है। वह मातृभक्त होता है।
9👉 कर्क, केकड़ा जब किसी वस्तु या जीव को अपने पंजों को जकड़ लेता है तो उसे आसानी से नहीं छोड़ता है। उसी तरह जातकों में अपने लोगों तथा विचारों से चिपके रहने की प्रबल भावना होती है।
10👉 यह भावना उन्हें ग्रहणशील, एकाग्रता और धैर्य के गुण प्रदान करती है।
11👉 उनका मूड बदलते देर नहीं लगती है। कल्पनाशक्ति और स्मरण शक्ति बहुत तीव्र होती है।
12👉 उनके लिए अतीत का महत्व होता है। मैत्री को वे जीवन भर निभाना जानते हैं, अपनी इच्छा के स्वामी होते हैं।
13👉 ये सपना देखने वाले होते हैं, परिश्रमी और उद्यमी होते हैं।
14👉 जातक बचपन में प्राय: दुर्बल होते हैं, किन्तु आयु के साथ साथ उनके शरीर का विकास होता जाता है।
15👉 चूंकि कर्क कालपुरुष की वक्षस्थल और पेट का प्रतिधिनित्व करती है, अत: जातकों को अपने भोजन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
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राशि स्वरूप- शेर जैसा, राशि स्वामी- सूर्य।
1👉 सिंह राशि पूर्व दिशा की द्योतक है। इसका चिह्न शेर है। राशि का स्वामी सूर्य है और इस राशि का तत्व अग्नि है।
2👉 इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वा फाल्गुनी के चारों चरण और उत्तराफाल्गुनी का पहला चरण आता है।
3👉 केतु-मंगल जातक में दिमागी रूप से आवेश पैदा करता है। केतु-शुक्र, जो जातक में सजावट और सुन्दरता के प्रति आकर्षण को बढ़ाता है।
4👉 केतु-बुध, कल्पना करने और हवाई किले बनाने के लिए सोच पैदा करता है। चंद्र-केतु जातक में कल्पना शक्ति का विकास करता है। शुक्र-सूर्य जातक को स्वाभाविक प्रवृत्तियों की तरफ बढ़ाता है।
5👉 जातक का सुन्दरता के प्रति मोह होता है और वे कामुकता की ओर भागता है। जातक में अपने प्रति स्वतंत्रता की भावना रहती है और किसी की बात नहीं मानता।
6👉 जातक, पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले लोग, रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं। कम भोजन करना और खूब घूमना, इनकी आदत होती है।
7👉 छाती बड़ी होने के कारण इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर यह लोग जान पर खेलने से भी नहीं चूकते।
8👉 जातक जीवन के पहले दौर में सुखी, दूसरे में दुखी और अंतिम अवस्था में पूर्ण सुखी होता है।
9👉 सिंह राशि वाले जातक हर कार्य शाही ढंग से करते हैं, जैसे सोचना शाही, करना शाही, खाना शाही और रहना शाही।
10👉 इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं। जातक जो खाता है वही खाएगा, अन्यथा भूखा रहना पसंद करेगा, वह आदेश देना जानता है, किसी का आदेश उसे सहन नहीं होता है, जिससे प्रेम करेगा, उस मरते दम तक निभाएगा, जीवनसाथी के प्रति अपने को पूर्ण रूप से समर्पित रखेगा, अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी का आना इस राशि वाले को कतई पसंद नहीं है।
11👉 जातक कठोर मेहनत करने वाले, धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। स्वर्ण, पीतल और हीरे-जवाहरात का व्यवसाय इनको बहुत फायदा देने वाले होते हैं।
12👉 सरकार और नगर पालिका वाले पद इनको खूब भाते हैं। जातकों की वाणी और चाल में शालीनता पाई जाती है।
13👉 इस राशि वाले जातक सुगठित शरीर के मालिक होते हैं। नृत्य करना भी इनकी एक विशेषता होती है, अधिकतर इस राशि वाले या तो बिलकुल स्वस्थ रहते है या फिर आजीवन बीमार रहते हैं।
14👉 जिस वारावरण में इनको रहना चाहिए, अगर वह न मिले, इनके अभिमान को कोई ठेस पहुंचाए या इनके प्रेम में कोई बाधा आए, तो यह बीमार रहने लगते है।
15👉 रीढ़ की हड्डी की बीमारी या चोटों से अपने जीवन को खतरे में डाल लेते हैं। इस राशि के लोगों के लिये हृदय रोग, धड़कन का तेज होना, लू लगना और आदि बीमारी होने की संभावना होती है।
कन्या- ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
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राशि स्वरूप- कन्या, राशि स्वामी- बुध।
1👉 राशि चक्र की छठी कन्या राशि दक्षिण दिशा की द्योतक है। इस राशि का चिह्न हाथ में फूल लिए कन्या है। राशि का स्वामी बुध है। इसके अन्तर्गत उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण, चित्रा के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारों चरण आते हैं।
