
*भारत सरकार के स्तर पर केन्द्र के तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ के अन्तर्गत आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने हेतु टाईमलाइन दी गयी*
*टी.सी.पी. तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाये जाने हेतु चिन्हित किया गया*
*3.10 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि 207 प्रभावित परिवारों को अन्तरिम राहत के तौर पर वितरित की गई*
*जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 540 एल.पी.एम से घटकर 123 एल.पी.एम हुआ*
सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने मंगलवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप 207 प्रभावित परिवारों को 3.10 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है। राहत की खबर है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 123 एल.पी.एम. हो गया है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि भारत सरकार के स्तर पर केन्द्र के तकनीकी संस्थानों को जोशीमठ के अर्न्तगत आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने हेतु टाईमलाइन दी गयी है। सीबीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को तीन सप्ताह, एनजीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह, वाडिया संस्थान के 07 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, जीएसआई के सात वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह, सीजीडब्ल्यूबी के 04 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट एक सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह तथा आईआईआरएस को एक सप्ताह में प्रारम्भिक रिपोर्ट तथा तीन माह में अन्तिम रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि टी.सी.पी. तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाये जाने हेतु चिन्हित किया गया है। जे.पी. के 15 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें तोड़ने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 167 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 838 है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।
जिला एवं सत्र न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश पुजारी ने भी जोशीमठ भू धसांव पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं उन्होंने कहा कि “जोशीमठ के लोग वर्तमान में अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं, सरकार विस्थापन की बात कर रही है, कुछ स्थान तय किये गए हैं, लोगों की राय ली जा रही है, कुछ का कहना है कि हम विस्थापन नहीं चाहते, हमें नगद धनराशि मूल्यांकन के बाद बद्रीनाथ की तर्ज पर दे दी जाए, कुछ पुश्तैनी होने कारण जोशीमठ छोड़ना ही नहीं चाहते हैं, कुछ विस्थापन की जगह जो सरकार ने चुनी है, वहां से नाखुश हैं, अजीब असमंजस की स्थिति है।
स्व० हेमवतीनंदन बहुगुणा कहते थे कि जहां समस्या है वहां हल भी है, और जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक दलों के लोगों को खाली समस्या को ही बार-बार रेखांकित करना उचित नहीं है, उन्हें समस्या का समाधान भी सुझाना चाहिए।
मेरा सभी लोगों से अनुरोध है कि इस विकट समस्या के लिये समाधान सरकार, प्रसाशन को लिखित में दे उससे सरकारी अमले को निर्णय लेने में सुविधा होगी।
मेरा अपना सुझाव है कि प्रसाशन ने जिन स्थानों को विस्थापन के लिये चुना है उन सभी स्थानों पर प्रस्तावित मकान या हट बनाकर लोगों को आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू करें। पहले निर्माण प्रस्तावित तीन-चार जगहों पर मकान खड़े किये जायें, उसके बाद गरीबी रेखा से नीचे, गरीबी रेखा के ऊपर, क्रीमी लेयर श्रेणी के लोगों को आवंटन हो। पैसा किसी भी दशा में नकद प्रभावितों को न दिया जाए, और उसके लिए सरकारी अफसरों के साथ स्थानीय नगर पालिका के अध्यक्षों, वार्ड मेम्बर व राजनीतिक दल के लोगों का भी प्रतिनिधित्व हो।
आपसे भी आग्रह है, कि प्रसाशन को अपने सुझाव शीघ्र ही लिख भेजें, ताकि इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों को निजात मिल सके।
हैं हमने लोगों के पशुओं के लिए भी गौसदन बनाने की मांग 6 जनवरी को पशुपालन मंत्री को लिख भेजी थी, उनका धन्यवाद उस पर भी काम हो रहा है।”
प्रदेश में निशुल्क वितरित होंगे शीतकालीन फलों की २.६० लाख पौध : उद्यान मंत्री गणेश जोशी
सेब, खुमानी, आडू, प्लम, नाशपाती, अखरोट, कीवी आदि प्रजातियों के पौधे किये जाऐंगे वितरित
वर्तमान में राजकीय उद्यानों में उपलब्ध हैं 2.60 लाख पाँधे
हरिद्वार: कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार के विजन-2025 के अन्तर्गत बागवानी फसलों का उत्पादन दोगुना किये जाने के लिए कृषकों को अधिक से अधिक फलदार पौधों का वितरण कर लक्ष्य को पूर्ण किया जा सकता है और हमने राजकीय पौधालयों में उत्पादित समस्त शीतकालीन फल पौधों को कृषकों के प्रक्षेत्र में रोपण किये जाने के लिए निःशुल्क वितरित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
मा0 कैबिनेट मंत्री ने बताया कि राज्य में स्थापित 93 राजकीय उद्यानों या पौधालयों में मौसम वर्षाकालीन एवं शीतकालीन में विभिन्न प्रकार की फल पौध रोपण सामग्री उत्पादित की जाती है। राजकीय उद्यानों में शीतकाल में मुख्य रूप से सेब, खुमानी, आडू, प्लम, नाशपाती, अखरोट, कीवी आदि प्रजातियों के पौधे तैयार किये जाते हैं। इस वर्ष शीतकालीन में लगभग 2.60 लाख फल पौधे राजकीय उद्यानों में उपलब्ध हैं, जिनका वितरण प्रदेश भर में निशुल्क किया जाऐगा। मंत्री ने कहा कि प्रदेश की बागवानी को एक नई ऊँचाई प्रदान कर सरकार के विजन-2025 तक बागवानी के उत्पादन को दोगुना करने के लक्ष्य को सफल बनाने में सभी का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार का संकल्प है कि जब राज्य निर्माण की रजत जयंती होगी, तब हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हमने आम नागरिकों और औद्यानिक क्षेत्र में कार्य कर रहे कृषकों के साथ चर्चा कर प्रदेश में बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिये। जहां पहले सिर्फ कुछ ही वरायटी के लिए परमिशन दी जाती थी, वहीं अब एम-7. एम-9 एमएम-106 एवं एमएम-111, सीडलिंग रुटस्टाक में से जो भी बागवान को ठीक लगे, उसे वह अपने बगीचें लगा सकता है।
विदित हो कि इस सम्बन्ध में शासन द्वारा दिनांक 16 जनवरी, 2023 को शासनादेश निर्गत किया चुका है। राज्य के समस्त कृषक या बागवान एवं इच्छुक व्यक्ति अपने प्रक्षेत्र पर फलदार पौधों के रोपण के लिए अपने जनपद में स्थापित उद्यान सचल दल केन्द्र, मुख्य उद्यान अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर निःशुल्क फल पौध प्राप्त कर रोपण कर सकते हैं।