केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के बाद बाबा रामदेव ने लिया बयान वापस कहा ऐलोपैथी की आकस्मिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका लेकिन रोगों का स्थाई निदान आयुर्वेद में, मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में आक्सीजन प्लांट का किया शुभारंभ, रैणी क्षतिग्रस्त मोटर पुल के लिए 6 करोड़ जबकि भंग्यूल गांव को सड़क, मुख्यमंत्री ने शिक्षामंत्री अरबिन्द पांडे के साथ चंपावत में किया स्वास्थ्य व्यवस्थाओं किया निरीक्षण, नन्दादेवी के मायके वाली बेटे बेटियां अमेरिका से बन रहे देवदूत, कोरोना आपदा में बालीवुड अभिनेता राघव जुयाल व सहयोगी हैलीकाॅप्टर से पंहुंचा रहे सहायता,

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथिक दवाओं के विरुद्ध योग गुरु रामदेव की टिप्पणियों को एक पक्षीय बताते हुए कहा कि ऐसे बयानों से स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल टूटेगा और कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर होगी। समय की नजाकत भांपते हुए बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया। साथ ही केंद्रीय मंत्री के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि हम एलोपैथी चिकित्सा विज्ञान के विरोधी नहीं है, जीवन रक्षा प्रणाली में एलोपैथी चिकित्सा पद्धति ने बहुत प्रगति की है। उन्होंने ट्वीट के जरिये भी स्पष्ट किया कि चिकित्सा पद्धतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापस लेता हूं।

लेकिन इस विवाद की जड़ें जैसी दिख रही हैं उससे कहीं अधिक गहरी हैं 

*👉कोरोना संक्रमण में इलाज के बावजूद हो रही मौतों पर बाबा रामदेव का एक वीडियो वायरल होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। वायरल वीडियो में रामदेव कहते हैं कि एलोपैथी दवाएँ लेने के बावजूद लाखों लोगों की मौत हुई। इसको लेकर आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने की माँग की। उन्होंने कहा अगर स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर संज्ञान नहीं लेता, तो वह कोर्ट जाएँगे।*

*👉आईएमए ने विशेष रूप से दो बयानों पर आपत्ति जताई। वायरल वीडियो में रामदेव ने कहा, ”एलोपैथी ऐसी बेकार साइंस है कि पहले इनकी हाइड्रोऑक्सीक्लोरोक्वीन फेल हो गई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई। फिर एंटीबायोटिक्स इनके फेल हो गए, स्टेरॉयड फेल हो गए। प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी बैन लग गया। आइवरमेक्टिन भी फेल हो गई। बुखार के लिए फैबिफ्लू दे रहे हैं, वो भी फेल है।”*

*🤷🏻‍♂️IMA द्वारा जारी इस पत्र पर आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जे ए जयलाल और मानद महासचिव डॉ जयेश एम लेले के हस्ताक्षर थे। ये वही डॉ जयलाल हैं, जो इस साल की शुरुआत में खुद ही कुछ ऐसा बोल गए, जिससे एक विवाद में फँस गए थे, जब उन्होंने कहा था कि वह हिंदुओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए अस्पतालों का इस्तेमाल करना चाहते थे।*

*डॉ जयलाल ने कहा था कि वे चाहते हैं कि IMA ‘जीसस क्राइस्ट के प्यार’ को साझा करे और सभी को भरोसा दिलाए कि जीसस ही व्यक्तिगत रूप से रक्षा करने वाले हैं। उन्होंने कहा था कि चर्चों और ईसाई दयाभाव के कारण ही विश्व में पिछली कई महामारियों और रोगों का इलाज आया।*

*उन्होंने ईसाई संस्थाओं में भी गॉस्पेल (ईसाई सन्देश) को साझा करने की ज़रूरत पर बल दिया था। उन्होंने IMA में अपने अध्यक्षीय भाषण में भी कहा था कि आज जो भी हैं वह ‘सर्वशक्तिमान ईश्वर जीसस क्राइस्ट’ का गिफ्ट है और कल जो होंगे, वे भी उनका ही गिफ्ट होगा। उन्होंने इस दौरान मदर टेरेसा के उद्धरण का जिक्र किया था, जिन पर पहले से ही ईसाई धर्मांतरण के आरोप लगते रहे हैं। ‘क्रिस्चियन टुडे’ के इंटरव्यू में भी उन्होंने बताया कि कैसे महामारी के बावजूद ईसाई मजहब आगे बढ़ रहा है।*

*🤨इसके अलावा, डॉक्टर JA जयलाल यहीं पीछे नहीं रहते। उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार इसलिए आयुर्वेद में विश्वास करती है, क्योंकि उसके सांस्कृतिक मूल्य और पारंपरिक आस्था हिंदुत्व में है। उन्होंने दावा किया कि पिछले 3-4 वर्षों से आधुनिक मेडिसिन की जगह आयुर्वेद को लाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, यूनानी, होमियोपैथी और योग इत्यादि की जड़ें संस्कृत में हैं, जो हिंदुत्व की भाषा है।

