आज का पंचाग आपका राशि फल, पूर्णिमा और आमावास्य का महात्म्य, टिहरी की यादें, महिलाओं का शौर्य उड़नपरी पीटी उषा बनी ओलंपिक संघ की अध्यक्ष

​ ​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
*श्री हरिहरो*
*विजयतेतराम*

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*
🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓
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*गुरुवार, ०१ दिसम्बर २०२२*

सूर्योदय: 🌄 ०६:५५
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२१
चन्द्रोदय: 🌝 १३:२०
चन्द्रास्त: 🌜२५:०९
अयन 🌖 दक्षिणायने
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🌳 हेमंत
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 मार्गशीर्ष
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 अष्टमी (०७:२१ से
नवमी, ३०:१४ से दशमी)
नक्षत्र👉पूर्वाभाद्रपद(२९:४४ तक
योग👉हर्षण(०९:३४से वज्र)
प्रथम करण👉बव(०७:२१ तक
द्वितीय करण 👉 बालव
(१८:४३ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 वृश्चिक
चंद्र 🌟 मीन (२३:४८ से)
मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,वक्री)
बुध🌟वृश्चिक(अस्त,पूर्व,मार्गी)
गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)
शुक्र 🌟वृश्चिक(अस्त, पूर्व)
शनि🌟मकर
(उदित,पूर्व,मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४५ से १२:२६
अमृत काल 👉 २१:५३ से २३:२७
रवियोग 👉 पूरे दिन
विजय मुहूर्त 👉 १३:४९ से १४:३१
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१४ से १७:४१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:१६ से १८:३८
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३९ से २४:३३
राहुकाल 👉 १३:२३ से १४:४१
राहुवास 👉 दक्षिण
यमगण्ड 👉 ०६:५५ से ०८:१३
होमाहुति 👉 शुक्र (२९:४४ तक)
दिशाशूल 👉 दक्षिण
नक्षत्र शूल 👉 दक्षिण (२९:४४ तक)
अग्निवास 👉 पाताल (०७:२१ से पृथ्वी)
चन्द्र वास 👉 पश्चिम (उत्तर २३:४८ से)
शिववास 👉 श्मशान में (०७:२१ से गौरी के साथ, ३०:१४ से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – शुभ २ – रोग
३ – उद्वेग ४ – चर
५ – लाभ ६ – अमृत
७ – काल ८ – शुभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – अमृत २ – चर
३ – रोग ४ – काल
५ – लाभ ६ – उद्वेग
७ – शुभ ८ – अमृत
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दही का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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नवमी तिथि क्षय, विवाह मुहूर्त वृश्चिक ल. अंतरात्रि ००:५२ से प्रातः ०६:३७ तक, गृहप्रवेश+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः १०:५७ से दोप १२:१६ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २९:४४ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पूर्वाभद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (से, सो, द, दी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (दू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
वृश्चिक – २९:४९ से ०८:०९
धनु – ०८:०९ से १०:१२
मकर – १०:१२ से ११:५३
कुम्भ – ११:५३ से १३:१९
मीन – १३:१९ से १४:४३
मेष – १४:४३ से १६:१७
वृषभ – १६:१७ से १८:११
मिथुन – १८:११ से २०:२६
कर्क – २०:२६ से २२:४८
सिंह – २२:४८ से २५:०७
कन्या – २५:०७ से २७:२५
तुला – २७:२५ से २९:४५
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पञ्चक रहित मुहूर्त
मृत्यु पञ्चक – ०६:५५ से ०७:२१
अग्नि पञ्चक – ०७:२१ से ०८:०९
शुभ मुहूर्त – ०८:०९ से १०:१२
रज पञ्चक – १०:१२ से ११:५३
शुभ मुहूर्त – ११:५३ से १३:१९
चोर पञ्चक – १३:१९ से १४:४३
रज पञ्चक – १४:४३ से १६:१७
