केदारनाथ और लामबगड़ भंयकर आपदा १५-१६ जून २०१३ पर श्रद्धांजलि देने से अधिक सीख लेने की आवश्यकता है

रिपोर्ट ✍️डाॅ हरीश मैखुरी

१५-१६ जून २०१३ की रात्रि #चोराबाड़ी_झील टूटने से #केदारनाथ_आपदा में करीब चालीस हजार लोग दुष्प्रभावित हुए अनुमान है कि दस हजार लोग काल कलवित हुए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभग पांच हजार लोग मृत्यु की गोद में समा गये। #हिमस्खलन से चोराबाड़ी झील के टूटने से #मंदाकिनी घाटी बुरी तरह बर्बाद हो गई, ऊपर ३० प्रतिशत बर्फ थी जो पिघल रही थी, बारिश के बाद 10 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र यानी केदारनाथ से कुंड तक नक्शा ही मिट गया था। चोराबाड़ी झील के फटने के बाद पानी के तेज बहाव व गाद से मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण #अगस्तमुनी कस्बा अस्सी प्रतिशत बह गया था, वहां से पल्ली पार जाने वाला मोटर पुल भी बह गया। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सरकारी सहायता करीब तीन दिन बाद केदारनाथ पंहुच सकी थी।

ऐसी ही घटना उसी रात #लाम_बगड़ चमोली में भी हुई खिरों खीर गंगा की बाढ़ से करीब डेढ़ सौ लोग मरे और सैकड़ों वाहन बहे। #विष्णुप्रयाग की जयप्रकाश परियोजना को भारी क्षति हुई एक माह परियोजना बंद रही। मोटर सड़कों के कई महत्वपूर्ण भाग गायब हो गये। #स्वास्थ्य_विभाग असहाय हो गया प्रशासन पंगु लग रहा था मृतकों का कोई मान्य डाटा नहीं बन सका। लोग एक महिने बद्रीविशाल जी में फंसे रहे जबकि केदारनाथ के जंगलों में भी भटकते रहे। भारी बारिश से #कीड़ा_जड़ी उखाड़ने वाले दर्जनों नेपाली भी वहीं उंचे #बुगयालों मर गये। सबकी सहायता करना भी संभव नहीं हो पाया।

पहाड़ी ग्रामीणों ने अपने सीमित साधनों से भंडारे चलाये। धरातल पर बडे़ स्तर पर सहायता के लिए #आरएसएस के लोग पंहुचे। कांग्रेस #सेवादल के भी कतिपय जगह भंडारे दिखे। देश भर की संस्थाओं से सहायता भी आयी। तब आज के प्रधानमंत्री #नरेंद्रमोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे उन्होंने भी यथा समय सहयोग किया और केदारनाथ के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव भी रखा लेकिन तब कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री #विजय_बहुगुणा ने मोदी को मंदिर जीर्णोद्धार के लिए मना कर दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा घटना के चार दिन बाद जोशीमठ पंहुचे थे।तब बदरीनाथ के विधायक #राजेन्द्र_भण्डारी ने राहत बचाव कार्य में ढिलाई और देर से पहुंचने पर उन्हें जम कर लताड़ लगाई।चमोली के तत्कालीन जिलाधिकारी एसए #मुरूगेशन ने जोशीमठ बदरीनाथ क्षेत्र में ही डेरा डाल कर लोगों की सहायता करने के भरसक प्रयास किये। लेकिन केदारनाथ सबसे पहले सहायता के लिए पंहुचे एक एसडीएम बह गये। आपरेशन कर रहे आर्मी के दो हैलीकाॅप्टर भी क्षतिग्रस्त हुए। मुख्यमंत्री तो केदारनाथ जा ही नहीं पाये, जब चार दिन बाद वहां आर्मी आपरेशन आरंभ हुआ। तब जा कर बड़े स्तर पर राहत बचाव कार्य आरम्भ हो सका। रुद्रप्रयाग के डीएम रमाशंकर सिंह नक्कारा निकले तो सरकार ने उनकी जगह दलीप #जावलकर को भेजा तब जा कर वहां बचाव कार्यों में तेजी आयी। इस भीषण आपदा में भ्रष्टाचार भी जम कर हुआ सरकारी सामान खरीद पर खूब माल काटा गया स्कूटर के नम्बर को गाड़ियां दिखाने का चमत्कार भी किया गया १५ रूपये के सामान १५०० के भी दिखाने समाचार छपे। तब की सूपर प्राईमिनिस्टर (हाईकमान) सोनिया गांधी विदेश में थी दिल्ली में कांग्रेस पार्टी द्वारा सहायता के लिए भेजे जाने वाले ट्रकों को हरी झंडी के लिए दो सप्ताह प्रतीक्षा करनी पड़ी, एक समाचार के अनुसार वे बिस्कुट आज तक केदारनाथ नहीं पंहुचे। अगस्तमुनी में बहुत से आपदा ग्रस्त लोगों के घर आज तक नहीं बने। सचमुच वह भीषण मृत्यु का दिन था। देवभूमि पर दानवी दृष्टि थी।

