गलत इंजेक्शन लगाने से 2 साल की बच्ची की आंतें फटने से मौत

झोलाछाप डॉक्टर ने दो साल की मासूम परी की जान ले ली। परिजनों का आरोप है कि परी के पेट में मामूली दर्द था और डॉक्टर ने बच्ची को हैवी डोज का इंजेक्शन लगा दिया। इससे उसकी आंतें फट गईं। इसके बाद नींद का इंजेक्शन लगा दिया, जिससे बच्ची बेहोश हो गई। 14 दिसंबर को परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी डॉक्टर आनंद कुमार अंतिल के खिलाफ केस दर्ज किया।

मामला नई दिल्ली के शालीमार बाग एरिया का है। हरि सिंह की पोती परी के पेट में अचानक दर्द होने लगा। इस पर बहू पूनम परी को डॉक्टर आनंद के पास ले गईं। डॉक्टर ने परी को इंजेक्शन लगा घर भेज दिया। घर आने पर उसकी हालत बिगड़ गई। पूरी रात उल्टियां करती रही। सुबह परिजनों ने डॉक्टर से कहा कि कैसा इंजेक्शन लगा दिया, जिससे बच्ची की तबियत और ज्यादा खराब हो गई।

अधिक तबीयत खराब होने पर डॉक्टर ने दूसरा इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया। तब बच्ची को बेहोशी छा गई। वह तड़पने लगी। तीसरी बार जब डॉक्टर से संपर्क किया तो कहा कि नींद का इंजेक्शन लगाया है, कुछ देर में सामान्य हो जाएगी। मगर बच्ची की हालत और खराब हो गई तो उसे रोहिणी के डॉ. अंबेडकर अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने कुछ चेकअप किए। सुबह चार बजे उसे खून की उल्टियां होने लगीं तो डॉक्टरों ने उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया। वहां भी डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए और सुबह दस बजे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने शिकायत पुलिस को दी।

जानकारी के अनुसार डॉक्टर आनंद कुमार अंतिल के पास डॉक्टरी से संबंधित कोई डिग्री नहीं है। वह पहले आदर्श नगर में किसी डॉक्टर के पास कंपाउडर का काम करता था। वहां से सीखते-सीखते उसने शालीमार गांव में अपनी क्लीनिक बना ली। अब यहां मरीजों का इलाज कर रहा है।