शुभ मुहूर्त – १६:१७ से १८:११
चोर पञ्चक – १८:११ से २०:२६
शुभ मुहूर्त – २०:२६ से २२:४८
रोग पञ्चक – २२:४८ से २५:०७
शुभ मुहूर्त – २५:०७ से २७:२५
मृत्यु पञ्चक – २७:२५ से २९:४४
अग्नि पञ्चक – २९:४४ से २९:४५
अग्नि पञ्चक – २९:४५ से ३०:१४
शुभ मुहूर्त – ३०:१४ से ३०:५६
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपको सामाजिक क्षेत्र से मान सम्मान मिलेगा लेकिन स्वभाव में थोड़ा रूखापन आने से ज्यादा देर टिकेगा नही। कार्य व्यवसाय को लेकर आज बीते दिनों की तुलना में असंतुष्ट रहेंगे धन लाभ काम चलाऊ आवश्यकता के समय ले देंकर हो जाएगा फिर भी ज्यादा की चाह मन को बेचैन करेगी। आज प्रतिस्पर्धा एवं किसी की आलोचना से स्वयं को दूर रखें अन्यथा लेने के देने भी पड़ सकते है। सरकारी कार्य व्यवहारिकता के बल पर पूर्ण हो सकते है स्वभाव में नरमी रखें नही तो कोई नया नियम आड़े आने पर लंबे समय के लिये लटक जाएंगे। भाग्य का साथ कुछ समय के लिये ही मिलेगा मौके को भुनाए संचित कोष में वृद्धि कराएगा अवसर को हाथ से ना जाने दे। घर का वातावरण सामान्य रहेगा। सेहत में स्वयं की गलती से कोई विकार आ सकता है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपको दैनिक कार्यो के अतिरिक्त भाग दौड़ करनी पड़ेगी। दिन के पूर्वार्ध से जिस कार्य को बनाने के लिये प्रयास करेंगे मध्यान बाद उसमे सफलता मिल जाएगी लेकिन आज पिता के आचार विचार आपसे मेल नही खाएंगे लेकिन काम निकालने के लिये भी इन्ही के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी इसलिये व्यवहारिक रहे अन्यथा आवश्यक कार्य लटक सकते है। सरकारी कार्य के लिये आज दिन शुभ रहेगा कई दिन से रुका काम लेदेकर बन सकता है बस अधिकारीवर्ग की मनमानी एवं व्यवहार को अनदेखा करना पड़ेगा। व्यवसाय से आज धन की आमद निश्चित लेकिन भविष्य के लिये संचय नही कर पाएंगे। घर मे वातावरण कुछ समय के लिये उग्र होगा। सेहत में लापरवाही के कारण विकार आ सकता है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपका भाग्य पक्ष प्रबल रहेगा फिर भी दिन से मिले जुले परिणाम मिलेंगे। दिन के आरंभ में धार्मिक कार्यो में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे परन्तु रुचि कम होने के कारण मन नही लगेगा। कार्य व्यवसाय को लेकर आज कोई गुप्त चिंता दिनभर परेशान करेगी इसका निराकरण फिलहाल सम्भव नही। आपकी जीवन शैली आज उच्च वर्गीय से प्रेरित रहेगी अन्य लोगो से तुलना कर ठाठ बाट का जीवन जीने के सपने देखेंगे परन्तु परिस्थितियां इसके खिलाफ रहने पर मन दुखी होगा। पराक्रम शक्ति भी सामान्य से अधिक रहेगी लेकिन परिजनों के ऊपर इसे दिखाना कलह करा सकता है। भूमि भवन संबंधित कार्य फिलहाल टाले धन हानि की संभावना है। सहन की आमद आज सीमित रहेगी गृहस्थी में थोड़ी उठापटक के बाद शांति मिलेगी। विपरीत खान पान सेहत खराब कर सकता है ध्यान दें।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन भी मध्यान तक सेहत में थोड़ी बहुत नरमी रहने के कारण दिनचार्य धीमी रहेगी दैनिक कार्य मे विलंब होने पर आगे के कार्यक्रम भी प्रभावित होंगे। दोपहर बाद से कुछ राहत मिलने लगेगी लेकिन कार्य क्षेत्र पर आज अधिकांश समय पुराने कार्यो को पूर्ण करने में ही खराब होगा धन की आमद थोड़ी बहुत ही होगी ज्यादा के लिये हाथ पैर ना मारे अन्यथा परिणाम विपरीत ही मिलेंगे। संचित कोष में भी आकस्मिक खर्च आने से कमी आएगी। किसी परिजन का अनैतिक आचरण घर एवं समाज मे बदनामी का कारण बन सकता है आज अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। आज आप नियम विरुद्ध कार्य के लिये भी प्रेरित होंगे लेकिन ध्यान रहे आरम्भ में ये लुभावने लेकिन अंत मे कड़वाहट भरे हो सकते