#उत्तराखंड की #भौगोलिक_बनावट ही ऐसी है कि यहां #आपदाएं #भविष्य में भी आती ही रहेंगी हमें तो आपदा #न्यूनीकरण के लिए तैयारी करनी चाहिए और त्रासदी से कैसे निबटने के लिए प्रयास करना चाहिए। ऋषिगंगा एवलांच तपोवन परियोजना में मारे गए तीन सौ से अधिक लोग भूलें नहीं। जोशीमठ भू धंसाव भी याद रखें।

अब शकुन इतना है कि आज मोदी सरकार की जिजीविषा से भगवान केदारनाथ और बद्रीविशाल का कायाकल्प हो रहा है भव्य निर्माण हो रहा है। सडकें डबल लेन हो गयी रेलवे लाईन बन रही है। गौरीकुंड से केदारनाथ और गोविन्द घाट से रोपवे बनने पर घोड़े खच्चरों की मृत्यु के विभत्स दृश्यों में भी कमी आयेगी। 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ आपदा के 10 वर्ष पूरे होने पर श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ के दर्शन कर देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर केदारनाथ की त्रासदी में हताहत हुए लोगों की शांति एवं उनकी मुक्ति के लिए हवन कर प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित भगवान ईशानेश्वर के दर्शन कर पूजा अर्चना भी की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीपैड से लेकर मंदिर परिसर तक सभी निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर केदारधाम में चल रहे कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य के दूसरे फेस के सभी कार्यों को इस साल के अंत तक पूर्ण कराने के निर्देश भी दिये।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज से 10 वर्ष पहले केदारनाथ में आई त्रासदी ने सब कुछ बर्बाद कर दिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, बाबा केदार के अनन्य भक्त हैं, बाबा केदार के सच्चे भक्त है। आज बाबा केदार की कृपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की इच्छाशक्ति के कारण ही समस्त केदार पुरी क्षेत्र दिव्य और भव्य रूप ले चुकी है और आगे भी कार्य जारी हैं। मुख्यमंत्री श्री धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का धन्यवाद करते हुए बाबा केदार से उनके स्वस्थ, दीर्घायु होने की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने इस दौरान केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण के कार्य कर रहे हैं श्रमिकों से मुलाकात कर वार्तालाप कर उनका हालचाल जाना। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि हमारे श्रमिक विभिन्न विषम परिस्थितियों में यह कार्य रहे हैं, सभी श्रमिकों का विशेष ख्याल रखा जाए उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।

इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी का सभी तीर्थ पुरोहितों ने स्वागत किया।
केदारनाथ धाम पहुंचने पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मां. मुख्यमंत्री को शाल भेंट कर स्वागत किया।
इस अवसर पर. बद्रीनाथ केदारनाथ समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, जिला अध्यक्ष भाजपा महावीर पवार, सचिव विनय शंकर पांडे, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे,अपर मुख्य कार्याधिकारी बद्री केदार मंदिर समिति योगेंद्र सिंह , उप जिला अधिकारी उखीमठ जितेन्द्र वर्मा, कार्यधिकारी केदारनाथ मंदिर समिति आर.सी. तिवारी, पुजारी शिवलिंग,श्री श्रीनिवास पोस्ती,ओम प्रकाश शुक्ला,यशोधर मैठाणी, आशा राम नौटियाल सहित बडी संख्या में आये श्रद्धालु गण उपस्थित थे।