करोना वायरस की चुनौती से निबटने हेतु 31मार्च तक शिक्षण संस्थानों में छुट्टी

 

देश में कोरोनावायरस दस्तक दे चुका है देश भर में 50 से अधिक मरीज  मरीजों में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई है, इसी को देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने भी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचने की सलाह दी है, और खांसी जुकाम बुखार गले और छाती में दर्द की स्थिति में अपने डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने करोना वायरस को आपदा घोषित किया है, ऐतिहातन उत्तराखंड के स्कूल 31 मार्च तक बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। सचिव विद्यालयी शिक्षा मीनाक्षी सुंदरम ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उत्तराखंड की सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को 31 मार्च तक के लिए बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। आर मीनाक्षी सुंदरम द्वारा जारी आदेश में लिखा गया है कि पूरे दुनिया में क्रोना वायरस आपदा के रूप में फैला है ऐतिहातन प्री प्राइमरी प्राइमरी उच्च प्राथमिक हाई स्कूल और इंटरमीडिएट स्तर तक की सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश हैं, केवल बोर्ड परीक्षाऐं अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चलती रहेंगी। करोना वायरस भी एक सामान्य इन्फ्लूएंजा की तरह ही है यह युवाओं को कम और बच्चों और वृद्धों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।

बता दें कि करोना से भारत में पहली मौत सऊदी से लौटे 76 वर्ष के बुजुर्ग की हुई हैै। उतर प्रदेश और दिल्ली में भी 31 माार्च तक इंटर तक के विद्यार्थियों की छुट्टी की है।  

उधर सनसनीखेज खबर आ रही है कि *चीन ने अपने गुप्त जैविक युद्ध कार्यक्रम * के भाग के रूप में अपनी P4 प्रयोगशाला में कोरोनोवायरस का विकास किया। इस वायरस का उपयोग अन्य देशों को नष्ट करने के लिए किया गया। लेकिन वायरस ने वुहान पी 4 लैब से बाहर निकल कर चीनी नागरिकों को अपनी दवाई का स्वाद देना शुरू कर दिया।

डॉ। फ्रांसिस बॉयल निर्माता बायोवेप्सन एक्ट कहते हैं, कोरोनोवायरस जैविक युद्ध हथियार है GreatGameIndia

एक विस्फोटक साक्षात्कार में, डॉ। फ्रांसिस बॉयल, जिन्होंने जैविक हथियार अधिनियम का मसौदा तैयार किया है, ने एक विस्तृत बयान देते हुए कहा है कि 2019 वुहान कोरोनवायरस एक आक्रामक जैविक युद्ध हथियार है और इसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहले से ही जानता है।

फ्रांसिस बॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस कॉलेज ऑफ लॉ में अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर हैं। उन्होंने जैविक हथियार सम्मेलन के लिए अमेरिकी घरेलू कार्यान्वयन कानून का मसौदा तैयार किया, जिसे 1989 के जैविक हथियार आतंकवाद-रोधी अधिनियम के रूप में जाना जाता है, जिसे अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया था और राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू। बुश।

भू-राजनीति और साम्राज्य के लिए दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में, डॉ। बॉयल ने वुहान, चीन और बायोसेफ्टी स्तर 4 प्रयोगशाला (बीएसएल -4) में कोरोनोवायरस के प्रकोप पर चर्चा की जिसमें से वह मानते हैं कि संक्रामक बीमारी से बच गए।

उनका मानना ​​है कि वायरस संभावित रूप से घातक है और एक आक्रामक जैविक युद्ध हथियार या दोहरे उपयोग वाले बायोवायर हथियार एजेंट को आनुवंशिक रूप से फ़ंक्शन गुणों के लाभ के साथ संशोधित किया गया है, यही कारण है कि चीनी सरकार ने मूल रूप से इसे कवर करने की कोशिश की और अब इसे रोकने के लिए कठोर उपाय कर रही है। वुहान BSL-4 लैब एक विशेष रूप से नामित विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिसर्च लैब भी है और डॉ। बॉयल का तर्क है कि WHO अच्छी तरह जानता है कि क्या हो रहा है।

डॉ। बॉयल ने ग्रेटगैमइंडिया की विशेष रिपोर्ट कोरोनावायरस बायोवेन पर भी छुआ – जहां हमने विस्तार से बताया कि कैसे विन्निपेग में कनाडाई लैब में काम करने वाले चीनी बायोवेरफ एजेंट कोरोनोवायरस की तस्करी में शामिल थे, जहां से वुहान की प्रयोगशाला में रिसाव हुआ था।

साक्षात्कार यहाँ देखें

Dr. Francis Boyle Creator Of BioWeapons Act Says Coronavirus Is Biological Warfare Weapon

 

Breaking news: China will admit coronavirus coming from its P4 lab

सत्य जो भी हो फिलहाल करोना से बचे रहने की चुनौती सबके सामने है। भारत में भी यह कहर बनकर टूट सकता है। अब तक इसके 83 मरीजों में पुष्टि हुई है और दो मौतें हुईं हैं। इसलिए सावधानी आवश्यक है। भारत ने इसे  राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है। उत्तराखंड राज्य सहित देश के अनेक राज्यों ने अपने यहां स्कूल-कॉलेज और बहुत सारे राजनीतिक सम्मेलन और धार्मिक महत्व के कार्यक्रम बंद कर दिए हैं। लेकिन शुक्रवार को होने वाली जगह जगह की भीड़ पर अभी भी सरकार निर्णय लेने में हिचक रही है, इससे भी करोना फैलने की आशंका हो सकती है। बताया जाता है कि चीन में मास्क, सेनेटाइजर फ्री में बांटे जा रहे हैं और यहां व्यापारी ब्लैक में बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। कबाड़ियों द्वारा भी यूज्ड मास्क रिपैक कर मार्केट में बेचे जाने की ख़बर भी शोशल मीडिया पर वायरल है