चमोली एवलांच की बाढ़ से ऋषिगंगा और तपोवन पावर प्रोजेक्ट तहस-नहस, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया स्थलीय निरीक्षण, मृतकों के परिजनों को चार लाख और घायलों को 50 हजार मुआवजा, मुख्य सचिव कल करेंगे स्थलीय दौरा

रिपोर्ट :-✍️हरीश मैखुरी

हादसे में 176 लोग लापता, 7 के मिले शव, चार पुल टूटे, PM व CM ने की मुआवजे की घोषणा

*जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आपदा ग्रस्त क्षेत्र का मुख्यमंत्री ने किया स्थलीय निरीक्षण।*

*अधिकारियों को दिये तत्परता से राहत एवं बचाव कार्यो को सम्पादित करने के निर्देश।*

*मृत आश्रितों को स्वीकृत किये 4-4 लाख की धनराशि।*

*प्रधानमंत्री ने भी दी है 2-2 लाख की आर्थिक मदद।*

*आपदा ग्रस्त क्षेत्र मे स्थिति सामान्य एवं नियन्त्रण में।*

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई भीषण आपदा के तुरन्त बाद आपदा स्थल का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। घटना स्थल से लौटने के बाद सचिवालय स्थित मीडिया सेन्टर मंे पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र में ग्लेशियर फटने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्यों के लिए घटना स्थल पर पहुंची। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वे गढ़वाल कमिश्नर श्री रविनाथ रमन एवं डीआईजी गढ़वाल श्रीमती नीरू गर्ग के साथ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली से पूरी जानकारी ली। मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश एवं सचिव आपदा प्रबंधन श्री एस.ए.मुरूगेशन ने आपदा प्रबन्धन केन्द्र सचिवालय में मौजूद रहकर लगातार स्थिति पर नजर रखी तथा आवश्यक दिशा निर्देश भी जिलाधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से रैणी के समीप स्थित ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना को भारी नुकसान के साथ ही तपोवन स्थित एनटीपीसी की विद्युत परियोजना का भी कुछ नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि इस आपदा में प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार लगभग 125 लोग लापता है। रैणी क्षेत्र के 5 लोगो की भी इसमें अपनी जान गवानी पडी है। अब तक सात लोगों के शव बरामद किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मृतको के आश्रितों को तात्कालिक रूप में 4-4 लाख की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला उदेद्श्य जान माल की सुरक्षा का है। ऋषिगंगा व एनटीपीसी द्वारा उन्हे हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस क्षेत्र में एक बड़ा तथा 4 छोटे पुलों को नुकसान पहुंचा है। इससे प्रभावित लगभग 11 गांवों को आवश्यक सहायता आदि उपलब्ध कराने के लिये आर्मी हेलीपैड एवं एसडीआरएफ के जवानों के साथ ही आर्मी एवं राज्य सरकार के हेलीकाप्टरों की व्यवस्था के साथ ही आवश्यक चिकित्सा सुविधा के लिये डाक्टरो की भी व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रैणी के निकट नीति घाटी को जोडने वाले जिन सड़कों एवं पुलों को हुए नुकसान से जिन गांवों का सड़क से सम्पर्क टूट गया है उनमें गहर, भंग्यूल, रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, तोलमा, फगरासु आदि गांव शामिल है, तथा पुलों में रैणी मे जुगजू का झूला पुल, जुवाग्वाड-सतधार झूलापुल, भग्यूल-तपोवन झूलापुल तथा पैंग मुरण्डा पुल बह गया है। रैणी मे शिवजी व जुगजू मे मां भगवती मंदिर भी आपदा मे बह गए है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है, खतरे वाली बात नहीं है। विद्युत परियोजना की सुरंग में मलबा अंदर तक जमा है और सुरंग तक पहुंचना अत्यंत कठिन था। मशीन का सुरंग में जाना मुश्किल था, इसलिए आईटीबीपी के जवान रोप के सहारे वहां पहुंचे। सुरंग में 35-40 फीट गाद जमा है। 250 मीटर लंबी इस सुरंग में अपने हौसले के जरिये जवान 150 मीटर तक पहुंच चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि एनडीआरएपफ की टीम दिल्ली से आई है और कल और जवान आएंगे। आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स और हमारे डाॅक्टर आपदा स्थल पर तैनात किए गए हैं। ऐरियल सर्वे कर उन्होंने स्वयं स्थिति का जायजा लिया। किसी भी प्रकार की जरूरत पड़ने पर वहां आर्मी, वायुसेना और राज्य के हेलीकाॅप्टर तैनात कर दिए हैं। हमारी मेडिकल टीम हर परिस्थिति के लिए तैयार है और 90 जवानों को भी वहां पहुंचा दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जब खबर लगी तो उन्होंने उनसे फोन पर बात कर चिंता व्यक्त की और कहा कि मदद की जरूरत पड़ने पर वे मदद के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मृतक आश्रितो को 02-02 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा भी की है। