99 सीट वाले कह रहे हैं कि 241 सीट लाने वाली ‘भाजपा को जनता ने नकार दिया’ है न चमत्कारिक! : यथावत बनी रहेगी मोदी की परफार्मेंस, लिए जायेंगे बडे़ निर्णय

*भारतीय जनता ने ऐसा मतदान किया है, जिसे भारतीय राजनीति में लंबे समय तक याद रखा जाएगा..*भारतीय जनता पार्टी को कुल 241 सीट हिन्दुओं ने दी है, जबकि इंडि गठबंधन के सभी दलों को मिला कर भी वे 232 पर अटक गये। कांग्रेस को कुल 99 सीट मिली है बहुत से राज्यों में खाता भी नहीं खोल पायी।

क्या मोदी Wave नही थी?

मध्यप्रदेश 29/29

दिल्ली 7/7

उत्तराखंड 5/5

हिमाचल 4/4

अरुणाचल 2/2

त्रिपुरा 2/2

छत्तीसगढ़ 10/11

गुजरात 25/26

ओडिशा 20/21

असम 9/12

झारखंड 8/14

तेलंगना 8/17

BJP को महाराष्ट्र और UP में अपेक्षाकृत सीट नहीं मिली है, पर ये नही कह सकते कि पूरे देश ने नकार दिया हो उसके विपरीत कांग्रेस को अधिकतर सीट पंजाब आदि राज्यों में मिली जहाँ बीजेपी नहीं है। 

चुनावों में वोट के बदले खटाखट खटाखट एक लाख देने वादा करके भी कांग्रेस कुल 99 सीट लाकर कह रही है 241 सीट वाली भारतीय जनता पार्टी को जनता ने नकार दिया है। इससे बड़ा चमत्कार राजनीति में अब तक नहीं देखा गया। 

*भाजपा ने जनता के सामने अपना कलेजा उतार कर रख दिया। आतंकवाद पर अंकुश लगाया राम मंदिर बनाया 370 हटाया, देश भर में सड़कों का जाल विछाया रेलवे की दशा सुधार दी 200 नयी वंदे भारत एक्सप्रेस चला रही है। मैट्रो रेल बुलेट-ट्रेन बना रही है। 14 नये एम्स और 100 नये मेडिकल कॉलेज खोल दिए हैं। सफल चंद्रयान अभियान किया। भारत को ग्यारहवीं अर्थव्यवस्था से पांचवी इकोनॉमी बना दिया 80 करोड़ लोगों को #फ्री_राशन दिया। फौज को सेना को सुदृढ़ बनाया 34 राफेल और 8 चिनूक दिए आकाश और ब्रम्हमोस मिसाईल दी। नयी सबमरीन दी विक्रांत समुद्री जाहज दिया। एस 400 एंटी बैलेस्टिक सिस्टम दिया आतंकी पाकिस्तान सीमा पर इलैक्ट्रिक फैंनसिंग लगाई और कश्मीर मांगने वाले पाकिस्तान को को भिखारी बना दिया। इस्लामी आतंकवादि अब सीमा पर आते ही मारे जाते हैं। जनता को 20 करोड़ आवास 30 करोड़ गैस कनैक्शन 40 करोड़ हर घर नल हर घर जल दिया फिर भी जनता ने भाजपा और उसके सहयोगियों को ऐसी जीत दी है..*
*जो हार जैसी लगती है..*

*उन्होंने कांग्रेस गठबंधन को ऐसी हार दी है..*
*जो जीत जैसी लगती है..*

*सब मिल गए बावजूद इसके 50-60 सीट से ज्यादा नहीं घटा पाए मोदीजी की..*
*लेकिन नैरेटिव ये है कि देश ने मोदी को नकार दिया है..*
*ओडिशा में ऐतिहासिक जीत है..*
*आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश में सरकार बन रही है..*
*एमपी – दिल्ली – गुजरात – उत्तराखंड – हिमाचल में क्लीन स्वीप है..*
*दक्षिण और ओडिशा में सीटें जबरदस्त बढ़ी हैं..*
*सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बीजेपी है..*
*लेकिन नैरेटिव ये सेट किया जा रहा है, कि मोदी को हरा दिया..*
*मोदी को कमजोर कर दिया..*
*खुद की सरकार, बने, या ना बने..*
*मोदी को कमजोर कर दिया है..*
*इसी में खुश हैं..*

