प्रकाश पुरोहित जयदीप यानी जिंदा रहेंगी यात्राएं

अरूण कुकसाल

यायावर, पत्रकार, लेखक, चित्रकार, कहानीकार, कवि
दोस्तों का दोस्त प्रकाश पुरोहित’जयदीप’
14 अप्रैल,1962-13 मार्च,1998
आज तुम जैसा दोस्त साथ होता तो
‘जिन्दगी में कुछ और ही बात होती’।
फिर भी तुम यहीं कहीं हो तुम्हें जन्मदिन की बधाई, शुभ-कामनाएं और शुभ-आशीष।
तुम्हारी यात्राएं हमेशा जिन्दा रहेंगी।