कंगना रनौत को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कांस्टेबल ने जड़ा चांटा

बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत विमान संख्या UK707 से दिल्ली के लिए यात्रा कर रही थीं। सुरक्षा जांच के बाद जब वह बोर्डिंग के लिए जा रही थीं, तो चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ यूनिट के कांस्टेबल कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ मारा।

कंगना को थप्पड़ मारने का मुख्य मुद्दा यह था कि कुलविंदर कौर ने कहा कि उसने हमारे किसानों का अपमान क्यों किया? महिला कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है। सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उससे पूछताछ किया जा रहा है।

बता दें कि इस बार कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की सांसद चुनी गई है। कंगना रनौत की आपातकाल पर आधारित एक फिल्म रिलीज होने वाली है, जिसमें वो इंदिरा गांधी के रोल में दिखेंगी फिल्म 14 जून को रिलीज हो रही है।

“कंगना ने किसान आंदोलन पर कुछ कहा था तो CISF की ऑफिसर ने आज कंगना पर हमला कर दिया….,”

जो लोग इसे सही ठहरा रहे हैं वे ये समझ लें कि

रक्षक को भक्षक नहीं बनना होता है….!

आपकी व्यक्तिगत सोच और विचारधारा आपकी ड्यूटी के बीच में नहीं आनी चाहिए….!

देशभर में दर्जनों नेता हैं जो सेना के खिलाफ बोलते आये हैं

कभी सिक्युरिटी के दौरान किसी सैनिक की भावना उसकी ड्यूटी के बीच आ गई तो ऐसे नेताओं का वहीं हिसाब हो जाएगा….!

धारा 370…..राम मंदिर…..जैसे मुद्दों पर कई नेताओ और सेलिब्रिटीज़ के घटिया और भद्दे बयान सबके सामने हैं….!

ऐसे लोगों के खिलाफ अगर हर सुरक्षाकर्मी सिक्युरिटी के दौरान अपनी भवनाएँ दिखाने लगा तो बहुत बड़ी दिक्कत हो जायेगी….!

मुझे तो ये समझ नहीं आ रहा है कि कॉंग्रेस बामपंथी और मुस्लिम कैसे इस CISF महिला के एक्ट को जस्टिफाय कर सकते हैं क्या कॉंग्रेस ये भूल गए कि ऐसे ही दो सुरक्षाकर्मचारियों की भावनाएँ उनकी ड्यूटी के बीच आ गई थी जिसकी वजह से इंदिरा गांधी की हत्या हुई….! इसलिए कांग्रेस हो या बामपंथी या नक्शल ऐसे सनकी जवान का समर्थन भूल से भी ना करें जिसे ड्यूटी दायित्व और भावना का अंतर पता ना हो। 

कंगना को हाथ लगाने वाली ऐजेन्डे बाज सुरक्षा कांस्टेबल को तत्क्षण सुरक्षा बल से  हटाया जाना चाहिए। और उसकी गहन जांच हो कि इसके तार खालिस्तानियों या पन्नू गैंग से तो नहीं जुड़े हैं? अन्यथा उसे तो केवल सुरक्षा करनी थी न कि किसान आन्दोलन के समर्थन में चांटा मारना था। 
यदि आप इस लिए कंगना की पिटाई का समर्थन करते हैं कि वो भाजपा सांसद है या उसने कहा कि ये कथित किसान सो रू लेकर धरना दे रहे हैं। तो क्या कल को सेना को वर्दी वाला गुंडा कहने वाले की यदि येही दशा कर दी जाये या सेना के सबूत मांगते वाले की कोई जवान कनपटी पर पिस्टल ताने तो जस्टीफाई करोगे! क्या इसी आधार पर इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह को भी महिमामंडित करेंगे कि उन्होंने खालिस्तान समर्थन में मार दिया था
श्रीलंका में राजीव गांधी को बट मारने वाले सुरक्षा कर्मी को महिमामंडित करेंगे कि उसने लंका में भारत की शांति सेना घुसने का बदला लेकर ठीक किया!! ❗️ 
 

इस फोटो में देखो यदि कंगना रनौत के साथ जवान ने सही किया तो के हिसाब से दिग्विजय सिंह के साथ क्या सलूक होना चाहिए? कंगना को चांटा मारने वाली का समर्थन करना गलत बात है। हमारी सेनाओं का ढांचा ‘देश सर्वोपरी है’ केवल इस भावना से कार्य करने वाले सरकारी कर्मचारी का है न कि किसी आन्दोलनकारी का है। सेना आन्दोलनकारी नहीं बल्कि देश के लिए आत्मसमर्पण करने वाले जवानों की आवश्यकता है।