आज का पंचाग, आपका राशि फल, भारत की अद्वितीय काल गणना पद्धति और ढा़ई अक्षर की महिमा

                 आज का पंचाग, आपका राशि फल, भारत की अद्वितीय काल गणना पद्धति और ढा़ई अक्षर की महिमा

।। *🕉* ।।
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………..5122
विक्रम संवत्………………….2077
शक संवत्…………………….1942
मास……………………………..पौष
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी………………………….द्वितीया
प्रातः 08.05 पर्यंत पश्चात तृतीया
रवि………………………….उत्तरायण
सूर्योदय…………प्रातः 07.09.59 पर
सूर्यास्त…………संध्या 06.03.२८ पर
सूर्य राशि………………………..मकर
चन्द्र राशि……………………….मकर
गुरु राशि………………………..मकर
नक्षत्र…………………………..धनिष्ठा
दुसरे दिन प्रातः 05.09 पर्यंत पश्चात शतभिषा
योग……………………………..सिद्धि
रात्रि 08.21 पर्यंत पश्चात व्यतिपात
करण………………………….कौलव
प्रातः 08.05 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु…………………………….हेमंत
दिन………………………….शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
15 जनवरी सन 2021 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक…………………..6
🔯 शुभ रंग……………आसमानी

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
प्रातः 12.14 से 12.57 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल (अशुभ) :-*
प्रात: 11.15 से 12.36 तक ।

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*मकर*
07:08:40 08:55:12
*कुम्भ*
08:55:12 10:29:20
*मीन*
10:29:20 12:00:33
*मेष*
12:00:33 13:41:16
*वृषभ*
13:41:16 15:39:54
*मिथुन*
15:39:54 17:53:35
*कर्क*
17:53:35 20:09:45
*सिंह*
20:09:45 22:21:34
*कन्या*
22:21:34 24:32:14
*तुला*
24:32:14 26:46:51
*वृश्चिक*
26:46:51 29:03:01
*धनु*
29:03:01 31:08:40

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.33 से 09.53 तक लाभ
प्रात: 09.53 से 11.14 तक अमृत
दोप. 12.35 से 01.56 तक शुभ
सायं 04.37 से 05.58तक चंचल
रात्रि 09.16 से 10.56 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ माधवाय नम: ॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि -*
न सा दीक्षा न सा भिक्षा न तद्दानं न तत्तपः ।
न तद् ध्यानं न तद् मौनं दया यत्र न विद्यते ॥
अर्थात :
दया के बगैर दीक्षा, भिक्षा, दान, तप, ध्यान, और मौन सब निरर्थक है ।

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*फेफड़े की कमजोरी का इलाज :-*

*7. मिर्च -*
कुछ लोगों के लिए, गर्म और मसालेदार मिर्च भोजन के दौरान एक बड़ी लत है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि फेफड़ों को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने की बात आती है तो यह उतना ही फायदेमंद होता है। इससे फेफड़ों की डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया में मदद मिलती है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
समय अनुकूल है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। कोई बड़ी समस्या का हल सहज ही होगा। बेरोजगारी के प्रयास सफल रहेंगे।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में नि‍श्चितता रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जल्दबाजी न करें। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। परिवार के किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर खर्च होगा। फालतू खर्च होगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। पारिवारिक चिंता रहेगी। जो‍खिम न लें। यात्रा लाभदायक रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। आय में वृद्धि होगी। लाभ में वृद्धि होगी। व्यापार ठीक चलेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। थकान व कमजोरी रहेगी। किसी बड़े काम को करने की तीव्र इच्छा जागृत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। नए उपक्रम प्रारंभ हो सकते हैं। आर्थिक उन्नति की योजना बनेगी। व्यापार लाभदायक रहेगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। दुष्टजनों से सावधान रहें। प्रमाद न करें। धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय होगी। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। चोट व दुर्घटना के प्रति सावधानी आवश्यक है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेकार बातों की तरफ ध्यान न दें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बनते कामों में विघ्न आ सकते हैं।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
सभी तरफ से सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर अधिक व्यय होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। शत्रु पस्त होंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यापार लाभदायक रहेगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
समय की अनुकूलता का लाभ लें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। जोखिम न उठाएं। प्रसन्नता रहेगी। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। रोजगार मिलेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन सामने आएगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी। व्यर्थ दौड़धूप रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
किसी व्यक्ति विशेष से कहासुनी हो सकती है। मेहनत अधिक होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद के बढ़ावा न दें। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। लाभ होगा। कोई बड़ी बाधा उठ खड़ी हो सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें, गुम हो सकती है।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। भाग्य का साथ रहेगा। प्रमाद न करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। माव्यापार लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। न-सम्मान मिलेगा। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। लाभ में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। समय सुखपूर्वक व्यतीत होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। कार्य में सफलता मिलेगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। बुद्धि का प्रयोग करेंगे ।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩

