रैणी तपोवन ग्लेशियर विस्फोट की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सांसदों के साथ बैठक कर आगे की कार्ययोजना तैयार की, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस घटना क्रम का अध्ययन आवश्यक है, शिक्षा मंत्री निशंक ने स्थलीय निरीक्षण कर कहा सरकार की प्राथमिकता राहत बचाव और सृजन

रैणी तपोवन ग्लेशियर विस्फोट की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सांसदों के साथ बैठक कर आगे की कार्ययोजना तैयार की, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस घटना क्रम का अध्ययन आवश्यक है, शिक्षा मंत्री निशंक ने स्थलीय निरीक्षण कर कहा सरकार की प्राथमिकता राहत बचाव और सृजन।

रिपोर्ट – ✍️हरीश मैखुरी

रैणी तपोवन दुर्भिक्ष की जैसी घटना को आघार बनाने का विकास विरोधियों को मुद्दा भी मिल गया है। कल से ही उनका विकास विरोधी ऐजेंडा चालू हो गया कि विकास योजनायें ही प्राकृतिक विनाश का कारण हैं। सरकार पूंजीपतियों के रिमोट से चल रही हैं आदि इत्यादि। ब्ला.. ब्ला… लेकिन हमें समझना चाहिए कि विकास एक सतत् प्रकृया है उसे रोकना भी अप्राकृतिक कार्य ही होगा। हम प्राकृतिक आपदा को रोक नहीं सकते जिसे हम आपदा कहते हैं वह प्रकृति का जीवनचक्र है। सृजन और विसर्जन ही प्रकृति है। हम तो बस इतना करें कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाते हुए बिना ब्लास्टिंग किए नयीं तकनीक से अपनी योजनाओं का सृजन करें। अति उच्च हिमालयी क्षेत्र में भी मूल भूत आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति के लिए विकास की योजनाओं का प्राक्कलन तैयार होना ही चाहिए । वहां हम सोलर और विंड की उर्जा पर आधारित प्रोजेक्ट को प्राथमिकता बनायें। अति उच्च हिमालयी क्षेत्र में बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाने से पहले ग्लेशियोंलाजीकल अध्ययन अवश्य करें। यही कल की घटना की सीख है। लेकिन विकास विरोधी शक्तियों और आंदोलन जीवियों को कल की दुर्घटना में अवसर तलाशने का स्कोप छोड़कर आदमयुग में वापस जाना न तो पुरूषार्थ है ना ही बुद्धिमत्ता कहा जा सकता है।

On the incident of the Raini Tapovan glacier blast, Prime Minister Narendra Modi held a meeting with the MPs of Uttarakhand and prepared a further action plan, Chief Minister Trivendra Singh Rawat said that the study of the sequence of events is necessary, Education Minister Nishank said on the basis of terrestrial inspection, the government’s priority Relief rescue and creation

 निश्चित रूप से देवभूमि में शदियों से आस्था के केंद्रों के साथ बिना वहां की धार्मिक परंपराओं को जाने निर्ममता से उन्हें उजाड़ना दुर्भिक्ष के कारण होते हैं। इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए देश के शिक्षा मंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि – जब पृकृति और संस्कृति का समन्वय ना हो – तब “विकृति” आती है

कल की घटना में आपदा को न्यूनीकृत करने की सरकार की रणनीति सराहनीय है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सभी सांसदों के साथ बैठक कर सुझाव मांगे और आगे की कार्य योजना बनाई है।

8 फरवरी 2021 को उत्तराखंड के सांसदों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से भेंट कर उत्तराखंड में आई आपदा के संबंध में चर्चा की। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी भी मौजूद थे।*

*भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रमुख एवं सांसद अनिल बलूनी ने कहा की सांसदों ने प्रधानमंत्री जी का आभार जताया कि उन्होंने घटना का त्वरित संज्ञान लेकर संपूर्ण मशीनरी को सक्रिय किया।*

*सांसद बलूनी ने कहा कि उनके अतिरिक्त उत्तराखंड से सांसद श्री अजय भट्ट, श्री अजय टम्टा, श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह एवं श्री नरेश बंसल ने माननीय प्रधानमंत्री जी से भेंट की।*

*सांसदों ने प्रधानमंत्री जी अनुरोध किया कि उत्तराखंड निरंतर आपदाओं से प्रभावित प्रांत है। निरंतर बाढ़, भूस्खलन व बादल फटने की घटनाओं से राज्यवासी जूझते रहते हैं। राज्य में मौसम का पूर्वानुमान बताने वाले दो डॉप्लर रडार स्थापित हो चुके हैं, एक पर कार्य जारी है जिससे बहुत लाभ मिलेगा।*

*सांसदों ने अनुरोध किया कि ग्लेशियरों के अध्ययन और आपदा से त्वरित निपटने की तकनीकी और मैकेनिज्म पर गहनता से कार्य करने की आवश्यकता है ताकि हम 2013 की केदारनाथ आपदा या ऋषि गंगा की आपदा जैसी घटनाओं से महत्वपूर्ण जीवन को बचा सकेंगे।*

