हैलीकाॅप्टर हत्याकांडों पर सरकार को अपनाना होगा कड़ा रूख बनानी होगी सुरक्षा उपायों की सुदृढ़ और प्रभावी नियमावली

✍️हरीश मैखुरी

केदारघाटी में हैलीकाॅप्टर दुर्घटना में पायलट सहित 7 लोगों की मृत्यु से पूरा देश स्तब्ध है। केदारनाथ नाथ आपदा 2013 के बाद अबतक 6 हेलीकॉप्टर केदारनाथ में क्रेस हो चुके हैं जिनमें 30 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, सब में खराब मौसम को कारण बताया गया। तो प्रश्न यही है कि खराब मौसम में उड़ान किसके कहने पर भरी जाती है। बिना रोटर पंखे रूके ही यात्री उतारे और बैठाये जाते हैं 20 सेकंड में सवारी चेंज का रिकॉर्ड उनके नाम है। 10 मिनट में एक राउंड ट्रिप। कोई उड़ान सीमा नहीं चार्टर हेलीकॉप्टर की भी मनमर्जी टिकट दलाली, कोई मौसम की परवाह नहीं बस कंपनी का मौसम बना रहे। तो उड्डयन विभाग के अधिकारी केवल चाय नाश्ता करने आते हैं!! जिस तरह नियमों की धज्जियां उड़ाते हैली कंपनियां और दुष्प्रभाव अनेक बार सामने आये हैं। इन्हें दुर्घटना नहीं हत्या कहना समीचीन होगा। बस इतना समझ लीजिए ये उड़ते हुई चितायें हैं।केदारनाथ में शटल हवाई सर्विस प्रोवाइड कर रही अधिकांश कम्पनियां बीते जून माह में हेलीकॉप्टर की फ्रॉड फ्लाइंग करती हुई पकड़ी जा चुकी हैं। उस वक्त पकड़ी गई प्रत्येक कम्पनी से डीजीसीए लाखों रूपया जुर्माना वसूल चुका है। एविएशन कम्पनियों की इन अवैध उड़ानों के पकड़े जाने का घटनाक्रम बड़ा चौंकाने वाला है। हुआ यह कि कम्पनियों के हेलीकॉप्टर ने (उदाहरण के तौर पर) एक दिन में केदारनाथ से गुप्तकाशी के बीच 40 उड़ाने कीं और कागज में सिर्फ 16 उड़ाने ही दर्शायीं। यानि बाकी की 26 उड़ाने फ्रॉड फ्लाइंग की श्रेणी में आ गईं जिनका लेख जोखा सरकार के पास नहीं है, इनसे जो पैसा आया वो कम्पनी ने हड़प लिया। केदारनाथ धाम में हेलीपैड के पास जीएमवीएन का एक गेस्टहाउस है, जिस पर लगे कैमरों में से एक की दिशा हेलीपैड की तरफ है। डीजीसीए की छापामार टीम ने जब इस कैमरे की फुटेज दिखी तो प्रत्येक कम्पनी के हेलीकॉप्टर की रोजाना हुई उड़ानों का मिलान किया गया। मिलान के दौरान फुटेज और कम्पनी के दस्तावेजों में पाई गई उड़ानों की संख्या में काफी अंतर पाया गया। इसके बाद डीजीसीए की टीम ने ईंधन कम्पनियों के स्थानीय स्टोर से खपत हुए हेली फ्यूल का कुल उड़ान से तुलना की तो इसमें भी भारी फर्क देखने को मिला। यानि फ्यूल की खपत दस्तावेजों में दर्शायी गई उड़ानों से काफी ज्यादा मिली। रही सही पुष्टि जीएमवीएन से बिक्री हुए टिकटों ने कर दी। हेलीकॉप्टर्स की उड़ान और बिक्री हुए टिकटों की संख्या में जमीन और आसमान का अंतर पाया गया। एविएशन कम्पनियों के हेलीकॉप्टर्स की उड़ानों पर दृष्टि रखने का दायित्व राज्य सरकार की संस्था उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) की है। नियम के अनुसार एविएशन कम्पनी के हर हेलीपैड पर यूकाडा का एक कार्मिक तैनात होना चाहिए जो हेलीकॉप्टर की उड़ानों पर नजर