तंवाग के जवाब में ध्वनि से चौबीस गुना तेज बैलेस्टिक मिसाईल अग्नि 5 का सफल परीक्षण, एक साथ दस जगहों पर भारत की स्ट्राइक से सामान छोड़कर भागे चीनी सैनिक अब LAC पर 48 घंटे गरजेंगे राफेल और सुखोई

तंवाग के जवाब में ध्वनि से चौबीस गुना तेज बैलेस्टिक मिसाईल अग्नि 5 का सफल परीक्षण,चीन के सभी शहरों के साथ ही होगी आधी दुनियां इस मिसाइल की चपेट में, भारत की एक साथ दस जगहों पर स्ट्राइक से सामान छोड़कर भागे चीनी सैनिक अब LAC पर 48 घंटे गरजेंगे राफेल और सुखोई। सेनाध्यक्ष बोले ये नया भारत है। 

*कभी आप लोगों ने सोचा है कि*

*यह चीन भारत में जो सीमा उल्लंघन करता है*

*वह संसद के सत्र काल में ही क्यों करता है …??*

*ऐसा इसलिए*

*ताकि भारत में उसके साथियों को संसद में यह मामला उठाने का मौका मिल जाए*

*एवं मोदी जी को और उनकी सरकार की छवि को किसी भी तरीके से धूमिल किया जा सके*

*पिछले नौ वर्ष में ये कोई पहली बार नहीं है कि जब संसद का सत्र चल रहा हो और चीन हरकत ना करे* 

*जब भी महत्वपूर्ण बिल पारित होने हैं,*

*तब ही अचानक चीन हरकत कर देता है*

*और पूरा विपक्ष संसद सत्र स्थगित करने की मांग कर देता है।*

*पूरा देश देख रहा है*

*कैसे चीन और भारत में पल रहे उसके बिच्छू देश को पीछे धकेलने का काम कर रहे हैं।?? 

लेकिन मोदी और शाह भी अर्जुन की भांति इस धर्म युद्ध में डटे पड़े हैं…… 

*✊एक इंच जमीन नहीं देंगे’ तवांग संघर्ष पर अमित शाह ने कहा, ‘ नेहरू की गलती भी याद दिलाई* 

 _तवांग संघर्ष पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कॉंग्रेस के समय चीन ने हड़पी हजारों हेक्टेयर जमीन, नेहरू ने भेंट कर दी UN सुरक्षा परिषद की सीट”_ 

 *मोटा भाई चीनियों को सीधी ललकार👇🏻👇🏻* 

https://www.newscup.in/on-tawang-struggle-amit-shah-said-will-not-give-an-inch-of-land-also-reminded-of-nehrus-mistake/amp/

 *👆🏻👆🏻वीडियो में गृह मंत्री ने कॉंग्रेस द्वारा की गई सभी गलतियों को खोल दिया😡👺👺*

 *👉गृह मंत्री अमित शाह ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “कांग्रेस जवाब दे कि वर्ष 2005-07 के बीच राजीव गाँधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से जो 1 करोड़ 35 लाख रुपये प्राप्त किये उनसे क्या किया? कांग्रेस देश को बताये कि राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने जाकिर नाइक की संस्था से बिना अनुमति के FCRA खाते में जुलाई 2011 को 50 लाख रुपये क्यों लिए?” वहीं उन्होंने ने ‘राजीव गाँधी फाउंडेशन’ को चीन से मिलने वाले फंड पर भी निशाना साधा है।*

*👉आपको बताते चलें कि गृह मंत्री ने कहा, “विपक्ष ने अरुणाचल में घटी घटनाओं का हवाला देते हुए बहुमूल्य प्रश्नकाल को स्थगित करवा दिया। यह निंदनीय है। इसका कोई औचित्य नहीं था। जब रक्षा मंत्री ने इस विषय पर अपना बयान रखने की बात कर ही दी, तो इसका कोई औचित्य ही नहीं था।*

 *🤨 तो क्या प्रतिपक्ष ने ना स्वयं काम किया और ना ही अब किसी को काम करने देना चाहती है इसलिए सड़क से संसद तक हर काम में टांग अड़ाना ही इनका मुख्य एजेंडा रह गया है!! * 