 
दुर्लभ संख्या 2520
    गणित में कोई भी संख्या.. 1 से 10 तक के सभी अंकों से.. नहीं कट सकती, *लेकिन इस.. विचित्र संख्या को देखियेगा  ..!*
*संख्या 2520* अन्य संख्याओं की तरह.. वास्तव में एक सामान्य संख्या नही है, यह वो संख्या है जिसने विश्व के गणितज्ञों को.. अभी भी आश्चर्य में किया हुआ है  .. !!
यह विचित्र संख्या 1 से 10 तक प्रत्येक अंक से भाज्य है , चाहे वो अंक सम हो या विषम हो।
  ऐसी संख्या जिसे इकाई तक के किसी भी अंक से भाग देने के उपरांत शेष शून्य रहे, *बहुत ही असम्भव/ दुर्लभ* है- ऐसा प्रतीत होता है .. !!
*अब निम्न सत्य को देखें* : 
2520 ÷ 1 = 2520
2520 ÷ 2 = 1260
2520 ÷ 3 = 840
2520 ÷ 4 = 630
2520 ÷ 5 = 504
2520 ÷ 6 = 420
2520 ÷ 7 = 360
2520 ÷ 8 = 315
2520 ÷ 9 = 280
2520 ÷ 10 = 252
 महान गणितज्ञ अभी भी आश्चर्यचकित है  : *2520 वास्तव में एक गुणनफल है 《7 x 30 x 12》का* 
🤷‍♂️ उन्हें और भी आश्चर्य हुआ जब प्रमुख गणितज्ञ द्वारा यह संज्ञान में लाया गया कि संख्या 2520 *हिन्दू संवत्सर* के अनुसार.. *एकमात्र यही संख्या है, जो वास्तव में उचित* बैठ रही है: 
*जो इस गुणनफल* से प्राप्त है ::
*सप्ताह के दिन (7) x माह के दिन (30) x वर्ष के माह (12)*….= *2520*…🔥
 *यही है *भारतीय काल गणना की श्रेष्ठता!* 
 *सनातन धर्म की.. श्रेष्ठता* 
अब पता लगा ये ढाई अक्षर क्या है-
ढाई अक्षर के ब्रह्मा
और ढाई अक्षर की सृष्टि।
ढाई अक्षर के विष्णु
और ढाई अक्षर की लक्ष्मी।
ढाई अक्षर के कृष्ण
ढाई अक्षर की दुर्गा
और ढाई अक्षर की शक्ति।
ढाई अक्षर की श्रद्धा
और ढाई अक्षर की भक्ति।
ढाई अक्षर का त्याग
और ढाई अक्षर का ध्यान।
ढाई अक्षर की तुष्टि
और ढाई अक्षर की इच्छा।
ढाई अक्षर का धर्म
और ढाई अक्षर का कर्म।
ढाई अक्षर का भाग्य
और ढाई अक्षर की व्यथा।
ढाई अक्षर का ग्रन्थ,
और ढाई अक्षर का सन्त।
ढाई अक्षर का शब्द
और ढाई अक्षर का अर्थ।
ढाई अक्षर का सत्य
और ढाई अक्षर की मिथ्या।
ढाई अक्षर की श्रुति
और ढाई अक्षर की ध्वनि।
ढाई अक्षर की अग्नि
और ढाई अक्षर का कुण्ड।
ढाई अक्षर का मन्त्र
और ढाई अक्षर का यन्त्र।
ढाई अक्षर की श्वांस
और ढाई अक्षर के प्राण।
ढाई अक्षर का जन्म
ढाई अक्षर की मृत्यु।
ढाई अक्षर की अस्थि
और ढाई अक्षर की अर्थी।
ढाई अक्षर का प्यार
और ढाई अक्षर का युद्ध।
ढाई अक्षर का मित्र
और ढाई अक्षर का शत्रु।
ढाई अक्षर का प्रेम
और ढाई अक्षर की घृणा।
*जन्म से लेकर मृत्यु तक*
*हम बंधे हैं ढाई अक्षर में।*
*हैं ढाई अक्षर ही वक़्त में,*
*और ढाई अक्षर ही अन्त में।*
 *समझ न पाया कोई भी*
*है रहस्य क्या ढाई अक्षर में।
*प्रश्न~ मंदिर में दर्शन के बाद बाहर सीढ़ी*
        *पर थोड़ी देर क्यों बैठा जाता है❓*
     *उत्तर ~* परम्परा है कि किसी भी मंदिर में दर्शन के बाद बाहर आकर मंदिर की पैड़ी या ओटे पर थोड़ी देर बैठना। क्या आप जानते हैं इस परम्परा का क्या कारण है ?