है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपको आकस्मिक लाभ की प्राप्ति कराएगा। जिससे आप कोई उम्मीद नही रखते आज वही आपके जीवन मे कोई नई दिशा देगा। मानसिक रूप से आप आज अत्यंत शंकालु एवं वाणी से बेबाक रहेंगे सार्वजनिक क्षेत्र एव घर के बड़ो का सम्मान ध्यान में रखकर ही शब्दों का प्रयोग करें अन्यथा मान हानि तो होगी ही साथ मे प्रेम संबंधों में कड़वाहट भी बनेगी। नौकरी पेशाओ के लिये दिन निराशाजनक रहेगा जिस कामना से मेहनत कर रहे है उसका श्रेय किसी अन्य को मिलने से परेशान होंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन उत्तम रहेगा व्यवसायी वर्ग को थोड़े परिश्रम के बाद आशाजनक धन लाभ होगा भविष्य के लिये भी संचय कर पाएंगे। आरोग्य में कुछ कमी आएगी मूत्राशय अथवा अन्य शारीरिक व्याधि हो सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन भी आपके अनुकूल रहेगा दिन के आरंभ में आपका स्वभाव अत्यंत जिद्दी एवं मनमाना रहेगा फिर भी इससे कुछ ना कुछ लाभ ही होगा कार्य क्षेत्र हो या घर आज अपने बुद्धि विवेक से ही कार्य करें अन्य किसी की बातों में आकर काम करेंगे तो बाद में पछताना पड़ेगा। व्यवसाय से उचित लाभ कमाएंगे परन्तु इसके लिये नैतिकता को कुछ समय के लिये त्यागना पड़ेगा बाद में मन मे ग्लानि भी होगी लेकिन धन लाभ के आगे भूल जाएंगे। घर मे सुख सुविधा बढ़ाने पर भी अतिरिक्त खर्च करेंगे। पिता अथवा पैतृक कारणों से भी खर्च में वृद्धि होगी धन लाभ होने पर ज्यादा अखरेगा नही। अचल संपत्ति में निवेश भविष्य के लिये लाभदायक रहेगा। संतानों का सहयोग मिलेगा लेकिन भविष्य संबंधित निर्णय स्वयं ही ले। स्वसन अथवा अन्य छाती संबंधित समस्या हो सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आप अतिआत्मविश्वास की भावना से ग्रस्त रहेंगे पूर्व में मिली प्रशंशा से मन मे अभिमान आएगा लेकिन आज आपके अधिकांश निर्णय विपरीत ही जाने वाले है इसलिये कम से कम पराये कार्यो में सलाह अथवा बिचौलिये ना बने। घर मे पैतृक संपत्ति को लेकर या किसी पुराने विवाद के कारण भाई बंधु अथवा किसी अन्य से किसी बात को लेकर गरमा गरमी होने की सम्भवना है मौन साधने के प्रयास करे अन्यथा स्थिति गंभीर हो सकती है। कार्य व्यवसाय से लाभ की आशा दिन भर रहेगी परन्तु इंतजार करने के बाद संध्या के आसपास आकस्मिक होगा इसलिये चौकन्ने रहे वरना किसी अन्य के हिस्से में जा सकता है। सेहत लगभग ठीक ही रहेगी फिर भी ठंडी वस्तुओ के सेवन से परहेज करें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी अधिकांश समय अशांति में बीतेगा घर मे किसी पुरानी बात अथवा संतानों के कारण प्रातः काल ही संघर्ष की स्थिति बनेगी। कार्य क्षेत्र पर भी आज विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है अग्नि अथवा किसी अन्य कारण से क्षति होने की संभावना है। अपनी गलती नौकरों अथवा सहकर्मियो के ऊपर डालने पर टकराव हो सकता है। विवेकी व्यवहार अपनाए नही तो व्यवसाय की प्रतिष्ठा खराब होने पर आगे नई परेशानी खड़ी होगी। धन की आमद आज माता अथवा अचल संपत्ति के कार्यो से सामान्य ही होगी खर्च भी तुरंत हो जाएगी। उधारी के व्यवहार कम से कम रखें देनदारी में विलंब ना करें धन को लेकर किसी से तीखी झड़प हो सकती है। मानसिक क्लेश अन्य व्याधि को जन्म देगा आध्यात्म में कुछ समय बिताए शांति मिलेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपको धन लाभ कराएगा लेकिन आज आपका स्वभाव अत्यंत गर्म रहेगा जिससे किसी ना किसी से मामूली बातो पर उलझ संबंधों में खटास लाएंगे। सहयोग की कमी रहने पर भी अपने साहस से हाथ मे लिये कार्यो को निर्णायक स्थित तक पहुचा देंगे लेकिन आज आपको चाहे कितना भी लाभ मिले फिर भी मन मे कुछ न कुछ अभवा लगा ही रहेगा। खास