बद्रीनाथ धाम के काया कल्प और भावी योजनाओं का प्राक्कलन प्रस्तुत

✍️हरीश मैखुरी

यदि सब कुछ  योजना के अनुसार चला तो भविष्य में  बद्रीनाथ पूरी  और बद्रीश क्षेत्र का  कायाकल्प होने वाला है और वहां का नजारा और भी रमणीक और देवत्वमयी होने वाला है। सचिव पर्यटन, उत्तराखंड शासन दिलीप जावलकर  द्वारा शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित एक नामी होटल में देश भर के शीर्षस्थ सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के प्रतिनिधियों के सम्मुख श्री बदरीनाथ धाम की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं दूरगामी विजन की छत्रछाया में बदरीनाथ धाम की कार्य योजना बनाई जा रही है, जिसके लिए देशभर के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत बदरीनाथ को ‘स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’ के रूप में विकसित करने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बैठक आयोजित की गई जिसमें उन्होंने ऊर्जा, कोयला, पेट्रोलियम तथा जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एचपीसीएल, ओएनजीसी, एनटीपीसी, पीएफसी, टीएचडीसी, कोल इंडिया, ऑयल इंडिया लिमिटेड, एनएचपीसी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन तथा भारत पैट्रोलियम आदि पीएसयू के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि मास्टर प्लान के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों में पर्यावरणीय संतुलन तथा स्थानीय हित धारकों के निहितार्थ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि श्री बद्रीनथ धाम नर और नारायण पर्वतों के मध्य स्थित भारतवर्ष के प्रमुख चार धामों में से एक है। यह स्थान  भैरवी चक्र पर स्थित है  और भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है  इसीलिए यहां श्रद्धालुओं का परम प्रिय धार्मिक गंतव्य है। प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पर दर्शनार्थ आते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या, सीमित संसाधनों तथा भौगोलिक प्रतिबंधों के कारण यह आवश्यक हो गया है कि अब इस पवित्र धाम की क्षमता को बढ़ानेे के लिए इसेेेे एक मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जाए।

इसके उपरांत दिलीप जावलकर द्वारा मास्टर प्लान के अंतर्गत प्रस्तावित विभिन्न कार्यों जैसे मंदिर परिसर विकास, प्लाजा विकास, रोड निर्माण, घाटों के निर्माण, कमांड कंट्रोल सेंटर, स्ट्रीट फसाड, रोड एलाइनमेंट तथा भीड़ प्रबंधन पर एक भव्य एनीमेशन प्रस्तुतीकरण दिया गया। पर्यटन सचिव द्वारा पीएसयू के प्रतिनिधियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया गया कि निर्माण कार्यों में अधिप्राप्ति नियमों तथा सीएसआर निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकांंश निर्माण कार्य सरकारी भूमि पर प्रस्तावित हैं तथापि यदि निजी भूमि की आवश्यकता पड़ती हैै तो भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में स्थानीय निवासियों के हितों को ध्यान में रखा जाएगा। कतिपय पीएसयू के प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि इस संबंध में उनके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है।  इसी बीच अनेक जानकार लोगों ने सुझाव दिया है कि केवल बद्रीनाथ में चीजों को सेंट्रलाइज करने से ही भविष्य में इस धाम आने वाले लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं व्यवस्था नहीं हो पायेगी इसलिए अच्छा होगा कि पीपलकोटी और उसके आसपास के क्षेत्र को स्टे पॉइंट बनाकर यहां से लग्जरी बसों और रेलवे लाईन विकसित कर के बद्रीनाथ धाम की यात्रा कराई जाए। इस की भी तैयारी इसी परिप्रेक्ष्य में हो जानी चाहिए।  शुभदायक ये है कि गढ़वाल मंडल विकास निगम अब उत्तराखंड में लग्जरी बसों से पहाड़ की यात्रा यादगार बनाने की योजना को मूर्त रूप देने के लिए प्रयासरत है, इन आरामदायक बसों किराया भी काफी कम होगा । बद्रीनाथ के धर्माधिकारी भवन उनियाल ने शासन के इस निर्णय का अभिनंदन किया और इसे भविष्य के लिए आवश्यक बताया। जबकि बद्रीनाथ के विधायक और चार धाम विकास परिषद के देवस्थानम बोर्ड के सदस्य महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह dream project भविष्य में बद्रीनाथ की यात्रा को  सुखद और यादगार बनाने के लिए याद किया जायेेगा।