2👉 कन्या राशि के लोग बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी होते हैं। भावुक भी होते हैं और वह दिमाग की अपेक्षा दिल से ज्यादा काम लेते हैं।
3👉 इस राशि के लोग संकोची, शर्मीले और झिझकने वाले होते हैं।
4👉 मकान, जमीन और सेवाओं वाले क्षेत्र में इस राशि के जातक कार्य करते हैं।
5👉 स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों में शीत, पाचनतंत्र एवं आंतों से संबंधी बीमारियां जातकों मे मिलती हैं। इन्हें पेट की बीमारी से प्राय: कष्ट होता है। पैर के रोगों से भी सचेत रहें।
6👉 बचपन से युवावस्था की अपेक्षा जातकों की वृद्धावस्था अधिक सुखी और ज्यादा स्थिर होता है।
7👉 इस राशि वाल पुरुषों का शरीर भी स्त्रियों की भांति कोमल होता है। ये नाजुक और ललित कलाओं से प्रेम करने वाले लोग होते हैं।
8👉 ये अपनी योग्यता के बल पर ही उच्च पद पर पहुंचते हैं। विपरीत परिस्थितियां भी इन्हें डिगा नहीं सकतीं और ये अपनी सूझबूझ, धैर्य, चातुर्य के कारण आगे बढ़ते रहते है।
9👉 बुध का प्रभाव इनके जीवन मे स्पष्ट झलकता है। अच्छे गुण, विचारपूर्ण जीवन, बुद्धिमत्ता, इस राशि वाले में अवश्य देखने को मिलती है।
10👉 शिक्षा और जीवन में सफलता के कारण लज्जा और संकोच तो कम हो जाते हैं, परंतु नम्रता तो इनका स्वाभाविक गुण है।
11👉 इनको अकारण क्रोध नहीं आता, किंतु जब क्रोध आता है तो जल्दी समाप्त नहीं होता। जिसके कारण क्रोध आता है, उसके प्रति घृणा की भावना इनके मन में घर कर जाती है।
12👉 इनमें भाषण व बातचीत करने की अच्छी कला होती है। संबंधियों से इन्हें विशेष लाभ नहीं होता है, इनका वैवाहिक जीवन भी सुखी नहीं होता। यह जरूरी नहीं कि इनका किसी और के साथ संबंध होने के कारण ही ऐसा होगा।
13👉 इनके प्रेम सम्बन्ध प्राय: बहुत सफल नहीं होते हैं। इसी कारण निकटस्थ लोगों के साथ इनके झगड़े चलते रहते हैं।
14👉 ऐसे व्यक्ति धार्मिक विचारों में आस्था तो रखते हैं, परंतु किसी विशेष मत के नहीं होते हैं। इन्हें बहुत यात्राएं भी करनी पड़ती है तथा विदेश गमन की भी संभावना रहती है। जिस काम में हाथ डालते हैं लगन के साथ पूरा करके ही छोड़ते हैं।
15👉 इस राशि वाले लोग अपरिचित लोगों मे अधिक लोकप्रिय होते हैं, इसलिए इन्हें अपना संपर्क विदेश में बढ़ाना चाहिए। वैसे इन व्यक्ति की मैत्री किसी भी प्रकार के व्यक्ति के साथ हो सकती है।
तुला- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
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राशि स्वरूप- तराजू जैसा, राशि स्वामी- शुक्र।
1👉 तुला राशि का चिह्न तराजू है और यह राशि पश्चिम दिशा की द्योतक है, यह वायुतत्व की राशि है। शुक्र राशि का स्वामी है। इस राशि वालों को कफ की समस्या होती है।
2👉 इस राशि के पुरुष सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। आंखों में चमक व चेहरे पर प्रसन्नता झलकती है। इनका स्वभाव सम होता है।
3👉 किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होते, दूसरों को प्रोत्साहन देना, सहारा देना इनका स्वभाव होता है। ये व्यक्ति कलाकार, सौंदर्योपासक व स्नेहिल होते हैं।
4👉 ये लोग व्यावहारिक भी होते हैं व इनके मित्र इन्हें पसंद करते हैं।
5👉 तुला राशि की स्त्रियां मोहक व आकर्षक होती हैं। स्वभाव खुशमिजाज व हंसी खनखनाहट वाली होती हैं। बुद्धि वाले काम करने में अधिक रुचि होती है।
6👉 घर की साजसज्जा व स्वयं को सुंदर दिखाने का शौक रहता है। कला, गायन आदि गृह कार्य में दक्ष होती हैं। बच्चों से बेहद जुड़ाव रहता है।
7👉 तुला राशि के बच्चे सीधे, संस्कारी और आज्ञाकारी होते हैं। घर में रहना अधिक पसंद करते हैं। खेलकूद व कला के क्षेत्र में रुचि रखते हैं।
8👉 तुला राशि के जातक दुबले-पतले, लम्बे व आकर्षक व्यक्तिव वाले होते हैं। जीवन में आदर्शवाद व व्यवहारिकता में पर्याप्त संतुलन रखते हैं।
9👉 इनकी आवाज विशेष रूप से सौम्य होती हैं। चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान छाई रहती है।
10👉 इन्हें ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना बहुत भाता है। ये एक अच्छे साथी हैं, चाहें वह वैवाहिक जीवन हो या व्यावसायिक जीवन।
11👉 आप अपने व्यवहार में बहुत न्यायवादी व उदार होते हैं। कला व साहित्य से जुड़े रहते हैं। गीत, संगीत, यात्रा आदि का शौक रखने वाले व्यक्ति अधिक अच्छे लगते हैं।