*सांसद ने गृहमंत्री श्री अमित शाह जी का भी आभार जताया जिनके निर्देशन में एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमों का राहत अभियान जारी है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी ने भी कार्यकर्ताओं से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सहायता करने की अपील की है सांसदों ने उनका भी आभार प्रकट किया।

      उसी तरह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत निरन्तर घटना स्थल की मौनेटरिंग कर रहे हैं वह निश्चित रूप से एक जिम्मेदार सरकार की इच्छा शक्ति का परिचायक है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जोशीमठ के रेणी क्षेत्र से ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न आपदा के कारण तपोवन गांव के पास तपोवन विष्णु गंगा प्रोजक्ट का जो कार्य चल रहा था, इसमें काफी श्रमिक कार्य कर रहे थे। अभी तक जो आंकड़े प्राप्त हुए है,11 शव रिकवर किये जा चुके हैं। लापता लोगों की खोजबीन जारी है। कल मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का खुद स्थलीय निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि डीजीपी कल से ही इस क्षेत्र में कैम्प किये हुए हैं। कमिश्नर गढ़वाल और डीआईजी गढ़वाल को भी आज से क्षेत्र में कैम्प करने के निर्देश दिये गये है। जिला प्रशासन की पूरी टीम कल से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। अन्य जिला से भी अधिकारी मौके पर भेजे गये हैं, ताकि जो शव वहां पर मिलेंगे उनका पंचनामा एवं पोस्टमार्डम जल्द हो सके।
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी, सैना, और एनडीआरएफ की टीमें कल से राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। 35 लोगों के एक सुरंग में फंसे होने की संभावना है, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। कल से ही इन लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। मौके पर पर्याप्त मानव संसाधन है, एनडीआरएफ की अन्य टीमे भी तैयार हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस घटना के कारणों का पता चल सके, इसके लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिये गये हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाये, ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरते जा सकें।
*राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रूपये जारी किए गए हैं। 

    शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री आरके सिंह, सांसद श्री तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री और चमोली जिले के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी तपोवन आदि क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। कनेक्टीवीटी से कटे गांवों में हेलीकाप्टर से पहुंचाई गई राशन व राहत सामग्री हेलीकाप्टरों से भेजी गई है। 

इसी के साथ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों, आपदा प्रबंधन, पुलिस, सेना एवं आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ के रेणी क्षेत्र में आई आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि क्षेत्र में खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों में लगे कार्मिकों को भी सभी आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध हो। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है। 

*संवेदनशील स्थानों का समय-समय पर सर्वे के निर्देश*

               मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का समय-समय पर सर्वे कराया जाय। एसडीआरएफ की टीमें भी संवेदनशील स्थानों के निकट तैनात की जाय।  आईआरएस के निदेशक डाॅ. प्रकाश चौहान ने जानकारी दी कि ताजी बर्फ के स्खलन से आपदा की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह से नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई। अब स्थिति सामान्य है।

*प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी की सुचारू आपूर्ति*
बैठक में जानकारी दी गई प्रभावित क्षेत्र के आस-पास बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू हैं। तत्काल राहत के लिए एक हजार राशन के पैकेट एवं अन्य सामग्री भेजी गई है। रैस्क्यू का कार्य जारी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सैन्य सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस.नेगी, मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव श्री अमित नेगी, श्री नितेश झा, श्री शैलेष बगोली, श्री दिलीप जावलकर, श्री एस.ए. मुरूगेशन, श्री सुशील कुमार, श्री दीपेन्द्र चौधरी, कर्नल श्री एस. शंकर, आईटीबीपी के कमाडेंट श्री शेंदिल कुमार, आईजी श्री संजय गुंज्याल, डीआईजी श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

*लापता लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए जारी होगी एसओपी*
मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने बताया कि सरकार की मंशा है कि लापता लोगों के परिजनों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसकी प्रक्रिया तय करने के लिए जल्द ही एक एसओपी जारी की जाएगी।

 

*केंद्रीय मंत्रियों ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया*
ऊधर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री आरके सिंह, सांसद श्री तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा मंत्री और चमोली जिले के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी तपोवन आदि क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से बात की। विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट, विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी तपोवन एवं रैणी मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया।

 

*सर्च व रेस्क्यू  आपरेशन तेजी से जारी*
चमोली जिले में रविवार को आयी आपदा के दूसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा। आपदा मे सडक पुल बह जाने के कारण नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है उन गांवों में जिला प्रशासन चमोली द्वारा हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचायी जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया  कि जब तक यहां पर वैकल्पिक व्यवस्था या पुल तैयार नही हो जाता तब तक हैली से यहां पर रसद पहुंचाने का काम जारी रहेगा और जल्द से जल्द क्षेत्र के लोगो की परेशानियां दूर करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। गांवों मे फसे लोगो को राशन किट के साथ 5 किलो चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्री हैली से भेजी जा रही हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर जिला प्रशासन की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 70, एनडीआरएफ के 129, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की 1 टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की 02 मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड की 02 मेडिकल टीमें लगी हुई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद 18 शव मिल गए हैं जबकि 202 लोग लापता हैं। एनटीपीसी से 12 और ऋषिगंगा प्रोजेक्ट से 15 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।