प्रसन्नता की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता और कूटनीतिक जीत के चलते 

*India China Standoff: ‘एकतरफा तरीके से सीमा बदलाव की कोशिश के खिलाफ’, तवांग में हिंसक झड़प पर भारत को अब अमेरिका का भी साथ मिल गया है। 

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद अमेरिका ने इसे बीजिंग की उकसावेपूर्ण कार्रवाई करार दिया है। भारत-चीन सीमा के तवांग में हुए टकराव पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। हम भारत के साथ दिल्ली और वाशिंगटन में लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।

*अमेरिका एकतरफा तरीके से सीमा बदलाव की किसी भी कोशिश का विरोध करता है-* 

अमेरिका ने कहा कि वह भारत के साथ है। चीन उकसावे की कार्रवाई करता है। अमेरिका अपने मित्र देशों के साथ हमेशा रहेगा। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि बाइडेन प्रशासन इस बात से खुश है कि भारत और चीन दोनों अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई झड़प के बाद जल्द ही पीछे हट गए।

*प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान व्हाइट हाउस के मीडिया सचिव काराइन जीन-पियरे (Karine Jean -Pierre) ने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच के तनाव की स्थिति का बारीकी से निगरानी कर रहा है। साथ ही कहा कि वह दोनों पक्षों (भारत और चीन) को विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय माध्यमों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।*

इसके साथ ही पेंटागन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग भारत-चीन सीमा पर एलएसी के घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए है। पेंटागन के प्रेस सचिव पैट रायडर (Pat Ryder) ने कहा, “अमेरिका ने देखा कि चीन एलएसी के क्षेत्र में सेना जुटा रहा है और सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। अमेरिका तनाव की स्थिति को कम करने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों का पूरा समर्थन करता है।” जबकि, इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से तनाव कम करने के लिए कहा है।

*अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में शुक्रवार को भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसमें में दोनों ही देशों के सैनिकों को चोटें आईं हैं। आमने-सामने के क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया है। शुक्रवार को हुई झड़प में घायल चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की संख्या से अधिक बताई जा रही है।*

इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र (Yangtse Area) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन करने से चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

*सिंह ने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी भारतीय सैनिक नहीं मारा गया और न ही गंभीर रूप से घायल हुआ है। मैं सदन को यह भी विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सेना देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा कर सकती है। हमारी सेना किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए तैयार है। मुझे दृढ़ विश्वास है कि सदन इसका समर्थन करेगा।*

*दोनों देशों के बीच एक बार फिर हुआ तनाव-* 

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से एरिया में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमने-सामने होने पर एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन के सैनिक भारतीय सेना की तीन यूनिटों के साथ भिड़ गए, जो विभिन्न पैदल सेना रेजिमेंटों (Infantry Regiments) से संबंधित हैं। भारतीय सेना के जवानों ने एलएसी पर चीनी सैनिकों के नापाक मंसूबों के प्रयास को विफल कर दिया।

*दुश्मन सैनिकों के षड्यंत्र को जानते थे भारतीय जवान-* 

*वहीं, ग्राउंड पर मौजूद सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि जम्मू – कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट और सिख लाइट इन्फैंट्री (Light Infantry) सहित तीन अलग -अलग बटालियनों से संबंधित सैनिक पिछले हफ्ते झड़प वाले स्थान पर मौजूद थे, जब चीनी सैनिकों ने क्षेत्र में की यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की थी। चीनी सैनिक लाठी और अन्य हथियार हाथ में लिए थे। सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैनिक भी चीन सैनिकों से मुकाबला करने के लिए तैयार थे, क्योंकि वे दुश्मन सैनिकों के इरादों को जानते थे।*