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द के साथ ही गृहमंत्री श्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतिश कुमार, सीडीएस जनरल विपिन रावत आदि ने भी हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। आचार्य बालकृष्ण ने सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि वे अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए तैयार हैं और हर स्थिति में सरकार के साथ हैं। शान्तिकुंज एवं विवेकानन्द अस्पताल पीपलकोटी ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री ने इस भीषण आपदा से उत्पन्न स्थिति के सम्बन्ध में अफवाह फैलने से बचाने में योगदान देने के लिए मीडिया को भी धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर जरूरत की पूर्ति करने की पूरी व्यवस्था हमारे पास है। हमारे पास रेस्क्यू टीम, मेडिकल, हेलीकाॅप्टर, एक्सपर्ट पर्याप्त मात्रा में है। सरकार का पूरा ध्यान जिनका जीवन बचा सकते हैं, उनकी ओर है। उन्होंने बताया कि रूद्रप्रयाग के करीब पानी स्वच्छ है। उन्होंने कहा कि आपदा की सूचना मिलते ही श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के बांध से पानी खाली कर दिया गया था। साथ ही गंगा व अलकनंदा के किनारे तुरंत हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबन्धन केन्द्र का भी निरीक्षण किया तथा शासन के उच्चाधिकारियों के साथ आपदा से उत्पन्न स्थिति पर विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आपदा प्रभावित क्षेत्र मंे राहत एवं बचाव कार्यो की निरन्तर निगरानी की जाय। उन्होंने कहा कि इसके लिये वांछित धनराशि की अविलम्ब व्यवस्था सुनिश्यित की जाय। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री अमित नेगी, श्री एस.ए मुरूगेशन, आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन, डीआइजी श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, महानिदेशक सूचना डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।
जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आई इस भीषण आपदा में बचाव व राहत कार्यो के सम्बन्ध में आईटीबीपी के कमांडेंट शेंदिल कुमार ने बताया कि आईटीबी के 250 जवान रेस्क्यू स्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू आॅपरेशन कर रहे हैं। जिसमें मेडिकल आॅफिसर सहित आठ आॅफिसर भी शामिल है। एनटीपीसी पाॅवर हाऊस के आस पास के ईलाके में कार्य कर रहे हैं। 10 से 15 लोग टनल में कहीं फंसे हैं, अभी अनुमान है कि ये लोग जिंदा है। इनको निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं। गौचर में आईटीबीपी की आठवीं बटालियन की दो टीमें जिसमें 90 जवान हैं, घटना स्थल के लिए निकल चुके हैं। इसके अलावा गौचर एवं देहरादून में एक-एक कम्पनी आदेश की प्रतीक्षा कर रही है। उत्तरकाशी में मातली एवं महिडाण्डा में भी एक-एक कम्पनी इस टास्क के लिए तैयार है। इसके अलावा स्पेशलिस्ट माउंटयरिंग एवं स्कीइंग इंस्ट्टीयूट औली की दो टीमे तपोवन एरिया में पहुंच चुकी है।
सेना के कर्नल श्री एस. शंकर ने बताया कि जोशीमठ से सेना के 40 जवानों का एक दल तपोवन पहुंच गया है। एक दल जोशीमठ में है। दो सैन्य दल औली से जोशीमठ के लिए रिलीफ आॅपरेशन के लिए आ चुके हैं। रूद्रप्रयाग में दो सैन्य दल तैयार रखे गये है। एक इंजिनियरिंग टास्क फोर्स जोशीमठ से तपोवन पहुंच गया है। 02 मेडिकल आॅफिसर एवं दो एम्बुलेंस तपोवन पहुंच चुके हैं। आर्मी का हैलीपैड सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए चालू है। कम्यूनिकेशन के लिए सिविल लाईन चालू है। बरेली से दो हैलीकाॅप्टर भी जोशीमठ पहुंच गये हैं।

*आवश्यक सूचना* आम जनमानस को सूचित किया जाता है कि *तपोवन रैणी* क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण *ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट* को काफी क्षति पहुँची है,जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, ज़िस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है जल्दी से जल्दी सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। *वर्चुअल पुलिस स्टेशन जनपद चमोली* Whatsapp 9458322120, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने लोगों से अपील है कि बेचैन न हों। हमारी टीमें मदद में लगी हुई हैं। तपोवन डैम में फँसे हुए 16 लोगों को उत्तराखंड पुलिस सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा रही है। श्रीनगर में पानी का बहाव सामान्य हो गया है। पानी अब कंट्रोल तरीके से आगे बढ़ रहा है। कृपया हमारा सहयोग करें।