*अरे भाई, कमजोर कोई हुआ है इस मैंडेट से, तो वो है देश..*
*भारत इकलौता ऐसा देश होगा जो 8% की विकास दर से बढ़ने के बावजूद आज टाइम मशीन में बैठकर 90 के दशक में वापस चला गया है..*
*जहां इससे पूछो, उससे समझो (समझौते वाली) सरकारें चला करती थीं..*
*शायद देश को यही मंजूर है..*
*परंतु निश्चित रूप से तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में फिर से 5 वर्ष का कार्यकाल प्रारंभ करने जा रहे हैं..*
*1962 के बाद आप देश के पहले प्रधानमंत्री है, जो लगातार 3rd term का कार्यकाल प्रधानमंत्री के रूप में करने जा रहे हैं..*

*दस साल सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई थी..*
*किंतु दस साल सत्ता में रहने के बाद, भाजपा अब 241 सीटों पर बैठी है..*
*यही अंतर है..!*

*98 सीट वाले कह रहे हैं..*
*कि 241 सीट वाले को जनता ने नकार दिया है..*
*इससे दिलचस्प नतीजे और क्या होंगे..*

*भाजपा का इस चुनाव में संपूर्ण देश में विस्तार हुआ है..*
*केरल में भी खाता खुला है..*
*और मध्यप्रदेश जैसे राज्य में कांग्रेस के अधिकांश उम्मीदवार लाखो मतों पराजित हुए हैं..*

*देश का पहला ऐसा चुनाव है..*
*जिसमें, जो पार्टी जीती है..*
*उससे ज्यादा खुशी हारने वाली पार्टी मना रही है..*

*जितनी सीटे अकेली भारतीय जनता पार्टी ने जीती है..*
*उतनी सीटे सारे इंडि गठबंधन वालों ने मिलकर भी नहीं जीती है..*

*आज ठाकुर भी खुश है..*
*जाट भी खुश है..*
*आज यादव भी खुश है..*
*आज दलित भी खुश है..*
*आज मुस्लिम भी खुश है..*
*बस आज देशभक्त निराश है..!*

*हमें विश्लेषण का इंतजार करना होगा..*
*हम उत्तरप्रदेश में क्यों हार गए..*
*वह भी एक गुंडा पार्टी से, जिसने गुंडा राज किया..*
*अखिलेश यादव जैसा आत्मविश्वास से भरा भ्रमित नेता अकेले यह सब कैसे कर सकता है ??*

*10 सालों तक मुसलमान को कांग्रेस से कुछ नहीं मिला..*
*पर इन्होंने काँग्रेस का साथ नहीं छोड़ा..*

*वही 10 सालों तक हिन्दू को मोदी जी ने सब कुछ दिया..*
*उसके बावजूद मोदी जी को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी..*
*ग़ज़ब और दुःखद..*

*जिनके आने की आहट मात्र से शेयर बाजार गिरा पड़ा है..*
*वो अगर सचमुच आ जाते तो❓..*
*बर्बादी का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है..*

*कुछ तो बात जरूर है हम हिन्दूओ में..??*
*यूं ही कोई बरसों तक गुलाम नहीं होता..??*
*बर्बाद ए हिंद के लिए एक ही जयचंद काफी था..!!*
*हाल ए हिंद क्या होगा जब हर गांव हर शहर में जयचंद है..!!*

*हिंदू से अच्छे मुसलमान रहे..*
*जिन्होंने यूपी,और बंगाल मैं बता दिया, की हम क्या है..*