#तवांग_में_तनाव,,,!!! तो क्या हुआ,,,,🧐🇮🇳🚩 गलवान की पिटाई भूल गया शायद चीन ??? 🤔चीनियों की मोटी चमड़ी उधेड़ने के लिए भारतीय सेना की तरफ से घटना के ३० मिनिट के अंदर क्विक रिस्पॉन्स टीम की हाथ में ये धुलाई करने वाला स्टिक पहुंच कर कमाल कर गया।👍👍

इनीज चिलगोजों पीएलए को यह उम्मीद नहीं थी भारतीय सेना 🇮🇳 इस बार ये ⚔️हथियार लाएगी 

पिछली बार गलवान की झड़प में धोखे से इन 4 फुटियों ने ऐसे ही अस्त्रों का इस्तेमाल किया था ।

आपको वही मिलेगा जिसके आप हकदार हैं 🔥

और बड़ी बात – – – – – 

भारत ने अब तक का सबसे ज्यादा 14000 करोड़ का डेफेन्स एक्सपोर्ट किया 

मुडी जी इस्तीफा दो भारत इतनी तरक्की नहीं कर सकता ।😜🤣😂

🕉️🌞🔥🔱🐚🔔🌷*💥💥क्या आपने कभी सोचा है विचार किया है नीचे लिखे तथ्यों पर विचार अवश्य कीजिएगा यह तथ्य शत प्रतिशत सत्य है।👇🏻

*सीमा उलंघन …*

*कभी आप लोगों ने सोचा है कि-*

*यह चीन भारत में जो सीमा उल्लंघन करता है-वह संसद के सत्र काल में ही क्यों करता है …??*

*ऐसा इसलिये-*

*ताकि भारत में उसके साथियों को संसद में यह मामला उठाने का मौका मिल जाये-*

*एवं मोदी जी को और उनकी सरकार की छवि को किसी भी तरीके से धूमिल किया जा सके-*

*पिछले नौ सालो में यह कोई पहली बार नहीं है कि जब संसद का सत्र चल रहा हो और चीन हरकत ना करे-*

*जब कि अब भी महत्वपूर्ण बिल पारित होने हैं,*

*तब ही अचानक चीन हरकत कर देता है-*

*और पूरा विपक्ष संसद सत्र स्थगित करने की मांग कर देता है।*

*पूरा देश देख रहा है-*

*कैसे चीन और भारत मे पल रहे उसके पिस्सू देश को पीछे धकेलने का काम कर रहे हैं-*

*वह जिनकी सत्ता के रहते देश के महत्वपूर्ण हिस्से 8 दफा में चीन को सौंप दिये गये-

*यह है एमओयू का फलसफा…*

*सीमा पर चीन से झड़प हो जाए तो विपक्ष “आग बबूला” हो जाता है, चीन पर नहीं, भारत पर।*

*भारत चीन तनाव के बीच बड़ी खबर,* 

भारत ने अपनी बहु प्रतीक्षित बैलेस्टिक मिसाईल अग्नि 5 का सफल परीक्षण किया है। 

इसका इंतजार देश को लम्बे समय से था, 

ओडिसा के तट से हुआ सफल परीक्षण, 

अटॉमिक हमला करने में सक्षम अग्नि 5 बैलेस्टिक मिसाईल की मारक क्षमता 5000 किमी, 

इसकी रेंज में चीन के सभी प्रमुख शहर. 

*अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, तवांग में संघर्ष के बाद ड्रैगन को भारत का कड़ा संदेश*