इसी विषय पर एक समाचार पोर्टल ने खुलासा करते हुए यह लेख छापा :-

*👉हिंदुओं को ईसाई बनाने के लिए अस्पतालों का इस्तेमाल करने वाले थे IMA प्रमुख, अब बाबा रामदेव पर निशाना: जानिए क्या है मामला*
https://hindi.opindia.com/national/dr-ja-jayalal-targets-baba-ramdev-ima-demands-for-action-against-his/ चमोली 24 मई,2021(सू0वि0)  मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को जिला अस्पताल गोपेश्वर में 45.90 लाख लागत से स्थापित 200 एलपीएम आक्सीजन जनरेशन प्लांट का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। ऑक्सीजन प्लांट लगने से जिला अस्पताल के सभी बेड तक निर्वाध रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो गई है। इस कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि मा0 राज्य मंत्री डा0 धन सिंह रावत, ब्रदीनाथ विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट एवं अन्य जनप्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, सीडीओ हंसादत्त पांडे, सीएमओ डा0 एमएस खाती, सीएमएस डा0 जेएस चुफाल, अधिशासी अभियंता आरडब्लूडी अला दिया एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने अपने वर्चुअल संबोधन के दौरान स्थानीय विधायकों, जनप्रतिनिधयों, अधिकारियों एवं समस्त जनपद वासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कोविड के दृष्टिगत स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सभी संशाधन जुटाए जा रहे है और जहाॅ पर जो भी आवश्यकता है उसको पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में प्लांट शुरू होने से यहां पर भर्ती होने वाले मरीजों को इसका लाभ मिलेगा।

मा0 राज्यमंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सीमांत जनपद चमोली के जिला अस्पताल में 200 एलपीएम क्षमता का प्लांट एक वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि अब मरीजों को यहां से रेफर करके हायर सेंटर भेजने की जरूरत नही पडेगी। बताया कि कर्णप्रयाग में भी आॅक्सीजन प्लांट स्वीकृत हो गया है और जल्द यहाॅ पर भी आॅक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड से निपटने के लिए वैक्सीन की कोई कमी नही है और वैक्सीनेशन का कार्य भी सुचारू ढंग से चल रहा है। राज्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिले के दर्जनों स्वास्थ्य केन्द्रों का स्वयं निरीक्षण किया है और कही पर भी कोई कमी नही रखी गई है। जहाॅ पर जो भी आवश्यकता है उसको पूरा किया जा रहा है। इस महामारी में सरकार जनता के साथ है। जनपद के प्रभारी मंत्री ने कहा कि उन्होंने जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण भी किया है। बताया कि रैणी गांव में आपदा से क्षतिग्रस्त पुल के पुर्ननिर्माण हेतु 6 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है और इसके टेडंर भी हो गए है। साथ ही भंग्यूल गांव को जोड़ने के लिए 4 किलोमीटर सड़क भी स्वीकृत की गई है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज शिक्षामंत्री अरबिन्द पांडे के साथ जनपद चंपावत के भ्रमण के दौरान आज जिले में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए किए गए प्रबंधन एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और वहां भर्ती कोविड पॉजिटिव मरीजों से उनके स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने उन्हें ऑक्सीजन, दवाइयों की किट, उचित उपचार और अन्य सुविधाएं समय पर और ठीक से मिल रही है या नहीं, उनसे इस बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने चिकित्सालय में भर्ती कोविड पॉजिटिव मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में तथा जिला चिकित्सालय में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में प्रमुख चिकित्साधीक्षक से भी जानकारी ली। चंपावत के जिला चिकित्सालय में मरीजों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाएं एवं भोजन आदि की व्यवस्थाएं संतोषजनक है।

प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है, और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।

कोरोना आपदा में बालीवुड अभिनेता राघव जुयाल व सहयोगी हैलीकाॅप्टर से पंहुंचा रहे मेडिकल सहायता, आज उनका हेलीकाप्टर मेडिकल उपकरणों आदि के साथ पंहुचा गोपेश्वर सुबह उन्होंने देहरादून से उड़ान भरी। वे और जनपदों में भी जायेंगे