*और हिंदुओं ने अयोध्या मे बीजेपी को हराकर कर बता दिया, कि हम क्या है..*
*कुछ नही हुआ है*
*बस आपको टुकड़ों में बांटकर..*
*बांकी सब एक हो गए हैं..*
*जातियों में बंटते रहो और कटते रहो..* 😢
*इस लोकसभा चुनावों के रिजल्ट देखकर, अब हमे इतिहास पढ़ने की कोई जरूरत नही है..*
*क्योकी हम जान गए है, कि हमारे पुरखे क्यो और कैसे गुलाम बने थे..!!*

*इसी को ध्यान में रखकर शायद, वीर सावरकर जी ने सच कहा था..*
*कि, मुझे अंग्रेजों का और मुस्लिमों का भय नहीं है..*
*मुझे तो भय है उन जातिवादी सेक्युलर हिन्दूओं का..*
*जो हिन्दू होकर भी हिंदूओं का विरोध करते हैं..!!*

*सबसे ज्यादा सीट बीजेपी की..*
*भारत मे सबसे ज्यादा मत लगभग 38%भाजपा को मिले..*
*सबसे ज्यादा मतों से बीजेपी प्रत्याशी जीते, जो रिकार्ड है..*
*अनेक प्रदेशों मे विपक्ष का सफाया कर दिया..*
*10साल की सरकार के बाद भी सबसे बडी पार्टी..*
*फिर ये..*
*लगभग, 23%मत पाने वाले ऐसा क्यों कह रहे है की इनको नकार दिया, समझ नही आ रहा है।* 🤔
*हम भारत के लोग लोग..*
*मतदान में रुचि 60℅*
*एग्जिट पोल में रुचि 99℅*
*और..*
*मतगणना में रुचि* *101℅ की रखते हैं।..*
*आज से EVM सती सावित्री घोषित हुई..*
*हम हिन्दू ऐसी गाय हैं..*
*जो पालने वाले किसान से नाराज होकर..*
*कसाई के पास चले जाते हैं..*

*अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद मिला जनादेश बता रहा है की..*
*मथुरा मे श्रीकृष्ण, और काशी मे शिवलिंग..*
*मस्जिद मे ही ठीक है..!!*

*आईपीएस अन्ना मलाई चुनाव हार रहा है..*
*और जेल में बंद आतंकवादी अमृतपाल 1लाख+ से जीत रहा है..*
*कल्पना कीजिए क्या सोच है..*

*रामायण का अंतिम ज्ञान यह है कि..*
*राजा राम ने कितना भी कष्ट सहकर प्रजा को सुखी संतुष्ट करने का अथक परिश्रम से प्रयास किए..*
*किंतु संपूर्ण प्रजा कभी भी संतुष्ट नहीं हुई..*
*क्या वही स्थिति आज भी नहीं है ?**लोकसभा चुनाव के अंतिम परिणाम ..**BJP+NDA – 296*

*इंडि गठबंधन – 231*

*अन्य – 16*
*राष्ट्र सर्वोपरि..!

प्रस्तुति ✍️हरीश मैखुरी 

कयासबाजी: गलती कहां हुई?
– आशीष मेहता

इस बार के भारतीय जनता पार्टी के चुनावी नारों में अपन जैसे कयासबाज को सबसे बड़ी गलती नजर आती है।
“मोदी की गारंटी.. अबकी बार 400 पार ..” के नारों में कहीं न कहीं गलती रही। भाजपा का कैडर व्यक्तिवाद में विश्वास नहीं करता तो “गारंटी” मोदी की नहीं बीजेपी की होनी चाहिए थी। अबकी बार 400 पार के नारे से कांग्रेस ने यह फर्जी नेरेटिव बनाने में सफलता हासिल कर ली, कि भाजपा संविधान बदलेगी और आरक्षण को हटा देगी। जिसके कारण से एससी, एसटी का वोट छिटक गया और उन्होंने मुस्लिम अल्पसंख्यक के साथ मिलकर मजबूत कॉम्बो बना लिया। जिसके कारण से चुनाव से पहले प्रचंड जीत की ओर बढ रही भारतीय जनता पार्टी चुनाव के दौरान आधी रह गई। चार सौ पार के नारे से बेड परफार्मेंस वाले कैंडिडेट को जनता ने हरा दिया। सोच लिया 400 नहीं 399 ही सही। इसके अलावा 400 पार के नारे से कार्यकर्त्ता शिथिल हो गया।

