बादल फटने से बहा सेना का कैम्प, 6 सैनिकों सहित 25 की मौत

प्रदेश में कैलाश मानसरोवर यात्रा के रास्ते में राज्य के पिथौरागढ़ जिले में सोमवार (14 अगस्त) सुबह बादल फटे। बादल फटने के बाद आई बाढ़ में सेना का कैम्प बह गया। बादल फटने से आई आपदा में छह सैनिकों समेत कम से कम 25 लोग मारे गए गए हैं। सेना सघन तलाशी अभियान चला रही है। अभी तक पांच सैनिकों के शव मिल चुके हैं। बाढ़ इतनी तेज थी कि इसमें स्थानीय हाईवे और पुल भी बह गए। सेना के छह जवानों में एक जूनियन कमिशंड अफसर और पांच सैनिक थे। मानसरोवर यात्रा के रास्ते पर स्थित आर्मी कैंप में करीब 100 जवान थे। स्थानीय मंगती नाले में बाढ़ का पानी आ जाने से सेना का कैम्प बह गया। अधिकारियों के अनुसार हादसे से सबसे ज्यादा प्रभावित मालपा गांव के करीब 15-20 लोग अभी भी लापता हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 1998 में इसी इलाके में हुए भूस्खलन में 200 लोगों की जान चली गयी थी। 1998 में मरने वालों में मशहूर डांसर प्रतिमा बेदी भी थीं। रिपोर्ट के अनुसार त्रासदी में स्थानीय दुकानों पुरी तरह नष्ट हो गई हैं। पिथौरागढ़ के डीएम के अनुसार मरने वालों की संख्या अभी बढ़ सकती है।

भारत तिब्बत सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल और सेना की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। सेना के हेलीकॉप्टर लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ में मालपा और पांगला के बीच स्थित तीन पैदल यात्री पुल बह गए हैं। तवाघाट-पांगला के बीच हाईवे का करीब 45 मीटर सड़क बाढ़ में बह गई है। आपदा के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मंत्री प्रकाश पंत ने सोमवार शाम को आपदा प्रभावित इलाके का दौरा किया।