बिगब्रेकिंग – धर्मांतरण पर चला धामी का डंडा दस वर्षों की होगी जेल, विधानसभा सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित विधानसभा अध्यक्ष के अनुसार सदन में ऐतिहासिक निर्णय लिए गये लेकिन कुछ सदस्यों का व्यवहार गरिमा के अनुरूप नहीं दिखा

आज विधानसभा में सदन द्वारा उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 पारित कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत धर्मांतरण पर 10 साल तक दंड का प्रावधान किया गया है।

यह कानून भय, प्रलोभन, कपटपूर्ण साधन द्वारा सेवा की आड़ में चलाए जा रहे धर्मांतरण के कुचक्र के विरुद्ध एक ऐतिहासिक निर्णय सिद्ध होगा।

आज सदन स्थगन के बाद मीडिया के सम्मुख उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्षा श्रीमती खंडूडी भूषण ने कहा मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है कि मेरी अध्यक्षता में महिला आरक्षण बिल पास हुआ जिसकी लड़ाई 22 सालों से हम लोग लड़ रहे थे इसके लिए सभी को और सरकार को बधाई । 13 मिनट 47 सेकेंड तक चला सदन कुल प्रश्न आए थे 616।

विधायकों , मंत्रियों द्वारा सदन में मोबाइल उपयोग करने पर विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूरी ने कहा ऐसी हरकतों से सदन को ठेस पहुंची है।

*श्रीमती ऋतु खण्डूरी भूषण, विधानसभा अध्यक्ष*

सदन में कुछ माननीय सदस्यों को इधर उधर इशारे करते देखा गया जो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा 

विधानसभा सत्र की समय अवधि पर बोलीं विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूरी कहा सदन टैक्स पेयर के पैसों से चलता है जितना बिज़नेस होगा उसके हिसाब से सदन चलाया जाएगा।

विधानसभा के स्टॉफ को दी बधाई कहा केवल 182 कर्मचारियों के साथ अच्छे से चला सदन…

*श्रीमती ऋतु खंडूरी, विधानसभा अध्यक्षा, उत्तराखंड ने कहा कि पीठ को एक ही निर्देश दिया गया है कि विधायकों को हर एक सरकारी कार्यक्रम की सूचना मिलनी चाहिए यदि इसका पालन नहीं होता तो मेरा ऑफिस इसका संज्ञान लेगा। 

धर्मांतरण और महिला आरक्षण विधेयक पारित होने पर बीजेपी अल्मोड़ा के जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा ने उत्तराखंड विधानसभा में पास हुए दो महत्वपूर्ण विधेयकों का स्वागत किया है। बहुगुणा ने धर्मांन्तरण पर रोक और महिलाओं को सरकारी नौकरी में क्षैतिज आरक्षण पर पर पुष्कर धामी सरकार का आभार जताया है।

बीजेपी जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा ने जारी बयान में कहा कि धामी सरकार ने धर्मांतरण पर रोक के लिए कठोर कानून बना कर अपनी धमक दिखाई है। वहीं महिलाओं को सरकारी नौकरियों के क्षैतिज आरक्षण का बना कानून कर महिला सशक्तिकरण को बल देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के लिए बने कठोर कानून को पूरे देश और प्रदेश में जनता की सराह रही है। जबकि धर्मांतरण कानून को लेकर धामी सरकार को पूरे देश भर से साधू-संतों को भी समर्थन और आशीर्वाद मिल रहा है। बहुगुणा ने कहा कि आने वाले दिनों में अल्मोड़ा जिला में बीजेपी कार्यकर्ता धर्मांतरण पर रोक के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए कैंपेन चलायेगी। जागरूकता कैंपेन में बीजेपी बतायेगी कि उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण करने पर अब जेल की हवा खानी पड़ेगी। और भारी जुर्माना भी देना होगा। जबरन धर्म परिवर्तन पर 2 से 7 साल तक जेल और 25 हजार जुर्माना होगा। अवयस्क महिला, एससी, एसटी के धर्म परिवर्तन पर 2 से 10 साल तक सजा होगी। जबकि सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर 3 से 10 साल तक जेल और 50 हजार जुर्माना देना होगा।