12👉 लड़कियां आत्म विश्वास से परिपूर्ण होती हैं। आपके मनपसंद रंग गहरा नीला व सफेद होते हैं। आपको वैवाहिक जीवन में स्थायित्व पसंद आता है।
13👉 आप अधिक वाद-विवाद में समय व्यर्थ नहीं करती हैं। आप सामाजिक पार्टियों, उत्सवों में रुचिपूर्वक भाग लेती हैं।
14👉 आपके बच्चे अपनी पढ़ाई या नौकरी आदि के कारण जल्दी ही आपसे दूर जा सकते हैं।
15👉 एक कुशल मां साबित होती हैं जो कि अपने बच्चों को उचित शिक्षा व आत्म विश्वास प्रदान करती हैं।
वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
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राशि स्वरूप- बिच्छू जैसा, राशि स्वामी- मंगल।
1👉 वृश्चिक राशि का चिह्न बिच्छू है और यह राशि उत्तर दिशा की द्योतक है। वृश्चिक राशि जलतत्व की राशि है। इसका स्वामी मंगल है। यह स्थिर राशि है, यह स्त्री राशि है।
2👉 इस राशि के व्यक्ति उठावदार कद-काठी के होते हैं। यह राशि गुप्त अंगों, उत्सर्जन, तंत्र व स्नायु तंत्र का प्रतिनिधित्व करती है। अत: मंगल की कमजोर स्थिति में इन अंगों के रोग जल्दी होते हैं। ये लोग एलर्जी से भी अक्सर पीडि़त रहते हैं। विशेषकर जब चंद्रमा कमजोर हो।
3👉 वृश्चिक राशि वालों में दूसरों को आकर्षित करने की अच्छी क्षमता होती है। इस राशि के लोग बहादुर, भावुक होने के साथ-साथ कामुक होते हैं।
4👉 शरीरिक गठन भी अच्छा होता है। ऐसे व्यक्तियों की शारीरिक संरचना अच्छी तरह से विकसित होती है। इनके कंधे चौड़े होते हैं। इनमें शारीरिक व मानसिक शक्ति प्रचूर मात्रा में होती है।
5👉 इन्हें बेवकूफ बनाना आसान नहीं होता है, इसलिए कोई इन्हें धोखा नहीं दे सकता। ये हमेशा साफ-सुथरी और सही सलाह देने में विश्वास रखते हैं। कभी-कभी साफगोई विरोध का कारण भी बन सकती है।
6👉 ये जातक दूसरों के विचारों का विरोध ज्यादा करते हैं, अपने विचारों के पक्ष में कम बोलते हैं और आसानी से सबके साथ घुलते-मिलते नहीं हैं।
7👉 यह जातक अक्सर विविधता की तलाश में रहते हैं। वृश्चिक राशि से प्रभावित लड़के बहुत कम बोलते होते हैं। ये आसानी से किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं। इन्हें दुबली-पतली लड़कियां आकर्षित करती हैं।
8👉 वृश्चिक वाले एक जिम्मेदार गृहस्थ की भूमिका निभाते हैं। अति महत्वाकांक्षी और जिद्दी होते हैं। अपने रास्ते चलते हैं मगर किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते।
9👉 लोगों की गलतियों और बुरी बातों को खूब याद रखते हैं और समय आने पर उनका उत्तर भी देते हैं। इनकी वाणी कटु और गुस्सा तेज होता है मगर मन साफ होता है। दूसरों में दोष ढूंढने की आदत होती है। जोड़-तोड़ की राजनीति में चतुर होते हैं।
10👉 इस राशि की लड़कियां तीखे नयन-नक्ष वाली होती हैं। यह ज्यादा सुन्दर न हों तो भी इनमें एक अलग आकर्षण रहता है। इनका बातचीत करने का अपना विशेष अंदाज होता है।
11👉 ये बुद्धिमान और भावुक होती हैं। इनकी इच्छा शक्ति बहुत दृढ़ होती है। स्त्रियां जिद्दी और अति महत्वाकांक्षी होती हैं। थोड़ी स्वार्थी प्रवृत्ति भी होती हैं।
12👉 स्वतंत्र निर्णय लेना इनकी आदत में होते है। मायके परिवार से अधिक स्नेह रहता है। नौकरीपेशा होने पर अपना वर्चस्व बनाए रखती हैं।
13👉 इन लोगों काम करने की क्षमता काफी अधिक होती है। वाणी की कटुता इनमें भी होती है, सुख-साधनों की लालसा सदैव बनी ही रहती है।
14👉 ये सभी जातक जिद्दी होते हैं, काम के प्रति लगन रखते हैं, महत्वाकांक्षी व दूसरों को प्रभावित करने की योग्यता रखते हैं। ये व्यक्ति उदार व आत्मविश्वासी भी होते है।
15👉 वृश्चिक राशि के बच्चे परिवार से अधिक स्नेह रखते हैं। कम्प्यूटर-टीवी का बेहद शौक होता है। दिमागी शक्ति तीव्र होती है, खेलों में इनकी रुचि होती है।
धनु- ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
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राशि स्वरूप- धनुष उठाए हुए, राशि स्वामी- बृहस्पति।
1👉 धनु द्वि-स्वभाव वाली राशि है। इस राशि का चिह्न धनुषधारी है। यह राशि दक्षिण दिशा की द्योतक है।
2👉 धनु राशि वाले काफी खुले विचारों के होते हैं। जीवन के अर्थ को अच्छी तरह समझते हैं।
3👉 दूसरों के बारे में जानने की कोशिश में हमेशा करते रहते हैं।
