पूरा उत्तराखंड डूब जाएगा अंधेरे में

बिजली कर्मचारियों ने पांच जनवरी से हड़ताल का ऐलान किया है। ऐसा राज्य गठन के बाद पहला मौका है जब बिजली कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे। सरकार व कर्मचारियों के बीच गतिरोध चरम पर पहुंच चुका है। सरकार के एस्मा के जवाब में कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन का ऐलान कर तेवर दिखा दिए हैं।

पे मेट्रिक्स व एसीपी की विसंगतियों को लेकर कर्मचारी आंदोलन पर हैं। शाम पांच बजे के बाद सभी कर्मचारियों के मोबाइल स्विच ऑफ हैं। अब संविदा कर्मचारियों ने भी अपने प्राइवेट फोन स्विच ऑफ कर लिए हैं। सरकार की ओर से दबाव बनाने को लेकर अभी तक की गई चेतावनियों को कर्मचारियों ने सिरे से खारिज करते हुए अपना रुख साफ कर दिया है।

साफ किया कि यदि एक भी कर्मचारी पर कार्रवाई हुई, तो एक सिरे से गिरफ्तारियां दी जाएंगी। विद्युत संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य मंत्री धन सिंह रावत के समक्ष अपना पक्ष भी रखा। कहा कि तीन हजार रुपये ग्रेड वेतन वाले कर्मचारियों का वेतन 2800 रुपये ग्रेड पे पर फिक्स किया जा रहा है।

ऐसा आदेश होता है, तो सभी कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। कर्मचारियों ने अफसरों पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाया। कहा कि जब यूपी राज्य विद्युत निगम, केंद्र सरकार के उपक्रम यूजीसी, ओएनजीसी भी अपने तय वेतनमान के लिहाज से ही सातवें वेतनमान का भुगतान कर रहे हैं। तो क्यों उत्तराखंड को लेकर अफसर विवाद खड़ा कर रहे हैं।