कर घरेलू परिस्थितियों को लेकर अधिक असंतुष्ट रहेंगे महिलाए अपने से उच्च वर्ग से बराबरी करने के चक्कर मे स्वयं तो दुखी होंगी परिजनों को भी करेंगी। माता पक्ष के लोगो से संबंध में कड़वाहट आ सकती है बात बात पर गर्मी दिखाने से बचे। कमर से नीचे के अंगों में नई पुरानी व्याधि से परेशानी होगी। वजन वाले कार्य करने से बचें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज भी दिन सामान्य ही रहेगा दिन के आरंभ से ही धन एवं अन्य कार्यो में लापरवाही दिखाएंगे साहस रहेगा लेकिन धैर्य की कमी बनते कार्यो को बिगाड़ सकती है किसी भी कार्य को करने से पहले सोच विचार अवश्य करें आज जो काम आपको लाभ दायक लगेगा बाद में उसी में त्रुटियां नजर आने लगेगी। आज आपके दिमाग में धन को लेकर जोड़ तोड़ लगी रहेगी लेकिन परिस्थितियां सहायक ना रहने पर मन की मन मे ही रह जायेगी। कार्य व्यवसाय में धन लाभ होते होते टल सकता है। नौकरी पेशाओ को आज मन मे ईर्ष्या रखने के कारण काम मे सफाई नही रहेगी प्रतिद्वन्दी का कार्य जानकर खराब करने पर अधिकारी की फटकार सुन्नी पड़ेगी। ठंड से बचे सर्दी जुखाम हो सकता है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन भी आप अपनी मस्ती में मस्त रहेंगे कोई कुछ भी कहे एक बार जो निर्णय कर लिया उसे पूरा करके ही मानेंगे। मन आज अनैतिक कार्यो समाज विरोधी कार्यो में अधिक भटकेगा अपना काम छोड़ अन्य के कामो में टिका टिप्पणी करने पर किसी से बहस हो सकती है नौकरी वाले लोग आज सावधान रहें सहकर्मी अथवा अधिकारीवर्ग द्वारा कोई इल्जाम लगाया जा सकता है। व्यवसायी वर्ग को मध्यान तक परिश्रम की अधिकता रहेगी लेकिन संध्या के आस पास इसका परिणाम आशा से थोड़ा कम मिलेगा फिर भी संतोष कर लेंगे। घर गृहस्थी में आज वातावरण अस्त व्यस्त रहेगा पति पत्नी के बीच आत्मीयता की कमी रहेगी फिर भी कम काज समय गति से चलेंगे। अनैतिक कर्मो से दूर रहे सेहत खराब करेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन भी आपके लिये हानि देने वाला रहेगा आज आप जिस भी कार्य अथवा योजना को बनाएंगे आरम्भ में ही उसकी सफलता के प्रति आशंकित रहेंगे इससे आत्मविश्वास में कमी आएगी रही सही कसर मन मे नकारत्मक भाव भरआस पास के परिचित पूरी कर देंगे जिससे आज कोई भी कार्य सिरे चढ़ाना बहुत परेशानी भरा रहेगा। नौकरी पेशाओ को भी आज अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता नही अपने काम मे ज्यादा सफाई रखे अन्य के कामो में आज भूल कर भी नसलाह ना दें अन्यथा गलती का नतीजा आपके सर आएगा। धन लाभ जोड़ तोड़ कर होगा जरूर पर खर्च पहके से ही तैयार रहने से हाथ नही लगेगा। सेहत दिन भी नरम रहेगी मन मे उदासी भी बनेगी संध्या बाद से राहत मिलने लगेगी।
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अमावस्या और पूर्णिमा का रहस्य
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हिन्दू धर्म में पूर्णिमा, अमावस्या और ग्रहण के रहस्य को उजागर किया गया है। इसके अलावा वर्ष में ऐसे कई महत्वपूर्ण दिन और रात हैं जिनका धरती और मानव मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनमें से ही माह में पड़ने वाले 2 दिन सबसे महत्वपूर्ण हैं- पूर्णिमा और अमावस्या। पूर्णिमा और अमावस्या के प्रति बहुत से लोगों में डर है। खासकर अमावस्या के प्रति ज्यादा डर है। वर्ष में 12 पूर्णिमा और 12 अमावस्या होती हैं। सभी का अलग-अलग महत्व है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार माह के 30 दिन को चन्द्र कला के आधार पर 15-15 दिन के 2 पक्षों में बांटा गया है- शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहते हैं और कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या।