कयासबाजी तो यह है, मोदी को पता चल गया था, कुछ गड़बड़ हो रही है। आरक्षण और संविधान बदलने पर दूसरे चरण में ही स्पष्टीकरण देना शुरु कर दिया। यहीं से चुनाव को हिंदू मुस्लिम पर मोड़ दिया और ऐन चुनाव के मौके पर जनसांख्यिकी रिपोर्ट भी जारी हुई, लेकिन जिस सोशल मिडिया ने 2014 में मोदी को लाभ दिया, वही सोशल मीडिया भस्मासुर बन गया।

इस बार का चुनाव पूरी तरह जातिवाद पर शिफ्ट हो चुका था। राममंदिर का असर कम हुआ तो राम नवमी पर सूर्य तिलक भी हुआ। लेकिन हिंदू तो आखिर हिंदू ही है न.. मुख्तार अंसारी खत्म तो बीजेपी की जरुरत भी खत्म। कयासबाजों को लगता है, सबसे ज्यादा नुकसान जाटों ने किया। जिन्होंने राजस्थान, यूपी, पंजाब, हरियाणा में लंका लगाई। राजस्थान में राजपूतों में स्वयंभू नाराजगी थी और यूपी में टिकट कम देने को लेकर ही नाराज हो गए “बना”। राजस्थान के पूर्वी जिलों में सचिन पायलट और किरोड़ी बाबा की कथित उपेक्षा ने असर दिखाया। जो अपन को संभव नहीं लग रहा था। एससी एसटी को राष्ट्रपति बनाया, जाट को उपराष्ट्रपति बनाया लेकिन कोई भी जाति बेड ब्यॉय में नेता खोजती है सकारात्मक व्यक्ति को नेता नहीं मानती। “सबका विकास” तो खूब हुआ फ्री राशन से लेकर पीएम आवास भी खूब बने लेकिन “सबका साथ” नहीं मिल पाया।

कयासबाज कहते हैं, सरकार ने 10 साल अपने संगठनों की उपेक्षा की। भारतीय सांस्कृतिक प्रतीकों के बजाय नेहरू कालीन प्रतीकों का ही महिमा मंडन करते रहे। पाठ्यक्रम में, इतिहास में.. हिंदू राष्ट्रवाद के प्रतीक नायकों की उपेक्षा हुई, मुलायम सिंह यादव को पद्म भूषण मिल गया। चाणक्य और चंद्रगुप्त सरीखे नायक कभी कभार ही याद आए लेकिन महात्मा गांधी हर भाषण में होते थे। गौ सेवको को गुंडा कहते रहे, गोडसे का नाम लेने वालों को वे माफ नहीं करते.. बाबा रामदेव को मिट्टी में मिलाने की बात होती रही और ज्यूडीशरी को आंख दिखाने वाले कानून मंत्री को बदल दिया जाता है। इन सबके बावजूद सरकार को कोई नहीं हराना चाहता था, लेकिन 400 न सही 399 सही.. ने यहां भी काम किया।

पीएम मोदी ने विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नेताओं को घर बैठने पर मजबूर किया। बड़ी संख्या में बाहरी नेता पार्टी में शामिल हुए। इस कारण से धीरे-धीरे पूरी एक लॉबी बनती चली गई। पुराने नेता उपेक्षा से नाराज होते गए। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने के परिणाम स्वरुप उनके घर जलाए गए। उनकी लाशें पेड़ों पर टंगी मिली। भाजपा चुपचाप सब कुछ देखती रही तो इस बार वोटर हिम्मत नहीं दिखा सका।