4👉 धनु राशि वालों को रोमांच काफी पसंद होता है। ये निडर व आत्म विश्वासी होते हैं। ये अत्यधिक महत्वाकांक्षी और स्पष्टवादी होते हैं।
5👉 स्पष्टवादिता के कारण दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा देते हैं।
👉 इनके अनुसार जो इनके द्वारा परखा हुआ है, वही सत्य है। अत: इनके मित्र कम होते हैं। ये धार्मिक विचारधारा से दूर होते हैं।
7👉 धनु राशि के लड़के मध्यम कद काठी के होते हैं। इनके बाल भूरे व आंखें बड़ी-बड़ी होती हैं। इनमें धैर्य की कमी होती है।
8👉 इन्हें मेकअप करने वाली लड़कियां पसंद हैं। इन्हें भूरा और पीला रंग प्रिय होता है।
9👉 अपनी पढ़ाई और करियर के कारण अपने जीवन साथी और विवाहित जीवन की उपेक्षा कर देते हैं। पत्नी को शिकायत का मौका नहीं देते और घरेलू जीवन का महत्व समझते हैं।
10👉 धनु राशि की लड़कियां लंबे कदमों से चलने वाली होती हैं। ये आसानी से किसी के साथ दोस्ती नहीं करती हैं।
11👉 ये एक अच्छी श्रोता होती हैं और इन्हें खुले और ईमानदारी पूर्ण व्यवहार के व्यक्ति पसंद आते हैं। इस राशि की स्त्रियां गृहणी बनने की अपेक्षा सफल करियर बनाना चाहती है।
12👉 इनके जीवन में भौतिक सुखों की महत्ता रहती है। सामान्यत: सुखी और संपन्न जीवन व्यतीत करती हैं।
13👉 इस राशि के जातक ज्यादातर अपनी सोच का विस्तार नहीं करते एवं कई बार कन्फयूज रहते हैं। एक निर्णय पर पंहुचने पर इनको समय लगता है एवं यह देरी कई बार नुकसान दायक भी हो जाती है।
14👉 ज्यादातर यह लोग दूसरों के मामलों में दखल नहीं देते एवं अपने काम से काम रखते हैं।
15👉 इनका पूरा जीवन लगभग मेहनत करके कमाने में जाता है या यह अपने पुश्तैनी कार्य को ही आगे बढाते हैं।
मकर- भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
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राशि स्वरूप- मगर जैसा, राशि स्वामी- शनि।
1👉 मकर राशि का चिह्न मगरमच्छ है। मकर राशि के व्यक्ति अति महत्वाकांक्षी होते हैं। यह सम्मान और सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार कार्य कर सकते हैं।
2👉 इनका शाही स्वभाव व गंभीर व्यक्तित्व होता है। आपको अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
3👉 इन्हें यात्रा करना पसंद है। गंभीर स्वभाव के कारण आसानी से किसी को मित्र नहीं बनाते हैं। इनके मित्र अधिकतर कार्यालय या व्यवसाय से ही संबंधित होते हैं।
4👉 सामान्यत: इनका मनपसंद रंग भूरा और नीला होता है। कम बोलने वाले, गंभीर और उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों को ज्यादा पसंद करते हैं।
5👉 ईश्वर व भाग्य में विश्वास करते हैं। दृढ़ पसंद-नापसंद के चलते इनका वैवाहिक जीवन लचीला नहीं होता और जीवनसाथी को आपसे परेशानी महसूस हो सकती है।
6👉 मकर राशि के लड़के कम बोलने वाले होते हैं। इनके हाथ की पकड़ काफी मजबूत होती है। देखने में सुस्त, लेकिन मानसिक रूप से बहुत चुस्त होते हैं।
7👉 प्रत्येक कार्य को बहुत योजनाबद्ध ढंग से करते हैं। गहरा नीला या श्वेत रंग प्रधान वस्त्र पहने हुए लड़कियां इन्हें बहुत पसंद आती हैं।
8👉 आपकी खामोशी आपके साथी को प्रिय होती है। अगर आपका जीवनसाथी आपके व्यवहार को अच्छी तरह समझ लेता है तो आपका जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होता है।
9👉 आप जीवन साथी या मित्रों के सहयोग से उन्नति प्राप्त कर सकते हैं।
10👉 मकर राशि की लड़कियां लम्बी व दुबली-पतली होती हैं। यह व्यायाम आदि करना पसंद करती हैं। लम्बे कद के बाबजूद आप ऊंची हिल की सैंडिल पहनना पसंद करती हैं।
11👉 पारंपरिक मूल्यों पर विश्वास करने वाली होती हैं। छोटे-छोटे वाक्यों में अपने विचारों को व्यक्त करती हैं।
12👉 दूसरों के विचारों को अच्छी तरह से समझ सकती हैं। इनके मित्र बहुत होते हैं और नृत्य की शौकिन होती हैं।
13👉 इनको मजबूत कद कठी के व्यक्ति बहुत आकर्षित करते हैं। अविश्वसनीय संबंधों में विश्वास नहीं करती हैं।
14👉 अगर आप करियर वुमन हैं तो आप कार्य क्षेत्र में अपना अधिकतर समय व्यतीत करती हैं।
15👉 आप अपने घर या घरेलू कार्यों के विषय में अधिक चिंता नहीं करती हैं।
कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
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राशि स्वरूप- घड़े जैसा, राशि स्वामी- शनि।