नंदा के मायके के बेटे बेटियां अमेरिका से महामारी में देव दूत बन रहे हैं ।

हिमालय उत्तराखंड की देवी नंद देवी के मायके के बेटे और बेटियां इस महामारी में भगवती के भक्तों की जीवन रक्षा में देवदूत के रूप मेंअपनी सेवाएं दे रहे हैं नौटी गांव जहां से हर 12 वें वर्ष के बाद भगवती नंदा के मायके से ससुराल ( कैलाश) भेजने की महायात्रा हिमालय सचल महाकुम्भ श्रीनंदा देवी राजजात का सुभारम्भ होता है यहीं के निवासी जो अमेरिका के न्यू जर्सी में पिछले कई दशकों से रहते हैं दीपक नौटियाल जो नार्दन इंडिया सिटीजन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हैं जिनके पिता प्रोफेसर डॉ वी डी नौटियाल बी एच् यू और गोरखपुर इंजीनियरिंग कॉलेजों के विभागाध्यक्ष रहे हैं तथा श्रीमती संजना कैलखुरा रतूड़ी जिनका मायका नौटी में है इनका ससुराल पौड़ी जनपद में है अमेरिका में अपने पति श्री मयंक रतूड़ी व परिवार के साथ रह रही हैं जिनके पिता स्व देवीप्रसाद कैलखुरा शिक्षा विभाग चमोली में जिला कृषि शिक्षा निरीक्षक पर सेवाएं दे चुके हैं दीपक व संजना ने मिलकर नौटी व उसके समीपवर्ती गांवों में कोविड 19 में स्वास्थ्य चिकित्सा की राहत सामग्री भेजी है जो राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय नौटी के चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रकाश भट्ट के सुपुर्द कर दी गयी है । जिसे उन्होंने विधिवत आशा / आंगनवाड़ी को वितरित हेतु दे दिया है ।

माता पिता से प्रोत्साहित हो कर अमेरिका में ही डॉक्टरी की पढाईकर रही संजना कैलखुरा रतूड़ी की बेटी विधात्री रतूड़ी तथा दीपक नौटियाल की बेटी ईशानी नौटियाल ने उत्तराखंड में कोविड 19 में राहत पहुचाने के लिए 15000 डॉलर न्यू जर्सी तथा अमेरिका में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों से एकत्रित करने की मुहिम प्रारम्भ की है जिसके अंतर्गत उत्तराखंड के विभिन्न अंचलों में राहत पहुचाने का काम प्रारम्भ कर दिया गया है इसी क्रम में उपजिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में आज सामग्री पहुची है जिसे देपक नौटियाल के भाई विजय नौटियाल और संजना कैलखुरा रतूड़ी के भाई उमेश कैलखुरा ने मुख्यचिकित्सा अधीक्षक डॉ राजीव शर्मा को सौप दिया है डॉ शर्मा ने प्रवासियों का आभार व्यक्त किया इस अवसर पर श्री नंदा देवी राजजात के महामंत्री एवं दीपक के चाचा भुवन नौटियाल डॉ मनोज मिश्रा डॉ वी पी पुरोहित डॉ हरीश थपलियाल चीफ फार्मेसिस्ट चंद्रमोहन नौटियाल आदि उपस्थित थे । न्यू जर्सी अमेरिका के नौटियाल एवं रतूड़ी परिवार का आपदा में ही नहीं वल्कि हिमालय सचल महाकुम्भ श्री नन्दा देवी राजजात 2014 में भी श्री ननद देवी राजजात सेवा समिति के माध्यम से अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ समिति के अध्यक्ष डॉ महेंद्र कुंवर सचिव कल्याण सिंह रावत एवं कोषाध्यक्ष डॉ अविनाश जोशी (दीपक के बहनोई ) थे यात्रा में 3000 छाते यात्रियों को वाण में उच्च हिमालयी क्षेत्तों के लिये दिए गए , साहित्य एवं वैनर प्रत्येक पड़ाव पर लगाये गए THDC सेवा के माध्यम से देहरादून से वाण तक होल्डिंग्स लगाए गए , नौटी पूजा में विशेष योगदान दिया । प्रथम विश्व युद्ध मे गढ़वाली शाहीद सैनिकों की स्मृति में स्थापित वार मेमोरियल रा इ का कर्णप्रयाग का शताब्दी समारोह 2018 में मनाया गया इसी विद्यालय के विद्यार्थी दीपक नौटियाल के माता पिता रंजना रतूड़ी के पिता भी बहिन एवं स्वयं विद्यार्थी रहे हैं इसी दौरान दीपक नौटियाल अपने बच्चों के साथ विद्यालय में आये थे और उन्होंने विद्यालय में elibrery की स्थापना में सहयोग का आस्वासन दिया था लेकिन तभी उनकी पत्नी डॉ प्रीति नौटियाल जो अमेरिका की प्रसिद्ध चिकित्सक थी का निधन हो गया और फिर कोरोना की वैशिक आपदा आ गयी इस आपदा के बाद ही ई लइब्रेरी की स्थापना की संभावना है ।
नंदा के मायके के लोगों ने नौटियाल एवं रतूड़ी परिवार तथा अमेरिका में रहने वाले प्रवासियों का आभार व्यक्त किया है श्री नंद देवी राजजात समिति के महामंत्री भुवन नौटियाल सहित अनेक व्यक्ति व संस्थाएं आभार व्यक्त कर चुकी हैं कि उत्तराखंड के जन मानस को भेजी गई यह राहत अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन गयी है । अपने जड़ों से जुड़ने उनके सुख दुख में भागीदार बनने, जड़ों को संरक्षित एवं सम्बर्धन से अपनत्व में भी बृद्धि हुई है।