दिवाली खाल घटना पर बोले मुख्यमंत्री – मानकों के अनुरूप सभी ब्लाक मुख्यालयों को डबल लेन मोटर मार्गों द्वारा जनपद मुख्यालय से जोड़ने की घोषणा की जा चुकी है, लेकिन कुछ लोग अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं एवं भ्रम फैलाने का कार्य कर रहे हैं

 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भराड़ीसैंण में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि जनपद चमोली में गैरसैंण के समीप दिवालीखाल में घाट विकासखण्ड के लोगों द्वारा सड़क चैड़ीकरण को लेकर किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जो भी दोषी है उसका भी संज्ञान लिया जायेगा और यदि कोई निर्दोष है, तो उस पर कोई कारवाई नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ब्लाक मुख्यालयों पर जिन पर ट्रेफिक कम है, उनको डेढ़ लेन से जोड़ने एवं अधिक ट्रेफिक वाले जनपदों को डबल लेन से जोड़ने की घोषणा पिछले माह अल्मोड़ा में की गई थी। चमोली जनपद भ्रमण के दौरान भी यह बात कही गई थी। लेकिन कुछ लोग अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं एवं भ्रम फैलाने का कार्य कर रहे हैं।     मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केदारनाथ विधायक श्री मनोज रावत के गोपेश्वर स्थित आवास पर पहुॅचकर उनके पिताजी के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। केदारनाथ विधायक श्री मनोज रावत के पिता श्री फकीर सिंह रावत का 27 फरवरी को आकस्मिक निधन हो गया था।

         मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने भराड़ीसैंण में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि जनपद चमोली में गैरसैंण के समीप दिवालीखाल में घाट विकासखण्ड के लोगों द्वारा सड़क चैड़ीकरण को लेकर किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जो भी दोषी है उसका भी संज्ञान लिया जायेगा और यदि कोई निर्दोष है, तो उस पर कोई कारवाई नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ब्लाक मुख्यालयों पर जिन पर ट्रेफिक कम है, उनको डेढ़ लेन से जोड़ने एवं अधिक ट्रेफिक वाले जनपदों को डबल लेन से जोड़ने की घोषणा पिछले माह अल्मोड़ा में की गई थी। चमोली जनपद भ्रमण के दौरान भी यह बात कही गई थी। लेकिन कुछ लोग अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं एवं भ्रम फैलाने का कार्य कर रहे हैं।

     इधर गैरसैंण के बजट सत्र में सदन ने विपक्ष की मांग पर महंगाई पर नियम 58 के तहत चर्चा
की सदन की कार्यवाही 3 बजे से शुरू हुई लेकिन नन्द प्रयाग घाट के प्रदर्शनकारियों के  दिवाली खाल प्रकरण पर विपक्ष कर रहा है नियम 58 में चर्चा इसी विषय पर सदन में विपक्ष   ने हंगामा किया, विपक्ष सरकार से माफी की मांग की और कहा कि यह महिलाओं का अपमान हैै, इसी विषय पर विपक्ष ने सदन से  आज भी वाक आउट किया और विधान सभा के बाहर धरने पर  गये।
जिला प्रशासन के अनुसार विधान सभा बजट सत्र के दौरान 01 मार्च 2021 को विभिन्न संगठनों द्वारा अपनी मांगे मनवाने को लेकर विधान सभा भवन कूच करने हेतु दीवालीखाल सहित तमाम सुरक्षा बैरियर्स पर पुलिस के साथ उग्र प्रदर्शन किया गया। जिसमें जाम की स्थिति बनने से आम जनता को काफी परेशानी हुई और लोक परिशांति भंग होने की संभावना बनी रही। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस घटना को गम्भीरता से लेते हुए इसके उच्च स्तरीय मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री के आदेशों के क्रम में जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच हेतु अपर जिला मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी नामित करते हुए घटना के सभी पहलुओं की गहन एवं विस्तृत जांच कर दो सप्ताह के भीतर जांच आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। 
जाॅच अधिकारी/अपर जिला मजिस्ट्रेट चमोली अनिल कुमार चन्याल ने बताया कि इस घटना के संबध में कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कोई भी साक्ष्य या जानकारी रखता हो अथवा दावा प्रस्तुत करना चाहता हो तो वह व्यक्ति 7 दिनों के भीतर किसी भी कार्य दिवस पर सूचना लिखित एवं मौखिक रूप से उनके कार्यालय/न्यायालय गोपेश्वर में प्रस्तुत कर सकता है।

घटना पर पुलिस विभाग उत्तराखंड का कहना है कि कई बार कुछ लोगों द्वारा फेक न्यूज़ और अर्द्धसत्य खबरों को सनसनीखेज बनाकर प्रचारित प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया को माध्यम बनाया जाता है। समाज का एक अभिन्न अंग होने के कारण यह हमारा दायित्व है कि हम ऐसी फेक न्यूज़ और अर्द्धसत्य खबरों का खंडन करते हुए उसकी सच्चाई सभी के सामने लाएं।

गैरसैंण, चमोली में हुई घटना की मजिस्ट्रेट जांच हो रही है और जल्द ही घटना का सच सभी के सामने होगा। परंतु इससे पूर्व ही उत्तराखंड पुलिस को बदनाम करने के लिए तथ्यों को छुपाकर अर्द्धसत्य खबरों को प्रचारित-प्रसारित किया गया।

घटना के संबंध में कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों पर ज्यादती किये जाने संबंधी अर्द्धसत्य वीडियो और फोटो पोस्ट किए जा रहे थे। जिसका संज्ञान लेते हुए पुलिस द्वारा घटना से संबंधित पुलिस पर पथराव और एक वर्दी धारण किए अपर पुलिस अधीक्षक श्री राजेश भट्ट को जबरदस्ती खींच कर ले जाकर उनकी वर्दी फाड़ने का प्रयास करने जैसे कृत्यों से जनता को अवगत कराया गया है।