1👉 राशि चक्र की यह ग्यारहवीं राशि है। कुंभ राशि का चिह्न घड़ा लिए खड़ा हुआ व्यक्ति है। इस राशि का स्वामी भी शनि है। शनि मंद ग्रह है तथा इसका रंग नीला है। इसलिए इस राशि के लोग गंभीरता को पसंद करने वाले होते हैं एवं गंभीरता से ही कार्य करते हैं।
2👉 कुंभ राशि वाले लोग बुद्धिमान होने के साथ-साथ व्यवहारकुशल होते हैं। जीवन में स्वतंत्रता के पक्षधर होते हैं। प्रकृति से भी असीम प्रेम करते हैं।
3👉 शीघ्र ही किसी से भी मित्रता स्थपित कर सकते हैं। आप सामाजिक क्रियाकलापों में रुचि रखने वाले होते हैं। इसमें भी साहित्य, कला, संगीत व दान आपको बेहद पसंद होता हैं।
4👉 इस राशि के लोगों में साहित्य प्रेम भी उच्च कोटि का होता है।
5👉 आप केवल बुद्धिमान व्यक्तियों के साथ बातचीत पसंद करते हैं। कभी भी आप अपने मित्रों से असमानता का व्यवहार नहीं करते हैं।
6👉 आपका व्यवहार सभी को आपकी ओर आकर्षित कर लेता है।
7👉 कुंभ राशि के लड़के दुबले होते हैं। आपका व्यवहार स्नेहपूर्ण होता है। इनकी मुस्कान इन्हें आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करती है।
8👉 इनकी रुचि स्तरीय खान-पान व पहनावे की ओर रहती है। ये बोलने की अपेक्षा सुनना ज्यादा पसंद करते हैं। इन्हें लोगों से मिलना जुलना अच्छा लगता है।
9👉 अपने व्यवहार में बहुत ईमानदार रहते हैं, इसलिये अनेक लड़कियां आपकी प्रशंसक होती हैं। आपको कलात्मक अभिरुचि व सौम्य व्यक्तित्व वाली लड़कियां आकर्षित करती हैं।
10👉 अपनी इच्छाओं को दूसरों पर लादना पसंद नहीं करते हैं और अपने घर परिवार से स्नेह रखते हैं।
11👉 कुंभ राशि की लड़कियां बड़ी-बड़ी आंखों वाली व भूरे बालों वाली होती हैं। यह कम बोलती हैं, इनकी मुस्कान आकर्षक होती है।
12👉 इनका व्यक्तित्व बहुत आकर्षक होता है, किन्तु आसानी से किसी को अपना नहीं बनाती हैं। ये अति सुंदर और आकर्षक होती हैं।
13👉 आप किसी कलात्मक रुचि, पेंटिग, काव्य, संगीत, नृत्य या लेखन आदि में अपना समय व्यतीत करती हैं।
14👉 ये सामान्यत: गंभीर व कम बोलने वाले व्यक्तियों के प्रति आकर्षित होती हैं।
15👉 इनका जीवन सुखपूर्वक व्यतित होता है, क्योंकि ये ज्यादा इच्छाएं नहीं करती हैं। अपने घर को भी कलात्मक रूप से सजाती हैं।
मीन- दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
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राशि स्वरूप- मछली जैसा, राशि स्वामी- बृहस्पति।
1👉 मीन राशि का चिह्न मछली होता है। मीन राशि वाले मित्रपूर्ण व्यवहार के कारण अपने कार्यालय व आस पड़ोस में अच्छी तरह से जाने जाते हैं।
2👉 आप कभी अति मैत्रीपूर्ण व्यवहार नहीं करते हैं। बल्कि आपका व्यवहार बहुत नियंत्रित रहता है। ये आसानी से किसी के विचारों को पढ़ सकते हैं।
3👉 अपनी ओर से उदारतापूर्ण व संवेदनाशील होते हैं और व्यर्थ का दिखावा व चालाकी को बिल्कुल नापसंद करते हैं।
4👉 एक बार किसी पर भी भरोसा कर लें तो यह हमेशा के लिए होता है, इसीलिये आप आपने मित्रों से अच्छा भावानात्मक संबंध बना लेते हैं।
5👉 ये सौंदर्य और रोमांस की दुनिया में रहते हैं। कल्पनाशीलता बहुत प्रखर होती है। अधिकतर व्यक्ति लेखन और पाठन के शौकीन होते हैं। आपको नीला, सफेद और लाल रंग-रूप से आकर्षित करते हैं।
6👉 आपकी स्तरीय रुचि का प्रभाव आपके घर में देखने को मिलता है। आपका घर आपकी जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
7👉 अपने धन को बहुत देखभाल कर खर्च करते हैं। आपके अभिन्न मित्र मुश्किल से एक या दो ही होते हैं। जिनसे ये अपने दिल की सभी बातें कह सकते हैं। ये विश्वासघात के अलावा कुछ भी बर्दाश्त कर सकते हैं।
8👉 मीन राशि के लड़के भावुक हृदय व पनीली आंखों वाले होते हैं। अपनी बात कहने से पहले दो बार सोचते हैं। आप जिंदगी के प्रति काफी लचीला दृटिकोण रखते हैं।
9👉 अपने कार्य क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिये परिश्रम करते हैं। आपको बुद्धिमान और हंसमुख लोग पसंद हैं।
10👉 आप बहुत संकोचपूर्वक ही किसी से अपनी बात कह पाते हैं। एक कोमल व भावुक स्वभाव के व्यक्ति हैं। आप पत्नी के रूप में गृहणी को ही पसंद करते हैं।
11👉 ये खुद घरेलू कार्यों में दखलंदाजी नहीं करते हैं, न ही आप अपनी व्यावसायिक कार्य में उसका दखल पसंद करते हैं। आपका वैवाहिक जीवन अन्य राशियों की अपेक्षा सर्वाधिक सुखमय रहता है।