हिन्दू पंचांग की अवधारणा
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यदि शुरुआत से गिनें तो 30 तिथियों के नाम निम्न हैं-पूर्णिमा (पूरनमासी), प्रतिपदा (पड़वा), द्वितीया (दूज), तृतीया (तीज), चतुर्थी (चौथ), पंचमी (पंचमी), षष्ठी (छठ), सप्तमी (सातम), अष्टमी (आठम), नवमी (नौमी), दशमी (दसम), एकादशी (ग्यारस), द्वादशी (बारस), त्रयोदशी (तेरस), चतुर्दशी (चौदस) और अमावस्या (अमावस)।

अमावस्या पंचांग के अनुसार माह की 30वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है जिस दिन कि चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता। हर माह की पूर्णिमा और अमावस्या को कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता ताकि इन दिनों व्यक्ति का ध्यान धर्म की ओर लगा रहे। लेकिन इसके पीछे आखिर रहस्य क्या है?

नकारात्मक और सकारात्मक शक्तियां
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शक्तियां👉 धरती के मान से 2 तरह की शक्तियां होती हैं- सकारात्मक और नकारात्मक, दिन और रात, अच्छा और बुरा आदि। हिन्दू धर्म के अनुसार धरती पर उक्त दोनों तरह की शक्तियों का वर्चस्व सदा से रहता आया है। हालांकि कुछ मिश्रित शक्तियां भी होती हैं, जैसे संध्या होती है तथा जो दिन और रात के बीच होती है। उसमें दिन के गुण भी होते हैं और रात के गुण भी।

इन प्राकृतिक और दैवीय शक्तियों के कारण ही धरती पर भांति-भांति के जीव-जंतु, पशु-पक्षी और पेड़-पौधों, निशाचरों आदि का जन्म और विकास हुआ है। इन शक्तियों के कारण ही मनुष्यों में देवगुण और दैत्य गुण होते हैं।

हिन्दुओं ने सूर्य और चन्द्र की गति और कला को जानकर वर्ष का निर्धारण किया गया। 1 वर्ष में सूर्य पर आधारित 2 अयन होते हैं- पहला उत्तरायण और दूसरा दक्षिणायन। इसी तरह चंद्र पर आधारित 1 माह के 2 पक्ष होते हैं- शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

इनमें से वर्ष के मान से उत्तरायण में और माह के मान से शुक्ल पक्ष में देव आत्माएं सक्रिय रहती हैं, तो दक्षिणायन और कृष्ण पक्ष में दैत्य और पितर आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं। अच्छे लोग किसी भी प्रकार का धार्मिक और मांगलिक कार्य रात में नहीं करते जबकि दूसरे लोग अपने सभी धार्मिक और मांगलिक कार्य सहित सभी सांसारिक कार्य रात में ही करते हैं।