रखे। नियम तो इतना सख्त है कि इस कार्मिक को हेलीकॉप्टर के प्रत्येक ‘टेक ऑफ’ और ‘लैंडिंग’ का वीडियो कवरेज करना चाहिए। लेकिन यूकाडा के कार्मिक एविएशन कम्पनियों से मिलीभगत कर ‘खेल’ कर जाते हैं। वास्तव में अधिकतर एविएशन कम्पनियां फ्लाइंग मैनुअल का पूर्ण रूप से पालन नहीं करतीं और श्रद्धालुओं को विपदा में डाल देती हैं। विदित है कि केदारनाथ धाम में दिनभर में मौसम कुछ ही घण्टे साफ रहता है। उड़ान के लिए मौसम अनुकूल रहने पर पायलट ‘रनिंग रूटर’ के तहत फ्लाईंग करते हैं। यानि एक उड़ान पूरी होने पर हेलीकॉप्टर के रूटर बंद नहीं किए जाते घूमते हुए पंखों में ही यात्रियों को हेली से उतारा और उसमें बैठाया जाता है। अनेक बार डीजीसीए ने इन कंपनियों पर शखती भी दिखाई, इस वर्षाकाल के बाद जब केदारनाथ के लिए शटल हवाई सेवा शुरू हुईं तो ज्यादातर उड़ानें डीजीसीए के नियमों के अनुसार हुईं भी। लेकिन कई बार मौसम प्रतिकूल रहने के कारण पर्याप्त उड़ानें नहीं भरी जा सकीं जिससे टिकटों की डिमांड ज्यादा बढ़ गई और टिकट ब्लैक में बिकने लगे। अक्टूबर में 5000 तक के टिकट 15 हजार में भी बेचे जाने की भी चर्चा है। इस गड़बड़झाले में हवाई कम्पनियों के साथ ही सरकार की नीतियों में भी झोल है। सरकार का गणित केवल पैसे वसूलने तक सीमित है जो जितने पैसे देगा उसके लिए उतना ज्यादा छूट। यही स्थिति गोविन्दघाट से घांघरिया और जोशीमठ से बदरीनाथ उड़ने वाले हैलीकाॅप्टरों की है। इतना ही नहीं केदारनाथ में आतंकवादी गतिविधियों का भी खतरा बढ़ गया है क्योंकि कोई भी सिक्योरिटी जांच किसी भी हेली कंपनी द्वारा नहीं की जाती है यूं कहें कि सब भगवान ही के भरोसे है। सरकार को चाहिए कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा, कम्पनियों के हित और सरकारी राजस्व को ध्यान में रखते हुए व्यावहारिक नियम बनाए जाएं ताकि किसी को नियमों की अवहेलना करने की आवश्यकता ही न पड़े।

 आज की दुर्घटना पर अपर सचिव तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी नागरिक उड्डयन श्री सी रविशंकर के अनुसार मंगलवार को केदारनाथ से गुप्तकाशी कोे जा रहे आर्यन एविएशन हेलीकॉप्टर कंपनी के हेलीकॉप्टर क्रैश दुर्घटना में पायलट सहित 7 लोगों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है। दुर्घटना मंगलवार को प्रातः लगभग 11ः40 बजे हुई।  मृतकों में पायलट कैप्टन अनिल (मुंबई निवासी) सहित कुल 07 यात्री थे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी नागरिक उड्डयन ने बताया कि दुर्घटना के कारणों की पूरी जानकारी जांच के बाद ही प्राप्त होगी। जिलाधिकारी स्तर पर जांच बिठाई गई है। एसडीआरएफ तथा पुलिस की टीम द्वारा घटनास्थल पर रिस्कयू व रिकवरी ऑपरेशन संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी भी उपस्थित रहे।

 

कुल मिलाकर केदारनाथ रोपवे बनने तक इन हैलीकाॅप्टर हत्याकांडों पर सरकार को अपनाना होगा कड़ा रूख बनानी होगी सुरक्षा उपायों की सुदृढ़ नियमावली।