12👉 मीन राशि की लड़कियां भावुक व चमकदार आंखों वाली होती हैं। ये आसानी से किसी से मित्रता नहीं करती हैं, लेकिन एक बार उसकी बातों पर विश्वास हो जाए तो आप अपने दिल की बात भी उससे कह देती हैं।
13👉 ये स्वभाव से कला प्रेमी होती हैं। एक बुद्धिमान व सभ्य व्यक्ति आपको आकर्षित करता है। आप शांतिपूर्वक उसकी बात सुन सकती हैं और आसानी से अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं करती हैं।
14👉 अपनी मित्रता और वैवाहिक जीवन में सुरक्षा व दृढ़ता रखना पसंद करती हैं। ये अपने पति के प्रति विश्वसनीय होती है और वैसा ही व्यवहार अपने पति से चाहती हैं।
15👉 आपको ज्योतिष आदि में रुचि हो सकती है। आपको नई-नई चीजें सीखने की ललक होती है।
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🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻मंगलवार, २२ मार्च २०२२🌻
सूर्योदय: 🌄 ०६:२६
सूर्यास्त: 🌅 ०६:२७
चन्द्रोदय: 🌝 २२:५३
चन्द्रास्त: 🌜०८:४९
अयन 🌕 उत्तरायने (उत्तरगोलीय
ऋतु: 🌿 बसंत
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 चैत्र
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 चतुर्थी (०६:२४ तक)
नक्षत्र 👉 विशाखा (२०:१४ तक)
योग 👉 हर्षण (१३:१० तक)
प्रथम करण 👉 बालव (०६:२४ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव (१७:२३ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 मीन
चंद्र 🌟 वृश्चिक (१४:३३ से)
मंगल 🌟 मकर (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कुम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (अस्त, पश्चिम , मार्गी)
शुक्र 🌟 मकर (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०० से १२:४८
अमृत काल 👉 ११:५४ से १३:२५
विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१४
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१७ से १८:४१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:२९ से १९:४०
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०० से २४:४७
राहुकाल 👉 १५:२७ से १६:५८
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:२१ से १०:५३
होमाहुति 👉 मंगल (२०:१४ तक)
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पृथ्वी (२८:२१ तक)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर १४:३३ से)
शिववास 👉 कैलाश पर (०६:२४ से नन्दी पर, २८:२१ से भोजन मे)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (धनिया अथवा दलिए का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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श्री रंग पञ्चमी, राष्ट्रीय चैत्र मास आरम्भ आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २०:१४ तक जन्मे शिशुओ का नाम
विशाखा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (तू, ते, तो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम अनुराधा नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमश: (ना, नी) नामाक्षर रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मीन – ३०:०२ से ०७:२५
मेष – ०७:२५ से ०८:५९
वृषभ – ०८:५९ से १०:५४
मिथुन – १०:५४ से १३:०९
कर्क – १३:०९ से १५:३०
सिंह – १५:३० से १७:४९
कन्या – १७:४९ से २०:०७
तुला – २०:०७ से २२:२८
वृश्चिक – २२:२८ से २४:४७
धनु – २४:४७ से २६:५१
मकर – २६:५१ से २८:३२
कुम्भ – २८:३२ से २९:५८
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:१९ से ०६:२४
चोर पञ्चक – ०६:२४ से ०७:२५
रज पञ्चक – ०७:२५ से ०८:५९
शुभ मुहूर्त – ०८:५९ से १०:५४
चोर पञ्चक – १०:५४ से १३:०९
शुभ मुहूर्त – १३:०९ से १५:३०
रोग पञ्चक – १५:३० से १७:४९
शुभ मुहूर्त – १७:४९ से २०:०७
मृत्यु पञ्चक – २०:०७ से २०:१४
अग्नि पञ्चक – २०:१४ से २२:२८
शुभ मुहूर्त – २२:२८ से २४:४७
रज पञ्चक – २४:४७ से २६:५१
रज पञ्चक – २६:५१ से २८:२१
शुभ मुहूर्त – २८:२१ से २८:३२
चोर पञ्चक – २८:३२ से २९:५८
शुभ मुहूर्त – २९:५८ से ३०:१७