पूर्णिमा का विज्ञान :
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पूर्णिमा की रात मन ज्यादा बेचैन रहता है और नींद कम ही आती है। कमजोर दिमाग वाले लोगों के मन में आत्महत्या या हत्या करने के विचार बढ़ जाते हैं। चांद का धरती के जल से संबंध है। जब पूर्णिमा आती है तो समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है, क्योंकि चंद्रमा समुद्र के जल को ऊपर की ओर खींचता है। मानव के शरीर में भी लगभग 85 प्रतिशत जल रहता है। पूर्णिमा के दिन इस जल की गति और गुण बदल जाते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार इस दिन चन्द्रमा का प्रभाव काफी तेज होता है इन कारणों से शरीर के अंदर रक्‍त में न्यूरॉन सेल्स क्रियाशील हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में इंसान ज्यादा उत्तेजित या भावुक रहता है। एक बार नहीं, प्रत्येक पूर्णिमा को ऐसा होता रहता है तो व्यक्ति का भविष्य भी उसी अनुसार बनता और बिगड़ता रहता है।

जिन्हें मंदाग्नि रोग होता है या जिनके पेट में चय-उपचय की क्रिया शिथिल होती है, तब अक्सर सुनने में आता है कि ऐसे व्यक्‍ति भोजन करने के बाद नशा जैसा महसूस करते हैं और नशे में न्यूरॉन सेल्स शिथिल हो जाते हैं जिससे दिमाग का नियंत्रण शरीर पर कम, भावनाओं पर ज्यादा केंद्रित हो जाता है। ऐसे व्यक्‍तियों पर चन्द्रमा का प्रभाव गलत दिशा लेने लगता है। इस कारण पूर्णिमा व्रत का पालन रखने की सलाह दी जाती है।

कुछ मुख्य पूर्णिमा :
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कार्तिक पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा आदि।

चेतावनी :
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इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं। जानकार लोग तो यह कहते हैं कि चौदस, पूर्णिमा और प्रतिपदा उक्त 3 दिन पवित्र बने रहने में ही भलाई है।

अमावस्या :
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वर्ष के मान से उत्तरायण में और माह के मान से शुक्ल पक्ष में देव आत्माएं सक्रिय रहती हैं तो दक्षिणायन और कृष्ण पक्ष में दैत्य आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं। जब दानवी आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं, तब मनुष्यों में भी दानवी प्रवृत्ति का असर बढ़ जाता है इसीलिए उक्त दिनों के महत्वपूर्ण दिन में व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को धर्म की ओर मोड़ दिया जाता है।

अमा‍वस्या के दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय और उन्मुक्त रहते हैं। ऐसे दिन की प्रकृति को जानकर विशेष सावधानी रखनी चाहिए। प्रेत के शरीर की रचना में 25 प्रतिशत फिजिकल एटम और 75 प्रतिशत ईथरिक एटम होता है। इसी प्रकार पितृ शरीर के निर्माण में 25 प्रतिशत ईथरिक एटम और 75 प्रतिशत एस्ट्रल एटम होता है। अगर ईथरिक एटम सघन हो जाए तो प्रेतों का छायाचित्र लिया जा सकता है और इसी प्रकार यदि एस्ट्रल एटम सघन हो जाए तो पितरों का भी छायाचित्र लिया जा सकता है।

ज्योतिष में चन्द्र को मन का देवता माना गया है। अमावस्या के दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता। ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं, उन पर इस बात का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। लड़कियां मन से बहुत ही भावुक होती हैं। इस दिन चन्द्रमा नहीं दिखाई देता तो ऐसे में हमारे शरीर में हलचल अधिक बढ़ जाती है। जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाला होता है उसे नकारात्मक शक्ति अपने प्रभाव में ले लेती है।

धर्मग्रंथों में चन्द्रमा की 16वीं कला को ‘अमा’ कहा गया है। चन्द्रमंडल की ‘अमा’ नाम की महाकला है जिसमें चन्द्रमा की 16 कलाओं की शक्ति शामिल है। शास्त्रों में अमा के अनेक नाम आए हैं, जैसे अमावस्या, सूर्य-चन्द्र संगम, पंचदशी, अमावसी, अमावासी या अमामासी। अमावस्या के दिन चन्द्र नहीं दिखाई देता अर्थात जिसका क्षय और उदय नहीं होता है उसे अमावस्या कहा गया है, तब इसे ‘कुहू अमावस्या’ भी कहा जाता है। अमावस्या माह में एक बार ही आती है। शास्त्रों में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है। अमावस्या सूर्य और चन्द्र के मिलन का काल है। इस दिन दोनों ही एक ही राशि में रहते हैं।