सबसे बड़ी बात,
इस चुनाव में यह रही की दुनिया के विभिन्न देश यह नहीं चाहते थे कि प्रधानमंत्री मोदी भारत में ताकतवर बनकर उभरें। उनकी सरकार फिर से आए, क्योंकि ऐसा हुआ तो भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगी। जो विश्व शक्ति का दंभ भरने वाले देशों के लिए खतरा है। भारत का महाशक्ति बनना उनको रास नहीं आया। खजाना लगभग खाली होने के बावजूद कांग्रेस ने खूब पैसा खर्च किया। यह कहां से आया? यह आम आदमी पार्टी को मिलने वाले विदेशी फंड के खुलासे ने साबित कर दिया। विदेश से चलने वाले सोशल मीडिया अकाउंट भी चुनाव में बंद किए गए। उनसे भी यह खुलासा हो गया कि दुनिया के कई देशों से मोदी को हराने के लिए साजिश रची जारी थी। जॉर्ज सोरोस जैसे लोग मोदी को हराने के लिए काम कर रहे थे। इन सबके बावजूद मोदी फिर से तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं। यह मोदी की और भारतीय जनता पार्टी की और उसके मतदाताओं, उसके मजबूत कैडर की बड़ी ताकत है।
लेकिन सत्य यह भी है.. पीएम मोदी केवल डेढ़ लाख से जीते और राहुल साढ़े तीन प्लस से.. 23 मुस्लिम संसद पहुंचे। जिनमें मोदी की बोटी करने वाला इमरान मसूद, 20 मिनट वाला ओवैसी और मुख्तार का भाई अफजाल अंसारी भी है। खडूर साहिब से निर्दलीय अमृतपाल भी बंपर वोट से जीता लेकिन फैजाबाद (ऐसे माहौल में अयोध्या नहीं) से भी बीजेपी हार गईं।

अब क्या होगा…?
गठबंधन सरकार के कारण ऐसा लगता है कि मोदी बहुत कमजोर हो जाएंगे। एनआरसी, जनसंख्या नियंत्रण, यूसीसी जैसे मुद्दे ठंडे बस्ते में चले जाएंगे। लेकिन अपनी कयासबाजी कहती है, मोदी दबाव में आने वाले नहीं हैं । वह उसी तरह से काम करेंगे जैसे करते आए हैं। अटल जी की 140 सांसदों वाली सरकार और मोदी की 240 सांसदों वाली सरकार में अंतर है। अभी उद्धव, निर्दलीय, राजस्थान की बीएपी, हनुमान बेनीवाल समेत अन्य विकल्प हैं। नीतीश कुमार ज्यादा आंखें दिखाएंगे तो 12 में से 8 सांसद पार्टी का विलय कभी भी भाजपा में कर देंगे। ऐसा अपना मानना है। वही मोदी के पास एक और विकल्प होगा, कोई बहुत बड़ा कानून संसद में रखने के बाद यदि वह पास नहीं होगा तो इस्तीफा देकर चुनाव में चले जाएंगे। उसी मुद्दे के आधार पर एक बार फिर जनता से मैंडेट मांगेंगे। ये बातें अभी भविष्य के गर्भ में है।

क्या करना चाहिए..!
अपन को लगता है कि सरकार 5 साल पहले ही “एक देश एक चुनाव” लाकर, देशभर में परिसीमन कर, लोकसभा सीटें बढ़ाकर और महिला आरक्षण लागू कर सही मौसम देखकर चुनाव में चली जाएगी। लेकिन उससे पहले सरकार को मतदान अनिवार्य करने वाला कानून जरूर लाना चाहिए। इसके साथ ही वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना भी जरूरी कर देना चाहिए। जिससे फर्जी वोटिंग में कमी आए और जायज वोटर अनिवार्य रूप से वोट डाले। ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा देने पर भी तेजी से काम होना चाहिए। वहीं उत्तरप्रदेश के लोगों के द्वारा जिस प्रकार से जातिवाद पर काम किया जा रहा है। ऐसा लगता है .. इतने बड़े राज्य को अब विभाजित कर तीन राज्य बनाने का समय आ गया है।🪷 🇮🇳🚩🙏