बिगब्रेकिंग – चमोली : पंचकेदारों में एक रूद्रनाथ मंदिर में तोड़फोड़!!

✍️हरीश मैखुरी

भारत के एक मात्र ऐसे मंदिर जहां भगवान शिव के मुखारविंद की पूजा होती है। चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर में तोड़फोड़ की सूचना है। यह मंदिर वन्यजीव सैंचुरी और प्रतिबंधित क्षेत्र में शुमार है। रूद्रनाथ के पुजारी हरीश भट्ट ने जानकारी दी कि शीतकाल में चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद रहते है। यह मंदिर गोपेश्वर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर मंदिर स्थित है शीतकाल में यहां पर लोगों का आवागमन नहीं होता है लेकिन कपाट खुलने की तैयारी को लेकर गश्ती दल ने देखा के मंदिर के मुख्य द्वार तथा धर्मशाला के दरवाजों को तोड़ा गया है ऐसे में उन्होंने वन विभाग और पुलिस प्रशासन से शिकायत की शीतकाल में इस क्षेत्र में लोगों का आना जाना बंद है तो फिर इस तरह की घटना कैसे हुई भगवान रुद्रनाथ में हुई चोरी की घटना का स्थानीय लोगों ने भारी विरोध किया है और वन विभाग से मांग की है कि शीतकाल के दौरान मंदिर तक पहुंचना और मंदिर को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं है ऐसे लोगों पर प्रशासन सख्त से सख्त कार्यवाही करें। आशंका जताई जा रही है कि यह कृत्य नेपाली या वन तस्करी से जुड़े लौगों का हो सकता है।  वहीं रूद्रनाथ से विशेष लगाव रखने वाले एक भक्त ने कहा कि जब तक रूद्रनाथ क्षेत्र के वन विभाग की पूरी टीम बदली नहीं होती तब तक लगता है वहां न चोरी रूकेगी न अतिक्रमण। बता दें कि रूद्रनाथ में जहां तहां पर अतिक्रमण करने की घटना बढी है। यहां लोगों द्वारा वर्जन व्यूटी के विचार को तार तार कर सीमेंट के निर्माण कराये जाने की घटना बढी है। वहीं चोरी का खतरा भी बढ रहा है। इस घटना से गोपेश्वर गांव के भट्ट और तिवाड़ी पुजारियों और सगर गंगोल के वृतिधारकों  ने घटना पर गहरा रोष व्याप्त है। और उन्होंने घटना की गहन जांच की मांग कर दोषियों को कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वन प्रभाग का जांच दल घटना स्थल पर है लेकिन इस तरह की तोड़फोड़ किसके द्वारा और किस उद्देश्य से की गई इसका अभी अनावरण नहीं हो सका है।