बदरीनाथ विधायक राजेन्द्र सिंह भंडारी का कांग्रेस से त्यागपत्र, दिल्ली में ली भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता

✍️हरीश मैखुरी

उत्तराखंड में कांग्रेस लड़खड़ा गयी है उसके एक एक पाये टूट रहे हैं। विशेष रूप से राजेंद्र सिंह भंडारी और विजपाल सजवाण जैसे भारी जनाधार वाले नेताओं के त्यागपत्र से कांग्रेस में खलबली मच गयी है। लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा होते ही कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने प्रदेश अध्यक्ष करन महारा को एक लाइन में त्याग पत्र सौंपा है। राजेंद्र भंडारी ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है, इसका अर्थ हुआ यह सैटिंग उपर लेबल की है। ये माना जा रहा है कि ​राजेंद्र भंडारी बदरीनाथ सीट पर दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं। चमोली जिले की बदरीनाथ सीट एक मात्र सीट थी जो कि चमोली में कांग्रेस के पास थी। राजेंद्र भंडारी के त्याग पत्र के बाद अब ये सीट भी खाली हो जाएगी यूं कहें कि चमोली कांग्रेस मुक्त होने की ओर बढ़ रहा है!! समझा जा रहा है कि जब इस सीट पर चुनाव होंगे तो भंडारी को इस सीट पर भाजपा अपना प्रत्याशी बना सकती है और यदि भंडारी चुनाव जीते तो उनका कैबिनेट मंत्री बनना भी तय माना जा रहा है।

बता दें कि कल तक भंडारी भाजपा में सम्मलित होने की बात को नकार रहे थे लेकिन सबको चकमा देते हुए वे सीधे अमित शाह से जा मिले। फिलहाल राजेंद्र सिंह भंडारी के भाजपा में सम्मलित होने से भारतीय जनता पार्टी को गढ़वाल सीट पर भारी लाभ मिलने वाला है। क्यों कि भविष्य में राजेंद्र सिंह भंडारी के समर्थक भी भारी संख्या में कांग्रेस छोड़ सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कल ही इसके संकेत दे दिए थे कि अभी उनके संपर्क में अनेक दलों के दिग्गज हैं और यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। दूसरे दलों के नेताओं से को भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित करने के पीछे की रणनीति यह है कि इससे भारतीय जनता पार्टी का का परिवार बढ़ेगा और विपक्ष का जन आधार घटेगा। वैसे भाजपा का कहना है कि हमारा उद्देश्य दूसरे दलों को कमजोर करना नहीं बल्कि विकसित भारत बनाने के लिए सबको साथ लेना है।