कुछ मुख्‍य अमावस्या :
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भौमवती अमावस्या, मौनी अमावस्या, शनि अमावस्या, हरियाली अमावस्या, दिवाली अमावस्या, सोमवती अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या।

चेतावनी :
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इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं। जानकार लोग तो यह कहते हैं कि चौदस, अमावस्या और प्रतिपदा उक्त 3 दिन पवित्र बने रहने में ही भलाई है।
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पुराणी यादें संजोकर रखता हूँ ताकि RENEWAL होता रहे.—-
यह है पुराणी टिहरी का प्रताप इण्टर कॉलेज जो कि टिहरी शहर के साथ जल समाधिस्थ है. नहीं मालूम कि जलाशय के नीचे इसके अस्थिपंजर भी शेष हैंकि नहींलेकिन टिहरी वालों के दिलों में इसकी यादें आज भी शेष हैं. यह कॉलेज टिहरी शहर की भाँती अपने में एक इतिहास समेटे हुए हैं. टिहरी रियासत के तीसरे राजा प्रतापशाह ने यहां पर एक वर्नाकुलर मिडिल स्कूल की स्थापना की थी जिसको कीर्तिशाह ने प्रताप हाई स्कूल बनाया और बाद में इंटरमीडिएट तक उच्चीकृत किया गया. यह विद्यालय १९४८ तक टिहरी रियासत का एक मात्र इण्टर कॉलेज था जहां आज के टिहरी उत्तरकाशी जिले के विद्यार्थी पढ़ने आते थे. उच्च शिक्षा के लिए देहरादून आदि स्थानों पर जाना पड़ता था——-कई मधुर यादें जुडी हैं इस विद्यालय से. आज भी कई वयोबृद्ध बुजुर्ग हमारे बीच हैं जिन्होंने यहां से शिक्षा प्राप्त की .कई बड़े सैनिक अधिकारी बने हैं इस स्कूल से शिक्षा पाए छात्र, कई प्रशासनिक उच्च पदों पर रहे हैं. स्वत्रता सेनानी परिपूर्ण नन्द पैन्यूली, त्रेपन सिंह नेगी, सर्बोदय नेताऔर पर्यवरणप्रेमी सुन्दर लाल बहुगुणा आदि कई हस्तियां इस विद्यालय केछात्र रहे हैं. हम भी सात आठ बर्षों तक इस कॉलेज के छात्र रहे हैं . इसके भवन तत्कालीन समय में ववस्तुकला शिल्प की एक मिशाल थे . हमारे कई बुजुर्ग बताते थे कि तत्कालीन समय में उत्तरी भारत में किसी स्कूल का इतना सुन्दर शिल्प का भवन नहीं था (साभार) 

 सुश्री पी टी उषा चुनी गईं भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष महिलाओं का बढ़ा आत्म गौरव। 

 भारत की महिलाओं के साथ ही यह हमारे लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात है कि सुश्री पी टी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ का अध्यक्ष चुना गया है।  उल्लेखनीय और ऐतिहासिक तथ्य यह है कि वह 95 साल के अस्तित्व में IOA की पहली महिला अध्यक्ष हैं, इससे भारतीय ओलंपिक संघ में पुरूष वर्चस्व का मिथक भी टूट गया। 

 एक पूर्व ओलंपियन और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता के रूप में, और किसी के रूप में जो ट्रैक किंवदंती बनने के लिए बढ़ी है, वह आज अपनी प्रतिभा, कड़े परिश्रम और प्रतिबद्धता से है, वह आदर्श रूप से भारतीय ओलंपिक संघ IOA को चलाने और सभी योग्य भारतीय एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय खेल क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सहायता करने के लिए उपयुक्त है। 

 95 वर्ष के इतिहास में भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष को ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज संस्थान की ओर से उनकी नई भूमिका के लिए हार्दिक बधाई और एक सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं और मंगल कामनाएँ। ✍️हरीश मैखुरी