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन भी परिस्थितियां आपके पक्ष में ही रहेंगी ठाठ-बाट वाला जीवन व्यतीत करेगे। काम-धंधे में आश्चर्यजनक वृद्धि होगी प्रतिस्पर्धी भी हावी रहेंगे फिर भी विजय आपकी ही होगी। व्यवसाय में आज कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ेंगे इसका शुभ परिणाम आने वाले समय मे मिलेगा। जन सम्पर्क में वृद्धि आएगी अधिकारी वर्ग से नजदीकी का लाभ भी अवश्य मिलेगा। सरकार विरोधी गतिविधियों से दूर रहे अन्यथा फल उल्टा हो सकता है। धन की आमद प्रयास करने पर नही स्वतः ही होगी। परिजन आपसे नई अपेक्षाएं रखेंगे इनकी पूर्ति करने में आपको परेशानी नही आएगी। सेहत मे दोपहर बाद नरमी आ सकती है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आप शांति से एकांत में बिताना पसंद करेंगे मध्यान तक आपकी कामना पूर्ण भी होगी लेकिन इसके बाद कार्य बोझ बढ़ने से चैन से बैठ भी नही पाएंगे। कार्य व्यवसाय में आज आशाजनक प्रगति नही होगी फिर भी खर्च चलाने लायक धन मिल ही जायेगा। व्यवसाय विस्तार अथवा निवेश आज करने के लिये दिन उपयुक्त है शीघ्र ही इसका लाभदायक परिणाम देखने को मिलेगा। नौकरी वाले लोग आज अनचाहे काम से परेशान होंगे लेकिन बाद में इसी कार्य मे रुचि बढ़ने लगेगी अधिकारी वर्ग आज आपके काम मे कुछ ना कुछ कमी ही निकलेंगे हतोत्साहित ना हो। परिवार में सुख के साधनों पर खर्च करना पड़ेगा। स्वास्थ्य थोड़ा बहुत नरम रहेगा।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज दिन आपके पक्ष में तो नही फिर भी कल की अपेक्षा शांति से व्यतीत होगा। आज आप अपनी बुद्धिक्षमता प्रखर होने पर भी लाभ नही दिला सकेगी। ज्यादा झंझट वाले कार्यो से दूर रहें अन्यथा हाथ कुछ नही लगेगा उल्टे मानसिक परेशानियां बढ़ेंगी। कार्य व्यवसाय में आज अन्य लोगो के ऊपर ज्यादा आश्रित रहने के कारण केवल आश्वाशन ही मिलेंगे धन लाभ भी होगा परन्तु खर्चो के आगे नाकाफी रहेगा। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों से अहम को लेकर मतभेद रहेगा पारिवारिक स्थिति स्थिर रहेगी लेकिन महिलाये स्वयं को अधिक बुद्धिमान प्रदर्शित करेंगी जिससे कुछ समय के लिये टकराव की स्थिति बन सकती है। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज परिस्थितियां एकदम उलट बन रही है कल तक जो आपकी हाँ में हाँ मिला रहे थे वही लोग आज आपका साथ देने से पीछे हटेंगे आपका स्वभाव भी आज कुछ तीखा रहेगा किसी के सामान्य प्रश्न का उत्तर उल्टा ही देंगे कार्य क्षेत्र पर लेन देन को लेकर विवाद होगा आज आप कहेंगे कुछ करेंगे कुछ इस वजह से लोग आपके ऊपर जल्दी से विश्वास नही करेंगे। कारोबारियों को हाथ आये अनुबंध निरस्त होने की ग्लानि रहेगी इसका कारण भी आपका रूखा व्यवहार हो सकता है। धन लाभ की केवल सम्भावनाये ही रहेंगी प्राप्ती नगण्य होगी। खर्च चलाने के लिये उधार लेने की नौबत आ सकती है। परिवार में भी लोग आपसे असंतुष्ट रहेंगे। सेहत अचानक बिगड़ेंगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये मिला जुला रहेगा। सेहत आज शिथिल रहने के कारण कार्यो के प्रति ज्यादा गंभीर नही रहेंगे। लेकिन किसी पुराने जानकार से लाभदायक सौदे हाथ लगेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज आपको परीक्षा के दौर से भी गुजरना पड़ेगा लोग आपको परखने के लिये विभिन्न प्रयोग कर सकते है। प्रलोभन में ना पढ़ें अन्यथा धन के साथ सम्मान हानि भी होगी। आर्थिक स्थिति मजबूत रहने से धन की ज्यादा परवाह नही करेंगे। आज आपका ध्यान नए संबंध विकसित करने पर भी रहेगा विपरीत लिंगीय से जल्दी आकर्षित हो जाएंगे। परिवार के सदस्य आपसे मन ही मन द्वेष रखेंगे परन्तु निजस्वार्थ के कारण उजागर नही होने देंगे।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप को अपने सभी कार्यो से संतोष रहेगा लेकिन अन्य लोगो की कार्य प्रणाली से असंतुष्ट रहेंगे। व्यवसायीजन एवं नौकरी वाले लोग आसानी से सफलता मिलने पर अतिआत्मविश्वास की भावना से ग्रस्त रहेंगे आज आपकी सफलता के पीछे किसी अन्य का हाथ रहेगा जिसको आप अनदेखा करेंगे। सहकर्मियों का प्रति हीं भावना रहेगी आपको भी इसका प्रतिउत्तर इसी प्रकार किसी ना किसी रूप में मिलेगा। परिजन आपकी हाँ में हाँ तो मिलाएंगे परन्तु आपके विचारों के एकदम विपरीत चलेंगे। धन को लेकर आज निश्चिन्त रहेंगे व्यवसाय वृद्धि एवं धन की आमद एकसाथ होगी। गृहस्थ में नोकझोंक लगी रहेगी सेहत आज उत्तम रहेगी।