     आजकल तो लोग मंदिर की पैड़ी पर बैठकर अपने घर/व्यापार/राजनीति इत्यादि की चर्चा करते हैं, परन्तुु  यह प्राचीन परम्परा एक विशेष उद्देश्य के लिए बनाई गई है। वास्तव में मंदिर की पैड़ी पर बैठ कर एक श्लोक बोलना चाहिए। यह श्लोक आजकल के लोग भूल गए हैं। इस लोक को मनन करें और आने वाली पीढ़ी को भी बताएं। श्लोक इस प्रकार है ~
            *अनायासेन मरणम् ,*
            *बिना दैन्येन जीवनम्।*
            *देहान्ते तव सानिध्यम् ,*
            *देहि मे परमेश्वरम्॥*
      इस श्लोक का अर्थ है ~
  *अनायासेन मरणम्* अर्थात् बिना तकलीफ के हमारी मृत्यु हो और कभी भी बीमार होकर बिस्तर पर न पड़ें, कष्ट उठाकर मृत्यु को प्राप्त ना हों चलते फिरते ही हमारे प्राण निकल जाएं।
  *बिना दैन्येन जीवनम्* अर्थात् परवशता का जीवन ना हो। कभी किसी के सहारे ना रहाना पड़े। जैसे कि लकवा हो जाने पर व्यक्ति दूसरे पर आश्रित हो जाता है वैसे परवश या बेबस ना हों। ठाकुर जी की कृपा से बिना भीख के ही जीवन बसर हो सकें।
  *देहांते तव सानिध्यम्* अर्थात् जब भी मृत्यु हो तब भगवान के सम्मुख हो। जैसे भीष्म पितामह की मृत्यु के समय स्वयं ठाकुर (कृष्ण जी) उनके सम्मुख जाकर खड़े हो गए। उनके दर्शन करते हुए प्राण निकले।
  *देहि में परमेश्वरम्* हे परमेश्वर ऐसा वरदान हमें देना।
    *भगवान से प्रार्थना करते हुऐ उपरोक्त श्र्लोक का मौन वाचन करें।* गाड़ी, लाडी, लड़का, लड़की, पति, पत्नी, घर, धन इत्यादि (अर्थात् संसार) नहीं मांगना है, यह तो भगवान आप की पात्रता के हिसाब से खुद आपको देते हैं। इसीलिए दर्शन करने के बाद बैठकर यह प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए। यह प्रार्थना है, याचना नहीं है। याचना सांसारिक पदार्थों के लिए होती है। जैसे कि घर, व्यापार,नौकरी, पुत्र, पुत्री, सांसारिक सुख, धन या अन्य बातों के लिए जो मांग की जाती है वह याचना है वह भीख है।
     *’प्रार्थना’ शब्द के ‘प्र’ का अर्थ होता है ‘विशेष’ अर्थात् विशिष्ट, श्रेष्ठ और ‘अर्थना’ अर्थात् निवेदन। प्रार्थना का अर्थ हुआ विशेष निवेदन।*
     मंदिर में भगवान का दर्शन सदैव खुली आंखों से करना चाहिए, निहारना चाहिए। कुछ लोग वहां आंखें बंद करके खड़े रहते हैं। आंखें बंद क्यों करना, हम तो दर्शन करने आए हैं। भगवान के स्वरूप का, श्री चरणों का, मुखारविंद का, श्रृंगार का, *सम्पूर्ण आनंद लें, आंखों में भर लें निज-स्वरूप को।*
      दर्शन के बाद जब बाहर आकर बैठें, तब नेत्र बंद करके जो दर्शन किया हैं उसी दिव्य स्वरूप का ध्यान करें। मंदिर से बाहर आने के बाद, पैड़ी पर बैठ कर स्वयं की आत्मा का ध्यान करें तब नेत्र बंद करें और अगर निज आत्मस्वरूप ध्यान में भगवान नहीं आए तो दोबारा मंदिर में जाएं और पुन: दर्शन करें।