भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरनाक है ये गठजोड़

 
डॉ भगवती प्रसाद पुरोहित
       आतंकवादियों नक्सलियों माओवादियों जेहादियों और वामपंथियों का देश में अघोषित गठजोड़ हो गया है। वामपंथियों का काम देश के संविधान संवैधानिक संस्थाओं और उन मूल्यों तथा परम्पराओं की आलोचना व् विरोध कर के नष्ट करना है जिसके कारण भारत एक देश के रूप में अस्तित्वमान है। 
जबकि जेहादियों की ये सोच है कि जब पूरी अराजकता फ़ैल जाय और भारतीय समाज बिखर जाय, दलित व् पिछड़ी जातियां, ब्राह्मणों व् अगड़ी जातियों के खिलाफ ख़ड़ी हो जाय तब तलवार के बल पर सत्ता पर कब्जा कर भारत को खुरासन् इस्लामिक राष्ट्र घोषित कर शरिया कानून लागू करेंगे।
वामपंथ पूरी तरह असन्दर्भित हो चुका है। उनके पास अपने अस्तित्व को बचाने के लिए आतंकवादियों के चंदे पर जीने के आलावा कोई विकल्प भी नहीं है।
1947 में अंग्रेजों के बाद पुनः भारत पर मुगल वंश का अधिपत्य लोकतन्त्र के फ्लेबर में हुआ। नेहरू जिन्ना अब्दुल्ला भाइयों ने भारत को मुगल सल्तनत की तर्ज पर उसी प्रकार बांटा जैसे बाबर ने हुमायूं कामरान अस्करी और हिन्दाल को बांटा था। 
पाकिस्तान आज पूरी दुनिया में इस्लामिक जिहाद का चैम्पियन है। 
होशियारी देखिये कि हिन्दू बहुसंख्यक राष्ट्र को मजहब के नाम पर बांटा गया एक को इस्लामिक राष्ट्र् बना दिया गया और दुसरे हिन्दू बहुसंख्यक को इस्लामिक बनाने के लिए धर्म निरपेक्ष घोषित किया गया। यह जिन्ना और उसके सौतेले भाई नेहरू की कूटनीतिक विजय और भारत की हर थी।
आज  सेक्युलरिज्म दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ी जाति की माला जपते जपते जब भारतीय समाज बुरी तरह से फुट चुका है तब यहां शरिया कानून को लागू करने के लिए आतंकवादियों के आका पाकिस्तान और खाड़ी देशों द्वारा JNU  AMU   JAMIYA के माध्यम युवाओं को पैसा और ड्रग्स देकर देशद्रोह और पाकिस्तान जिंदाबाद, इंडिया गो बैक कहा जा रहा है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि CPM के सीताराम येचुरी CPI के डी राजा राहुल गांधी केजरीवाल सबके सब देशद्रोही युवकों के पक्ष् में खड़े हैं। यह इनकी विवशता है। कारण है कि ये हसन अली और दाऊद जैसे लोगों के पैसों पर पलने वाले पालतू हैं। इन्हैं देश से कोई लेना देना नहीं।
यही नहीं भारत के बड़े मिडिया हाउस भी इसी नम्बर दो के पैसे से चल रहे हैं। अब भारत के इस लोकतन्त्र में आप देशद्रोहियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हैं तो आप पर लोकतन्त्र को कUचलने का आरोप उनके TV चैनल लगा कर माहौल को आपके विरुद्ध  बना देंगे कि आप कोई चुनाव जीत ही न पाएं और बाक़ी कसर ये चुनावों के जरिये पूरी कर देते हैं। आखिरक्या विवशता रही होगी इशरत जहां को बिहार की बेटी घोषित करने की? देशद्रोही बयानों के चैम्पियन आजमखान को सर आँखों पर बिठाने की? स्वाभाविक है कि जो पैसा देगा उसका हुक्म भी मानना पड़ेगा।
 देश आज उस दौर में है जहाँ अगर यही कथित लोकतन्त्र चलता रहा तो देश का अस्तित्व ही मिट जायेगा। एक ही उपाय है राष्ट्रवादी लोग देश की सत्ता को अपने हाथ में लेकर तब तक इस लोकतन्त्र को निलम्बित रखें जब तक कि देशद्रोही तत्व नष्ट होकर लोकतन्त्र के लिए आवश्यक परिस्थितियां तैयार नहीं हो जाती।
(लेखक के अपने विचार हैं – संपादक)