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप किसी भी कार्य को लेकर ज्यादा गंभीर नही रहेंगे घर एवं बाहर मसखरी के मूड में रहेंगे परिजनों की गंभीर बातों को भी नजरअंदाज करने पर फटकार सुन्नी पड़ेगी। घर की अपेक्षा आज बाहर का वातावरण आपके अनुकूल रहेगा लोग आपके साथ समय बिताना पसंद करेंगे मित्रो के साथ भी मनोरंजन के अवसर मिलेंगे। कार्य व्यवसाय को लेकर आज ज्यादा झंझट में नही पड़ेंगे फिर भी आशा से अधिक मुनाफा होगा अधीनस्थों के ऊपर नजर रखें अन्यथा कार्य हानि हो सकती है। आज घर एवं कार्य क्षेत्र की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें चोरी चकारी का भय है। परिजन आपकी बात सहर्ष स्वीकार करेंगे इसके पीछे व्यक्तिगत स्वार्थ छिपा होगा सेहत आज उत्तम बनी रहेगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपको हानिकारक रहेगा। आज स्वयं लिए निर्णय गलत ही रहेंगे इस लिये आज कोई भी बड़ा कार्य अथवा निवेश करने से बचें। कार्य क्षेत्र पर अनिर्णय अथवा गलतफहमी के कारण बड़ा नुकसान हो सकता है। परिवार के सदस्यों के हाथ किसी भी प्रकार के उपकरण अथवा वाहन ना दें दुर्घटना होने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर भी आज आपको वादे से मुकरने अथवा समय से पूर्ण ना करने पर वैर विरोध का सामना करना पड़ेगा। धन संबंधित मामलों में असफल होने पर मन में नकारात्मक भाव आएंगे गुस्से में आकर कुछ अनैतिक कार्य भी कर सकते है आज धैर्य का अधिक परिचय देना पड़ेगा। स्वास्थ्य भी नरम रहेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके मन के अनुरूप रहेगा। आज आप दिनचार्य को शानदार रूप से बिताना चाहेंगे। कार्य क्षेत्र से मनोरंजन के लिये समय निकालने की योजना मन मे लगी रहेगी लेकिन संध्या बाद ही इसके लिये समय मिलेगा। आज आप रोजगार के क्षेत्र में जो भी निर्णय लेंगे आरम्भ में वे गलत होते प्रतीत होंगे लेकिन धीरे धीरे इनसे ही धन लाभ के मार्ग बनेंगे धैर्य रखें एक बार जो निर्णय ले लिया उससे पीछे ना हटे हानि हो सकती है। अन्य लोगो से देखा देखी के कारण आप बजट से अधिक खर्च करेंगे बाद में पछतायेंगे भी। मौज शौक की प्रवृति बड़े बुजुर्गों से नाराजगी बढ़ाएगी। पेट अथवा मूत्राशय संबंधित समस्या हो सकती है। संताने आपके पक्ष में रहेंगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिये समृद्धिकारक रहेगा पारिवारिक एवं सार्वजनिक क्षेत्र पर आज विरोध करने वाले भी कम रहेंगे काम-काज के सिलसिले से यात्रा करनी पड़ेगा इसका सकारात्मक परिणाम मिलेगा। धन लाभ आज सहज ही हो जाएगा पुरानी उधारी चुकता होगी। कार्य क्षेत्र का वातावरण आपके सुआचरण एवं व्यवहारिकता से महकेगा। परोपकारी भावना रहने से आप किसी को भी किसी कार्य के लिये मना नही करेंगे। नौकरी वाले जातक कार्य क्षेत्र बदलने का विचार करेंगे इसमे सफल भी रहेंगे प्रयास करने पर पहले से बेहतर जगह पदोन्नति हो सकती है। घरेलू माहौल सुख सुविधा बढ़ने पर प्रसन्न रहेगा।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन मध्यम फलदायी रहेगा। आज दिन के आरंभिक भाग को छोड़ अन्य समय किसी ना किसी कारण से दौड़ धूप लगी ही रहेगी आराम आज चाहते हुए भी नही कर सकेंगे। आध्यात्म में भी रुचि लेंगे पूजा पाठ तंत्र मंत्र के लिये समय निकालेंगे। कार्य व्यवसाय पर आज मध्यान बाद ही लाभ की संभावनाए बनेंगी धन लाभ के लिये मानसिक परिश्रम ज्यादा करना पड़ेगा लेकिन परिणाम आशाजनक ही रहेंगे। नौकरी वालो की अधिकारी वर्ग से आज अच्छी जमेगी काम निकालना आसान रहेगा। परिजन अनैतिक मांग पर अडेंगे जिन्हें पूरी करना आज संभव नही होगा। सेहत थकान को छोड़ सामान्य रहेगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आपको आशा के विपरीत फल मिलेंगे। अपनी अथवा परिजन की सेहत को लेकर अस्पताल के चक्कर लग सकते है। मानसिक रूप से चिड़चिड़ापन रहेगा भावुकता भी अधिक रहेगी आज आप स्वयं किसी को कुछ भी कहे परन्तु किसी अन्य की हास्य में कही बातो का भी बुरा मान लेंगे। कार्य व्यवसाय पर सुव्यवस्था रहने पर भी धन लाभ अनिश्चित रहेगा दोपहर बाद ही थोडी बहुत आमाद होगी। सहकर्मी अथवा अन्य किसी परिचित को आर्थिक अथवा अन्य सहायता देनी पड़ेगी। परिजनो से आत्मीयता रहने पर भी घर मे उदासी ज्यादा रहेगी। विपरीत लिंगीय आकर्षण भी आज अधिक रहेगा।
—————————————————————————————-🙏राधे राधे🙏