बहुगुणा ने कहा कि धामी सरकार ने महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक पास करा कर उत्तराखंड प्रदेश में मातृशक्ति का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में यह विधेयक महिला सशक्तिकरण के लिए अभूतपूर्व कदम साबित होगा। बीजेपी जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा ने धर्मांतरण पर रोक और महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण जैसे ऐतिहासिक विधेयक पास कराने पर धामी सरकार का आभार जताया। पुष्कर धामी सरकार के द्वारा दो ऐतिहासिक विधेयक लाने पर बीजेपी जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा ने जनपद की जनता की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का आभार जताया।

उत्तराखंड की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण मिलने पर हल्द्वानी नगर महामंत्री आशा शुक्ला ने खुशी जाहिर की है महिलाओं को सशक्त बनाने का अभूतपूर्व कदम है किसके लिए माननीय धामी जी का आभार व्यक्त किया है

उत्तराखंड विधानसभा का सत्र मात्र दो दिनों में ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होना वास्तव में चिंतन का विषय होना चाहिए।
इस सत्र में बेरोज़गारी पर कोई महत्वपूर्ण चर्चा नहीं हुई। न उत्तराखंड में जनसंख्या नीति और तेजी से परिवर्तित हो रही डेमोग्राफी के विषय को किसी ने उठाया।

उत्तराखंड देश की आध्यात्मिक राजधानी है संस्कृत उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है लेकिन संस्कृत विद्यालयों सीमित संख्या उनके लिए बजट और सुविधाओं का अभाव अत्यंत अल्प मानदेय पर जीवन घिसट रहे कर्मचारियों की दशा पर एक भी प्रश्न नहीं उठाया गया। न उत्तराखंड में बे हिसाब-किताब बढ़ रहे मदरसों पर चर्चा हुई। न नये गुरूकुल खोलने की सरकार की मंशा दिखाई दी है। 

देवभूमि में बढती मीट मांस की दुकानें धार्मिक क्षेत्रों में भी मीट की दुकानें शहर में अनियंत्रित और अवैध रूप से जहां तहाँ मीट के खोखे देवभूमि के शहरों को नर्क बना रहे हैं न विपक्ष के प्रश्नों में न सरकार की चिंता में सम्मिलित था।

विपक्षी बस इस बात के लिए लड़ते रहे कि कब्रिस्तान की चार दिवारी हेतु बजट क्यों नहीं लाया गया, जो मर गये उनके कब्र की चाहरदीवारी की चिंता में विपक्ष दुबलाये जा रहा है, लेकिन उत्तराखंड में जीवित लोगों को हिंसक जंगली जानवर निरंतर शिकार बना रहे हैं विपक्ष के प्रश्नों में सम्मिलित था न सरकार के चिंतन में।

70 दिनों से युवा दिन-रात अपना घरबार छोड़कर नौकरी के लिए धरने पर बैठे रहे, वे मुख्यमंत्री सहित अनेक मंत्रियों से मिले, विधानसभा कूच किया। लेकिन किसी ने सरकार से ये प्रश्न पूछा तक नहीं। बाईस वर्ष के उतराखंड में पहाड़ी जनपदों में एक उद्योग नहीं लगा सीमावर्ती क्षेत्र रोजगार और सुविधाओं के अभाव में निरंतर खाली हो रहे हैं न विपक्ष ने प्रश्न किया। न सरकार की चिंता में था।

गत 8 महीनों में प्रदेश में 139 हत्याएं, 279 महिला अपहरण और 554 बलात्कार के प्रकरण सामने आए।(आंकड़े ग्रह विभाग के हैं) तो कैसे कहैं सरकार अपराधियों पर अंकुश लगाने में सफल हो पाई! उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के शिकंजे के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराधियों व आतंकवादियों ने उत्तराखंड को अपना सुरक्षित ठिकाना समझ लिया है पिछले दिनों एक पूर्व सैन्य अधिकारी की सक्रियता के चलते उतर प्रदेश का एकनामी अपराधी देहरादून शहर के एक पाश क्षेत्र वसंत विहार से धरा गया। हरिद्वार से कुछ बंग्लादेशी कनेक्शन के आतंकवादी धरे गए ये चंद उदाहरण बताते हैं कि उत्तराखण्ड को भी अपराधियों पर एनकाउंटर नीति यथा शीघ्र अपनानी होगी।

सदन में ऐसे कई विषय थे जिनपर सदन की कार्यवाही के पन्ने पलटने पर हंसी आती है कि किस भांति के प्रश्न सदन में पूछे जा रहे हैं! प्रदेश के हित संबंधित न विपक्ष ने प्रश्न पूछे न सरकार ने उतर देने का कष्ट किया।✍️हरीश मैखुरी 
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