भारत ने आज अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल है। जो कि, पांच हजार किलोमीटर से अधिक दूर स्थित लक्ष्यों को भी भेदने में सक्षम है। पहली बार भारतीयों की बचत का आधे से ज्यादा हिस्सा शेयर, बीमा और म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय उत्पादों में,समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार , अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल अपने पिछले प्रारूपों की तुलना में हल्की है। साथ इस मिसाइल में नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मिसाइल बनाने में इस्तेमाल की गई नई तकनीकों और उपकरणों की जांच करने के उद्देश्य से ही यह परीक्षण किया गया था,अग्नि-5 मिसाइल 1500 किलोग्राम तक के परमाणु हथियार अपने साथ ले जा सकती है। दुश्मन के किसी भी शहर को यह देखते ही देखते नेस्तनाबूद कर सकती है। इसका वजन करीब 50 हजार किग्रा है। मिसाइल 1.75 मीटर लंबी है। इसका व्यास 2 मीटर है। यह अपने साथ 1.5 टन वारहेड ले जाने में समर्थ है। यह मिसाइल भारत की सतह से सतह पर मार करने वाली सबसे घातक मिसाइल है। इसे डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से भारत ने इसका सफल परीक्षण किया,डीआरडीओ अग्नि के अलग-अलग वैरियंट को महाविनाशक बनाने की तैयारी में जुटा है।अरुणाचल प्रदेश के तवांग (Twang, Arunachal Pradesh) में चीनी सेना के साथ झड़प के अगले ही दिन भारत ने शक्तिशाली अग्नि-5 अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Agni-V ICBM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इस मिसाइल की जद में पूरा चीन आ जाएगा। 5,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली इस मिसाइल का पूरी रेंज के साथ पहली बार परीक्षण किया गया है।

ओडिशा के द्वीप से लॉन्च अग्नि-5 मिसाइल परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है। 17.5 मीटर लंबी इस मिसाइल का वजन 50,000 किलोमीटर है और इस पर 1,500 किलोग्राम का न्यूक्लियर वारहेड लगाया जा सकता है। यह ध्वनि की 24 गुना तेज गति, यानी एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की गति से अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।

इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। इस मिसाइल में तीन चरण वाले रॉकेट बूस्टर का इस्तेमाल किया गया है, सॉलिड फ्यूल से संचालित होते हैं। अग्नि-5 मिसाइल 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती है।

इस मिसाइल की सबसे खास बात इसकी MIRV (Multiple Independently-targetable Reentry Vehicles) तकनीक है, जो इसे एक साथ कई निशाने को भेदने में सक्षम बनाती है। इसका अर्थ है कि इस मिसाइल के ऊपर 10 वारहेड तक लगाए जा सकते हैं और उनका उपयोग अलग-अलग रेंज के ठिकानों को तबाह करने के लिए किया जा सकता है।

इसमें अपने लक्ष्य को सटीकता के साथ भेदने के लिए रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम जैसे अत्याधुनिक तकनीक लगे हुए हैं। इसे मोबाइल लॉन्च पैड से भी छोड़ा जा सकता है। इसके साथ ही इसे ट्रक पर लाद कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी ले जाया जा सकता है।

इस मिसाइल की रेंज में चीन की राजधानी बीजिंग और प्रमुख व्यापारिक शहर शंघाई सहित पूरा चीन है। इतना ही नहीं, इस मिसाइल की जद में पूरा एशिया और यूरोप का कुछ भाग आ जाएगा। इससे यूक्रेन, रूस, जापान, इंडोनेशिया तक हमला किया जा सकता है।

अग्नि-5 मिसाइल की परिकल्पना 2007 में वैज्ञानिक एम. नटराजन ने की थी। इसके बाद इसे मूर्त रूप देने की कोशिश शुरू हुई। अग्नि-5 का अब तक 8 बार सफल परीक्षण हो चुका है। सबसे पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था। इसका अंतिम परीक्षण 10 दिसंबर 2018 को किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने इसे रूटीन टेस्ट बताया है।

अग्नि-5 मिसाइल को स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (Strategic Forces Command) में की गई है। इस कमांड के जरिए प्रमुख मिसाइलों का संचालन किया जाता है, जिनमें पृथ्वी, अग्नि और समुद्र में तैनात धनुष, सागरिका आदि जैसी मिसाइलें शामिल हैं।

अग्नि-5 के बाद भारत के वैज्ञानिक अग्नि-6 को विकसित करेंगे। इसकी मारक क्षमता 8,000 किलोमीटर से 12,000 किलोमीटर तक होगी। इसके बाद भारत ‘सूर्य’ नामक अंतर-महाद्वीपीय मिसाइल को विकसित करेगा, जिसकी मारक क्षमता 12,000 किलोमीटर से 16,000 किलोमीटर तक होगी।