     🅰️प्रधानमंत्री मोदी को असम में रहते हुए उत्तराखंड में ग्लेशियर हादसे की जानकारी मिली तो उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी तरह की कोई कोताही न बरती जाए। मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी प्रमोद रावत ने लिखा है कि “उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत चमोली में तपोवन इलाके के रैणी गांव के पास पहुंचे और प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। वह हादसे के बाद की स्थिति का लगातार जायजा ले रहे हैं। दो बाँधों पर कार्यरत लगभग 140 लोग लापता बताए जा रहे है, दो लोगों के शव बरामद किए जा चुके है। एसडीआरएफ, आईटीबीटी व सेना के लगभग 500 जवान प्रभावित क्षेत्रों में पहुँच चुके है।#chamoli #Uttarakhand #glacier”

       पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि “उत्तराखंड के चमोली जनपद में आपदा का समाचार मिला है। चमोली, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर (पौड़ी) इलाकों में बाढ़ के खतरे को देखते हुए हाई-अलर्ट जारी कर दिया गया है। ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग व आपदा प्रबंधन विभाग को इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा निर्देश दिए गए हैं। इस आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार कारगर कदम उठा रही है अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें।” राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि “उत्तराखंड में ऋषि गंगा नदी में ग्लेशियर टूटने से आयी बाढ़ के संबंध में माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी से बात हुई। उन्होंने बताया की एनडीआरएफ, आइटीबीपी , वायु सेना और संबंधित विभागों ने त्वरित रूप से ज्वाइंट ऑपरेशन प्रारंभ कर दिया है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता जान माल की रक्षा है।”

   पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि #जोशीमठ तहसील के #नीति_घाटी में #ग्लेशियर के टूट करके #ऋषि_गंगा में आने से बड़ी तबाही के समाचार हैं, जो बहुत चिंता पैदा कर रहे हैं। #प्रशासन, व्यवस्थाएं कर रहा है लोगों को सुरक्षित करने की, स्थिति की निरंतर जानकारी दी जानी चाहिये ताकि अलकनंदा और अलकनंदा के बाद गंगा जी के प्रवाह क्षेत्र में स्थिति के मुकाबले के लिए आवश्यक तैयारियां की जा सकें। रमेश पहाड़ी लिखते हैं कि चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र तपोवन के समीप ऋषि गंगा में आज सुबह ग्लेशियर टूटने से बिजली परियोजना के कर्मचारियों की क्षति का आँकलन अभी तक नहीं हो पाया है लेकिन चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में सम्भावित बाढ़ का खतरा पूरी तरह टल गया है। चमोली के आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि परियोजना स्थल तथा समीपवर्ती क्षेत्रों में हुई जनहानि का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अलकनन्दा में जल का स्तर लगभग सामान्य हो गया है। वरिष्ठ पत्रकार ललिता प्रसाद लखेड़ा का कहना कि अलकनन्दा का जल-स्तर सामान्य होने के कारण अब बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। इधर रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी श्री रजवार ने बताया है कि यद्यपि नदी का जल-स्तर कम होना बताया जा रहा है लेकिन खतरे का अलर्ट अभी जारी है। बाढ़ का पानी जिले में पहुँचने के बाद ही स्थिति की समीक्षा कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

रुद्रप्रयाग जिले के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता औऱ व्यापारी प्रदीप बगवाड़ी ने कहा है कि जिले में कोई संकट नहीं है लेकिन सावधानी बरतने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।   प्रदीप बगवाड़ी रूद्रप्रयाग से लिखते हैं कि बड़ी बाढ़ का खतरा टल गया है चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र तपोवन के समीप ऋषि गंगा में आज सुबह ग्लेशियर टूटने से बिजली परियोजना के कर्मचारियों की क्षति का आँकलन अभी तक नहीं हो पाया है लेकिन चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में सम्भावित बाढ़ का खतरा पूरी तरह टल गया है। चमोली के आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि परियोजना स्थल तथा समीपवर्ती क्षेत्रों में हुई जनहानि का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अलकनन्दा में जल का स्तर लगभग सामान्य हो गया है। वरिष्ठ पत्रकार ललिता प्रसाद लखेड़ा का कहना कि अलकनन्दा का जल-स्तर सामान्य होने के कारण अब बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। इधर रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी श्री रजवार ने बताया है कि यद्यपि नदी का जल-स्तर कम होना बताया जा रहा है लेकिन खतरे का अलर्ट अभी जारी है। बाढ़ का पानी जिले में पहुँचने के बाद ही स्थिति की समीक्षा कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। जिले के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता औऱ व्यापारी प्रदीप बगवाड़ी ने कहा है कि जिले में कोई संकट नहीं है लेकिन सावधानी बरतने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।

       मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में सैलाब आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है। एहतियात के लिए भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर में GVK डैम तथा ऋषिकेष के वीरभद्र डैम को खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। मेरी आपसे विनती है कि अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान ना दें। सरकारी प्रमाणिक सूचनाओं पर ही ध्यान दें। मैं स्वयं घटनास्थल पर रवाना हो रहा हूं। अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं और आपको किसी भी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 9557444486 तथा सीएम हेल्पलाइन नंबर 1905 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।  

जिले की नीति घाटी के तपोवन क्षेत्र में रविवार सुबह लगभग 10 बजे के आसपास ग्लेशियर टूटने से त्रषिगंगा नदी पर बाढ आ गई। जिसमे त्रषिगंगा पावर प्रोजेक्ट तथा तपोवन पावर प्रोजेक्ट बह जाने से जानमाल सहित तपोवन क्षेत्र मे परिसंपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है।
सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने तत्काल जिले के नदी तट के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया। जिला प्रशासन की ओर से नदी तट क्षेत्र के इलाकों को खाली करवाया गया और मौके पर जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, आर्मी सहित स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया।

रैणी के निकट नीति घाटी को जोडने वाला सड़क पुल बह गया है। जिससे लगभग 7 -8 गांवो का संपर्क टूट गया है। जिसमें गहर, भंग्यूल, रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, तोलमा, फगरासु आदि गांव शामिल है

रैणी मे जुगजू का झूला पुल, जुवाग्वाड-सतधार झूलापुल, भग्यूल-तपोवन झूलापुल तथा पैंग मुरण्डा पुल बह गया है। रैणी मे शिवजी व जुगजू मे मां भगवती मंदिर भी आपदा मे बह गए है।

बताया जा रहा है कि जब यह बाढ आई उस समय ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट मे 33 लोग काम कर रहे थे। जबकि तपोवन पावर प्रोजेक्ट में 178 वर्कर है जिसमे से 5 पहले ही भाग गए थे। खबर लिखे जाने तक 25 लोगो को सही सलामत रेस्कयू किया गया है। जिसमे 12 तपोवन से और 13 रैणी से रेस्कयू हुए है जबकि अभी तक 8 डेडबॉडी भी रिकवर हुई है। रेस्कयू आपरेशन जारी है। वही लगभग 154 लोग लापता बताए जा रहे है।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिह रावत ने रैणी और तपोवन मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने टनल मे फसे लोगों को बचाने के लिए रेस्कयू आपरेशन मे तेजी लाने को कहा। वही रैणी मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए कहा कि हमारी कोशिश रहेगी जो लोग सडक संपर्क टूटने से फंस गए है उन तक जल्द से जल्द मदद पहुंचायी जाएगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर जरूरत की पूर्ति करने की पूरी व्यवस्था हमारे पास है। हमारे पास रेस्क्यू टीम, मेडिकल, हेलीकाॅप्टर, एक्सपर्ट पर्याप्त मात्रा में है। सरकार का पूरा ध्यान जिनका जीवन बचा सकते हैं, उनकी ओर है। इस दौरान जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, एसपी यशवंत सिंह चौहान भी मौके पर मौजूद थे। देर सांय डीजीपी अशोक कुमार ने भी आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन का निरीक्षण किया।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने के मार्ग निर्देशन पर घटना स्थल पर रेस्कयू आपरेशन जारी है। यहां पाकलैंड मशीन, एक्सावेटर व जेसीबी मशीन लगाकर टनल से मलवा हटाने का काम जारी है। वही जिलाधिकारी ने संपर्क मार्ग टूटने के कारण फंसे लोगो तक शीघ्र रसद एवं जरूरी सामना पहुंचाने हेतु व्यवस्था करा दी है। जिला प्रशासन द्वारा मौके पर सभी जरूरी व्यवस्थाओ के साथ फूड पैकेट, पानी आदि पूरी व्ववस्था की गई है। जिला प्रशासन की पूरी टीम मौके पर मौजूद है।

चमोली  06 फरवरी,2021 (सू0वि0)
मुख्य सचिव महोदय उतराखण्ड शासन, श्री ओम प्रकाश का जनपद भ्रमण कार्यक्रम प्र्राप्त हुआ हैै। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि मुख्य सचिव 8 फरवरी को प्रातः 9ः45 बजे भराणीसैण पहुंचेंगे। वहां सचिव, राज्य सम्पति विभाग एवं अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ सचिवालय भवन, आवासीय परिसर, कार्यालयों की अवस्थापना संबंधी निर्माण कार्याे का निरीक्षण करेंगे तत्पश्चात दोपहर 2 बजे देहरादून के लिए प्रस्थान करेंगे।