हरिद्वार में सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हैं। शहर की सफाई व्यवस्था भी बदहाल है। वहीं चैतरफा विरोध के बाद भी केआरएल कर्मचारी की कार्यशैली में काई सुधार नहीं है। मुख्य बाजारों से जहाँ दोपहर तक कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है तो कॉलानियों की नालियां और सड़कें भी कूड़ा न उठने से गंदगी से अटी पड़ी है।
नगर निगम गंदगी और पॉलीथिन को लेकर शहर भर में छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। वहीं दूसरी और शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है। शहर के बीचों बीच से गुजरने वाली सड़क पर सप्तऋषि, भूपतवाला, हरकीपैड़ी, कुशावर्त घाट, चित्रा टॉकिज, मायापुर, ज्वालापुर, गीत गोविंद बैंक्वेट हॉल के पास लगे गंदगी के ढेर निगम के सफाई अभियान आइना दिखा रहे।
हरकी पैड़ी के व्यापारियों ने बताया कि धर्मनगरी के प्रमुख बाजारों में बिखरी गंदगी को देखकर यात्रियों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था में खामियों के बाद भी नगर निगम कूड़ा उठाने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। संत बहुल्य क्षेत्र के होने के बाद भी सबसे अधिक गंदगी भूपतवाला क्षेत्र में है। कूड़ा उठाने वाली कपंनी के कर्मचारी अपनी मनमर्जी के मुताबिक कूड़ा उठाते हैं।
मुखिया गली, रानी गली, दुर्गानगर, ब्रह्ममपुरी, काशीपुरा, तेलियान, घोसियान, लोधामंडी, पांडेवाला, चैहानान, लाटोवाली, राजघाट आदि कॉलोनियों में कूड़ा सड़कों पर बिखरा है। नालियां भी कूड़े से अटी पड़ी हैं। कॉलोनी से नियमित रूप से कूड़ा नहीं उठाया जाता है। कूड़ेकी दुर्गंध के कारण सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। वहीं नालियों के चोक होने से गंदे पानी में मच्छर पनप रहे हैं । जिससे मलरिया और चिकनगुनिया जैसे संक्रमण से होने वाले रोगों की आशंका बढ़ गई है।